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NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 6 - Bharat-Ram Ka Prem - Pad

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Class 12 Hindi NCERT Solutions for Antra Chapter 6 Poem Bharat-Ram ka prem - Pad

Class 12 Hindi Antra Chapter 6  Bharat-Ram ka prem - Pad is a poem written by Tulsidas that is included in the Hindi Syllabus which is also an important topic for Class 12 Board exam. There are a total of 21 chapters in the Hindi Antra textbook, out of which 11 are poem topics and the rest 10 chapters are prose. Students are advised to go through this article to get an idea of all the chapters that are included in this textbook. We have also provided a brief summary of Class 12 Hindi Antra Chapter 6  Bharat-Ram ka prem - Pad, which will help the students to understand the poem well.


Class:

NCERT Solutions for Class 12

Subject:

Class 12 Hindi

Subject Part:

Hindi Part 3 - Antra

Chapter Name:

Chapter 6 - Bharat-Ram Ka Prem - Pad

Content-Type:

Text, Videos, Images and PDF Format

Academic Year:

2024-25

Medium:

English and Hindi

Available Materials:

  • Chapter Wise

  • Exercise Wise

Other Materials

  • Important Questions

  • Revision Notes



Hindi NCERT solutions provide an extensive and expert level step-by-step answer to all questions in the NCERT Hindi Books are valuable to support the students that will help them in learning concepts while preparing for exams. Vedantu, a recognized platform is offering all the gazettes required for excellent preparation for board exams at one stop.

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Access NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antra Chapter 6 - राम का प्रेम

1. ‘हारेंहु खेल जितावहीं मोही’ भरत के इस कथन का क्या आश्य है? 

उत्तर: प्रस्तुत कविता में दी गई इस पंक्ति के माध्यम से कवि तुलसीदास जी श्री राम और भरत के चरित्र को सकरात्मक रूप से दर्शाते हैं। कवि कहते हैं कि जब श्रीराम अपने छोटे भाई भरत के साथ मैदान में खेल खेलते हैं तो वह खुद हारकर अपने भाई भरत को जीता देते हैं जिससे उनके अनुज को कोई दुख ना पहुँचे। श्री राम अपने छोटे भाई को दुखी नहीं देख सकते हैं। अपने बड़े भाई के बारे में भरत कहते हैं कि मेरे प्रिय भाई बहुत ही करुणा वाले हैं, वह सभी से प्रेम करते हैं तथा कभी किसी को कष्ट नहीं पहुँचाते हैं। इस पंक्ति से हमें यह ज्ञात होता हैं कि राम और भरत दोनों ही एक दूसरे से बहुत प्रेम करते हैं तथा एक दूसरे को कभी दुख में नहीं देख सकते हैं। उनके विचार एक दूसरे के प्रति सकरात्मक हैं। 


2. ‘मैं जानउँ निज नाथ सुभाऊ’ में राम के स्वभाव की किन विशेषताओं की ओर संकेत किया गया है? 

उत्तर: प्रस्तुत कविता की इन पंक्तियों से श्रीराम के स्वभाव की निम्नलिखित विशेषताओं का पता चलता है:

  1. श्रीराम बहुत ही करुणा वाले हैं। वह बचपन से ही अपने भाइयों को बहुत अधिक प्रेम और स्नेह देते थे।

  2. श्रीराम के सबसे प्रिय छोटे भाई भरत थे। वह सदैव ही भरत को सही मार्ग दिखाते थे। 

  3. खेल के मैदान में भी श्रीराम कभी भी भरत को कष्ट देने वाला कोई काम नहीं करते थे। वह हमेशा ही उन्हें प्रेम देते थे। 

  4. श्रीराम इतने दयालु थे कि उन्हें अपराध करने वाले व्यक्तियों पर भी क्रोध नहीं आता था। 


3. राम के प्रति अपने श्रद्धाभाव को भरत किस प्रकार प्रकट करते हैं, स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर: श्रीराम चन्द्र भरत के बड़े भाई थे और भरत उनसे असीम प्रेम करते थे। भरत श्रीराम को भगवान मानकर खुद को उनका सेवक समझते थे और उनकी पूजा करते थे। जब भरत अपने बड़े भाई श्रीराम से उनके वनवास के दौरान मिलने जाते हैं तो श्रीराम की प्रसन्नता का ठिकाना नहीं रहता है। भरत जब श्रीराम को देखते हैं तो वह अपने आँसूओं को रोक नहीं पाते हैं। भरत जी श्रीराम से अपनी आशाएं बताते है और श्रीराम को उनकी खूबियों के बारे में भी अवगत करा कर अपनी श्रद्धा को उनके समक्ष उजागर करते हैं। श्रीराम को वन में देखकर भरत बहुत दुखी होते हैं और खुद को दोष देते हैं। भरत का यह व्यवहार उनके श्रीराम के प्रति असीम प्रेम और श्रद्धा को दर्शाता है।


4. ‘महीं सकल अनरथ कर मूला’ पंक्ति द्वारा भरत के विचारों-भावों का स्पष्टीकरण कीजिए।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति से हमें यह ज्ञात होता है कि जब भरत अपने बड़े भाई श्रीराम से वन में भेंट करने जाते हैं तो उन्हें ऐसी स्थिती में देखकर वह दुखी होते हैं और अपने आप को उनकी ऐसी स्थिती का दोषी समझते हैं। भरत ऐसा मानते है कि संसार में जो कुछ अनुचित हो रहा है वह उनके ही कारण हो रहा है। वह खुद को अपराधी समझकर सारा दोष खुद पर ले लेते हैं।


5. ‘फरइ कि कोदव बालि सुसाली। मुकुता प्रसव कि संबुक काली’। पंक्ति में छिपे भाव और शिल्प सौंदर्य को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: पहली पंक्ति में तुलसीदास कहते हैं कि जैसे मोटे चावल की बालियों में महिन चावल नहीं उग सकते हैं, तालाब के काले घोंघे मोटी नहीं दे सकते हैं। ठीक उसी प्रकार भरत यह मानते हैं कि बस उनकी माँ कैकेई को दोषी नहीं कहा जा सकता क्योंकि मेरी माँ ने बस मेरे लिए ही अपने बड़े बेटे को वनवास जाने का आदेश दे दिया। इसलिए यह मेरी भी गलती हुई।

शिल्प सौंदर्य:- प्रस्तुत कविता में कवि तुलसीदास ने अवधी भाषा प्रयोग की है। ‘कि कोदव ‘अनुप्रास अलंकार है’। यह चौपाई छंद में लिखा गया है। भाषा प्रवाहमयी है और इसकी शैली गेय है।


6. राम के वन-गमन के बाद उनकी वस्तुओं को देखकर माँ कौशल्या कैसा अनुभव करती हैं? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: श्रीराम जब वनवास के लिए चले जाते हैं तो उनकी माता कौशल्या उनकी वस्तुओं को देखकर भावुक हो जाती हैं। वह श्रीराम से अत्यंत प्रेम कती थी और उनके जाने के बाद उनकी त्यागी हुई वस्तुओं को देखकर माँ कौशल्या के अश्रु निकल आते हैं। माँ कौशल्या हर जगह बस श्रीराम को ही ढूंढती हैं और उन्हें हर जगह वो ही दिखते हैं। माँ कौशल्या श्रीराम की वस्तुओं को लेकर अपनी आंखो से लगा लेती हैं, परंतु जब उन्हें यह ज्ञात होता है कि उनके प्रिय पुत्र चौदह वर्षों के लिए उनसे दूर वन में रहेंगे तो वह और भावुक हो जाती हैं। वह श्रीराम को वन में होने वाले दुखों के बारे में सोचकर और व्याकुल हो जाती हैं और उन्हें किसी बात की सुध नहीं रहती है।


7. ‘रहि चकि चित्रलिखी सी’ पंक्ति का मर्म अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति में अपने पुत्र से बिछड़ी हुई माता की पीड़ा दिखाई पड़ती है। अपने पुत्र श्रीराम से दूर हो जाने से माता कौशल्या अत्यंत दुखी हैं। वह श्रीराम की त्यागी हुई वस्तुओं को अपने हृदय से लगाकर खुद को सांत्वना देने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन ऐसा करके भी उनका दुख कम नहीं हो रहा बल्कि बढ़ता जा रहा है। वह श्रीराम को वनवास के दौरान होने वाले कष्टों को सोचकर आहत हैं। वह अपने दुख में इतनी डूबी हुई हैं कि उन्हें किसी और चीज का ख्याल नहीं है। वह श्रीराम के वन में रहने के बारे में सोचकर चुप हो जाती है मानो जैसे उनके भीतर कोई भाव ही नहीं बचा हो। 


8. गीतावली से संकलित पद ‘राघौ एक बार फिरी आवौ’ में निहित करुणा और सन्देश को अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: प्रस्तुत पद माता कौशल्या का अपने पुत्र श्रीराम के लिए सन्देश हैं। श्रीराम अपने वनवास जाने से दुख में है परन्तु उनसे ज्यादा दुखी उनका घोड़ा है। माता कौशल्या अपने सन्देश में कहती है कि राम अपने महल वापस लौट आओ। वह ऐसा अपने स्वार्थ से नहीं बल्कि राम के घोड़े के दुखी होने पर कहती है। श्रीराम का घोड़ा उनके देखभाल करने के बाद भी दुखी और निर्बल हो गया है। वह अपने राम के चले जाने की वजह से पीड़ा में है। माता कौशल्या श्रीराम के घोड़े के दुख को जानती हैं और इसी कारण वह राम को वापस आने का आग्रह करती हैं, अपने लिए नहीं बल्कि उनके घोड़े के लिए। 


9. (क) उपमा अंलकार के दो उदाहरण छाँटिये। 

उत्तर: उपमा अंलकार के दो उदाहरण इसप्रकार है-

  1. ‘कबहूँ समूझी वनगमन राम को रही चकि चित्रलिखी सी’- इस पंक्ति में, ‘चित्रलिखी सी’ में उपमा अलंकार है। राम को अपने पास नहीं पाने पर माता कौशल्या चित्र के स्त्री की भांति स्तब्ध खड़ी रहती है। हिलती-डुलती नहीं है।

  2. तुलसीदास वह समय कहे ते लागति प्रीति सिखी सी- इस पंक्ति में सिखी सी उपमा अलंकार है। इसमें माता कौशल्या की स्थिती मोरनी की तरह दिखाई गई है। वर्षा होने पर मोरनी उत्साहित होकर नृत्य करने लगती है परंतु जब वह अपने पैरों को देखती है तो दुखी होकर रोने लगती है। 


(ख) उत्प्रेक्षा अंलकार का प्रयोग कहाँ और क्यों किया गया है? उदाहरण सहित उल्लेख कीजिए।

उत्तर: गीतावली के दूसरे पद की पंक्ति “ तदपि दिनहिं दिन होत झावरे मनहुं कमल हिमसारे” में उत्प्रेक्षा अंलकार का प्रयोग हुआ है। इसमें राम के वियोग से पुर्वी घोड़े के दुःख की तुलना कमलों से की गई है जो बर्फ की मार के कारण मुरझा रहे हैं। इस प्रकार तुलसीदास जी ने घोड़े की व्यथा को जीवंत कर दिया है।


10. पठित पदों के आधार पर सिद्ध कीजिए कि तुलसीदास का भाषा पर पूरा अधिकार था।

उत्तर: तुलसीदास की रचनाओं को पढ़कर यह ज्ञात होता है कि उन्हें बहुत सी भाषाओं के बारे में ज्ञान था। उन्हें संस्कृत, ब्रज और अवधी इन सभी भाषाओं के बारे में ज्ञान था। तुलसीदास जी ने श्रीराम और उनके छोटे भाई भरत के असीम प्रेम के बारे में अवधी में लिखा है और उनके पदों कि भाषा ब्रज थी। उन्होंने गीतावली की रचना पद शैली में की है। तुलसीदास ने अनुप्रास अलंकार का प्रयोग उत्कृष्टता से किया है। कहीं-कहीं उपमा अलंकार और उत्प्रेक्षा अलंकार का प्रयोग भी किया है।


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NCERT  Books For Class 12 Hindi (Core and Elective)

As per the latest CBSE pattern, class 12 Hindi syllabus for 2024-25 has been divided into two parts, i.e. NCERT Hindi Core and NCERT Hindi Elective however the syllabus for both is same.

In support with the latest syllabus for class 12, Hindi Core diverges in two separate sections. Section A is made up of the following two books questions:


  • Aroh 2 – Eighteen Chapters, and

  • Vitan 2 – Four Chapters


Section B is made up from one book questions, i.e., Aroh 2.


Similarly, Hindi Elective also diverges in two separate sections. Section A is made up of the following two books questions:


  • Antra 2 – Twenty-one chapters, and

  • Antral 2 – Four Chapters  


Section B is made up from one book questions, i.e., Antra part 2.


NCERT Solutions Class 12 Hindi Antral part 2 contains four chapters, and all solutions are made available at Vedantu in PDF for free of cost.


NCERT Solutions Class 12 Hindi Antra part 2 comprises 11 chapters of poems, and ten chapters of proses and our web page include all the chapter wise questions with answers for all the following chapters:


NCERT Solutions Class 12 Hindi Antra 2 Chapter 7 Bharat Ram ka Prem Pad

Written by Shri Tulsidas, two portions are covered in this poem, i.e. 'Ramcharitmans' and 'Gitavali' by the Poet. The first one consists of 'Chaupai', and 'Doha' taken from Ayodhya kand of Ramayana and the second one explains the departure of Lord Rama for exile and how his mother Kaushalya is bereaved with this incident.


This chapter consists of two poems, discussed here, i.e. Bharat-Ram ka prem and Pad. In the first one Bharat Ram ka prem, the Poet says that other mothers, residents of Ayodhya are extremely sad due to Ram's forest movement; their grief is described quite lively in this section.


In the second one, i.e. Pad, two verses of Geethavali discussed, the first part explains the pain of mind of Mata Kausalya after the departure of her son Rama. And the second part, Mata Kausalya, requests Rama to come back to Ayodhya when she sees sad horses in the disconnection of  Rama.

At the end of Class 12 Hindi Antra 2 Chapter 6 Bharat-Ram ka prem (Pad), there are five practice questions asked from Bharat-Ram ka prem and five questions from Pad.


All related questions and answers are in a straightforward, understandable language and in a student's familiar pattern which helps the candidates for gaining the correct conceptual knowledge.


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These all contents are as per the newest and revised syllabus for 2024-25 for achieving Success in Class 12 Hindi board examinations.


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Chapter 6 - Bharat Important Questions


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FAQs on NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 6 - Bharat-Ram Ka Prem - Pad

1. How can I get Chapter-Wise Class 12 NCERT Solutions for Hindi Antra Part 2 in PDF Format?

One can get chapter-wise class 12 NCERT Solutions for Hindi Antra part 2 in PDF format by downloading from Vedantu platform with the help given quick links, and this is absolutely free of cost.

2. Are NCERT Books Along with Chapter-Wise Summary for Class 12 Hindi Available on Vedantu and Enough to Prepare for the Board Exams with Flying Marks?

Yes, NCERT books along with chapter-wise summary for Class 12 Hindi, provided on Vedantu platform, is freely accessible in PDF format at free of cost. These are sufficient for the excellent preparation and to gain correct conceptual information in-detail and achieve success in the CBSE board examinations.

3. Where to Download NCERT-Solutions for Class 12 Hindi Antra Chapter 6 Poem Bharat Ram ka Prem Pad?

You can download NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antra 2 Chapter 6 poem Bharat Ram ka prem pad in Pdf via quick, direct links present on Vedantu's platform without any cost.

4. Which Educational Website Provides Online Classes with Subject Experts for Doubt Clarifications?

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5. Explain the statement given by Bharat ‘Harenhu Khel Jitavahim Mohi’.

This line of Bharat showed the positive side of Lord Ram. According to this statement, when Lord Ram played games with Bharat, then he lost the game knowingly to make Bharat win. Bharat said that his elder brother Ram was affectionate, kind, and had a positive strong personality. He deliberately lost the games so that his younger brother could not face problems during the game. Hence, Bharat praised and appreciated his brother Ram and showed his gratitude towards him by saying this line.

6. What characteristics of Lord Ram are depicted in the statement ‘Mein Janoun Nij Nath Subahu’?

The characteristics of Lord Ram that are depicted in this statement are: 

  1. Lord Ram has a strong personality. He is kind and affectionate towards everyone. He spread love to everyone. He loves his younger brother Bharat more than anyone else. 

  2. Lord Ram always tried to keep his younger brother Bharat happy since childhood. That’s why he used to lose the game deliberately while playing with Bharat. 

  3. He efficiently controls his emotions and doesn’t get angry even with his enemies.

7. How did Bharat use to express his love towards Lord Ram?

Bharat loved his elder brother Ram since childhood. He used to worship him every day like a god and considered himself as his devotee. When Lord Ram was given exile and travelled to the forest, Bharat went to meet him. He was unable to express his joy when he hugged Lord Ram in the forest. He started crying when he met Ram. He expressed his respect towards Lord Ram by calling him his master. Bharat requested Lord Ram to move back to his kingdom but he refused. Bharat was disappointed when his brother denied his request. Bharat thinks that he is the only reason behind his elder brother’s condition.

8. Explain the feelings of Kaushalaya Ma when Lord Ram was given exile.

Kaushalaya Ma can’t bear the sight when Lord Ram was given exile. She was full of tears and requested Ram to take herself along with him. However, Lord Ram refused. Whenever Kaushalaya Ma gets emotional in the memory of her son Ram, she used to go to his room, hold his things, and cry the whole day. Her eyes see her son everywhere and when she recalls that she can’t see Ram for 14 years, she gets disappointed. Every day, she prayed for the protection of her son during his exile.

9. Is reading the NCERT Solutions for Chapter 6 of Class 12 Hindi Antra worth anything?

Yes, of course, reading the NCERT Solutions for Chapter 6 Bharat-Ram Ka Prem Pad given in the Class 12 Hindi textbook is beneficial. If you read these solutions, you will be able to understand this chapter efficiently without putting extra load on your mind. Plus, you’ll be allowed to store concepts in your brain for a long time if you remember the solutions. Doing this can help you to write answers to the questions quickly in class tests or in exams. Also, visit Vedantu’s website or Vedantu app for easy free of cost solutions and notes on this chapter.