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Bharat - Ram Ka Prem, Pad (भरत-राम का प्रेम, पद) Class 12 Important Questions: CBSE Hindi (Antra) Chapter 6

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Hindi (Antra) Important Questions for Class 12 Chapter 6 भरत-राम का प्रेम, पद (तुलसीदास) - FREE PDF Download

At Vedantu, we understand the importance of understanding key chapters and topics for Class 12 Hindi, and Chapter 6 of the Antra textbook, भरत-राम का प्रेम, पद written by the legendary poet Tulsidas, beautifully explores the eternal bond between Lord Ram and his homeland, Bharat. By downloading this FREE PDF, students can access important questions, summaries, and key concepts, enabling them to strengthen their understanding and perform better in their exams, according to the latest CBSE Class 12 Hindi Syllabus.

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Table of Content
1. Access Important Questions Class 12 Hindi Chapter 6 - भरत – राम का प्रेम/पद
2. Points to Remember From Class 12 Hindi Antra Chapter 6 - Bharat - Ram Ka Prem, Pad
3. Benefits of Important Questions for Class 12 Hindi Antra Chapter 6
4. Related Study Materials for Class 12 Hindi Antra Chapter 6 Bharat - Ram Ka Prem, Pad
5. Chapter-wise Important Questions for Hindi Class 12 - Antra
6. Other Book-wise Links for CBSE Class 12 Hindi Important Questions
7. Important Study Material for Hindi Class 12
FAQs


Vedantu’s Class 12 Hindi Antra Important Questions are designed to help students comprehend these profound messages with ease and ensure easy learning for Class 12 Hindi preparations.

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Access Important Questions Class 12 Hindi Chapter 6 - भरत – राम का प्रेम/पद

अति लघु उत्तरीय प्रश्न    (1 अंक)

1.‘भरत-राम का प्रेम’ कविता कहाँ से ली गई है?

उत्तर: भरत-राम का प्रेम कविता तुलसीदास की अयोध्या खंड से ली गयी है जो कि रामचरितमानस का एक भाग है।


2. निम्न का विलोम शब्द लिखिए।

कृपा, अनुज, झूठ

उत्तर: किसी शब्द के उल्टे शब्द को उस शब्द का विलोम कहते है।

कृपा का विलोम शब्द अकृपा या अवकृपा होगा।

अनुज का विलोम शब्द अग्रज होगा।

झूठ का विलोम शब्द सच होगा।


3. निम्न शब्दों का शब्दार्थ लिखिए।

अंदेसी, पोखी, तयन

उत्तर: अंदेसो का शब्दार्थ अंदेशा या चिंता होगा।

पोखी का शब्दार्थ प्यार दिखाना होगा।

तयन का शब्दार्थ बेटा होगा।


4. निम्न शब्दों का पर्यायवाची लिखिए।

प्रिय, मोर, नयन

उत्तर: प्रिय का पर्यायवाची शब्द प्यारा या बहुमूल्य होगा।

मोर का पर्यायवाची शब्द नीलकंठ ता मयूर होगा।

नयन का पर्यायवाची शब्द नेत्र या लोचन होगा।


5. कहब मोर ……………… कहौं मैं काहा। रिक्त स्थान को पूरा करो।

उत्तर: कहब मोर मुनिनाथ निबाहा। एही तें अधिक कहौं मैं काहा।


लघु उत्तरीय प्रश्न    (2 अंक)

1. ‘पद’ के दो पद कहाँ से लिए गए है?

उत्तर: ‛पद’ के दो पद गीतावली से लिए गये हैं जिसकी रचना तुलसीदास ने की है। इनके पदों में श्रीराम के जीवन के बारे में चर्चा की गई है।


2. माता कौशल्या की राम के जाने के बाद कैसी मनोदशा हो जाती है?

उत्तर: कवि कहते है श्रीराम के जाने के बाद माता कौशल्या उनके खिलौनों को दिल से लगाकर उनको याद करती है और विलाप करती है।


3. माता कौशल्या राम को क्या कह के बुला रही है?

उत्तर: माता कौशल्या राम को कहती है कि राम तुम जिस घोड़े को इतना प्यार देते थे आज वो तुम्हारे बिना अच्छे नहीं है। तुम अपने घोड़ो के लिए ही वापस लौट आओ।


4. कवि ने माता कौशल्या के दुख की तुलना किससे की है?

उत्तर: कवि ने माता कौशल्या के दुखों की तुलना एक मोर से ही है। वो कहते हैं जैसे मोर मग्न होकर नाचते-नाचते अपने पैरों को देखकर उदास हो जाता है वैसे ही माता कौशल्या भी राम को बार-बार याद कर के उदास ही जाती हैं।


5. ‘पद’ कविता में क्या विशेष है?

उत्तर: इस कविता में करुणा रस है। यह कव्यांश अवधी मिश्रित ब्रजभाषा में लिखित हैं। इस कविता में अनुप्रास तथा उपमा अलंकार का सुंदर प्रयोग किया गया है।


लघु उत्तरीय प्रश्न    (3 अंक)

1. पुलकि सरीर सभाँ भए ठाढ़े। नीरज नयन नेह जल बाढ़े।। कहब मोर मुनिनाथ निबाहा। एही तें अधिक कहौं मैं काहा।।

निम्न पंक्तियों का भावार्थ लिखो।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से तुलसीदास राम और भरत के मिलाप का वर्णन करते हैं और कहते हैं कि भरत ऋषि मुनियों के साथ राम से मिलने वन गए थे। जब उनको बोलने को कहा जाता है तब वो रोने लगते हैं और कहते हैं कि ऋषि मुनि ने सब कुछ कह दिया अब उनके कहने के लिए कुछ बचा नहीं है। मैं अपने भाई का स्वभाव जानता हूँ, वे कभी हमको दुखी नहीं देख सकते हैं।


2. मैं जानउँ निज नाथ सुभाऊ। अपराधिहु पर को न का ऊ।। इन पंक्तियों का भावार्थ लिखो।

उत्तर: उपरोक्त पंक्ति में भरत अपने भाई राम के व्यवहार के बारे में बता रहे हैं और कहते हैं कि जब मेरे भाई ने कभी अपराधियों को दंद नहीं दिया, मैं ती उनका भाई हूँ। मैं उनका स्वभाव जानता हूँ। उन्होंने मुझे कभी निराश नहीं किया है।


3. जननी निरखति बान धनुहियाँ।

बार बार उर नैननि लावति प्रभुजू की ललित पनहियाँ। इन पंक्तियों का भावार्थ लिखो।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से कवि कहते हैं कि माता कौशल्या श्रीराम के खेलने वाले धनुष-बाण को देखती है और उनकी सुंदर छोटी छोटी जूतियों को अपने हृदय और आँखो से बार-बार लगाती है।


4. राघौ! एक बार फिरि आवौ।

ए बर बाजि बिलोकि आपने बहुरो बनहि सिधावौ।। इन पंक्तियों का भावार्थ लिखो।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति में कवि कहते हैं की माता कौशल्या अपने राम से कह रही कि “हे राघव! तुम एक बार तो जरूर लौट आओ एक बार फिर से आ जाओ” ये अयोध्या तुम्हे बुला रही है। वो कहते है कि एक बार यहाँ आ कर अपने घोड़ों देख लो और फिर वापस चले जाना।


5. जे पय पोखी कर-पंकज वार वार। इन पंक्तियों का भावार्थ लिखो।

उत्तर: ऊपर दी गयी पंक्ति में माता कौशल्या कहती हैं कि राम तुम वापस लौट आओ। वह उनको उनके घोड़ों दुहाई देते हुए कहती हैं कि तुम अपने घोड़ो को भी भूल गए हो। ये वहीं घोड़े हैं जिनको तुम भोजन तथा पानी पिलाया करते थे और प्यार देते थे। तुम्हें तुम्हारे घोड़े याद कर रहे है तुम इनको बस एक बार आकर मिल लो।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न    (5 अंक)

1.‘मैं जानउँ निज नाथ सुभाऊ’ इन पंक्ति के माध्यम से राम किन विशेषताओं का उल्लेख किया गया है?

उत्तर: इन पंक्तियों के आधार पर राम की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

(क) श्रीराम का स्वभाव करूणामयी और प्यार करने वाला है। उन्होंने भरत को बालयपन से ही प्यार दिया है।

(ख) श्रीराम को सबसे ज्यादा प्रिय भरत थे। इसलिए वह हमेशा ही भरत का भला सोचते थे।

(ग) श्रीराम खेल के मैदान में भी भरत पर क्रोधित नहीं होते थे। उन्होंने हमेशा भरत को प्रसन्न करने का प्रयास किया है।

(घ) श्रीराम कभी अपराध करने वालों पर भी क्रोधित नहीं होते थे।


2. ‘हारेन्हु खेल जितावहि मोहि’ इस पंक्ति का भावार्थ लिखो।

उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से तुलसीदास श्रीराम चन्द्र और भरत के सकारात्मक चरित्र को प्रस्तुत करते हैं। तुलसीदास जी कहते हैं कि श्रीराम जी अपने भाई भरत को खेल के मैदान में हमेशा जितने देते हैं क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि भरत को किसी भी प्रकार का कष्ट हो। भरत उनके भाई श्रीराम चन्द्र जी की प्रशंसा करते हैं और कहते हैं कि श्रीराम जी बहुत दयालु और प्रेम करने वाले भाई हैं। इस प्रकार दोनों भाई एक-दूसरे के लिए सकारात्मक विचार रखते हैं। दोनों के बीच बहुत प्यार और श्रद्धा है।


3. बताइए कि भरत राम के प्रति अपनी श्रद्धा कैसे प्रकट करते हैं।

उत्तर: भरत को अपने बड़े भाई बहुत प्रिय हैं। भरत के लिए श्रीराम भगवान समान हैं और वह खुद को उनका भक्त समझते हैं। जब भरत जी वनवास के दौरान श्रीराम से भेंट करने जाते हैं तो श्रीराम बहुत प्रसन्न होते हैं। अपने भाई को देखकर वह अपने आँसू नही रोक पाते हैं। भरत जी ने अपने भाई को गुरु की संज्ञा दी और फिर उनकी सभी विशेषताओं को बताया।


4. अपने शब्दों में ‘रहि चकि चित्रलिखी सी’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: इस पंक्ति ने पुत्र वियोगिनी माता की पीड़ा दिखाई देती है। माता कौशल्या श्रीराम से वियोग के कारण दुखी और आहत है। वह श्रीराम की वस्तुओं से अपना मन बहलाने की कोशिश कर रही हैं लेकिन उनका दुख लगातार बढ़ता जा रहा है। वह अपने बेटे की होने वाली कठिनाईयों के बारे में सोचकर दुखी हो जाती है और खुद की परवाह करना भी छोड़ देती है। वह इतनी दुखी है कि उनके चेहरे पर कोई अभिव्यक्ति नहीं है।


5. उपमा अलंकार के दो उदाहरणों को क्रमबद्ध करें।

उत्तर: उपमा अलंकार के दो उदाहरण निम्नलिखित हैं-

(क) ‘कबहूँ समुझी वनगमन राम को रही चकि चित्रलिखी सी’- उपरोक्त पंक्ति में ‘चित्रलिखी सी’ में उपमा अलंकार है। राम को अपने पास नहीं पाने पर माता  के कौशल्या चित्र के स्त्री की भाँति स्तब्ध हो जाती है। वह हिलती-डुलती नहीं है।

(ख) तुलसीदास वह समय कहे ते लागति प्रीति सिखी सी- उपरोक्त पंक्ति में ‘सिखी सी’ उपमा अलंकार है। इसमें माता कौशल्या की स्थिति को मोरनी के रूप में दिखाया गया है। जब बारिश होती है ती मोरनी उत्साह से नाचने लगती है लेकिन जब वह अपने पैरों को देखती है तो वह दुखी होकर रोने लगती है।


Points to Remember From Class 12 Hindi Antra Chapter 6 - Bharat - Ram Ka Prem, Pad

  • The poem focuses on the intense love and devotion that Lord Ram has for his country, Bharat. It highlights how Ram, despite being in exile, deeply longs to return to his homeland.

  • Tulsidas intertwines the concepts of patriotism and spirituality, showing how a person's love for their country and their love for God can go hand in hand.

  • The name "Bharat" in the poem represents more than just a geographical place—it is portrayed as a divine entity, an ideal that is revered and cherished by Lord Ram.

  • The poem reflects the devotional poetry style of Tulsidas, marked by emotional depth and spiritual devotion, which resonates with the reader's sense of love and national pride.

  • Through this work, Tulsidas conveys moral teachings about the importance of duty, loyalty, and devotion to one's country and its values, while also emphasising spiritual righteousness.

  • The "Pad" (or hymn) not only showcases Ram's love for Bharat but also serves as a reminder for readers to stay connected to their roots, reflecting both national pride and personal spirituality.


Benefits of Important Questions for Class 12 Hindi Antra Chapter 6

  • By focusing on important questions, students can better understand the central themes of the chapter, such as devotion, patriotism, and the bond between Ram and Bharat.

  • Practising key questions helps students familiarise themselves with the exam format and ensures that they are prepared for the types of questions that may appear in the board exams.

  • The important questions encourage a deeper analysis of Tulsidas' poetic style, language, and literary techniques, which is crucial for scoring well in the literature section.

  • These questions are a great tool for last-minute revision, enabling students to focus on the most crucial aspects of the chapter and ensuring better retention of important points.


Conclusion

Important Questions for Class 12 Hindi Antra Chapter 6 - भरत-राम का प्रेम, पद (तुलसीदास) offered by Vedantu are an essential resource for students aiming to excel in their board exams. These questions not only help in understanding the profound emotional and spiritual themes of Tulsidas' work but also provide a structured approach to revising and mastering the chapter. Downloading this FREE PDF will ensure that you are fully equipped to tackle any question in this chapter with clarity and depth.


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FAQs on Bharat - Ram Ka Prem, Pad (भरत-राम का प्रेम, पद) Class 12 Important Questions: CBSE Hindi (Antra) Chapter 6

1. How many questions are asked from Bharat Ram Ka Prem of Class 12 Hindi?

There are a total of five questions from “Bharat Ram ka Prem”. All these questions are important and need to be understood and practised. The poet has portrayed  Ram's love for his brother Bharat. All the solutions in Vedantu are given in an understandable language and with simple words. Practising all these questions will develop conceptual knowledge and help the students to develop accuracy in writing the answers. This is very important, especially in language preparation.

2. Where can I find solutions for Chapter 6 of Class 12 Hindi?

These questions are very easily explained and available on Vedantu. The solutions are easily prepared so that students do not have any difficulties in understanding. They are all well-structured by experts having a deep knowledge of the subject. Practising these questions will surely help the students understand the concepts and be able to write a well-formatted answer which is very important. You can avail of the Class 12 Hindi chapter-wise solutions and important questions from the website.

3. What was the reason for Mother Yashoda to be sad?

This poem is written by Shri Tulsidas and beautifully gives the comparison of peacocks to the sorrows of Yashoda. The peacock while dancing is so engrossed and sees its feet and becomes sad the same way mother Yashoda remembers his beloved son Ram and becomes sad. Two portions are covered in this poem that are Ramacharita Manasa and Geetavali. Learning these will be of great help to students in developing their skills in literature. For important questions of this chapter students can download the FREE PDF from the Vedantu website.

4. How has the poet explained the concepts of Bharat and Ram in this poem?

Shri Tulsidas has explained so beautifully the love and the bonding of Bharat and Ram that it is heartwarming to know that in the olden days the relationship between brothers was so valuable. In this poem, the poet has explained that when Bharat went with the rishis to the forest to meet Ram and when he was told to speak up he started crying and said that there is nothing to say as everything is told by rishis. 

5. What is the central theme of the poem "भरत-राम का प्रेम, पद"?

कविता "भरत-राम का प्रेम, पद" का केंद्रीय विषय भाईचारे, श्रद्धा और त्याग की भावना है। यह कविता तुलसीदास द्वारा रचित है और इसमें भारत के अपने बड़े भाई राम के प्रति असीम प्रेम और निष्ठा को दर्शाया गया है। भारत का राम के प्रति प्रेम आत्मिक और निस्वार्थ है। वह अपने व्यक्तिगत स्वार्थों को त्याग कर राम के बिना राजपाट को अस्वीकार करते हुए उन्हें अपना प्रिय मानते हैं। कविता में यह भी दिखाया गया है कि कैसे भारत ने राम के जूते को राजसिंहासन पर रखकर उनका सम्मान किया, जिससे यह सिद्ध होता है कि उनके लिए राम का प्रेम राजसिंहासन से भी ऊपर था। यह कविता प्रेम, त्याग, और भाईचारे की मिसाल प्रस्तुत करती है।

6. Why is Bharat's love for Ram considered exemplary?

भारत का राम के प्रति प्रेम अत्यंत आदर्श और अभूतपूर्व माना जाता है, क्योंकि इसमें निस्वार्थता, त्याग, और समर्पण की गहरी भावना है। भारत ने अपने भाई राम के प्रति प्रेम को केवल शब्दों से नहीं, बल्कि अपने कर्मों से भी प्रमाणित किया। राम के वनवास के समय, भारत ने राजपाट और ऐश्वर्य का त्याग किया और उनका स्थान लेने के बजाय राम के जूते को राजसिंहासन पर रखा।


भारत ने यह सिद्ध कर दिया कि सच्चा प्रेम केवल भौतिक चीजों या स्वार्थों से परे होता है। उन्होंने अपने व्यक्तिगत सुखों की परवाह किए बिना, राम के बिना राज्य का उपभोग करने की बजाय उनके प्रेम और आदर्शों को सर्वोपरि माना। इस प्रकार, भारत का राम के प्रति प्रेम एक आध्यात्मिक और आत्मिक स्तर पर अडिग था, जो हमें सच्चे प्रेम, त्याग और निष्ठा की महत्ता सिखाता है।

7. How does Tulsidas portray the character of Bharat in the poem?

तुलसीदास ने अपने काव्य "भरत-राम का प्रेम, पद" में भारत के चरित्र को अत्यंत निस्वार्थ, आदर्श और महान रूप में चित्रित किया है। वे भारत को राम के प्रति अपने अडिग प्रेम और त्याग का प्रतीक मानते हैं। भारत का प्रेम केवल पारिवारिक नहीं, बल्कि धार्मिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत गहरा और सच्चा है।


तुलसीदास ने भारत की इस विशेषता को उजागर किया कि उसने अपने भाई राम के वनवास के दौरान न केवल राज्य का त्याग किया, बल्कि राम के बिना सुख-संसार का कभी भी कोई स्वाद नहीं लिया। वे भारत के त्याग, समर्पण और वफादारी को राम के प्रति एक आदर्श प्रेम के रूप में प्रस्तुत करते हैं।


भारत का यह चरित्र त्याग, सच्चे प्रेम और निष्ठा का प्रतीक है, और तुलसीदास ने उसे एक समर्पित और आदर्श भक्त के रूप में चित्रित किया है, जिसने अपने व्यक्तिगत सुखों को छोड़कर अपने भाई के कष्टों में सहभागी होने का निर्णय लिया।


9. How can Important Questions help in exam preparation for this chapter?

Important Questions help students understand the core themes, characters, and messages of the poem. By practising these questions, students can reinforce their understanding, improve their analytical skills, and prepare well for both subjective and objective questions in the exam.

10. How can Vedantu's resources improve my understanding of this chapter?

Vedantu's resources, such as important questions, notes, and practice papers, provide detailed explanations and a variety of practice opportunities. These resources will enhance your comprehension of Tulsidas' work and boost your confidence in answering questions related to the chapter in the exam.