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CBSE Important Questions for 2024-25 Class 12 Hindi Antral Chapter 3 - Aapna Malwa - Khau Ujaru Sabhyata Me

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CBSE Class 12 Hindi Antral Important Questions Chapter 3 - Aapna Malwa - Khau Ujaru Sabhyata Me - Free PDF Download

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अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

1. मालवा क्या है?

उत्तर: मालवा एक प्रदेश का नाम है। जिसका वर्णन लेखक ने पाठ में किया हैं।


2. लेखक औद्योगिक सभ्यता को क्या कहते है?

उत्तर:लेखक औद्योगिक सभ्यता को उजाड़ की  सभ्यता कहते है


3. भारत में उजाड़ (औद्योगिक) सभ्यता किसके कारण आई?

उत्तर:लेखक बताते है की भारत की उजाड़ (औद्योगिक) सभ्यता यूरोप और अमेरिका के कारण आई।


4. सबसे पहले उद्योग की स्थापना कहाँ हुई?

उत्तर: सबसे पहले उद्योग की स्थापना अमेरिका और यूरोप में हुई।


5. बिना चीनी के चाय कौन पिलाता है?

उत्तर: बिना चीनी के चाय नगर स्टेशन पर मीणा जी पिलाते थे।


लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

1. लेखक ने अपना मालवा अध्याय में क्या वर्णन किया है?

उत्तर:लेखक ने अपना मालवा अध्याय में मालवा के लोगों का सामान्य जीवन, वहाँ की प्राकृतिक घटनाओं और उनका जन जीवन पर प्रभाव, मौसम, नदियां आदि का वर्णन किया है। लेखक ने मालवा की संस्कृति का वर्णन भी अपना मालवा अध्याय में किया है।


2. कुछ राजाओं के नाम लिखों जिन्होंने जल संरक्षण में अपना योगदान दिया?

उत्तर: राजा विक्रमादित्य, राजा भोज, राजा मुंज ने जल संरक्षण के लिए अनेक प्रयास किए। जिससे मुश्किल समय में पानी की आपूर्ति हो सके। इन्होंने जल संरक्षण में अपना अहम योगदान दिया।


3. पुरइन किसे कहते है?

उत्तर:हिंदू धर्म के अनुसार हिंदू धर्म में भोजन कमल पत्रों पर परोसा जाता है। इन्हीं कमल पत्रों को पुरइन कहता है। प्राचीन समय में भी खाना पत्रों पर ही परोसा जाता था। आज भी बहुत सी जगहों पर ऐसा होता है।


4. भारत की नदियां गंदी क्यों है?

उत्तर:भारत की नदियां खासतौर पर भारतीय लोगो के अंधविश्वास के कारण गंदी है। क्योंकि लोग पूजा की सामग्री को नदियों में बहा देते है। शव को भी वे नदियों में बहा देते है। कुछ ऐसे लोग जो अपने देश को साफ करना अपना कर्तव्य नहीं समझते वे कूड़ा, प्लास्टिक की वस्तु भी नदियों में बहा देते है। इन सभी कारणों के कारण भारत की नदियां गंदी हैं।


5. वायुमंडल पर कार्बन डाइऑक्साइड का क्या प्रभाव पड़ रहा है?

उत्तर:वायुमंडल पर कार्बन डाइऑक्साइड गैस का प्रभाव पड़ता है। इस गैस की अधिकता के कारण धरती का तापमान बढ़ जाता है। जिस कारण प्राकृतिक घटनाएं घटित होती हैं जो जन जीवन को अधिक प्रभावित करती है। यह वायुमंडल के संतुलन को बिगड़ देती है।


लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक)

1. ओंकारेश्वर में नर्मदा पर बनते बांध को देखकर लेखक को क्या ख्याल आता है?

उत्तर:ओंकारेश्वर में नर्मदा पर बनते बांध को देखकर लेखक को नर्मदा नदी पर बन रहे बांध को देखकर ख्याल आता है, यह बांध सीमेंट और कंक्रीट से बन रहा है। वह अधिक ऊंचा है इसलिए किसी राक्षस के समान लग रहा है। जो नर्मदा नदी की गति में अवरोध उत्पन्न कर रहा है


2. वातावरण के गर्म होने का क्या कारण है?

उत्तर: वातावरण के अधिक गर्म होने का कारण लेखक ने कार्बन डाइऑक्साइड , वनों की कटाई, हानिकारक अन्य गैसों का उत्सर्जन, उद्योगों का हानिकारक धुआं आदि कारण माने है। जिसके कारण वायुमंडल का संतुलन बिगड़ जाता है। यह प्रकृति घटनाओं का कारण बनता है। जिसका सीधा सीधा प्रभाव जन जीवन पर पड़ता है।


3. यूरोप और अमेरिका की उद्योग की सभ्यता में क्या योगदान है?

उत्तर:यूरोप और अमेरिका की उद्योग की सभ्यता में महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि उद्योग की स्थापना सबसे पहले इन्हीं दोनों देशों में हुई थी। इन्होंने उद्योगों के विस्तार को बढ़ावा दिया। उन्होंने इस सभ्यता को पूरी तरह से अपना लिया था। ये दोनो देश अपनी इस सभ्यता के साथ कोई भी समझौता नहीं करना चाहते थे। अत: यूरोप और अमेरिका की उद्योग की सभ्यता में योगदान दिया हैं।


4. लेखक के अनुसार वातावरण के गर्म होने के प्रभावों को लिखों।

उत्तर:लेखक के अनुसार वातावरण के गर्म होने के अनेक प्रभाव हैं। मौसम चक्र में बदलाव होना, मालवा जैसे प्रदेश में बारिश का कम होना, ग्लेशियर का बार बार पिघलना, ठंडे प्रदेशों में बर्फ की जगह पानी का गिरना आदि लेखक के अनुसार वातावरण के गर्म होने के प्रभाव हैं। ये सभी कारक सामान्य जन जीवन को अधिक प्रभावित करते है। उनकी जीवन शैली में भी बदलाव लाते है।


5. लेखक ने नवरात्रि की पहली सुबह का कैसा वर्णन किया है?

उत्तर:लेखक ने नवरात्रि की पहली सुबह का वर्णन करते हुए कहा है की नवरात्र की सुबह थी। मालवा में घट स्थापना की तैयारी थी। गोबर से घर आंगन लिपने और रंगोली बनाने की तैयारी हो रही थी। लड़कियों और औरतों के सजने की तैयारियां चल रही थी। लेकिन ऐसा लग रहा था की आसमान से पानी गिरकर ही रहेगा। लेखक कहता है की ऐसा नहीं था की नवरात्र में पहले पानी गिरते नहीं देखा। लेकिन यह मानसून के जाने का समय था और अब लग रहा था की अबकी बार तो यह जमे रहने की धौंस दे रहा है।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)

1.जनजीवन पर बारिश का क्या बुरा प्रभाव पड़ता है?

उत्तर: जनजीवन पर बारिश के निम्न बुरे प्रभाव पड़ते हैं।

1)अधिक बारिश होने के कारण किसानों की फसल खराब हो जाती हैं।

2)अधिक बारिश होने के कारण बाढ़ आने का डर होता है।

3)बारिश होने के कारण लोगों को अपने आवाद का भी खतरा रहता हैं।

4)बारिश के कारण सभी जगह पानी भर जाता है जिसके कारण लोगों के आने जाने में परेशानी होती हैं।

5)कई बार लोगों के घर भी उनसे छीन जाते हैं।

इस प्रकार अनेक कारणों के द्वारा जनजीवन पर बारिश का बुरा प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण उन्हें नुकसान सहना पड़ता है।


2. लेखक ऐसा क्यों कहते हैं की मालवा में अब पहले जैसी बारिश नहीं होती हैं?

उत्तर:मालवा में अब पहले जैसी बारिश नहीं होती लेखक ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि मनुष्य ने प्रकृति में बहुत से बदलाव किए है जिसका सारा प्रभाव मौसम चक्र पर पड़ा है। उद्योगों की हानिकारक गैसों का वायुमंडल में मिलने के कारण भी मौसम प्रभावित होता हैं। ऐसी अनेक परिस्थितियां है जिनके कारण वायुमंडल पेभावित होता है और मालवा में बारिश पहले जितनी नहीं होती है। यदि सामने बारिश भी होती है तो लोगों को लगता है की पहले से ज्यादा बारिश हुई है। इसलिए लेखक कहता है की मालवा में पहले जैसी बारिश नहीं होती है।


3. लेखक आज के इंजीनियरों को भ्रमित क्यों मानते है?

उत्तर:लेखक आज के इंजीनियरों को भ्रमित मानता हैं क्योंकि उन्हें लगता है की हमें पानी संरक्षण की योजना पश्चिमी सभ्यता से प्राप्त हुई है। पानी के प्रबंध के बारे में पहले के लोग ज्यादा नहीं जानते थे, उन्हे इसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी। लेकिन ऐसा नहीं था पहले के जमाने में राजा महाराजा बहुत ही अच्छे से जानते थे की पानी का संरक्षण किस प्रकार करना है। इसका ज्ञान उन्हें पश्चिमी सभ्यता के पहले ही था। लेकिन इसके बारे में आज के  इंजीनियर नहीं जानते हैं इसलिए लेखक ने उनको भ्रमित कहा है।


4. लेखक आज के इंजीनियरों का भ्रम कैसे दूर करते हैं?

उत्तर:जब आज के इंजीनियर ये कहते हैं की जल प्रबंध के बारे में जानकारी उन्हें पश्चिमी सभ्यता से हुई है। इसके पहले उन्हें इसके इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। यह आज के इंजीनियरों का भ्रम है। इसे दूर करते हुए लेखक पहले के जमाने के राजाओं जैसे विक्रमादित्य, भोज, मूंज आदि का उदहारण देते हुए बताते हैं की इन सभी राजाओं ने जल संरंक्षण की विधि को अपनाया था। उसके संरक्षण के लिए इन्होंने नदियां, झीलें, तालाबों आदि का निर्माण करवाया था। इस प्रकार लेखक आज के इंजीनियरों का भ्रम दूर करते हैं।


5. जनजीवन पर बारिश का क्या अच्छा प्रभाव पड़ता है?

उत्तर: जनजीवन पर बारिश के अच्छे प्रभाव निम्नलिखत पड़ते हैं–

1)बारिश के कारण जिस फसल को अधिक पानी की जरूरत है उसकी उपजता अधिक होती हैं।

2)सूखे स्थानों पर बारिश वहाँ के लोगों के लिए एक नया जीवन लेकर आती है।

3)आने वाले समय में सिंचाई के लिए पानी संरक्षित होता है।

4) बाढ़ के कारण नदियों से उपजाऊ मिट्टी बहकर खेतों में आ जाती है जिसके कारण किसानों को लाभ होता है।

5) बारिश के कारण लोगों के पैसों की बचता होती है और साथ ही साथ बिजली में भी क्यूंकि फसल में बारिश का पानी चला जाता है।

इस प्रकार बारिश का पानी जनजीवन के लिए लाभदायक साबित होता है। जिससे उनको अधिक मदद मिलती है।


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FAQs on CBSE Important Questions for 2024-25 Class 12 Hindi Antral Chapter 3 - Aapna Malwa - Khau Ujaru Sabhyata Me

1. CBSE 2025-26 परीक्षा के लिए 'अपना मालवा' पाठ से कौन-से 2-अंकीय प्रश्न महत्वपूर्ण हैं?

इस अध्याय से 2-अंकीय प्रश्नों में अक्सर मुख्य अवधारणाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। कुछ अपेक्षित प्रश्न हैं:

  • 'खाऊ-उजाड़ू सभ्यता' से लेखक का क्या तात्पर्य है? उत्तर में आपको बताना होगा कि यह आधुनिक औद्योगिक सभ्यता को संदर्भित करता है जो उपभोग पर आधारित है और प्रकृति को नष्ट करती है।
  • मालवा में जल संरक्षण के लिए किन राजाओं ने योगदान दिया? यहाँ राजा विक्रमादित्य, भोज और मुंज का उल्लेख करना महत्वपूर्ण है।
  • 'पुरइन' किसे कहते हैं और यह किस बात का प्रतीक है? यह कमल-पत्र पर भोजन परोसने की परंपरा है, जो प्रकृति के साथ सामंजस्य का प्रतीक है।

2. 'अपना मालवा' पाठ के अनुसार, वातावरण के गर्म होने के क्या कारण हैं और मालवा पर इसका क्या प्रभाव पड़ा है?

पाठ के अनुसार, वातावरण के गर्म होने के मुख्य कारण हैं:

  • उद्योगों से निकलने वाली कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसें।
  • जंगलों की अंधाधुंध कटाई।
  • आधुनिक जीवनशैली जो प्रकृति का अत्यधिक दोहन करती है।

इसका मालवा पर सीधा प्रभाव पड़ा है। लेखक बताते हैं कि इस वजह से मौसम का चक्र बिगड़ गया है और मालवा में अब पहले जैसी बारिश नहीं होती, जिससे वहाँ की जीवनशैली और कृषि प्रभावित हुई है।

3. लेखक आज के इंजीनियरों को जल प्रबंधन के संदर्भ में भ्रमित क्यों मानते हैं? उन्होंने इस भ्रम को कैसे दूर किया?

लेखक आज के इंजीनियरों को भ्रमित मानते हैं क्योंकि वे यह सोचते हैं कि जल प्रबंधन का ज्ञान उन्हें पश्चिमी देशों से मिला है और भारत के पास इस क्षेत्र में कोई प्राचीन ज्ञान नहीं था।

लेखक इस भ्रम को दूर करने के लिए प्राचीन भारतीय राजाओं का उदाहरण देते हैं। वे बताते हैं कि राजा विक्रमादित्य, भोज और मुंज जैसे शासकों ने अपने समय में ही तालाब, बावड़ियाँ और झीलें बनवाकर जल संरक्षण की उत्कृष्ट व्यवस्था की थी। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत के पास जल प्रबंधन का अपना पारंपरिक और सफल ज्ञान था।

4. मालवा में अत्यधिक बारिश होने पर जन-जीवन पर पड़ने वाले सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों का वर्णन करें।

पाठ के अनुसार, मालवा में अत्यधिक बारिश के दोहरे प्रभाव पड़ते हैं:

  • सकारात्मक प्रभाव: इससे जमीन का जल स्तर बढ़ता है, कुएँ और तालाब भर जाते हैं जो साल भर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं। फसलों, विशेषकर सोयाबीन, के लिए यह लाभदायक होता है।
  • नकारात्मक प्रभाव: ज़्यादा बारिश से फसलें गल जाती हैं। नदी-नाले उफान पर आ जाते हैं, जिससे बाढ़ का खतरा होता है। लोगों के घर पानी में डूब जाते हैं और यातायात बाधित हो जाता है, जिससे सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।

5. 'अपना मालवा' पाठ से 5-अंकीय महत्वपूर्ण प्रश्नों (HOTS) का उत्तर लिखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

5-अंकीय प्रश्नों में पूरे अंक प्राप्त करने के लिए, छात्रों को सिर्फ तथ्यों को सूचीबद्ध करने के बजाय विश्लेषण पर ध्यान देना चाहिए।

  • भूमिका: उत्तर की शुरुआत प्रश्न के मुख्य विषय को समझाते हुए करें।
  • तर्कपूर्ण बिंदु: कम से कम 3-4 बिंदुओं में अपने तर्क को पाठ से उदाहरणों के साथ प्रस्तुत करें। जैसे, 'खाऊ-उजाड़ू सभ्यता' की आलोचना करते हुए पर्यावरण, संस्कृति और जीवनशैली पर इसके प्रभावों का विश्लेषण करें।
  • लेखक का दृष्टिकोण: अपने उत्तर में यह स्पष्ट करें कि लेखक का दृष्टिकोण क्या है और वह ऐसा क्यों सोचते हैं।
  • निष्कर्ष: अंत में, सभी बिंदुओं को सारांशित करते हुए एक प्रभावशाली निष्कर्ष लिखें जो पाठ के मूल संदेश को रेखांकित करता हो।

6. यह अध्याय CBSE पाठ्यक्रम के 'पर्यावरण संरक्षण' और 'सांस्कृतिक विरासत के महत्व' जैसे व्यापक विषयों से कैसे जुड़ता है?

यह अध्याय इन विषयों का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह दिखाता है कि कैसे आधुनिक औद्योगिक विकास (खाऊ-उजाड़ू सभ्यता) ने मालवा की पारंपरिक, पर्यावरण-अनुकूल जीवनशैली को नष्ट कर दिया है। पाठ यह सवाल उठाता है कि क्या विकास के लिए अपनी सांस्कृतिक जड़ों और प्राकृतिक संतुलन को खो देना उचित है। यह CBSE के उन लक्ष्यों को सीधे संबोधित करता है जो छात्रों को सतत विकास और अपनी विरासत का सम्मान करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

7. 'अपना मालवा' पाठ का अध्ययन करते समय छात्र कौन-सी आम वैचारिक गलती करते हैं?

एक आम गलती यह है कि छात्र इस पाठ को केवल पुराने और नए समय की एक साधारण तुलना के रूप में देखते हैं। जबकि, पाठ का गहरा उद्देश्य सिर्फ तुलना करना नहीं, बल्कि यह चेतावनी देना है कि आधुनिकता की अंधी दौड़ में हम प्रकृति और अपनी संस्कृति से कितना दूर हो गए हैं। इसका मुख्य संदेश पारिस्थितिक संतुलन और पारंपरिक ज्ञान के सम्मान की वकालत करना है, जिसे अक्सर छात्र नजरअंदाज कर देते हैं।

8. लेखक औद्योगिक सभ्यता को 'उजाड़ की सभ्यता' क्यों कहते हैं? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

लेखक औद्योगिक सभ्यता को 'उजाड़ की सभ्यता' इसलिए कहते हैं क्योंकि यह विकास के नाम पर विनाश करती है। यह सभ्यता:

  • प्राकृतिक संसाधनों का बेरहमी से उपभोग करती है।
  • नदियों और पर्यावरण को प्रदूषित करती है।
  • पारंपरिक ज्ञान और जीवन-शैलियों को नष्ट (उजाड़) कर देती है जो प्रकृति के साथ सामंजस्य में थीं।

संक्षेप में, यह सभ्यता हमें जो आराम देती है, उसकी कीमत हमारे पर्यावरण और संस्कृति को उजाड़ कर वसूलती है, इसीलिए लेखक ने यह शब्द प्रयोग किया है।