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NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 4 - Dairy Ke Panne

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Class 12 Hindi NCERT Solutions Vitan Chapter 4 Diary Ke Panne

Many students face challenges in getting a command of the Hindi language and literature. The NCERT Solutions for Class 12 Hindi are prepared by Vedantu experts to provide a comprehensive study material for the entire syllabus of CBSE Class 12 Hindi. Students can download the latest-syllabus, chapter-wise Class 12 Hindi NCERT Solutions, sample papers, previous year Class 12 Hindi question papers with answers, important questions, reference books’ solution and the revision notes from Vedantu, for free. Here, we will brief you on the syllabus of CBSE Class 12 Hindi, and the details of Chapter 4 of Class 12 Hindi Vitan.


Class:

NCERT Solutions for Class 12

Subject:

Class 12 Hindi

Subject Part:

Hindi Part 2 - Vitan

Chapter Name:

Chapter 4 - Dairy Ke Panne

Content-Type:

Text, Videos, Images and PDF Format

Academic Year:

2024-25

Medium:

English and Hindi

Available Materials:

  • Chapter Wise

  • Exercise Wise

Other Materials

  • Important Questions

  • Revision Notes

Access NCERT Solutions For Class 12 Hindi पाठ ४ - डायरी के पन्ने

अभ्यास: 

1. “यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली एक आवाज है। एक ऐसी आवाज, जो किसी सत्या कभी की नहीं, बल्कि एक साधारण लड़की की है।” इलया इहरनबुर्ग की इस टिप्पणी के संदर्भ में ऐन फ्रैंक की डायरी के पठित अंशों पर विचार करें।

उत्तर: ऐन फ्रैंक की डायरी में ऐन ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय यहूदी परिवारों पर हुए अकल्पनीय यातनाओं का वर्णन किया है इसलिए निस्संदेह डायरी एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज है लेकिन साथ ही यह एनके निजी सुख दुख और भावनात्मक उथल पुथल का भी जीवंत दस्तावेज भी है। ऐन वर्ष की बच्ची थी। हिटलर के नस्लवाद के प्रति विरोध का इन्हें भी शिकार बनना पड़ा था हिटलर पूरे विश्व से यहूदियों को मिटा देना चाहता था और उनपर अपमानजनक नियम कानून थोपता रहता था। हिटलर के डर से यहूदी छिपते फिरते थे वह अंधेरों कमरों में जीवन जीने के लिए विवश थे। पकड़े जाने पर उन्हें यातनाएं दी जाती थी। वह हमेशा नाज़ी फौज के डर की वजह से खौफ में रहते थे। प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर देखा जाए तो हिटलर ने साठ लाख यहूदियों का नरसंहार किया। यह अबतक का सबसे बड़ा नरसंहार है।ऐन फ्रैंक ऐसी ही यहूदी परिवार से थीं वह कोई सत्य कभी नहीं थी वह एक साधारण बच्ची थी। उसे हिटलर के डर से उसको 2 साल तक छिप कर रहना पड़ा। उसकी डायरी में हिटलर का भय,। उसका आतंक इस डायरी को पढ़कर पता चलता है वह अनजाने में ऐसे हजारों लोगों का प्रतिनिधित्व कर लगती है, जो उसी के समान यात्रा को झेल रहे हैं। इसलिए इल्याइहरनबुर्ग की यह टिप्पणी की ये हैं “यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली एक आवाज है। एक ऐसी आवाज जो किसी संख्या कभी नहीं, बल्कि एक साधारण से लड़की की है।”

2. “काश कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता। अफसोस, ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला……।” क्या आपको लगता है कि ऐन के इस कथन में उसकी डायरी लेखन का कारण छिपा है?

उत्तर: उपरोक्त पंक्तियों में, न और उसकी डायरी के बीच संबंध पूरी तरह से स्पष्ट होता है। उसके यह कहने से स्पष्ट है कि उसके पास पास कोई भी ऐसा नहीं था जो उसकी भावनाओं को गंभीरता से समझे। इसलिए उसने अपने दिल की बातों को डायरी के साथ साझा करने के बारे में सोचा।ऐन एक साधारण लड़की थी। उन्होंने अपनी पढ़ाई सामान्य तरीके से की, लेकिन उसे सबसे कठोर माना जाता था। उसे हर समय डांट सुनना पड़ता था। वे एक जगह भी लिखती हैं कि “हर समय, इच्छाएं, विचार, इरादे और डांट का डर मेरे दिमाग में बना रहता था। मैं वास्तव में उतना घमंडी नहीं हूँ जितना लोग मेरे बारे में सोचते हैं मैं अपनी कमजोरियों और खामियों को अच्छी तरह जानती हूँ।” लोग मुझे इतना अखंड और तीस मार खान की मानते हैं वे लिखती है “कोई मुझे नहीं समझता” इस प्रकार ऐन की टिप्पणियों से पता चलता है कि न को समझने वाला कोई भी नहीं था जो उसके अकेलापन का सबसे बड़ा कारण बन गया।

3. ‘प्रकृति – प्रद प्रजनन – शक्ति के उपयोग का अधिकार बच्चे पैदा करें या ना करें अथवा कितने बच्चे पैदा करें – इस की स्वतंत्रता स्त्री से छीन कर हमारी विश्व-व्यवस्था ने न सिर्फ़ स्त्री को व्यक्तित्व विकास के अनेक अवसरों से वंचित किया है बल्कि जनांधिक्य की समस्या भी पैदा की है।’ ऐन की डायरी के 13 जून, 1944 के अंश में व्यक्त विचारो के संदर्भ में इस कथन का औचित्य ढूँढ़े। 

उतर: ऐन ने अपनी डायरी के पन्नो में औरतों के अधिकार और उन पर हो रहे शोषण के बारे में भी अपनी चिंता व्यक्त की है ऐन कहती है इस समाज में औरतों को उनके हिस्से का सम्मान नही मिल पाता है । इस पुरुष प्रधान समाज में पुरुषों ने औरतों पर शुरू से ही इस बात पर शासन करना शुरू कर दिया कि वह उनकी तुलना में शारीरिक रूप से अधिक बलवान और हर कार्य करने के लिए सक्षम हैं, किसी घर को चलाने में पुरुष का ही पूरा योगदान रहता है पुरुष मेहनत कर के धन कमाता है और परिवार व बच्चों को पालता-पोसता है पुरुष घर में अपनी और अपनी मनमर्ज़ी चलाता है। लेकिन आज के समाज में इस स्तिथि में परिवर्तन होआ है। आज औरतों को बराबर का हक प्रदान किया जा रहा है शिक्षा, काम तथा प्रगति ने औरतों की आँख खोली हैं। औरत मानव जाति को जीवंत रखने के लिए असहाय पीड़ा से गुजरती है समाज को बढ़ाने में उनका जितना संघर्ष रहता है उतना संघर्ष तो सेनिक भी नहीं करता है।ऐन ने यह कभी नही कहा है की औरतों को बच्चे को जन्म देना बंद कर देना चाहिए, क्यूँकि यह एक प्रकृति का नियम है और समाज से गुज़ारिश है कि वह औरतों को केवल एक प्रक्रिया वस्तु ना समझे अपितु औरतों के इस योगदान की सरहाना करनी चाहिए ।

4. “ऐन की डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज़ है,  तो साथ ही उसकी निजी सुख दुःख और भावनात्मक उथल पुथल का भी । इन पृष्ठों में दोनो का फ़र्क़ मिट गया है।” इस कथन पर विचार करते हुए अपनी सहमति या असहमती तर्कपूर्वक व्यक्त करें।

उत्तर: ऐन एक यहूदी लड़की थी उसने जब होश संभाला वह दौर था जब हिट्लर की सेना यहूदीयोपर अत्याचार बरसा रही थी । उनकी यातनाओं के साथ साथ कहीं न कहीं ऐन का आंतरिक मन भी था। उस समय वह यहूदी कैंपों में रहती थी। यहूदी हमेशा हिट्लर की नाज़ी सेना से छूपकर इधर उधर भागते और छिपते रहते थे। ऐन को भी छिप कर रहना  पड़ता रहा जिससे इसकी भावनावों को पीड़ा पहुंचती थीं जिसका व्यक्तिगत रूप से उसके पूरे जीवन पर प्रभाव पड़ता था और समानांतर रास्ते पर ऐन की भावनात्मक पीड़ा चल रही है और यही वजह है की दोनो तड़प और वेदना एक दूसरे में समाकर एक सामान्य पीड़ा बन गई है और इसलिए दोनो पृष्ठों में भेद ही नहीं बचा। ऐन की इस डायरी में उस समय की राजनीतिक स्तिथि एवम युध की विभीषिका का जीवंत वर्णन मिलता है लेकिन साथ ही यह ऐन के निजी सुख दुःख और भावनात्मक उथल पुथल का भी जीवंत दस्तावेज़ है। 

5. ऐन ने अपनी डायरी “किट्टी” (एक निर्जीव गुड़िया) को संबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की ज़रूरत क्यों महसूस की होगी? 

उत्तर: जब इन्सान अकेला होता है तो उसके मन में अनेक कल्पनाओं का जन्म होता है और उसकी आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है जब ऐन निर्वासन में थी तब उससे बात करने और उसकी भावनाओं को समझने वाला कोई नहीं था और वह बड़ों की बात सुनकर ऊब चुकी थी। इस मामले में, ऐन एक निर्जीव गुड़िया को अपना काल्पनिक दोस्त बनाती है और उसे सम्बोधन और संवाद करती है और एक डायरी के माध्यम से अपने अनुभवों और भावनाओं को व्यक्त करती है।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi (Core and Elective) Course

NCERT Solutions for Class 12 Hindi (Core and Elective) covers four books as prescribed by the CBSE Board.

The syllabus for Class 12 Hindi-Core is divided into two sections. Section A consists of two books, namely, Aroh 2 and Vitan 2, section B consists of questions from the book Aroh 2.

The syllabus for class 12 Hindi Elective is also divided into two sections. Section A consists of questions from Antra 2 and Antral 2. Section B consists of questions from Antra 2.

All these books with their chapter-wise NCERT solutions are available in PDF format on Vedantu.

The book Aroh 2 for Hindi Core comprises 18 chapters, and Vitan 2 comprises 4 chapters. Antra 2 for Hindi Elective consists of 21 chapters, Antral 2 consists of 4 chapters.

NCERT Hindi Vitan 2 for Class 12 Chapter 4

Vitan is one of the NCERT Hindi books prescribed for CBSE Class 12. This book consists of prose. Hindi Vitan Class 12 book consists of four chapters, Chapter 1: Silver Wedding, Chapter 2: Joojh, Chapter 3: Ateet Mein Dabe Paav, and Chapter 4: Diary Ke Panne. The solved NCERT questions are available for all these 4 chapters on Vedantu, in the PDF format.

Chapter 4: Diary Ke Panne, Written by Anne Frank

This chapter is an excerpt taken from 'The Diary of a Young Girl'. The author wrote this diary when she, along with her family, was struggling for two years to save themselves from the dictatorship of Nazis.

On her 13th birthday in 1972, she was gifted with a white and red cloth book. She had decided that she would make this notebook her diary. When she had started writing in this diary, by addressing it as kitty, they were not in hiding. Their life in the secret annex began a month later. She wrote the last part in August 1949, 3 days after which the police caught them.

This diary portrays the life of common people during one of the most terror-stricken and painful World Wars in history. In the Hindi translation of this book, it is adequately written - "This diary depicts the fear, terror, hunger, love, human emotions, love, hatred, troubles of growing up, fear of airstrikes, the constant fear of being caught, the dreams, fantasies, anguish of being isolated from the outside world of a thirteen-year-old, the mental and physical needs, laughter, jokes, loneliness of the people in hiding. This diary is a living document of the oppressed Jews".

There are a total of five conceptual questions with their answers available at the end of this chapter. Students may refer to NCERT solutions Class 12 Hindi - Vitan Chapter 4 to develop a better understanding of this chapter.

Why You Should Refer to NCERT Solutions for Class 12 Hindi?

NCERT Solutions for Class 12 Hindi provide a detailed step-by-step explanation of the NCERT Hindi textbook questions. These NCERT Solutions are prepared by highly experienced faculty members at Vedantu, to facilitate an effective learning experience for the students of Class 12. It helps students with their exam preparation. Referring to the Class 12 Hindi NCERT Solutions will help them to write precise answers in their examination.

Students must not waste their precious time while referring to different books to complete the CBSE Class 12 Hindi syllabus. All the basic concepts from every chapter are described in a simple language in these NCERT Solutions to make them a one-stop guide for students.

Why Vedantu Only?

The NCERT Solutions Class 12 Hindi on Vedantu are prepared as per the CBSE guidelines. We at Vedantu offer complete, and one-stop solutions for the preparation of NCERT Class 12 Hindi examinations. The chapter-wise NCERT Solutions are prepared in an easy to understand language for the convenience of all students. Vedantu provides online classes, live sessions, revision notes, and complete study material for CBSE Class 12 Hindi syllabus.

Students can also download the NCERT book class 12 Hindi Vitan PDF from Vedantu, free of cost. 

These study materials are prepared and compiled by our subject experts who have in-depth knowledge of the subject. Also, for doubt-clearing students can avail of the one-on-one sessions with teachers on Vedantu.


Download NCERT Solutions For CBSE Class 12 Hindi Vitan Chapter 3 Ateet

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FAQs on NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 4 - Dairy Ke Panne

1. 'डायरी के पन्ने' पाठ के लेखक कौन हैं और इसकी मूल कृति क्या है?

'डायरी के पन्ने' पाठ ऐन फ्रैंक द्वारा लिखा गया है। यह उनकी विश्व प्रसिद्ध डायरी 'द डायरी ऑफ अ यंग गर्ल' का एक अंश है। इसमें ऐन ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाज़ी अत्याचारों से बचने के लिए गुप्तवास में बिताए अपने जीवन के अनुभवों का वर्णन किया है। यह NCERT समाधान 2025-26 के CBSE पाठ्यक्रम के अनुसार हैं।

2. इल्या इहरनबुर्ग की टिप्पणी "यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली एक आवाज है" के संदर्भ में NCERT प्रश्न का उत्तर कैसे लिखें?

इस प्रश्न का प्रभावी उत्तर देने के लिए, आपको निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल करना चाहिए:

  • सबसे पहले, यह स्पष्ट करें कि ऐन की डायरी ऐतिहासिक दस्तावेज़ क्यों है, क्योंकि यह यहूदियों पर हुए अत्याचारों का सजीव चित्रण करती है।
  • फिर, इस बात पर ज़ोर दें कि ऐन एक साधारण लड़की थी, कोई लेखिका या संत नहीं, जिससे उसका अनुभव और भी मार्मिक हो जाता है।
  • बताएँ कि कैसे उसकी व्यक्तिगत भावनाएँ, डर और आशाएँ उन लाखों लोगों की सामूहिक पीड़ा का प्रतिनिधित्व करती हैं जिन्हें अपनी बात कहने का अवसर नहीं मिला।
  • अंत में, निष्कर्ष निकालें कि उसकी एक आवाज़ लाखों गुमनाम पीड़ितों की आवाज़ बन गई, इसीलिए इहरनबुर्ग की टिप्पणी सटीक है।

3. ऐन की डायरी को एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ के साथ-साथ एक व्यक्तिगत भावनात्मक उथल-पुथल का दस्तावेज़ क्यों माना जाता है?

ऐन की डायरी में ऐतिहासिक और व्यक्तिगत पहलुओं का भेद इसलिए मिट जाता है क्योंकि उसके व्यक्तिगत जीवन पर इतिहास का सीधा और क्रूर प्रभाव पड़ रहा था। नाज़ी सेना का डर कोई दूर की ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि उसका रोज़ का व्यक्तिगत अनुभव था। गुप्तवास की घुटन भरी परिस्थितियों ने उसकी किशोरावस्था की सामान्य भावनात्मक उथल-पुथल को और भी तीव्र कर दिया। इसलिए, जब वह अपने अकेलेपन या पारिवारिक झगड़ों के बारे में लिखती है, तो वह साथ-ही-साथ युद्ध के मनोवैज्ञानिक प्रभाव का भी दस्तावेजीकरण कर रही होती है, जिससे दोनों पहलू अविभाज्य हो जाते हैं।

4. पाठ के अनुसार, ऐन फ्रैंक ने अपनी डायरी लिखना क्यों शुरू किया?

ऐन फ्रैंक ने डायरी लिखना इसलिए शुरू किया क्योंकि वह बहुत अकेलापन महसूस करती थी और उसे लगता था कि कोई भी उसकी भावनाओं को गंभीरता से नहीं समझता। जैसा कि वह लिखती है, "काश कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता।" उसे एक सच्चे दोस्त की कमी महसूस होती थी जिससे वह अपने मन की हर बात कह सके। इस कमी को पूरा करने के लिए, उसने अपनी डायरी को ही अपना मित्र बना लिया और उसका नाम 'किट्टी' रखा, ताकि वह बिना किसी झिझक के अपने विचार और भावनाएँ व्यक्त कर सके।

5. ऐन फ्रैंक ने अपनी डायरी को 'किट्टी' के नाम से संबोधित क्यों किया? इस प्रश्न का सही समाधान क्या है?

इस प्रश्न के समाधान में यह बताना आवश्यक है कि ऐन ने मनोवैज्ञानिक सहारे के लिए अपनी डायरी का मानवीकरण किया। एक सटीक उत्तर के लिए इन बिंदुओं पर ध्यान दें:

  • उसे एक ऐसे सच्चे दोस्त की ज़रूरत थी जो बिना किसी आलोचना के उसकी बात सुने।
  • निर्जीव गुड़िया को 'किट्टी' नाम देकर उसने उसे एक जीवित साथी का रूप दिया, जिससे संवाद करना आसान हो गया।
  • यह उसे अपने गहरे डर, असुरक्षा और आशाओं को ईमानदारी से व्यक्त करने में मदद करता था, जो वह शायद किसी वास्तविक व्यक्ति से नहीं कह पाती।
  • 'किट्टी' को संबोधित करना उसके अकेलेपन से निपटने का एक रचनात्मक तरीका था।

6. ऐन द्वारा अपनी डायरी में महिलाओं के अधिकारों पर की गई टिप्पणी का पाठ के मुख्य विषय (उत्पीड़न) से क्या संबंध है?

ऐन द्वारा महिलाओं के अधिकारों पर की गई टिप्पणी, यहूदी उत्पीड़न के मुख्य विषय के समानांतर चलती है। वह उस पुरुष-प्रधान समाज की आलोचना करती है जो महिलाओं के योगदान को कम आंकता है और उन्हें व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करता है, ठीक उसी तरह जैसे नाज़ी शासन यहूदियों को उनके मानवीय अधिकारों से वंचित कर रहा था। जब वह बच्चे पैदा करने में महिलाओं की पीड़ा की तुलना एक सैनिक के बलिदान से करती है, तो वह एक अन्य प्रकार के प्रणालीगत उत्पीड़न पर सवाल उठाती है। यह दर्शाता है कि वह केवल अपने ऊपर हो रहे अन्याय को ही नहीं, बल्कि समाज में व्याप्त हर तरह के अन्याय को पहचानने और उस पर प्रश्न करने की क्षमता रखती थी।

7. गुप्त आवास (Secret Annex) की सीमित दुनिया ने 'डायरी के पन्ने' की विषय-वस्तु और لحन को कैसे प्रभावित किया?

गुप्त आवास केवल एक पृष्ठभूमि नहीं था, बल्कि उसने डायरी के हर पन्ने को गढ़ा है। भौतिक कैद ने उसे आत्म-निरीक्षण और तनाव में मानवीय व्यवहार के सूक्ष्म अवलोकन के लिए मजबूर किया। बाहरी दुनिया से निरंतर खतरे ने डायरी में एक तनाव और भय का माहौल बनाया। इसके विपरीत, खुशी या सामान्य जीवन के छोटे-छोटे पल भी बहुत बड़े लगने लगते थे, जो निराशा के बीच जीने की मानवीय इच्छा को उजागर करते हैं। गुप्त आवास ने ऐन को अपने भीतर झाँकने पर विवश किया, जिससे उसकी डायरी मानवीय आत्मा के लचीलेपन का एक गहरा अध्ययन बन गई।

8. कक्षा 12 हिंदी वितान अध्याय 4 के सभी प्रश्नों के विश्वसनीय और चरण-दर-चरण NCERT समाधान कहाँ मिलेंगे?

वेदांतु पर कक्षा 12 हिंदी वितान के अध्याय 4, 'डायरी के पन्ने' के लिए संपूर्ण और सटीक NCERT समाधान उपलब्ध हैं। ये समाधान विषय विशेषज्ञों द्वारा नवीनतम CBSE 2025-26 दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किए गए हैं। प्रत्येक उत्तर को विस्तार से समझाया गया है ताकि आप अवधारणाओं को समझ सकें और अपनी परीक्षा में प्रभावी ढंग से उत्तर लिख सकें।