Apna Malwa Khau Ujadu Sabhyata Chapter 4 Questions and Answers with Explanations
FAQs on NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 4 Apna Malwa Khau Ujadu Sabhyata - 2025-26
1. NCERT Solutions के अनुसार, 'अपना मालवा' पाठ में भारी वर्षा का मालवा के जन-जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
पाठ के अनुसार, मालवा में जब भारी वर्षा होती है तो इसका जन-जीवन पर दोहरा प्रभाव पड़ता है। एक ओर, सभी नदी, नाले और तालाब पानी से लबालब भर जाते हैं, जिससे फसलें लहलहा उठती हैं और समृद्धि आती है। यह उत्साह और उत्सव का माहौल बनाता है। दूसरी ओर, अत्यधिक वर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति भी बन जाती है, जिससे पानी घरों में घुस जाता है और लोगों को थोड़ी परेशानी का सामना भी करना पड़ता है।
2. पाठ 'अपना मालवा' में मालवा में पहले जैसी बारिश न होने के मुख्य कारण क्या बताए गए हैं?
NCERT Solutions के अनुसार, मालवा में वर्षा की कमी के निम्नलिखित मुख्य कारण बताए गए हैं:
- औद्योगीकरण: बढ़ते उद्योगों ने पर्यावरण को गंभीर रूप से प्रदूषित किया है, जिससे मौसम चक्र में बदलाव आया है।
- वायु प्रदूषण: वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गर्म गैसों के बढ़ने से ओजोन परत को नुकसान पहुँचा है, जो वर्षा को प्रभावित करता है।
- वनों की कटाई: बढ़ती आबादी और शहरीकरण के कारण पेड़ों और जंगलों की अंधाधुंध कटाई हुई है, जिससे मानसून का संतुलन बिगड़ गया है।
3. मालवा के प्राचीन राजाओं, जैसे विक्रमादित्य और भोज, ने जल संरक्षण के लिए क्या प्रबंध किए थे?
पाठ के अनुसार, मालवा के प्राचीन राजा विक्रमादित्य, भोज और मुंज जल संरक्षण के महत्व को समझते थे। उन्होंने बारिश के पानी को संग्रहित करने के लिए व्यापक प्रबंध किए। उन्होंने पूरे क्षेत्र में बड़ी संख्या में तालाब, कुएँ और बावड़ियों का निर्माण करवाया। ये संरचनाएँ वर्षा के जल को साल भर उपयोग के लिए सहेजकर रखती थीं, जिससे पानी की कमी की समस्या का सफलतापूर्वक सामना किया जा सकता था।
4. लेखक के अनुसार, 'हमारी आज की सभ्यता इन नदियों को अपने गंदे पानी के नाले बना रही है।' यह कैसे हो रहा है?
लेखक का यह कथन आज के औद्योगिक समाज पर एक तीखा व्यंग्य है। आधुनिक सभ्यता नदियों को कई तरीकों से गंदा नाला बना रही है:
- औद्योगिक अपशिष्ट: कारखानों से निकलने वाले जहरीले और रासायनिक कचरे को बिना उपचार के सीधे नदियों में बहा दिया जाता है।
- शहरी गंदगी: शहरों के सीवेज और घरों से निकलने वाले गंदे पानी को नदियों में मिला दिया जाता है।
इस निरंतर प्रदूषण के कारण नदियों का पानी जहरीला हो गया है, जो न केवल मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि जलीय जीवन को भी नष्ट कर रहा है।
5. लेखक यह क्यों मानते हैं कि जिसे हम 'विकास की औद्योगिक सभ्यता' कहते हैं, वह असल में 'उजाड़ की अपसभ्यता' है?
लेखक ऐसा इसलिए मानते हैं क्योंकि आधुनिक औद्योगिक विकास प्रकृति का अंधाधुंध शोषण करके हासिल किया गया है। यह विकास केवल तात्कालिक लाभ देखता है और भविष्य के पर्यावरणीय परिणामों की अनदेखी करता है। हम विकास के नाम पर अपने जंगल, नदियाँ, और जमीन को नष्ट कर रहे हैं। इसलिए, यह सभ्यता निर्माण नहीं कर रही, बल्कि हमारे प्राकृतिक संसाधनों और जीवन शैली को उजाड़ रही है, जिसे लेखक ने 'उजाड़ की अपसभ्यता' कहा है।
6. 'अपना मालवा' पाठ में पारंपरिक जल प्रबंधन और आधुनिक इंजीनियरों की सोच में क्या अंतर बताया गया है?
पाठ में पारंपरिक जल प्रबंधन और आधुनिक इंजीनियरिंग के दृष्टिकोण में एक मौलिक अंतर दर्शाया गया है।
- पारंपरिक ज्ञान: पुराने समय के लोग प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर काम करते थे। वे स्थानीय भूगोल और मौसम को समझकर तालाब और बावड़ियाँ बनाते थे, जो टिकाऊ होते थे।
- आधुनिक दृष्टिकोण: आज के इंजीनियर अक्सर अपने तकनीकी ज्ञान को श्रेष्ठ मानते हैं और पारंपरिक तरीकों को पिछड़ा हुआ समझते हैं। वे यह भूल जाते हैं कि पहले के लोग बिना पश्चिमी शिक्षा के भी जल प्रबंधन में माहिर थे। यह आधुनिक अहंकार और प्रकृति से अलगाव को दर्शाता है।
7. पाठ में वर्णित 'खाऊ-उजाड़ू सभ्यता' का क्या अर्थ है और यह मालवा को कैसे प्रभावित कर रही है?
'खाऊ-उजाड़ू सभ्यता' का अर्थ उस उपभोक्तावादी संस्कृति से है जो संसाधनों का केवल उपभोग करना जानती है, उन्हें सहेजना या पुनर्स्थापित करना नहीं। यह 'खाओ और फेंको' की पश्चिमी जीवन शैली का प्रतीक है। यह सभ्यता मालवा को सीधे तौर पर प्रभावित कर रही है, क्योंकि इसके कारण वहाँ के उद्योग और जीवन शैली पर्यावरण को नष्ट कर रहे हैं, जिससे कभी समृद्ध रहा मालवा अब अपनी पहचान और प्राकृतिक संतुलन खो रहा है।
8. CBSE सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 12 हिंदी अंतराल के अध्याय 4 'अपना मालवा' के सटीक NCERT Solutions कहाँ मिल सकते हैं?
CBSE सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 12 हिंदी के अध्याय 4 'अपना मालवा- खाऊ उजाड़ू सभ्यता में' के सभी अभ्यास प्रश्नों के विश्वसनीय और चरण-दर-चरण समाधान आपको Vedantu पर मिल जाएँगे। ये समाधान NCERT दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किए गए हैं ताकि छात्र प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लिखने की सही विधि सीख सकें और परीक्षा के लिए अपनी वैचारिक समझ को मजबूत कर सकें।

















