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NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 4 Apna Malwa Khau Ujadu Sabhyata - 2025-26

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Apna Malwa Khau Ujadu Sabhyata Chapter 4 Questions and Answers with Explanations

At Vedantu, you will get all the important study resources covering the NCERT Solutions Class 12 Hindi for your exam preparation. We have jotted down the chapter-wise NCERT Solutions for Class 12 Hindi for the reference of students appearing in the CBSE Class 12 board examination. All the important questions from the chapters of Class 12 Hindi are enlisted here so that students can evaluate their understanding of the chapters covered in the syllabus.


Class:

NCERT Solutions for Class 12

Subject:

Class 12 Hindi

Subject Part:

Hindi Part 1 - Antral

Chapter Name:

Chapter 4 - Aapna Malwa- Khau Ujaru Sabhyata Me

Content-Type:

Text, Videos, Images and PDF Format

Academic Year:

2024-25

Medium:

English and Hindi

Available Materials:

  • Chapter Wise

  • Exercise Wise

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  • Important Questions

  • Revision Notes

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Access NCERT Solutions For Class-12 Hindi Chapter 4 - अपना मालवा-खाऊ उजाड़ू सभ्यता में

प्रश्नावली 

12:1:4: प्रश्न – अभ्यास: 1

1. मालवा में जब सब जगह बरसात की झड़ी लगी रहती है तब मालवा के जनजीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है .? 

उत्तर-जब मालवा के हर जगह बारिश होती है , तो मालवा के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है । हालांकि चारों तरफ पानी पानी हो जाने के कारण थोड़ी परेशानी जरूर होती है। बारिश इतनी ज्यादा होती है कि मालवा के सारे नदी नाले तालाब लबालब भर जाते हैं। और पानी घरों में तक घुस जाता है। लेकिन फिर भी यह बारिश के दिनों में उत्साह देखने को मिलता है क्योंकि जब बारिश होती है तो फसलें लहलहा उठती है।गांव में सभी तालाबों को में लबालब पानी भर जाता है। जो आगे फसलों और वहाँ के इंसानों के लिए बहुत उपयोगी होता है। मालवा के लोगों को लगता है कि भगवान बहुत प्रसन्न हैं वहाँ की बारिश मालवा को समृद्ध बनाती है।


12:1:4 प्रश्न – अभ्यास: 2 

2. अब मालवा में वैसा पानी नहीं गिरता जैसा गिरा करता था।उसके क्या कारण है ?

उत्तर-मालवा में अब अधिक बरसात न होने के कई कारण हैं-

क) मालवा में बढ़ते उद्योगीकरण ने वहाँ के पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाया है। जिससेप्रावरण में भयंकर बदलाव देखने को मिले हैं। यह भी एक प्रमुख कारण है। 

ख) हमारे वायुमंडल प्रदूषण के कारण कार्बन डाइऑक्साइड गैस की बढ़ोतरी हो रही है यह गर्म गैस होती है, जिसके कारण वायुमंडल और हमारे धरती की ओजोन परत को नुकसान पहुँच रहा है।

ग) बढ़ती जनसंख्या के कारण कंक्रीट के निर्माण में अधिकता आई है हम लगातार जंगलों और पेड़ों की कटाई कर रहे हैं जिसके कारण मानसून में परिवर्तन हो रहा है यह भी एक प्रमुख कारण है बारिश में कमी आने का।


12:1:4: प्रश्न – अभ्यास: 3 

3. हमारे आज के इंजीनियर ऐसा क्यों समझते हैं कि वह पानी का प्रबंध जानते हैं और पहले जमाने के लोग कुछ नहीं जानते थे?

उत्तर-आजकल यह व्यापक स्तर पर सामाजिक मानसिकता हमारे चारों तरफ फैली हुई है कि नई पीढ़ी समझती है कि पुरानी पीढ़ी को कुछ आता नहीं है। उसी प्रकार हमारे आजकल के इंजीनियर अपने तकनीक ज्ञान को बहुत उच्च स्तर का मानते हैं। उनको लगता है कि आज ज्ञान पर विज्ञान का पूरा अधिकार है जल संग्रह और जल प्रदूषण को खत्म करने के आधुनिक तरीके उन्हें मालूम है पहले के लोग बस प्रकृति पर निर्भर रहते थे आज रोज़ नई तकनीक और नए आविष्कार हो रहे हैं पुराने जमाने में लोगों को तकनीकी ज्ञान नहीं था। व्यक्त करने की शिक्षा से अनजान थे। स्वयं एक गलतफहमी में जीते है। आजकल के इंजीनियर मानते हैं कि पश्चिमी सभ्यता ने ज्ञान का प्रसार किया है। भारत के लोग तो अज्ञानी थे। रिनसां बाद से ही लोगों के अंदर ज्ञान का फैलाव हुआ। 


12:1:4 प्रश्न- अभ्यास -4 

4. ‘मालवा में विक्रमादित्य,  भोज और मूंज रिनेसा के बहुत पहले हो गए।’ पानी के रखरखाव के लिए उन्होंने क्या प्रबंध किए ?

उत्तर-मालवा के राजा राजस्थान की प्राकृतिक समस्याओं और जरूरतों को बहुत करीब से जानते और समझते थे राजा विक्रमादित्य, भोज और मुंज आदि राजाओं ने वहाँ के पठारों की कमजोरियों और ताकतों को पहचानना और वहाँ जनता के हित में कई आश्चर्यजनक कार्य किए। वे मालवा के भौगोलिक स्थिती को समझा और जल संग्रह के लिए बेहतर इंतजाम किए। उसने तालाब, कुएँ और बावड़ियों का निर्माण किया। की वह बारिश के पानी को संग्रहित करके रख सकें। संग्रहित पानी को वह पूरे साल उपयोग में ला सकते है जिससे उन्हें पानी की कमी की समस्या का सामना नही करना पड़ेगा । इसका एक बड़ा उदाहरण हम मालवा को कह सकते है। 


12:1:4 प्रश्न – अभ्यास: 5 

5.‘हमारी आजकी सभ्यता इन नदियों को अपने गंदे पानी के नाले बना रही है।’ क्यों और कैसे?

उत्तर-निस्संदेह आज के युग एक प्रगति युग है, लेकिन यह प्रगति हमारी सबसे बड़ी समस्या का कारण भी है, हम इस प्रगति के लिए प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्रदूषण एक विकट समस्या है, जो आयदिन बड़ती जा रही है। जल, भूमि और आकाश सभी पूरी तरह से प्रदूषण के प्रभाव से प्रभावित है, मानवीय जानता है कि जल मनुष्य का जीवन है। इसके बावजूद मनुष्य ने इस अमूल्य जल संसाधन को भी प्रदुषित किया है सदियों से जिन नदियों का पानी जल का एक बड़ा और मुख्य स्रोत रहा है जो केवल मनुष्य के लिए ही नहीं बल्कि सभी प्राणियों के जीवन प्रणाली से जुड़ा है। लेकिन आज कल कारखानों का जहरीला पदार्थ और शहरों का गंदा पानी नदियों में बहा दिया जाता है। निरंतर प्रक्रिया नदियों के पानी को इतना प्रदुषित और विषाक्त बना दिया है कि यह न केवल पीने योग्य नहीं है, बल्कि इससे भयानक बीमारियां भी होने लगी है, यहाँ तक कि इसमें रहने वाले जानवर भी विलुप्त होने के कगार पर है। सरकार और कई सामाजिक संगठन समय समय पर इसे बचाने की कोशीश करते रहते हैं, लेकिन जब तक आम लोग सचेत नहीं होंगे, जब तक हर व्यक्ति पानी के मूल्य को समझना शुरू नहीं करेगा, तब वो दिन दूर नहीं जब यह नदियां नालों का रूप ले लेगी। शहर के किनारे बहने वाली कई नदियों को हमने नाला बना दिया है और यमुना नदी इसका मुख्य उदाहरण है हमें जागरूक होकर नदियों को नदी ही बने रहने देना होगा वरना हम दिन प्रतिदिन जल की समस्याओं और बीमारियों के जाल में फंसते जाएंगे।


12:1:4 प्रश्न- अभ्यास: 6 

6. लेखक को क्यों लगता है कि ‘हम जिसे विकास की उद्योग इक सभ्यता कहते हैं वह उजाड़ की  अपसभ्यता है?’ आप क्या मानते हैं?

उत्तर- इस कथन में लेखक के विचार बहुत हद तक सही है। हम देखते है की जहाँ एक नई तकनीक आती है वह अपने साथ कई ऐसी समस्यायें भी लाती है जो मानव जीवन के विकास से ज्यदा उसके विनाश में योगदान देती है । मनुष्य प्रकृति से सब कुछ लेना चाहता है परंतु उसे कुछ देना नहीं चाहता अपने विकास के साथ साथ मनुष्य प्रकृति का पूर्ण रूप से शोषण करना चाहता है। मनुष्य किक सबसे बड़ी समस्या यह है की वह केवल आज के बारे में स्वयं के बारे में सोचना चाहता है। वह कल की परवाह नहीं करते की अगर आज वह अपनी तकनीकी से अपना जीवन आसन बनाना चाहता है तो आगे चल कर वही तकनीक एक विनाशक के रूप में सामने आ सकती है। इसलिए मनुष्य को इसपर विचार करना चाहिए की जिसे हम विकास की उध्योग सभ्यता कहते है वह वास्तव में एक उजाड़ की अपसभ्यता है। 


12:1:4 प्रश्न – अभ्यास: 7 

7. धरती का वातावरण करम क्यों हो रहा है? इसमें यूरोप और अमेरिका की क्या भूमिका है? टिप्पणी कीजिये।

उत्तर- मनुष्य द्वारा प्रकृति के साथ छेड़छाड़ से आज पूरी दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग का खतरा मंडरा रहा है। दुनियाभर के वैज्ञानिक इस भयावह स्थिती से परेशान है। इसके कारण पृथ्वी का वातावरण तेजी से गर्म होता जा रहा है। मनुष्यों ने अपनी सुविधाओं के नाम पर जो कुछ भी किया है,वह उनके लिए खतरनाक साबित हो रहा है। वाहनों, हवाई जहाज, बिजली संयंत्रों, उधोगो आदि से अंधाधुन गैसीय उत्सर्जन के कारण वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की मात्रा बढ़ रही है और मिथेन, नाइट्रोजन ऑक्साइड आदि ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा में वृद्धि हो रही है, जिसके कारण इन्हें गैसों का आवरण घनघोर होता जा रहा है। यह आवरण सूर्य की परावर्तित किरणों को रोक रहा है, जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। बढ़ते तापमान की तुलना में ग्लैशियरों की बर्फ़ तेजी से पिघल रही है। जिसके कारण आने वाले समय में जल संकट उत्पन्न हो सकता है। वनों की कटाई की संख्या में बढ़ोतरी भी दूसरी सबसे बडा कारण है। वन प्राकृतिक रूप से कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को नियंत्रित करते हैं, लेकिन उनके प्राकृतिक  नियंत्रकोंको भी उनकी अंधाधुन कटाई से नष्ट किया जा रहा है। इन गैसों के उत्सर्जन में अमेरिका और यूरोपीय देशों की प्रमुख भूमिका है। इनमें से अधिकांश गैस वहाँ से निकल रही है। लेकिन वह इसे स्वीकार नहीं करते है।

NCERT Hindi Class 12 Solutions

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As per the latest CBSE syllabus, the class 12 Hindi course for 2024-25 has been divided into two sections, Hindi Core and Hindi Elective. The NCERT Solutions Class 12 Hindi available on Vedantu covers all the chapters from the updated syllabus.

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Class 12 Hindi (Core and Elective) NCERT Solutions

The latest syllabus for class 12 Hindi Elective is divided into two sections. Section A consists of the questions from two books, i.e., Antra 2 and Antral 2, while section B consists of the questions from the book Antra part 2. You will get the chapter-wise NCERT solutions for the questions covered in these books on Vedantu. 

Hindi Core Aroh 2 comprises 18 chapters, and Vitan 2 comprises 4 chapters. Hindi Elective Antra 2 contains 21 chapters, and Antral 2 consists of 4 chapters.


NCERT Solutions for Class 12 Hindi Elective Antral 2

Chapter-wise NCERT Solutions Class 12 Hindi Elective for Antra Part 2 and Antral part 2 PDF files are available for free download on Vedantu. 

NCERT Solutions Class 12 Hindi Antral part 2 covers all the chapter-wise questions with answers for the following chapters.

  • Chapter 1: Surdas ki jhopdi, written by Shri Prem Chand

  • Chapter 2: Aarohan, written by Shri Sanjeev

  • Chapter 3: Biskohar ki Mati, written by Viswanath Tripathi

  • Chapter 4: Aapna Malwa – Khau ujaru sabhyata me, written by Prabhas Joshi

Chapter-wise NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antral

Students can refer to the Class 12 Hindi Antral Chapter 4 from the NCERT Solutions given on this page to prepare the chapter effectively. Also, they can click on the below-given links to download and refer to the NCERT Solutions for the three other chapters covered in Class 12 Hindi Antral.

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NCERT Solutions for Classes 1 to 12

All subjects’ NCERT Solutions for Class 1 to Class 12 are also available on Vedantu in PDF format for free download. The links to these solutions are listed below.

NCERT-Solutions-Class 12-Hindi Antral Chapter 4, Aapna Malwa – Khau Ujaru Sabhyata me, Written by Prabhas Joshi, is Available for Reading and Free Download on Vedantu. 

Here, you can read Chapter 4 of Class 12 Hindi NCERT Book. You can get the direct link to Class 12 Hindi Notes, NCERT Solutions, Important Question, Practice Papers at the end of the chapter, and download them for free for your practice.

In this story, the author has depicted the soil, rainfall, rivers with their origin and culture of the Malwa region. He compared this with earlier Malwa culture.

Earlier, Malwa was famous for its wealth and prosperity. Now it has become a symbol of Khau - Ujrau civilization. This Khau Ujrau civilization is the product of Europe, due to which the industrial development of civilization has become an uncivilized culture and the whole world is affected. The writer's environmental and civilization concern is not limited to Malwa but has become the subject of concern for all. America's Eat and desolate life system has influenced the world so much that we are destroying our way of life, culture, and civilization.

With this thought, the author has expressed his views against America's Khau - Ujrau civilization. Malwa is an example of how it has affected us. We are destroying ourselves in the real sense.

Through this story, the author has connected environmental concerns with the general public and has made people aware of environmental issues.

At the end of Chapter 4 Aapna Malwa – Khau ujaru sabhyata me, seven practice questions are there, which are answered in an easily understandable language, to help students to clear the concept and secure good marks in the upcoming CBSE Board Hindi examinations 2024-25. 

At the end of Chapter 4 Aapna Malwa Khau Ujaru Sabhyata Me, 7 questions are given for the practice purpose of students. All these questions are answered in an easy-to-understand language, to help students to get a clear concept of the chapter and secure good marks in the CBSE Term II 2024-25 Class 12 Hindi examination.


Conclusion 

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 4 - "Aapna Malwa- Khau Ujaru Sabhyata Me" provide students with a profound introduction to a unique culture and civilization. These solutions offer a comprehensive analysis of the poem's significance, imagery, and literary devices. With detailed explanations and critical interpretations in English, students can gain a deeper understanding of the nuances of the poetic composition. By engaging with these solutions, learners can enhance their language skills, literary comprehension, and critical thinking abilities in both Hindi and English. Overall, NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 4 empower students to explore the rich cultural heritage and excel in their language and literature studies.

FAQs on NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 4 Apna Malwa Khau Ujadu Sabhyata - 2025-26

1. NCERT Solutions के अनुसार, 'अपना मालवा' पाठ में भारी वर्षा का मालवा के जन-जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

पाठ के अनुसार, मालवा में जब भारी वर्षा होती है तो इसका जन-जीवन पर दोहरा प्रभाव पड़ता है। एक ओर, सभी नदी, नाले और तालाब पानी से लबालब भर जाते हैं, जिससे फसलें लहलहा उठती हैं और समृद्धि आती है। यह उत्साह और उत्सव का माहौल बनाता है। दूसरी ओर, अत्यधिक वर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति भी बन जाती है, जिससे पानी घरों में घुस जाता है और लोगों को थोड़ी परेशानी का सामना भी करना पड़ता है।

2. पाठ 'अपना मालवा' में मालवा में पहले जैसी बारिश न होने के मुख्य कारण क्या बताए गए हैं?

NCERT Solutions के अनुसार, मालवा में वर्षा की कमी के निम्नलिखित मुख्य कारण बताए गए हैं:

  • औद्योगीकरण: बढ़ते उद्योगों ने पर्यावरण को गंभीर रूप से प्रदूषित किया है, जिससे मौसम चक्र में बदलाव आया है।
  • वायु प्रदूषण: वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गर्म गैसों के बढ़ने से ओजोन परत को नुकसान पहुँचा है, जो वर्षा को प्रभावित करता है।
  • वनों की कटाई: बढ़ती आबादी और शहरीकरण के कारण पेड़ों और जंगलों की अंधाधुंध कटाई हुई है, जिससे मानसून का संतुलन बिगड़ गया है।

3. मालवा के प्राचीन राजाओं, जैसे विक्रमादित्य और भोज, ने जल संरक्षण के लिए क्या प्रबंध किए थे?

पाठ के अनुसार, मालवा के प्राचीन राजा विक्रमादित्य, भोज और मुंज जल संरक्षण के महत्व को समझते थे। उन्होंने बारिश के पानी को संग्रहित करने के लिए व्यापक प्रबंध किए। उन्होंने पूरे क्षेत्र में बड़ी संख्या में तालाब, कुएँ और बावड़ियों का निर्माण करवाया। ये संरचनाएँ वर्षा के जल को साल भर उपयोग के लिए सहेजकर रखती थीं, जिससे पानी की कमी की समस्या का सफलतापूर्वक सामना किया जा सकता था।

4. लेखक के अनुसार, 'हमारी आज की सभ्यता इन नदियों को अपने गंदे पानी के नाले बना रही है।' यह कैसे हो रहा है?

लेखक का यह कथन आज के औद्योगिक समाज पर एक तीखा व्यंग्य है। आधुनिक सभ्यता नदियों को कई तरीकों से गंदा नाला बना रही है:

  • औद्योगिक अपशिष्ट: कारखानों से निकलने वाले जहरीले और रासायनिक कचरे को बिना उपचार के सीधे नदियों में बहा दिया जाता है।
  • शहरी गंदगी: शहरों के सीवेज और घरों से निकलने वाले गंदे पानी को नदियों में मिला दिया जाता है।

इस निरंतर प्रदूषण के कारण नदियों का पानी जहरीला हो गया है, जो न केवल मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है बल्कि जलीय जीवन को भी नष्ट कर रहा है।

5. लेखक यह क्यों मानते हैं कि जिसे हम 'विकास की औद्योगिक सभ्यता' कहते हैं, वह असल में 'उजाड़ की अपसभ्यता' है?

लेखक ऐसा इसलिए मानते हैं क्योंकि आधुनिक औद्योगिक विकास प्रकृति का अंधाधुंध शोषण करके हासिल किया गया है। यह विकास केवल तात्कालिक लाभ देखता है और भविष्य के पर्यावरणीय परिणामों की अनदेखी करता है। हम विकास के नाम पर अपने जंगल, नदियाँ, और जमीन को नष्ट कर रहे हैं। इसलिए, यह सभ्यता निर्माण नहीं कर रही, बल्कि हमारे प्राकृतिक संसाधनों और जीवन शैली को उजाड़ रही है, जिसे लेखक ने 'उजाड़ की अपसभ्यता' कहा है।

6. 'अपना मालवा' पाठ में पारंपरिक जल प्रबंधन और आधुनिक इंजीनियरों की सोच में क्या अंतर बताया गया है?

पाठ में पारंपरिक जल प्रबंधन और आधुनिक इंजीनियरिंग के दृष्टिकोण में एक मौलिक अंतर दर्शाया गया है।

  • पारंपरिक ज्ञान: पुराने समय के लोग प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर काम करते थे। वे स्थानीय भूगोल और मौसम को समझकर तालाब और बावड़ियाँ बनाते थे, जो टिकाऊ होते थे।
  • आधुनिक दृष्टिकोण: आज के इंजीनियर अक्सर अपने तकनीकी ज्ञान को श्रेष्ठ मानते हैं और पारंपरिक तरीकों को पिछड़ा हुआ समझते हैं। वे यह भूल जाते हैं कि पहले के लोग बिना पश्चिमी शिक्षा के भी जल प्रबंधन में माहिर थे। यह आधुनिक अहंकार और प्रकृति से अलगाव को दर्शाता है।

7. पाठ में वर्णित 'खाऊ-उजाड़ू सभ्यता' का क्या अर्थ है और यह मालवा को कैसे प्रभावित कर रही है?

'खाऊ-उजाड़ू सभ्यता' का अर्थ उस उपभोक्तावादी संस्कृति से है जो संसाधनों का केवल उपभोग करना जानती है, उन्हें सहेजना या पुनर्स्थापित करना नहीं। यह 'खाओ और फेंको' की पश्चिमी जीवन शैली का प्रतीक है। यह सभ्यता मालवा को सीधे तौर पर प्रभावित कर रही है, क्योंकि इसके कारण वहाँ के उद्योग और जीवन शैली पर्यावरण को नष्ट कर रहे हैं, जिससे कभी समृद्ध रहा मालवा अब अपनी पहचान और प्राकृतिक संतुलन खो रहा है।

8. CBSE सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 12 हिंदी अंतराल के अध्याय 4 'अपना मालवा' के सटीक NCERT Solutions कहाँ मिल सकते हैं?

CBSE सत्र 2025-26 के लिए कक्षा 12 हिंदी के अध्याय 4 'अपना मालवा- खाऊ उजाड़ू सभ्यता में' के सभी अभ्यास प्रश्नों के विश्वसनीय और चरण-दर-चरण समाधान आपको Vedantu पर मिल जाएँगे। ये समाधान NCERT दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किए गए हैं ताकि छात्र प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लिखने की सही विधि सीख सकें और परीक्षा के लिए अपनी वैचारिक समझ को मजबूत कर सकें।