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NCERT Solutions for Class 11 Hindi Chapter 8: Bharatvarsh Ki Unnati Kaise Ho Sakti Hai (Antra)

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NCERT Solutions for Hindi Class 11 Chapter 8 - FREE PDF Download

Class 11 Hindi chapter Bharatvarsh Ki Unnati Kaise ho Sakti Hai?, the author, Bharatendu Harishchandra, takes us on a journey to explore how India can progress and develop. He emphasises that it’s not just about the big changes but also about how each of us plays a part in creating a better future for our country. The chapter touches on themes of social responsibility and the importance of working together to overcome challenges. It encourages us to reflect on our roles in society and think about how we can contribute to the nation's growth. The solutions provided here will help you understand the key messages in the chapter and why they matter today.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Hindi Class 11 Chapter 8 - FREE PDF Download
2. Glance on Class 11 Hindi Chapter 8 (Antra) 
3. Access NCERT Solutions for Class 11 Bharatvarsh Ki Unnati Kaise Ho Sakti Hai
4. Learnings of NCERT Solutions for Chapter 8 Bharatvarsh Ki Unnati Kaise Ho Sakti Hai?
5. Related Study Materials for Class 11 Hindi (Antra) Chapter 8 Khanabadosh
6. Conclusion 
7. Chapter-wise Important Questions for Hindi Class 11 - Antra
8. Other Book-wise Links for CBSE Class 11 Hindi Questions
9. Important Study Material for Hindi Class 11
FAQs


Our solutions for Class 11 Hindi Antra NCERT Solutions break the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 11 Hindi Syllabus and practise Hindi Class 11 Chapter 8.


Glance on Class 11 Hindi Chapter 8 (Antra) 

  • The chapter stresses how important it is for everyone to contribute to the country's progress. When we all pitch in, we can make a real difference.

  • It highlights the need for everyone to be aware of the issues facing the country so we can address them together.

  • The author encourages us to take pride in our culture and heritage, which can serve as a strong foundation for development.

  • Readers are urged to think critically about the challenges our society faces and consider creative solutions.

  • Chapter 8 serves as a reminder that we each have a role to play in driving change and improvement in our communities.

Access NCERT Solutions for Class 11 Bharatvarsh Ki Unnati Kaise Ho Sakti Hai

1. पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि, इस अभागे आलसी देश में जो कुछ हो जाए, वहीं बहुत कुछ है! क्यों कहा गया है ?

उत्तर: पाठ में, भारतेंदु जी ने कहा है कि, भारत के लोग बड़े आलसी प्रवृति वाले हो गए हैं। हर भारतीय को आलस्य ने अपने वश में कर लिया है। यही कारण है कि, भारत के लोग परिश्रम करने से भागते रहते हैं, जिसकी वजह से देश में निरंतर बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है। यह देखते हुए ही उन्होंने कहा है कि, दुर्भाग्यपूर्ण आलसी देश में, जो कुछ हो जाए, वही बहुत कुछ है। मनुष्य और देश के विकास के लिए हमें अपने भीतर व्याप्त आलस्य को दूर करना होगा। हर भारतीयों को अपनी आलस्य रूपी बीमारी से छुटकारा पाना होगा, तभी देश की प्रगति होगी।


2. 'जहाँ रॉबर्ट साहब बहादुर जैसे कलेक्टर हों, वहाँ क्यों न ऐसा समाज हो' वाक्य में लेखक ने किस प्रकार के समाज की कल्पना की है ?

उत्तर: इस वाक्य को लिखते हुए, लेखक ने एक ऐसे समाज की कल्पना की है, जहां राजा सतर्क व समझदार है और जहां राजा सतर्क होता है । वहां के लोगों का जागरूक होना तो निश्चित है, उन्हें आलस्य नहीं होता। समाज को अपने और राज्य के विकास के लिए मिल जुल कर काम करना होगा जिससे समाज भी जागरूक और विकसिक होगा।


3. जिस प्रकार ट्रेन बिना इंजिन के नहीं चल सकती ठीक उसी प्रकार 'हिंदुस्तानी लोगों को कोई चलानेवाला हो' से लेखक ने अपने देश की खराबियों के मूल कारण खोजने के लिए क्यों कहा है ?

उत्तर: लेखक का मानना है कि, भारतीय आलस्य के कारण बेकार हो गए हैं। उनकी योग्यताएं आलस्य के कारण समाप्त हो गई है। उनमें अब नेतृत्व के गुण नहीं हैं। विभिन्न जातियों, समुदायों आदि के लोग पूरे भारत में रहते हैं। उनके पास खुद चलने की क्षमता नहीं है। उन्हें सदियों से एक बाहरी व्यक्ति द्वारा पोषित किया गया है,यह सही नहीं है, हमे स्वयं अपने बल बूते पे खड़ा होना होगा। तो लेखक कहता है कि, हमें इसका कारण खोजना होगा। हम समस्या का समाधान तब तक नहीं कर पाएंगे जब तक हम कारण की जड़ नहीं खोज लेते। हमें समस्या को खोजने और उसे हल करने की आवश्यकता है। हम भारतीयों दोष केवल यह है कि हम समस्या को पहचानते हैं, लेकिन इसका मूल कारण नहीं खोजते हैं। जिस दिन हमने इसे पहचान लिया और समस्या का हल ढूंढ लिया, उस दिन हमारे दिन लौट आएंगे।


4. देश की सब प्रकार की उन्नति हो, इसके लिए लेखक ने जो उपाय बताए उनमें से किन्हीं चार का उदाहरण सहित उल्लेख कीजिए ।

उत्तर: पाठ में, लेखक ने देश की प्रगति के लिए चार उपाय दिए हैं। वे इस प्रकार हैं: 

( क ) लेखक का कहना है कि, आलस्य हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है। इसी ने हमें निकम्मा बना दिया है। इसलिए हमें इस आलस्य को छोड़ना होगा और अपने समय का सही उपयोग करना होगा। समय का सदुपयोग और आत्मविश्वास से हम प्रगति के पथ पर चल सकते हैं।

(ख) हमें अपने हितों और अहितों का त्याग करना होगा। लेखक के अनुसार, हमें अपने देश, जाति, समाज आदि के लिए अपने हितों और अहितों का त्याग करना होगा ।

(ग) हमें शिक्षा के महत्व को समझना होगा और इसे भारत के हर घर में लाना होगा। इस तरह शिक्षित भारत की प्रगति निश्चित है।

(घ ) हमें भारत के बाहर अन्य स्थानों के अस्तित्व को भी समझना होगा। इस तरह, हम कुओं की सनक नहीं बनेंगे और  निश्चित रूप से प्रगति करेंगे।


5. लेखक जनता के मत-मतांतर छोड़कर, आपसी प्रेम बढ़ाने का आग्रह क्यों करता है ?

उत्तर: लेखक जानता है कि, भारतीय लोगों के पिछड़ेपन का सबसे बड़ा कारण जाति और धार्मिक भेदभाव है। इसने भारत की नींव को खोखला बना दिया है। इसी कारण से भारत की एकता और अखंडता खंडित हो रही है। धर्म और जातिय भेदभाव के कारण लोगों के मन में दूरियां बन गई है। जिसका फायदा दुसरे बखूबी निभातें है, अंग्रेजों ने यहां 'फुट डालो शासन करो' की नीति पर शासन किया है। भारतीय जिस दिन मन की दूरियों को खत्म कर आपस में प्रेम भाव से रहने लगेंगे , उस दिन हमारा देश एकता के सूत्र में बंध जाएगा। ऐसा कोई शासक नहीं होगा जो हमें गुलाम बनाकर रख सके। इसलिए, वह आपसी बैर को त्यागने और आपसी प्रेम व भाईचारा बढ़ाने का आग्रह करता है।

 

6. आज देश की आर्थिक स्थिति के संदर्भ में, निम्नलिखित वाक्य को एक अनुच्छेद स्पष्ट कीजिए:

'जैसे हज़ार धारा होकर गंगा समुद्र में मिली हैं, वैसी ही तुम्हारी लक्ष्मी हज़ार तरह से इंग्लैंड, फरांसीस, जर्मनी, अमेरिका को जाती हैं।'

उत्तर: लेखक का कहना है कि भारत का पैसा इंग्लैंड, फ्रांसिस, जर्मनी और अमेरिका में हजारों रूपों में जा रहा है। आज, स्थिति पूरी तरह ऐसी नहीं है, फिर भी हमारा पैसा इन देशों में जा रहा है। आज भी, भारतीय विदेशी ब्रांड के कपड़े, जूते, घड़ियाँ, परफ्यूम आदि उपयोग करते हैं और इस तरह पैसा देश से बाहर जा रहा है। लोग स्वदेशी चीजों को छोड़ कर विदेशी चीजों पे ज्यादा विश्वास करते हैं।जिसके कारण खुद के देश का पैसा दुसरे देश चला जाता है।


7. आपके विचार से देश की उन्नति किस प्रकार संभव है ? कोई चार उदाहरण तर्क सहित दीजिए |

उत्तर: हमारे विचार में देश की प्रगति के लिए ये चार उपाय प्रभावी हैं: 

(क) हमें आलस ना करके, हमेशा काम करते रहना चाहिए। इस तरह हम समय के मूल्य को पहचान पाएंगे और इसका सही इस्तेमाल कर पाएंगे।

(ख) हमें अपने देश के विकास और प्रगति के लिए भी काम करना चाहिए। इसी प्रकार, यह सर्वविदित है कि जैसे-जैसे हम विकास और प्रगति की ओर बढ़ते हैं, देश की प्रगति और विकास भी साथ साथ होती है। हम देश के साथ जुड़े हुए हैं,इसलिए हमारी प्रगति में ही देश की तरक्की है।

(ग) देश में शिक्षा का प्रसार करना आवश्यक है। जहां शिक्षा है, वहां विकास का मार्ग स्वयं खुल जाता है। इसलिए, यह सुनिश्चित  करना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हर वेश, भाषा, रंग, जाति, संप्रदाय, धर्म का हर एक नागरिक शिक्षित हो। 

(घ) हमें जनसंख्या पर नियंत्रण करना होगा । हमारे देश के असमान्य जनसंख्या के कारण एक दिन सारे संसाधन समाप्त हो जाएंगे और हमें अन्य देशों पर निर्भर होना पड़ेगा। इसलिए हमें जनसंख्या को बढ़ने से रोकना होगा ।


8. भाषण की किन्हीं चार विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। उदाहरण देकर सिद्ध कीजिए कि पाठ 'भारतवर्ष की उन्नति कैसे हो सकती है?' एक भाषण है।

उत्तर: भाषण की चार विशेषताएँ इस प्रकार हैं: - 

( क ) भाषण संबोधन शैली पर आधारित होती है। यह शुरुआत से ही किया जाता है। 

( ख ) भाषण के समय, ऐसे उदाहरण जनता के सामने रखे जाते हैं, जो उन्हें विषय से जोड़े रखते हैं और कही गई हर बात को और प्रभावी बनाते हैं।

(ग) दर्शकों को किसी विषय से अवगत कराने का यह सबसे अच्छा तरीका है। इसके जरिए दर्शकों का विश्वास हासिल किया जाता है। यह दर्शकों के साथ संबंध स्थापित करने का सबसे प्रभावी तरीका है।

(घ) ऐसे विषयों का उल्लेख करना आवश्यक है जो श्रोता के लिए ज्ञानवर्धक हैं। 

भारतेंदु जी का यह भाषण सर्वविदित है। इसके माध्यम से उन्होंने बलिया के लोगों को जोड़ा। इसमें उन्होंने भारत के लोगों की कमियों के बारे में बताया, ब्रिटिश शासन पर व्यंग्य किया और उनके काम की प्रशंसा की। इसमें उन्होंने कई विषयों पर बात कि, की मैंने यह भाषण चेतावनी और लोगों को सावधान करने के उद्देश्य से दिया था। इस भाषण में हर विषय को बताया जो किसी न किसी तरह से भारत को कमजोर बना रहा था।


9. 'अपने देश में अपनी भाषा में उन्नति करो से लेखक का क्या तात्पर्य है ? वर्तमान संदर्भों में इसकी प्रासंगिता पर अपने विचार कीजिए। प्रस्तुत

उत्तर: हर देश की अपनी राष्ट्रीय भाषा होती है। सभी आधिकारिक और गैर-आधिकारिक कार्य एक ही भाषा में किए जाते हैं। यह शिक्षा का एक माध्यम भी है। कोई भी देश अपनी राष्ट्रीय भाषा के माध्यम से विकास के पथ पर अग्रसर होता है। और सभी देशवासियों के सहयोग से ही देश आगे बढ़ता है। दुनिया के अनेक देशों ने अपनी भाषा में आसमान की बुलंदियों को छुआ है । इसलिए उन्नति का तात्पर्य सिर्फ भाषा ही नहीं बल्कि उसके माध्यम से विकास से है। जापान और चीन जैसे देश अपनी भाषा का उपयोग करते हैं। यही कारण है कि यह देश सबसे सफल है। लेकिन विडंबना देखिए कि हिंदी की आजादी के 63 साल बाद भी उसके सम्मान का स्थान उसे हासिल नहीं हो सका, आज तक हमारे राष्ट्र भाषा का चयन नही हो सका।

स्वतंत्रता के समय, हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करने के प्रयास कई लोगो ने किया, जिसपर लोगो का विरोध देखने को मिला और यह तर्क दिया गया कि इससे प्रांतीय भाषा को पीछे छोड़ दिया जाएगा। यदि कई प्रमुख नेता और अभिनेता अपनी भाषा में बयान देने से कतराते हैं, तो इसे भारत में कैसे स्थापित किया जाएगा। भारतीयों द्वारा हिंदी को अपमानित किया जा रहा है। अखिल भारतीय भाषा संरक्षण संगठन हिंदी और अन्य भाषाओं का परीक्षण कुछ समय के लिए किया गया है। इसे माध्यम बनाने के लिए संघर्ष किया। यह अभी तक सफल नहीं हुआ है। एक दिन जरूर होगा जब जनता सरकार को मजबूर करेगी और हिंदी को अपनी जगह जरूर मिलेगी


10. देश की उन्नति के लिए भारतेंदु ने जो आह्वान किया है उसे विस्तार से लिखिए।

उत्तर: भारतेंदु ने लोगों से कहा है कि, वे पश्चिमी देशों से सीखें। वह कहते हैं कि भारतीयों ने इंजन बनने की क्षमता खो दी है। वे रेल के कोच की तरह हैं जिन्हें चलाने के लिए इंजन की आवश्यकता होती है। यहां हमारे राजाओं के पास नष्ट करने का समय था। लेकिन अंग्रेज ऐसा नहीं करते हैं। बहुत से लोग यह कहते हुए अपना जीवन बर्बाद करते हैं कि हमें अपने पेट के लिए कमाना है। उनका मानना है कि पेट भरने के लिए नहीं लोगों को प्रगति के बारे में सोचना चाहिए। भारत इसके अलावा, बाहर के देशों में कई लोग हैं जो अपना आधा पेट भरकर जीते हैं, लेकिन वे अपना समय बर्बाद नहीं करते हैं। धर्म, जाति आदि के नाम पर लड़ते हुए समय बर्बाद करना कहां की समझदारी है, लड़ाई के बजाय एकजुट होना बेहतर है। सभी का सम्मान होना चाहिए। हमें नींद से जागने और देश की प्रगति के लिए आगे बढ़ने की जरूरत है। हमें अपनी विदेशी वस्तु और भाषा को हटा देना चाहिए और अपनी स्वदेशी वस्तु और भाषा पर भरोसा करना चाहिए। 

   

योरयता-विस्तार

प्रश्न 1. देश की उन्नति के लिए भारतेंदु ने जो आह्वान किया है उसे विस्तार से लिखें।
उत्तर: पाठ के सार का अध्ययन करें।


प्रश्न 2. पंक्ति पूरी कीजिए, अर्थ लिखिए और इन्हें जिन कवियों-शायरों ने लिखा है, उनका नाम लिखिए।


(क) अजगर करै न चाकरी, पंछी करै न काम
उत्तर: “अजगर करे न चाकरी, पंछी करै न काम, दास मलूका कहि गए, सबके दाता राम।” इस पंक्ति के कवि मलूकादास हैं। इसका अर्थ है कि भारत में चाहे व्यक्ति छोटा हो या बड़ा, वह काम करने से कतराता है और आराम से बैठकर खाने की आदत बना लेता है। इसलिए, कवि का कहना है कि ऐसे लोगों का स्वामी केवल भगवान ही है।


(ख) अबकी चढ़ी कमान, को जानै फिर कब चढ़ै।
उत्तर: “अबकी चढ़ी कमान, को जानै फिर कब चढ़ै। जिनि चुक्के चौहान, इक्के मारय इक्क सर।” इस पंक्ति के कवि चंद हैं। इसका अर्थ है कि जब भी अवसर मिले, उसे पहचानकर उसका लाभ उठाना चाहिए, क्योंकि शायद फिर ऐसा मौका न मिले। पृथ्वीराज चौहान ने गियासुद्दीन को अंधा कर दिया और उस समय के लाभ उठाते हुए गियासुद्दीन का सिर काट दिया।


(ग) शौक तिफ़्ली से मुझे गुल की जो दीदार का था।
उत्तर: “शशक तिफ़्ली से मुझे गुल की जो दीदार का था। न किया हमने गुलिस्ताँ का सबक याद कभी।” इस पंक्ति के शायर मीरहसन हैं। इसमें शायर ने यह कहा है कि नौजवान पीढ़ी को बचपन से गलत मार्ग दिखाया गया है। इसका अर्थ है कि मैंने कभी भी दुनियादारी का पाठ नहीं पढ़ा क्योंकि बचपन में मुझे बाजार के फूलों को देखने का बहुत शौक था।


प्रश्न 3. भारतेंदु उर्दू में किस उपनाम से कविताएँ लिखते थे? उनकी कुछ उर्दू कविताएँ ढूँढ़कर लिखें।
उत्तर: विद्यार्थी इस प्रश्न का उत्तर अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं लिखें।


प्रश्न 4. पृथ्वीराज चौहान की कथा अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: लेखक अपने भाषण में पृथ्वीराज चौहान की कथा के माध्यम से यह प्रेरणा देना चाहते हैं कि जब भी कोई अवसर मिले, उसका लाभ उठाना चाहिए। पृथ्वीराज चौहान को गौरी युद्ध में पराजित कर कैद किया गया और उसे दिल्ली लाया गया। पृथ्वीराज के साथ उसका मित्र चंद कवि भी कैदी था। उसकी आँखें फोड़ दी गई थीं। शहाबुद्दीन के भाई गियासुद्दीन को बताया गया कि पृथ्वीराज शब्दभेदी बाण चलाता है।


पृथ्वीराज की परीक्षा लेने के लिए एक सभा आयोजित की गई। लोहे के सात तावे बनवाए गए, जिन्हें पृथ्वीराज ने आवाज सुनकर तीर से भेदना था। तीर चलाने का संकेत यह था कि जब गियासुद्दीन 'हूँ' कहेगा, तभी तीर छोड़ा जाएगा। चंद कवि ने पृथ्वीराज के लिए यह दोहा पढ़ा: “अबकी चढ़ी कमान, को जानै फिर कब चढ़ै। जिनि चुक्के चौहान, इक्के मारय इक्क सर।” चंद कवि के इशारे को समझते हुए, जब गियासुद्दीन ने 'हूँ' कहा, पृथ्वीराज ने उसी बाण से उसे मार दिया। इस प्रकार पृथ्वीराज चौहान ने अवसर पाकर अपना कार्य पूरा किया। इसी तरह, यदि हमें भी उन्नति करने का अवसर मिले, तो हमें उसका लाभ उठाना चाहिए।


Learnings of NCERT Solutions for Chapter 8 Bharatvarsh Ki Unnati Kaise Ho Sakti Hai?

  1. Importance of Love for Your Country: The chapter shows how deep love for our nation can motivate us to work for its betterment.

  2. The Role of Education: Education is portrayed as a powerful tool that enables individuals to contribute positively to society.

  3. Unity Matters: It emphasises that coming together as a community can help us tackle the challenges we face.

  4. Value of Hard Work: The narrative reinforces the idea that hard work and perseverance are crucial for achieving our goals.

  5. Empowerment Through Action: Readers are encouraged to take steps toward making a positive impact in their communities.


Related Study Materials for Class 11 Hindi (Antra) Chapter 8


Conclusion 

NCERT Solutions for Class 11 Hindi chapter Bharatvarsh ki unnati kaise ho sakti hai? Offers valuable insights into what it takes for India to move forward. The chapter calls on each of us to recognise our responsibilities and take action for the betterment of society. It reminds us that every little effort counts when it comes to national progress. By engaging with Chapter 8, students can think about their roles as active citizens and how they can contribute to a brighter future for India. The solutions provided will help clarify the main ideas and encourage thoughtful discussions about how we can all make a difference.


Chapter-wise NCERT Solutions Class 11 Hindi - Antra


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FAQs on NCERT Solutions for Class 11 Hindi Chapter 8: Bharatvarsh Ki Unnati Kaise Ho Sakti Hai (Antra)

1. What is the main idea of NCERT Solutions for the Class 11 Hindi chapter 8?

The main idea focuses on how each person can contribute to India's progress and the collective responsibilities we share.

2. How does the author suggest overcoming the issues India faces in NCERT Solutions for the Class 11 'Bharatvarsh ki unnati kaise ho sakti hai'?

The author emphasises the importance of working together, being socially aware, and taking individual responsibility to make a change.

3. What role does education play in chapter 8 'Bharatvarsh ki unnati kaise ho sakti hai'?

Education is highlighted as essential for empowering people to contribute positively to society and tackle challenges effectively.

4. How does the chapter promote cultural pride in Bharatvarsh ki unnati kaise ho sakti hai?

It encourages readers to embrace their cultural heritage as a source of strength and a foundation for development.

5. What call to action is made in NCERT Solutions for chapter 8 'Bharatvarsh ki unnati kaise ho sakti hai'?

The chapter motivates individuals to take initiative and engage in actions that promote societal growth and improvement. 

6. How does Chapter 8 encourage critical thinking in NCERT Solutions for Class 11 Hindi'?

Students are invited to analyse the issues facing Indian society critically and think about effective solutions.

7. What does unity mean in the context of chapter 8 'Bharatvarsh ki unnati kaise ho sakti hai'?

Unity is presented as essential for overcoming challenges, suggesting that when we come together, we can achieve much more.

8. What lessons about hard work do the chapter teach in NCERT Solutions for Class 11 Hindi chapter 'Bharatvarsh ki unnati kaise ho sakti hai'?

It emphasises that hard work and perseverance are vital for achieving personal and national success.

9. How can readers feel empowered by the chapter 'Bharatvarsh ki unnati kaise ho sakti hai'?

The narrative encourages readers to realise their potential to create positive change in their communities through action.

10. How can students apply what they've learned from NCERT Solutions for Class 11 Chapter 8?

Students can engage in community initiatives, advocate for social awareness, and promote unity among different groups in their lives.