CBSE Important Questions for Class 11 Hindi Aroh Namak ka Daroga - 2025-26
FAQs on CBSE Important Questions for Class 11 Hindi Aroh Namak ka Daroga - 2025-26
1. 'नमक का दारोगा' कहानी से 3-अंकीय प्रश्न के लिए मुंशी वंशीधर के किन चारित्रिक गुणों का उल्लेख करना महत्वपूर्ण है?
CBSE 2025-26 परीक्षा के लिए, 'नमक का दारोगा' से मुंशी वंशीधर के चरित्र चित्रण पर आधारित 3-अंकीय प्रश्न के उत्तर में निम्नलिखित गुणों का उल्लेख करना आवश्यक है:
- कर्तव्यनिष्ठा: वे अपने कर्तव्य को सर्वोपरि मानते थे और किसी भी प्रलोभन के आगे नहीं झुकते थे।
- ईमानदारी: पिता के रिश्वत लेने के सुझाव के विपरीत, उन्होंने ईमानदारी का मार्ग चुना।
- निर्भीकता: उन्होंने क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति, पंडित अलोपीदीन को भी गिरफ्तार करने का साहस दिखाया।
- सत्यनिष्ठा: उन्होंने धन के बजाय धर्म और सत्य के मार्ग पर चलना चुना, जो उनकी आंतरिक शक्ति को दर्शाता है।
2. 'नमक का दारोगा' से किस प्रकार के मूल्य-आधारित प्रश्न (value-based questions) 2025-26 की परीक्षा में पूछे जाने की उम्मीद है?
इस अध्याय से अपेक्षित मूल्य-आधारित प्रश्न छात्रों की नैतिक समझ का परीक्षण करेंगे। एक संभावित प्रश्न यह हो सकता है: "'ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का मूल्य किसी भी भौतिक संपत्ति से बड़ा होता है।' 'नमक का दारोगा' कहानी के आधार पर इस कथन की विवेचना करें।" इसका उत्तर देते समय, छात्रों को वंशीधर के कार्यों और पंडित अलोपीदीन के अंतिम निर्णय का उदाहरण देकर यह सिद्ध करना होगा कि कैसे नैतिक मूल्य अंततः भौतिक धन पर विजय प्राप्त करते हैं।
3. कहानी के अंत में पंडित अलोपीदीन के हृदय परिवर्तन का क्या महत्व है? यह एक दीर्घ-उत्तरीय प्रश्न के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
पंडित अलोपीदीन का हृदय परिवर्तन कहानी का एक महत्वपूर्ण मोड़ है क्योंकि यह 'धर्म की धन पर विजय' के केंद्रीय संदेश को स्थापित करता है। दीर्घ-उत्तरीय प्रश्न के लिए यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि:
- यह दर्शाता है कि एक व्यक्ति की अटूट ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा सबसे शक्तिशाली और धनी व्यक्ति को भी प्रभावित कर सकती है।
- अलोपीदीन का वंशीधर को अपनी पूरी संपत्ति का स्थायी मैनेजर नियुक्त करना, यह स्वीकार करना है कि चरित्र की संपत्ति सांसारिक धन से कहीं अधिक मूल्यवान है।
- यह कहानी को एक सकारात्मक और आशावादी अंत देता है, जो नैतिक मूल्यों की अंतिम जीत को स्थापित करता है।
4. 'नमक का दारोगा' कहानी का मूल संदेश क्या है और यह CBSE Class 11 के पाठ्यक्रम में क्यों शामिल है?
कहानी का मूल संदेश यह है कि कठिन परिस्थितियों में भी ईमानदारी और कर्तव्य के प्रति निष्ठा अंततः सम्मान और सफलता दिलाती है। यह दिखाती है कि नैतिक मूल्यों की शक्ति भौतिक धन और सामाजिक प्रभाव से कहीं अधिक है। इसे CBSE पाठ्यक्रम में इसलिए शामिल किया गया है ताकि छात्रों को सत्यनिष्ठा, साहस और नैतिक जिम्मेदारी जैसे मूल्यों के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके, जो एक आदर्श नागरिक के निर्माण के लिए आवश्यक हैं।
5. वंशीधर के पिता द्वारा दी गई सलाह और वंशीधर के वास्तविक कार्यों के बीच क्या विरोधाभास है? यह कहानी के मुख्य संघर्ष को कैसे उजागर करता है?
वंशीधर के पिता ने उन्हें सलाह दी थी कि 'मासिक वेतन तो पूर्णमासी का चाँद है' और उन्हें ऊपरी आय (रिश्वत) पर ध्यान देना चाहिए। इसके ठीक विपरीत, वंशीधर ने अपने कर्तव्य को सर्वोपरि माना और रिश्वत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। यह विरोधाभास कहानी के मुख्य नैतिक संघर्ष को उजागर करता है - एक ओर समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और व्यावहारिक सोच है, और दूसरी ओर एक युवा अधिकारी के आदर्श और सिद्धांत। वंशीधर का अपने पिता की सलाह के विरुद्ध जाना ही कहानी का केंद्रीय द्वंद्व है।
6. परीक्षा की दृष्टि से, 'नमक का दारोगा' में 'नमक' किसका प्रतीक है? इस प्रतीक पर आधारित एक महत्वपूर्ण प्रश्न कैसे तैयार किया जा सकता है?
परीक्षा के संदर्भ में, 'नमक' केवल एक वस्तु नहीं है, बल्कि यह ईमानदारी, कर्तव्य और राष्ट्र के प्रति निष्ठा का प्रतीक है। जिस प्रकार नमक भोजन के लिए आवश्यक है, उसी प्रकार ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा एक समाज के लिए आवश्यक है। इस पर आधारित एक महत्वपूर्ण प्रश्न हो सकता है: "'नमक का दारोगा' कहानी में नमक के प्रतीकात्मक अर्थ को स्पष्ट करते हुए बताइए कि लेखक ने इसे कहानी का केंद्रीय तत्व क्यों बनाया?"
7. क्या पंडित अलोपीदीन का हृदय परिवर्तन केवल एक नैतिक epiphany था, या यह एक चतुर व्यवसायी का व्यावहारिक निर्णय भी था?
यह एक उच्च-स्तरीय चिंतन प्रश्न (HOTS) है। ऊपरी तौर पर यह एक नैतिक epiphany लगता है, लेकिन गहराई से देखने पर यह एक व्यावहारिक निर्णय भी है। पंडित अलोपीदीन, एक अनुभवी और चतुर व्यवसायी होने के नाते, यह समझ गए थे कि वंशीधर जैसा ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति उनकी विशाल संपत्ति की देखभाल के लिए सबसे विश्वसनीय व्यक्ति हो सकता है। उन्होंने वंशीधर की ईमानदारी में अपनी संपत्ति की दीर्घकालिक सुरक्षा देखी, जो किसी भी भ्रष्ट प्रबंधक से संभव नहीं थी। अतः, यह नैतिक जागृति और व्यावसायिक बुद्धिमत्ता का एक संयोजन था।
8. CBSE 2025-26 की परीक्षा के लिए 'नमक का दारोगा' अध्याय से कौन से दो दृश्य व्याख्या (passage explanation) के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं?
व्याख्या-आधारित प्रश्नों के लिए, दो दृश्य विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं:
- नदी के तट पर टकराव का दृश्य: जब वंशीधर, पंडित अलोपीदीन की गाड़ियों को रोकते हैं और उनके बीच संवाद होता है। यह दृश्य धन और धर्म के बीच सीधे टकराव को दर्शाता है।
- कहानी का अंतिम दृश्य: जब पंडित अलोपीदीन स्वयं वंशीधर के घर जाकर उन्हें अपनी संपत्ति का मैनेजर नियुक्त करते हैं। यह दृश्य कहानी के संदेश और पात्रों के चरित्र परिवर्तन को चरमोत्कर्ष पर ले जाता है।
इन दृश्यों से संवाद, भाषा शैली और निहित अर्थ पर प्रश्न बन सकते हैं।

















