Courses
Courses for Kids
Free study material
Offline Centres
More
Store Icon
Store

NCERT Solutions For Class 8 Hindi Malhar Chapter 10 Tarun Ke Swapn - 2025-26

ffImage
banner

Stepwise Solutions and Important Questions for Hindi Chapter 10 Tarun Ke Swapn

Exploring the world of NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10: NCERT Solutions Class 8 Hindi Malhar Chapter 10 Tarun Ke Swapn can truly make your exam prep smoother. These solutions are designed for easy understanding and stepwise practice, keeping CBSE 2025–26 patterns in mind.


With exercise-wise solutions, handy revision tips, and free PDF access, you’ll be ready for every type of question—from short back exercise answers to in-depth definitions. Practicing with these stepwise answers helps you earn marks at every step and build exam confidence.


Download the full set for CBSE 2025–26 Hindi Class 8 solved questions, important question answers, and quick revision. Start using these NCERT Class 8 Hindi stepwise answers to score your best in school exams—success is just a step away!


Stepwise Solutions and Important Questions for Hindi Chapter 10 Tarun Ke Swapn

मेरी समझ से

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उपयुक्त उत्तर के सम्मुख तारा (★) बनाइए। कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

प्रश्न 1.
“उनके स्वप्न के उत्तराधिकारी आज हम हैं।” इस कथन में रेखांकित शब्द ‘हम’ किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
(क) सुभाषचंद्र बोस के लिए
(ख) देश के तरुण वर्ग के लिए
(ग) चित्तरंजन दास के लिए
(घ) भारतवासियों के लिए

उत्तर:
(ख) देश के तरुण वर्ग के लिए


(ख) देश के तरुण वर्ग के लिए


प्रश्न 2.

स्वाधीन राष्ट्र का स्वप्न साकार होगा—

(क) आर्थिक असमानता से

(ख) स्त्री-पुरुष के भिन्न अधिकारों से

(ग) श्रम और कर्म की मर्यादा से

(घ) जातिभेद से

उत्तर:

(ग) श्रम और कर्म की मर्यादा से


(ग) श्रम और कर्म की मर्यादा से


प्रश्न 3.

“उनके स्वप्न के उत्तराधिकारी आज हम हैं।” ‘उत्तराधिकारी’ होने से क्या अभिप्राय है?

(क) हमें उनके स्वप्नों को संजोकर रखना है

(ख) हमें भी उनकी तरह स्वप्न देखने का अधिकार है

(ग) उनके स्वप्नों को पूरा करने के लिए हमें ही कर्म करना है

(घ) उनके स्वप्नों पर चर्चा करने का दायित्व हमारा ही है।

उत्तर:

(ग) उनके स्वप्नों को पूरा करने के लिए हमें ही कर्म करना है


प्रश्न 4.
जब प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा और उन्नति का समान अवसर प्राप्त होगा तब-
(क) राष्ट्र की श्रम-शक्ति बढ़ेगी
(ख) तरुणों का साहस बढ़ेगा
(ग) राष्ट्र स्वाधीन बनेगा
(घ) राष्ट्र स्वप्नदर्शी होगा
उत्तरः
(ख) तरुणों का साहस बढ़ेगा


(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?

उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।


मिलकर करें मिलान

नीचे स्तंभ 1 में पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं और स्तंभ 2 में उन पंक्तियों से संबंधित भाव-विचार दिए गए हैं। स्तंभ 1 में दी गई पंक्तियों का स्तंभ 2 में दिए गए भाव – विचार से सही मिलान कीजिए ।


नीचे स्तंभ 1 में पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं और स्तंभ 2 में उन पंक्तियों से संबंधित भाव-विचार दिए गए हैं। स्तंभ 1 में दी गई पंक्तियों का स्तंभ 2 में दिए गए भाव – विचार से सही मिलान कीजिए ।


उत्तर:
1. 2
2. 3
3. 1


पंक्तियों पर चर्चा

पाठ से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और इन पर विचार कीजिए । आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपनी कक्षा में साझा कीजिए ।

(क) “उस समाज में अर्थ की विषमता न हो।”
(ख) “वही स्वप्न उनकी शक्ति का उत्स बना और उनके आनंद का निर्झर रहा ।”
(ग) “उस समाज में व्यक्ति सब दृष्टियों से मुक्त हो ।”

उत्तर:

(क)
सुभाषचंद्र बोस ने एक ऐसे स्वतंत्र और समृद्ध राष्ट्र का सपना देखा था, जहाँ सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलें। उन्होंने ऐसी व्यवस्था की कल्पना की, जिसमें हर व्यक्ति को उसकी जरूरतों के अनुसार उचित अवसर और संसाधन उपलब्ध हों। उनका मानना था कि देश को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनाना चाहिए। स्वतंत्रता और राष्ट्रीय प्रगति के लिए आर्थिक व सामाजिक समानता अत्यंत आवश्यक है।

(ख)
नेताजी ने युवाओं को अपनी मातृभूमि को ब्रिटिश साम्राज्यवादी शासन से मुक्त कराने के लिए स्वतंत्र राष्ट्र के सपने और उच्च विचारों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उनके राजनीतिक गुरु देशबंधु चित्तरंजन दास, जो महान विचारक और स्वतंत्रता सेनानी थे, से नेताजी को दिशा और प्रेरणा मिली। देशबंधु का सपना नेताजी के लिए शक्ति और आनंद का स्रोत बना।

(ग)
‘उस समाज में व्यक्ति सब दृष्टियों से मुक्त हो’—इस कथन का अर्थ है कि समाज में हर स्तर पर समानता हो। प्रत्येक भारतीय को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से अपने अधिकारों और कर्तव्यों का बोध हो और वे आज़ादी व देश की प्रगति में समान रूप से सहभागी बनें। इसमें जातिवाद का अंत और महिलाओं का सशक्तिकरण भी शामिल है।


सोच-विचार के लिए


अब आप इस पाठ को पुनः पढ़िए और निम्नलिखित के विषय में पता लगाकर लिखिए-


(क) नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने किस प्रकार के राष्ट्र निर्माण का स्वप्न देखा था ?

उत्तर: नेताजी ने एक खुशहाल, समृद्ध, स्वतंत्र और आत्मनिर्भर भारत की कल्पना की थी। उन्होंने ऐसे देश का सपना देखा था जहाँ सामाजिक समानता हो, स्वदेशी उद्योगों को मजबूती मिले और हर दृष्टि से स्वतंत्र समाज राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सके।


(ख) नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने किस लक्ष्य की प्राप्ति को अपने जीवन की सार्थकता के रूप में देखा ?

उत्तर: सुभाषचंद्र बोस भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के संघर्ष के प्रमुख नेताओं में से थे। उन्होंने अपने सिद्धांतों और आदर्शों से देश के युवाओं को नई प्रेरणा दी। देश को आज़ाद कराना ही उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य था। राष्ट्र निर्माण के लिए उन्होंने श्रम, त्याग और बलिदान को जीवन का वास्तविक मूल्य माना।


(ग) “ आलसी तथा अकर्मण्य के लिए कोई स्थान नहीं रहेगा।” सुभाषचंद्र बोस ने ऐसा क्यों कहा होगा?

उत्तर: सुभाषचंद्र बोस ने एक ऐसे स्वतंत्र और समृद्ध राष्ट्र की कल्पना की थी, जहाँ प्रत्येक व्यक्ति राष्ट्र सेवा में समान रूप से सहभागी हो। वे चाहते थे कि देश के युवाओं में देशभक्ति, मेहनत, त्याग और समर्पण की भावना प्रबल हो। उनके अनुसार, देश की प्रगति के लिए श्रम और कर्म का विशेष महत्व है और ऐसे समाज में आलसी, भ्रष्ट या निष्क्रिय लोगों के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए।


(घ) नेताजी सुभाषचंद्र बोस के लक्ष्यों या ध्येय को पूरा करने के लिए आज की युवा पीढ़ी क्या – क्या कर सकती है?

उत्तर: सुभाषचंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा लेते हुए आज की पीढ़ी को स्वतंत्रता, समानता और सच्ची देशभक्ति के मूल्यों को अपनाना चाहिए। उनके विचारों और व्यक्तित्व से सीख लेकर युवाओं को समाज और देश की प्रगति के लिए आगे आना चाहिए। "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा" जैसे उनके प्रेरक नारे से हर भारतीय के भीतर देशभक्ति की भावना जागृत होती है। युवाओं को अपने निजी स्वार्थों से ऊपर उठकर, राष्ट्र को समर्पित रहना चाहिए और समाज की भलाई तथा देश की स्वतंत्रता को सर्वोपरि मानते हुए कार्य करना चाहिए।


अनुमान और कल्पना से


(क) “उस समाज में व्यक्ति सब दृष्टियों से मुक्त हो”, सुभाषचंद्र बोस ने किन-किन दृष्टियों से मुक्ति की बात की होगी?

उत्तर: सुभाषचंद्र बोस ने ऐसे राष्ट्र का सपना देखा था, जहाँ सभी को समान अवसर और संसाधन मिलें। उनका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को समाप्त करना था। उन्होंने स्वतंत्र और समृद्ध समाज की स्थापना में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को भी महत्वपूर्ण माना। वे सामाजिक न्याय, लोकतांत्रिक मूल्यों और स्वदेशी आधार पर राष्ट्र निर्माण के पक्षधर थे। उन्होंने ऐसे समाज की कल्पना की थी जिसमें आलसी, निष्क्रिय और भ्रष्ट लोगों के लिए कोई स्थान न हो।


(ख) “उस समय में नारी मुक्त होकर समाज एवं राष्ट्र के पुरुषों की तरह समान अधिकार का उपभोग करे”, सुभाषचंद्र बोस को अपने भाषण में नारी के लिए समान अधिकारों की बात क्यों कहनी पड़ी?

उत्तर: स्वतंत्र भारत में सुभाषचंद्र बोस ऐसे समाज की स्थापना करना चाहते थे, जहाँ सभी को समान आर्थिक लाभ और सामाजिक समानता प्राप्त हो। उन्होंने जन्म, लिंग या जाति के आधार पर किसी भी प्रकार के भेदभाव का विरोध किया। सुभाषचंद्र बोस ने पुरुषों और महिलाओं के बीच बराबरी का पक्ष लिया और महिलाओं की सामाजिक बंधनों से मुक्ति का समर्थन किया। उनका मानना था कि राष्ट्र के विकास के लिए महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाना और उन्हें सशक्त करना आवश्यक है।


(ग) आपके विचार से हमारे समाज में और कौन – कौन से लोग हैं जिन्हें विशेष अधिकार दिए जाने की आवश्यकता है?

उत्तर: प्रगतिशील भारत के निर्माण के लिए हमें समानता, शिक्षा, आर्थिक आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। साथ ही, आदिवासियों, किसानों, दलितों और श्रमिकों के विकास को प्राथमिकता देना भी जरूरी है।


(घ) सुभाषचंद्र बोस देश के समस्त युवा वर्ग को संबोधित करते हुए कहते हैं- “हे मेरे तरुण भाइयो । ” उनका संबोधन केवल ‘भाइयो’ शब्द तक ही क्यों सीमित रहा होगा?

उत्तर: नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने युवाओं को शक्ति, साहस और वीरता का प्रतीक माना था। उनका विश्वास था कि युवा देश की मजबूत नींव हैं। अंग्रेजों से आज़ादी के संघर्ष में उन्होंने आज़ाद हिंद फौज का गठन किया, जिसमें हजारों युवाओं ने राष्ट्र की रक्षा और महिलाओं को समान भागीदारी देने का संकल्प लिया। इन प्रयासों से अंग्रेजों को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। जब युवा पीढ़ी एकजुट होकर आगे बढ़ती है, तो समाज और राष्ट्र दोनों का विकास होता है। शिक्षा, विज्ञान, तकनीक, संचार, राजनीति, अंतरिक्ष, सेना, कृषि और उद्योग सहित सभी क्षेत्रों में युवाओं की भूमिका अहम होती है, और इन्हीं के योगदान से राष्ट्र का सशक्त निर्माण संभव होता है।


(ङ) “यह स्वप्न मैं तुम्हें उपहारस्वरूप देता हूँ- स्वीकार करो।” सुभाषचंद्र बोस के इस आह्वान पर श्रोताओं (युवा वर्ग) की क्या प्रतिक्रिया रही होगी?

उत्तर: सुभाषचंद्र बोस ने अपने भाषणों के माध्यम से युवाओं में शक्ति, साहस और देश के प्रति पूर्ण समर्पण की भावना पैदा की। उन्होंने युवाओं को आज़ादी का सपना दिखाया और उसे साकार करने का मार्ग बताया। उनके प्रेरक आह्वान पर लाखों युवाओं में देश के लिए लड़ने और बलिदान देने की भावना जाग उठी और उन्होंने अंग्रेजों के अत्याचारों के खिलाफ दृढ़ निश्चय के साथ संघर्ष किया।


शीर्षक


(क) आपने नेताजी सुभाषचंद्र बोस के भाषण का एक अंश पढ़ा है, इसे ‘तरुण के स्वप्न’ शीर्षक दिया गया है। अपने समूह में चर्चा करके लिखिए कि यह शीर्षक क्यों दिया गया होगा?

उत्तर: स्वतंत्र और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण देश के युवाओं का सपना होता है। प्रत्येक युवा चाहता है कि वह देश की प्रगति में अपनी अहम भूमिका निभाए। वे सामाजिक और आर्थिक रूप से सभी के साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहते हैं। इसी कारण नेताजी सुभाषचंद्र बोस के भाषण को ‘तरुण के स्वप्न’ शीर्षक दिया गया है।


(ख) यदि आपको भाषण के इस अंश को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा? यह भी लिखिए ।

उत्तर: शीर्षक – ‘राष्ट्र निर्माण में युवाओं की शक्ति’

यह शीर्षक इसलिए उपयुक्त है क्योंकि देश का भविष्य और उसकी तरक्की युवाओं पर निर्भर करती है। युवाओं की प्रतिभा और शक्ति से राष्ट्र को मजबूती मिलती है। अपने विचारों और ऊर्जा के माध्यम से युवा समाज और देश को नई दिशा देने का कार्य करते हैं।


(ग) सुभाषचंद्र बोस ने अपने समय की स्थितियों या समस्याओं को अपने संबोधन में स्थान दिया है। यदि आपको अपनी कक्षा को संबोधित करने का अवसर मिले तो आप किन-किन विषयों को अपने उद्बोधन में सम्मिलित करेंगे और उसका क्या शीर्षक रखेंगे?

उत्तर: कक्षा को संबोधित करने का अवसर मिलने पर मैं ‘भारत को विकसित देश कैसे बनाया जाए’ विषय का चयन करूँगी। मेरे भाषण का शीर्षक होगा—‘भारत: एक विकसित राष्ट्र’। अपने संबोधन में मैं कृषि, सेना, राष्ट्रीय सुरक्षा, शिक्षा, रोजगार, स्टार्टअप, कौशल विकास और समान न्याय व्यवस्था जैसे विषयों पर विशेष ध्यान देना चाहूँगी।


भाषा की बात


(क) सुभाषचंद्र बोस ने अपने भाषण में संख्या, संगठन या भाव आदि का बोध कराने वाले शब्दों के साथ उनकी विशेषता अथवा गुण बताने वाले शब्दों का प्रयोग किया है। उनके भाषण से विशेषता अथवा गुण बताने वाले शब्द ढूँढ़कर दिए गए शब्द समूह को पूरा कीजिए-


(क) सुभाषचंद्र बोस ने अपने भाषण में संख्या, संगठन या भाव आदि का बोध कराने वाले शब्दों के साथ उनकी विशेषता अथवा गुण बताने वाले शब्दों का प्रयोग किया है। उनके भाषण से विशेषता अथवा गुण बताने वाले शब्द ढूँढ़कर दिए गए शब्द समूह को पूरा कीजिए-



(ख) सुभाषचंद्र बोस ने तो उपर्युक्त विशेषताओं के साथ इन शब्दों को रखा है। आप किन विशेषताओं के साथ इन उपर्युक्त शब्दों को रखना चाहेंगे और क्यों? लिखिए।


(ख) सुभाषचंद्र बोस ने तो उपर्युक्त विशेषताओं के साथ इन शब्दों को रखा है। आप किन विशेषताओं के साथ इन उपर्युक्त शब्दों को रखना चाहेंगे और क्यों? लिखिए।

उत्तर:


विपरीतार्थक शब्द और उनके प्रयोग


विपरीतार्थक शब्द और उनके प्रयोग


(क) “और उस पर एक स्वाधीन राष्ट्र” इस वाक्यांश में रेखांकित शब्द ‘स्वाधीन’ का विपरीत अर्थ देने वाला शब्द है ‘पराधीन’ । इसी प्रकार के कुछ विपरीतार्थक शब्द आगे दिए गए हैं, लेकिन वे आमने-सामने नहीं हैं। रेखाएँ खींचकर विपरीतार्थक शब्दों के सही जोड़े बनाइए –


(क) “और उस पर एक स्वाधीन राष्ट्र” इस वाक्यांश में रेखांकित शब्द ‘स्वाधीन’ का विपरीत अर्थ देने वाला शब्द है ‘पराधीन’ । इसी प्रकार के कुछ विपरीतार्थक शब्द आगे दिए गए हैं, लेकिन वे आमने-सामने नहीं हैं। रेखाएँ खींचकर विपरीतार्थक शब्दों के सही जोड़े बनाइए –


(क) “और उस पर एक स्वाधीन राष्ट्र” इस वाक्यांश में रेखांकित शब्द ‘स्वाधीन’ का विपरीत अर्थ देने वाला शब्द है ‘पराधीन’ । इसी प्रकार के कुछ विपरीतार्थक शब्द आगे दिए गए हैं, लेकिन वे आमने-सामने नहीं हैं। रेखाएँ खींचकर विपरीतार्थक शब्दों के सही जोड़े बनाइए –


उत्तर:


(क) आपने सुभाषचंद्र बोस के स्वप्न के बारे में जाना । आप अपने विद्यालय, राज्य और देश के बारे में कैसे स्वप्न देखते हैं? लिखिए।


(ख) अब स्तंभ 1 और स्तंभ 2 के सभी शब्दों से दिए गए उदाहरण के अनुसार वाक्य बनाकर लिखिए, जैसे- “समाज की उन्नति अकर्मण्य नहीं अपितु कर्मण्य व्यक्तियों पर निर्भर है।

उत्तर: मैंने उसकी मदद करने का प्रस्ताव तो स्वीकार किया, लेकिन उसका व्यवहार मुझे अस्वीकार्य लगा।
हमें हमेशा एक उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की कोशिश करनी चाहिए और व्यर्थ की बातों में समय नष्ट नहीं करना चाहिए।
जब तक समाज में आर्थिक असमानता बनी रहेगी, समानता स्थापित करना एक बड़ी चुनौती रहेगा।
स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने छोटे से जीवन में भी महान उद्देश्यों को पाने के लिए संघर्ष किया।
समाज में अमीर-गरीब के भेदभाव को खत्म करना जरूरी है।
अकर्मण्य लोगों को परिश्रमी बनने के लिए प्रेरित करना आवश्यक है।
देश की रक्षा के लिए प्राण न्यौछावर करना ही सच्चे और अर्थपूर्ण जीवन की पहचान है।


आपकी बात


(क) आपने सुभाषचंद्र बोस के स्वप्न के बारे में जाना । आप अपने विद्यालय, राज्य और देश के बारे में कैसे स्वप्न देखते हैं? लिखिए।

उत्तर: एक छात्रा के तौर पर मेरी इच्छा है कि यह दुनिया सभी के लिए बेहतर बने। मेरे भी अपने विद्यालय, राज्य और प्यारे देश भारत को लेकर कई सपने हैं।


विद्यालय में शिक्षा का उद्देश्य बच्चों का सम्पूर्ण विकास होना चाहिए। हर बच्चा स्कूल आकर अच्छी शिक्षा पा सके और उसके आर्थिक या सामाजिक स्तर के आधार पर कोई भेदभाव न हो। स्कूल में पुस्तकालय, प्रयोगशाला और डिजिटल सुविधाएँ उपलब्ध हों ताकि सभी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। कौशल विकास के लिए भी अवसर मिलें और स्कूल का माहौल बोझिल न लगे।

राज्य स्तर पर शिक्षा का प्रचार-प्रसार और सुधार हो। चाहे शहर हो या गाँव, सभी को अच्छी शिक्षा से जुड़ी सुविधाएँ मिलें। बाल श्रम की समस्या का समाधान हो और महिलाओं की शिक्षा व सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ।

मेरा सपना है कि भारत पूरी दुनिया में एक आदर्श राष्ट्र के रूप में पहचाना जाए। हमारी सेना का सम्मान हो और हर नागरिक अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करे। नागरिक अधिकारों का दुरुपयोग न हो, जातिवाद और ऊँच-नीच की भावना समाप्त हो जाए। मैं मानती हूँ कि देश का प्रत्येक नागरिक राष्ट्र के विकास में भागीदार बने और विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़े।

(क) नीचे स्तंभ 1 में स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित कुछ तथ्य दिए गए हैं और स्तंभ 2 में स्वतंत्रता सेनानियों के नाम दिए गए हैं। तथ्यों का स्वतंत्रता सेनानियों के नाम से रेखा खींचकर सही मिलान कीजिए । इसके लिए आप अपने शिक्षकों, अभिभावकों और पुस्तकालय तथा इंटरनेट की सहायता ले सकते हैं।


(ख) हमें बड़े संघर्षों के बाद स्वतंत्रता मिली है। अपनी इस स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए हम अपने स्तर पर क्या-क्या कर सकते हैं? लिखिए।

उत्तर: देश की आज़ादी को बनाए रखने में छात्रों की भूमिका बेहद अहम है। हमें सतर्क, जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनने की कोशिश करनी चाहिए। हमारे भीतर राष्ट्रप्रेम की भावना सबसे ऊपर होनी चाहिए। स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास और वीर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का सम्मान करना चाहिए। हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं पर गर्व होना चाहिए। देश के संविधान को गहराई से समझना और उसका पालन करना चाहिए। राष्ट्रीय त्योहारों में भाग लेकर उनके महत्व को जानना चाहिए। हमें अच्छी शिक्षा हासिल करनी चाहिए ताकि शिक्षित और जागरूक नागरिक बनकर देश की प्रगति में अपना योगदान दे सकें। विज्ञान, तकनीक, स्टार्टअप या अन्य रचनात्मक क्षेत्रों में सक्रिय भागीदारी से हम देश का भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं।


मिलान कीजिए


(क) नीचे स्तंभ 1 में स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित कुछ तथ्य दिए गए हैं और स्तंभ 2 में स्वतंत्रता सेनानियों के नाम दिए गए हैं। तथ्यों का स्वतंत्रता सेनानियों के नाम से रेखा खींचकर सही मिलान कीजिए । इसके लिए आप अपने शिक्षकों, अभिभावकों और पुस्तकालय तथा इंटरनेट की सहायता ले सकते हैं।

नीचे स्तंभ 1 में कुछ नारे दिए गए हैं। नारों के सामने लिखिए कि यह किसके द्वारा दिया गया ? आप पुस्तकालय या इंटरनेट की सहायता भी ले सकते हैं।


उत्तर:

1. 6

2. 4

3. 5

4. 2

5. 1

6. 3


(ख) इनमें से एक स्वतंत्रता सेनानी का नाम ‘तरुण के स्वप्न’ पाठ में भी आया है। उसे पहचान कर लिखिए।

पाठ में आए स्वतंत्रता सेनानी का नाम देशबंधु चित्तरंजन दास है ।

सर्वांगीण स्वाधीन संपन्न समाज के लिए प्रयास

नेताजी सुभाषचंद्र बोस और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वाधीन संपन्न समाज की स्थापना के लिए अपने समय में अनेक प्रयास किए। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात इस दिशा में क्या-क्या उल्लेखनीय प्रयत्न किए गए हैं? अपनी सामाजिक अध्ययन की पाठ्यपुस्तक, अपने अनुभवों एवं पुस्तकालय की सहायता से लिखिए।

उत्तर:  विद्यार्थी इस गतिविधि को शिक्षकों की मदद से संपन्न करेंगे।


स्त्री सशक्तीकरण


(क) सुभाषचंद्र बोस ने स्त्रियों के लिए समान अधिकार की बात की है। अपने अनुभवों के आधार पर बताइए कि उन्हें कौन-कौन से विशेषाधिकार राज्य की ओर से दिए गए हैं?
उत्तर:

संवैधानिक अधिकार:

  • समानता का अधिकार

  • लिंग के आधार पर भेदभाव का निषेध

  • रोजगार के क्षेत्र में समान अवसर

कानूनी अधिकार:

  • दहेज प्रथा निषेध अधिनियम

  • बाल विवाह रोकथाम

  • घरेलू हिंसा से सुरक्षा

विशेष योजनाएँ:

  • बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ

  • सुकन्या समृद्धि योजना

  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना

(ख) सुभाषचंद्र बोस ने ‘आज़ाद हिंद फौज’ का नेतृत्व किया था। उसमें एक टुकड़ी स्त्रियों की भी थी। उस टुकड़ी का नाम पता लगाकर लिखिए। उस टुकड़ी की भूमिका क्या थी? यह भी बताइए।

उत्तर:  सुभाषचंद्र बोस ने ‘आज़ाद हिंद फौज’ का नेतृत्व करते हुए एक महिला रेजिमेंट की भी स्थापना की, जिसे रानी झाँसी रेजिमेंट नाम दिया गया। इसका नाम 1857 की क्रांति की वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के सम्मान में रखा गया था। यह महिला टुकड़ी हमारे स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाती थी। इसमें शामिल महिलाओं को सैन्य प्रशिक्षण देकर युद्ध के लिए तैयार किया गया। नेताजी ने राष्ट्र-निर्माण और प्रगतिशील भारत के लिए सामाजिक समानता तथा महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए।


आपके प्रिय स्वतंत्रता सेनानी


प्रश्न- आप किस स्वतंत्रता सेनानी के कार्यों व विचारों से प्रभावित हैं? कारण सहित लिखिए और अभिनय (रोल प्ले) करते हुए उनके विचारों को कक्षा में प्रस्तुत कीजिए ।

उत्तर:

मैं नेताजी सुभाषचंद्र बोस के कार्यों और विचारों से गहरा प्रभावित हूँ। उन्होंने अंग्रेज़ों के अत्याचारों के विरुद्ध साहस के साथ आवाज़ उठाई और देश में स्वतंत्रता के लिए नई ऊर्जा का संचार किया। नेताजी ने आज़ाद हिंद फौज (आईएनए) की स्थापना की, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश शासन को भारत से सशस्त्र संघर्ष के जरिए बाहर करना था। उनके प्रेरक भाषणों ने युवाओं में नई जागरूकता और स्वतंत्र राष्ट्र प्राप्त करने का दृढ़ संकल्प उत्पन्न किया।

उनका प्रसिद्ध नारा “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा” आज भी हम सभी बच्चों के दिलों में देशभक्ति की भावना जाग्रत कर देता है।
नोट: छात्र इस विषय को समूह गतिविधि या रोल प्ले के रूप में अध्यापक की सहायता से कक्षा में प्रस्तुत करें।


“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा।”

1944 में सुभाषचंद्र बोस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष के दौरान यह प्रेरणादायक नारा दिया था। स्वाधीनता आंदोलन के समय और भी कई नारे गूँजे, जो स्वतंत्रता सेनानियों के अदम्य साहस, निर्भीकता और राष्ट्रप्रेम का प्रतीक हैं।

नीचे स्तंभ 1 में कुछ नारे दिए गए हैं। नारों के सामने लिखिए कि यह किसके द्वारा दिया गया ? आप पुस्तकालय या इंटरनेट की सहायता भी ले सकते हैं।

नीचे स्तंभ 1 में कुछ नारे दिए गए हैं। नारों के सामने लिखिए कि यह किसके द्वारा दिया गया ? आप पुस्तकालय या इंटरनेट की सहायता भी ले सकते हैं।


उत्तर:

नारा

स्वतंत्रता सेनानी

1. स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है।

बाल गंगाधर तिलक

2. करो या मरो

महात्मा गाँधी

3. मैं आजाद हूँ, आजाद रहूँगा और आजाद ही मरूँगा

चंद्रशेखर आज़ाद

4. इंकलाब जिंदाबाद, साम्राज्यवाद मुर्दाबाद

भगत सिंह

5. पूर्ण स्वराज

जवाहरलाल नेहरु


परियोजना कार्य


आप सभी राज्यों के स्वतंत्रता सेनानियों के विषय में पढ़कर उनमें से 10 महिला एवं 10 पुरुष स्वतंत्रता सेनानियों के चित्रों का संग्रह करके एक संग्रहिका तैयार कीजिए। चित्रों के नीचे उनके विशेष योगदान के बारे में एक-दो वाक्य भी लिखिए। अपनी संग्रहिका तैयार करते समय ध्यान रखिए कि आप किसी भी राज्य से एक से अधिक व्यक्ति न चुने।

उत्तर:

आप सभी राज्यों के स्वतंत्रता सेनानियों के विषय में पढ़कर उनमें से 10 महिला एवं 10 पुरुष स्वतंत्रता सेनानियों के चित्रों का संग्रह करके एक संग्रहिका तैयार कीजिए। चित्रों के नीचे उनके विशेष योगदान के बारे में एक-दो वाक्य भी लिखिए। अपनी संग्रहिका तैयार करते समय ध्यान रखिए कि आप किसी भी राज्य से एक से अधिक व्यक्ति न चुने।


आप सभी राज्यों के स्वतंत्रता सेनानियों के विषय में पढ़कर उनमें से 10 महिला एवं 10 पुरुष स्वतंत्रता सेनानियों के चित्रों का संग्रह करके एक संग्रहिका तैयार कीजिए। चित्रों के नीचे उनके विशेष योगदान के बारे में एक-दो वाक्य भी लिखिए। अपनी संग्रहिका तैयार करते समय ध्यान रखिए कि आप किसी भी राज्य से एक से अधिक व्यक्ति न चुने।


साझी समझ


उपर्युक्त पत्र में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने गृह एवं कुटीर उद्योग की बात की है। यह पत्र देश की स्वतंत्रता से पहले लिखा गया था। अपने आस-पास के गृह एवं कुटीर उद्योगों के विषय में अपने साथियों के साथ चर्चा कीजिए ।

उत्तर: गृह और कुटीर उद्योगों में कारीगर कम पूंजी और अपने कौशल के साथ घर पर ही विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में इन उद्योगों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही है।

हथकरघा और बुनाई उद्योग:
घरों में कारीगर पारंपरिक करघों का उपयोग कर दुपट्टे, साड़ियाँ और चादरें बुनते हैं।

दूध उत्पादों से संबंधित उद्योग:
घी, पनीर, दही जैसे उत्पाद घर में बनाकर स्थानीय बाज़ार में बेचे जाते हैं। कई परिवारों में डेयरी से जुड़े कार्य भी किए जाते हैं।


कक्षा 8 हिंदी मल्हार अध्याय 10 तरुण के स्वप्न - अध्याय की मुख्य बातें

NCERT Solutions Class 8 Hindi Malhar Chapter 10 तरुण के स्वप्न छात्रों को देशप्रेम, समानता और जिम्मेदारी का महत्व सिखाते हैं। इस पाठ से विद्यार्थी समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा पाते हैं।


यह अध्याय छात्रों को स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी से जुड़ी प्रेरक बातें बताता है और युवा वर्ग को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है। नियमित अध्ययन से आप विषय पर अच्छी पकड़ बना सकते हैं।


अगर आप NCERT Solutions Class 8 Hindi Malhar Chapter 10 के सभी प्रश्न-उत्तर और मुख्य विचार समझते हैं, तो परीक्षा में बेहतर अंक लाना और आत्मविश्वास बढ़ाना आसान हो जाएगा।


FAQs on NCERT Solutions For Class 8 Hindi Malhar Chapter 10 Tarun Ke Swapn - 2025-26

1. What is included in the NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 Tarun Ke Swapn on Vedantu?

The NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 Tarun Ke Swapn on Vedantu include comprehensive, stepwise answers for all textbook questions, intext and back exercises, and key conceptual explanations. These solutions are updated for the academic year 2025–26 and reviewed by CBSE experts to ensure reliability for exam preparation.

2. How can students use NCERT Solutions for Class 8 Hindi Malhar Chapter 10 to score full marks in CBSE exams?

To maximize marks with the NCERT Solutions for Class 8 Hindi Malhar Chapter 10, students should follow a structured approach:

  • Read each answer carefully and understand key points.
  • Write stepwise, organized answers as shown in solutions.
  • Highlight important keywords and maintain answer length as per CBSE guidelines.
  • Practice regularly using Vedantu's revision tips.

3. Are diagrams or definitions mandatory to include in NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 answers?

Incorporating accurate diagrams and definitions in your answers as suggested in Vedantu’s NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 Tarun Ke Swapn helps improve clarity and score. While not every question requires them, providing diagrams or precise definitions where relevant can earn easy marks and showcase your understanding.

4. Where can I download the free PDF of NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 Tarun Ke Swapn from Vedantu?

You can download the free PDF of NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 Tarun Ke Swapn directly from Vedantu. The PDF is accessible with one click for offline study and includes stepwise solutions, important questions, and expert-verified answers tailored for CBSE 2025–26.

5. How should long answers be structured in NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 for better marks?

Structuring long answers in NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 Tarun Ke Swapn is important for CBSE scoring. Follow these steps:

  1. Begin with a clear introduction summarizing the main point.
  2. Develop each argument or explanation in separate paragraphs, using examples from the chapter.
  3. Conclude with a precise summary or lesson learned.
  4. Use key terms and maintain neatness to match the CBSE marking scheme.

6. What are the most important topics and questions from NCERT Solutions Class 8 Hindi Malhar Chapter 10?

The key topics covered in NCERT Solutions Class 8 Hindi Malhar Chapter 10 Tarun Ke Swapn include the main character’s dreams, moral values, and chapter summary. Important questions typically focus on:

  • Central theme and message.
  • Character sketches and key events.
  • Definitions of important terms from the chapter.
  • Indirect and analytical questions on the story’s relevance.

7. Are NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 enough for board and school exams?

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 Tarun Ke Swapn are usually sufficient for preparing both school and CBSE board assessments. They cover all textbook and exam-relevant questions; however, strengthening your answers with regular revision, Vedantu’s important questions, and additional practice can further enhance your performance.

8. How do examiners mark stepwise answers from NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 Tarun Ke Swapn?

Examiners use a step-marking scheme for NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10. Each correct step or relevant point earns marks, so even partial answers may receive credit if your steps are accurate. Always include all necessary arguments and key terms as outlined in Vedantu’s solutions for best results.

9. Do examiners award partial marks for correct steps in NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 even if the final answer is incomplete?

Yes, in CBSE exams, stepwise marking is practiced for NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 Tarun Ke Swapn. If your individual steps or points are correct—even without a perfect final answer—you may still score partial marks. Vedantu emphasizes this by breaking each answer into logical steps for clarity and maximized scoring.

10. What common mistakes should be avoided while writing answers for NCERT Solutions Class 8 Hindi Malhar Chapter 10?

When using NCERT Solutions Class 8 Hindi Malhar Chapter 10 Tarun Ke Swapn, avoid these common errors:

  • Missing key points or examples from Vedantu’s stepwise answers.
  • Ignoring required definitions or diagrams.
  • Overlooking CBSE word limits or answer structure.
  • Omitting introductory or concluding statements.

11. How can NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 help in quick revision before exams?

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 Tarun Ke Swapn on Vedantu serve as concise revision tools. Use the summary notes, highlighted keywords, and quick pointers provided to revise important topics efficiently and ensure you cover all essential concepts for the exam.

12. In what ways does Vedantu ensure the accuracy and reliability of NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 Tarun Ke Swapn?

Vedantu maintains the accuracy and reliability of NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 10 Tarun Ke Swapn by having each solution developed by experienced teachers and reviewed according to official CBSE guidelines. Solutions are regularly updated for the academic year and verified for correctness, providing trustworthy study support for all students.