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NCERT Solutions for Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 7 Jalate Chalo (जलाते चलो)

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NCERT Solutions for Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 7 Jalate Chalo (द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी) - FREE PDF Download

Class 6 Hindi (Malhar) NCERT Solutions for Chapter 7, tells an inspiring story about never giving up and always putting in effort. The chapter teaches students the value of perseverance and staying motivated even when faced with difficulties. Through engaging storytelling, it shows how continuing to work hard can lead to success. This chapter helps students improve their language skills while also learning important lessons about determination and the importance of keeping a positive attitude. Check out the revised CBSE Class 6 Hindi Syllabus and start practising Hindi (Malhar) Class 6 Chapter 7.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 7 Jalate Chalo (द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी) - FREE PDF Download
2. Access NCERT Solutions for Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 7 Jalate Chalo
    2.1पाठ से
    2.2पाठ से आगे
    2.3तिथिपत्र
    2.4आज की पहेली
    2.5खोजबीन के लिए
3. Benefits of NCERT Solutions for Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 7 Jalate Chalo
4. Conclusion
5. Important Study Material Links for Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 7 - Jalate Chalo
6. Chapter-wise NCERT Solutions Class 6 Hindi (Malhar)
7. Related Important Study Material Links for Class 6 Hindi 
FAQs

Access NCERT Solutions for Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 7 Jalate Chalo

पाठ से

आइए, अब हम इस कविता से अपनी मित्रता को और घनिष्ठ बना लेते हैं। इसके लिए नीचे कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। हो सकता है कि इन्हें करने के लिए आप कविता को फिर से पढ़ने की आवश्यकता अनुभव करें।


मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन – सा है? 

प्रश्न 1. निम्नलिखित में से कौन-सी बात इस कविता में मुख्य रूप से कही गई है?
• भलाई के कार्य करते रहना
• दीपावली के दीपक जलाना
• बल्ब आदि जलाकर अंधकार दूर करना
• तिमिर मिलने तक नाव चलाते रहना

उत्तर: भलाई के कार्य करते रहना


प्रश्न 2. “जला दीप पहला तुम्हीं ने तिमिर की, चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी”
यह वाक्य किससे कहा गया है?
• तूफ़ान से
• मनुष्यों से
• दीपकों से
• तिमिर से

उत्तर: मनुष्यों से


(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?

उत्तर: विद्यार्थी अपने शिक्षक या साथियों की मदद से इस पर चर्चा करें।


मिलकर करें मिलान

कविता में से चुनकर कुछ शब्द यहाँ दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थों या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।


शब्द

अर्थ या संदर्भ

1. अमावस

1. पूर्णमासी, वह तिथि जिस रात चंद्रमा पूरा दिखाई देता है।

2. पूर्णिमा

2. विद्युत दिये अर्थात बिजली से जलने वाले दीपक, बल्ब आदि उपकरण।

3. विद्युत – दिए

3. समय, काल, युग संख्या में चार माने गए हैं- सत्ययुग (सतयुग), त्रेता युग, द्वापर युग और कलियुग ।

4. युग

4. अमावस्या, जिस रात आकाश में चंद्रमा दिखाई नहीं देता।


उत्तर:


शब्द

अर्थ या संदर्भ

1. अमावस

4. अमावस्या, जिस रात आकाश में चंद्रमा दिखाई नहीं देता।

2. पूर्णिमा

1. पूर्णमासी, वह तिथि जिस रात चंद्रमा पूरा दिखाई देता है।

3. विद्युत – दिए

2. विद्युत दिये अर्थात बिजली से जलने वाले दीपक, बल्ब आदि उपकरण।

4. युग

3. समय, काल, युग संख्या में चार माने गए हैं- सत्ययुग (सतयुग), त्रेता युग, द्वापर युग और कलियुग ।


पंक्तियों पर चर्चा

कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-


दीया


उत्तर: कवि का संदेश है कि संघर्ष और सफलता की यात्रा लगातार चलती रहती है। हमें निराश या हतोत्साहित नहीं होना चाहिए, क्योंकि अगर एक दीपक भी जल रहा है, तो मानवता का प्रकाश कायम रहेगा। प्रेम, बलिदान और ज्ञान के संदेश दुनिया में फैलेंगे, और जीवन को अर्थ मिलेगा।


सोच-विचार के लिए

कविता को एक बार फिर से पढ़िए, पता लगाइए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए—

(क) कविता में अँधेरे या तिमिर के लिए किन वस्तुओं के उदाहरण दिए गए हैं?

उत्तर:

  • अमावस

  • निशा

  • तिमिर की सरिता

  • तिमिर की शिला

  • पवन

  • तूफ़ान


(ख) यह कविता आशा और उत्साह जगाने वाली कविता है। इसमें क्या आशा की गई है? यह आशा क्यों की गई है?

उत्तर: यह कविता जीवन के दीप में स्नेह और अपनापन का तेल भरकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। निराशा के बीच भी आशा की एक किरण चमकती है। मानवता और विश्व कल्याण के लिए हमें महापुरुषों के मार्ग पर चलना होगा। प्रेम, सद्भावना और मानवीय सौहार्द से जीवन खुशहाल बनता है। नई पीढ़ी इतिहास के महान लोगों से प्रेरणा लेकर एक उज्जवल भविष्य की नींव रखेगी। यह कविता मनुष्य के हृदय में विश्व बंधुत्व की आशा को जगाती है।


(ग) कविता में किसे जलाने और किसे बुझाने की बात कही गई है?

उत्तर: मनुष्य को आशा का दीपक जलाकर रखना चाहिए। स्नेह से भरे दीपक चारों ओर रोशनी फैलाएं, जबकि बिना स्नेह वाले विद्युत दीपक को बुझा देना चाहिए, क्योंकि कृत्रिम चीजें बाधाएं उत्पन्न करती हैं।


कविता की रचना

“जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर
कभी तो धरा का अँधेरा मिटेगा ।”


इन पंक्तियों को अपने शिक्षक के साथ मिलकर लय सहित गाने या बोलने का प्रयास कीजिए। आप हाथों से ताल भी दे सकते हैं। दोनों पंक्तियों को गाने या बोलने में समान समय लगा या अलग-अलग? आपने अवश्य ही अनुभव किया होगा कि इन पंक्तियों को बोलने या गाने में लगभग एक-समान समय लगता है। केवल इन दो पंक्तियों को ही नहीं, इस कविता की प्रत्येक पंक्ति को गाने में या बोलने में लगभग समान समय ही लगता है। इस विशेषता के कारण यह कविता और अधिक प्रभावशाली हो गई है।


आप ध्यान देंगे तो इस कविता में आपको और भी अनेक विशेष बातें दिखाई देंगी।


(क) इस कविता को एक बार फिर से पढ़िए और अपने-अपने समूह में मिलकर इस कविता की विशेषताओं की सूची बनाइए, जैसे इस कविता की पंक्तियों को 2–4, 2-4 के क्रम में बाँटा गया है आदि।


(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।

उत्तर: कविता पर आधारित रचनात्मक गतिविधियाँ विद्यार्थी स्वयं करेंगे। वे इन गतिविधियों को पूरा करने के लिए अपने अध्यापकों और साथियों की सहायता ले सकते हैं।


मिलान

स्तंभ 1 और स्तंभ 2 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। मिलते-जुलते भाव वाली पंक्तियों को रेखा खींचकर जोड़िए-


स्तंभ 1

स्तंभ 2

1. कभी तो तिमिर का किनारा मिलेगा।

1. विश्व की भलाई का ध्यान रखे बिना प्रगति करने से कोई लाभ नहीं होगा।

2. जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर।

2. विश्व में सुख-शांति क्यों कम होती जा रही है?

3. मगर विश्व पर आज क्यों दिवस ही में घिरी आ रही है अमावस निशा-सी ।

3. विश्व की समस्याओं से एक न एक दिन छुटकारा अवश्य मिलेगा।

4. बिना स्नेह विद्युत – दिये जल रहे जो बुझाओ इन्हें, यों न पथ मिल सकेगा।

4. दूसरों के सुख-चैन के लिए प्रयास करते रहिए।


उत्तर:

स्तंभ 1

स्तंभ 2

1. कभी तो तिमिर का किनारा मिलेगा।

3. विश्व की समस्याओं से एक न एक दिन छुटकारा अवश्य मिलेगा।

2. जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर।

4. दूसरों के सुख-चैन के लिए प्रयास करते रहिए।

3. मगर विश्व पर आज क्यों दिवस ही में घिरी आ रही है अमावस निशा-सी ।

2. विश्व में सुख-शांति क्यों कम होती जा रही है?

4. बिना स्नेह विद्युत – दिये जल रहे जो बुझाओ इन्हें, यों न पथ मिल सकेगा।

1. विश्व की भलाई का ध्यान रखे बिना प्रगति करने से कोई लाभ नहीं होगा।


अनुमान या कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए—


(क) “दिये और तूफ़ान की यह कहानी
चली आ रही और चलती रहेगी”
दीपक और तूफ़ान की यह कौन-सी कहानी हो सकती है जो सदा से चली आ रही है?


(ख) “जली जो प्रथम बार लौ दीप की
स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी”


दीपक की यह सोने जैसी लौ क्या हो सकती है जो अनगिनत सालों से जल रही है?

उत्तर: विद्यार्थी अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर की सहायता से सामूहिक चर्चा गतिविधि को पूरा करें।


शब्दों के रूप

“कि जिससे अमावस बने पूर्णिमा-सी”


‘अमावस’ का अर्थ है ‘अमावस्या’। इन दोनों शब्दों का अर्थ तो समान है लेकिन इनके लिखने-बोलने में थोड़ा-सा अंतर है। ऐसे ही कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। इनसे मिलते-जुलते दूसरे शब्द कविता से खोजकर लिखिए। ऐसे ही कुछ अन्य शब्द आपस में चर्चा करके खोजिए और लिखिए।

1. दिया ______
2. उजेला ______
3. अनगिन _____
4. ______
5. _____
6. _______

उत्तर:
1. दिया – दीप
2. उजेला – उजाला
3. अनगिन – अनगिनत
4. दिन – दिवस
5. धरा – धरती
6. सिल – शिला


अर्थ की बात

(क) “जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर”


इस पंक्ति में ‘चलो’ के स्थान पर ‘रहो’ शब्द रखकर पढ़िए। इस शब्द के बदलने से पंक्ति के अर्थ में क्या अंतर आ रहा है? अपने समूह में चर्चा कीजिए।


(ख) कविता में प्रत्येक शब्द का अपना विशेष महत्व होता है। यदि वे शब्द बदल दिए जाएँ तो कविता का अर्थ भी बदल सकता है और उसकी सुंदरता में भी अंतर आ सकता है।


नीचे कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। पंक्तियों के सामने लगभग समान अर्थों वाले कुछ शब्द दिए गए हैं। आप उनमें से वह शब्द चुनिए, जो उस पंक्ति में सबसे उपयुक्त रहेगा-


प्रश्न 1.बहाते चलो ________ तुम वह निरंतर (नैया, नाव, नौका)
कभी तो तिमिर का _____ मिलेगा। (तट, तीर, किनारा)

उत्तर: नैया, किनारा


प्रश्न 2.रहेगा _____ पर दिया एक भी यदि (धरा, धरती, भूमि)
कभी तो निशा को ______ मिलेगा।। (प्रात:, सुबह, सवेरा)

उत्तर: धरा, सवेरा


प्रश्न 3. जला दीप पहला तुम्हीं ने _____ की (अंधकार, तिमिर, अँधेरे)
चुनौती _____ बार स्वीकार की थी। (प्रथम, अव्वल, पहली)

उत्तर: तिमिर प्रथम


प्रतीक

(क) “कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा ”
निशा का अर्थ है— रात।
सवेरा का अर्थ है— सुबह ।


आपने अनुभव किया होगा कि कविता में इन दोनों शब्दों का प्रयोग ‘रात’ और ”सुबह’ ‘के लिए नहीं किया गया है। अपने समूह में चर्चा करके पता लगाइए कि ‘निशा’ और ‘सवेरा’ का इस कविता में क्या-क्या अर्थ हो सकता है।

(संकेत— निशा से जुड़ा है ‘अँधेरा’ और सवेरे से जुड़ा है ‘उजाला’)

उत्तर:

निशा - सवेरा

अँधेरा - उजाला

बुराई - अच्छाई

अज्ञान - ज्ञान

द्वेष - प्रेम


(ख) कविता में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में मिलकर इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें उपयुक्त स्थान पर लिखिए।


शब्द


निशा & सवेरा


उत्तर:

निशा & सवेरा उत्तर:


(ग) अपने समूह में मिलकर ‘निशा’ और ‘सवेरा’ के लिए कुछ और शब्द सोचिए और लिखिए।(संकेत – नीचे दिए गए चित्र देखिए और इन पर विचार कीजिए ।)


निशा’ और ‘सवेरा शब्द


उत्तर: विद्यार्थी अपने शिक्षक या साथियों की मदद से इस पर चर्चा करें।


पंक्ति से पंक्ति

“जला दीप पहला तुम्हीं ने तिमिर की
चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी”


कविता की इस पंक्ति को वाक्य के रूप में इस प्रकार लिख सकते हैं-


“तुम्हीं ने पहला दीप जला तिमिर की चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी ।
” अब नीचे दी गई पंक्तियों को इसी प्रकार वाक्यों के रूप में लिखिए-


1. बहाते चलो नाव तुम वह निरंतर ।

2. जलाते चलो ये दिये स्नेह भर-भर ।

3. बुझाओ इन्हें, यों न पथ मिल सकेगा।

4. मगर विश्व पर आज क्यों दिवस ही में घिरी आ रही है अमावस निशा-सी।

उत्तर:

1.तुम वह नाव निरंतर बहाते चलो।

2. तुम ये दिये स्नेह से भर-भरकर जलाते चलो।

3. इन्हें बुझाओ, नहीं तो इस प्रकार पथ नहीं मिल सकेगा।

4. मगर आज विश्व पर दिवस के समय ही अमावस की रात-सी क्यों घिरी आ रही है?


सा/सी/से का प्रयोग

“घिरी आ रही है अमावस निशा-सी
स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी”

इन पंक्तियों में कुछ शब्दों के नीचे रेखा खिंची है। इनमें ‘सी’ शब्द पर ध्यान दीजिए। यहाँ ‘सी’ शब्द समानता दिखाने के लिए प्रयोग किया गया है। ‘सा/सी/से’ का प्रयोग जब समानता दिखाने के लिए किया जाता है तो इनसे पहले योजक चिह्न (-) का प्रयोग किया जाता है।


अब आप भी विभिन्न शब्दों के साथ ‘सा / सी / से’ का प्रयोग करते हुए अपनी कल्पना से पाँच वाक्य अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए।

उत्तर:

  1. वह बच्चा फूल-सा मासूम है।

  2. उसका चेहरा चाँद-सा चमक रहा है।

  3. उसकी आवाज़ शहद-सी मीठी है।

  4. वह व्यक्ति पर्वत-सा अडिग है।

  5. नदी का पानी आईना-सा साफ़ है।


पाठ से आगे

(क) “रहेगा धरा पर दिया एक भी यदि 

कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा”

यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य समझ ले और दूसरों की भलाई के लिए कार्य करे तो पूरी दुनिया सुंदर बन जाएगी। आप भी दूसरों के लिए प्रतिदिन बहुत-से अच्छे कार्य करते होंगे। अपने उन कार्यों के बारे में बताइए ।

(ख) इस कविता में निराश न होने, चुनौतियों का सामना करने और सबके सुख के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया है। यदि आपको अपने किसी मित्र को निराश न होने के लिए प्रेरित करना हो तो आप क्या करेंगे? क्या कहेंगे? अपने समूह में बताइए ।

(ग) क्या आपको कभी किसी ने कोई कार्य करने के लिए प्रेरित किया है? कब? कैसे? उस घटना के बारे में बताइए।

उत्तर: 

(क) यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य समय से और दूसरों की भलाई के लिए कार्य करे, तो पूरी दुनिया सुंदर बन जाएगी। मैंने दूसरों की भलाई के लिए कई कार्य किए हैं। उनमें से एक उदाहरण यह है कि मैंने अपने दोस्तों को पढ़ाई में मदद की और जरूरतमंदों को कपड़े और किताबें दान कीं। यह मेरे अच्छे कार्यों में से एक है।

(ख) मैं दूसरों को प्रेरित करने के लिए हमेशा उनके सामने सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करता हूँ। यदि कोई व्यक्ति निराशा में हो, तो उसे हिम्मत देता हूँ और बताता हूँ कि मेहनत और आत्मविश्वास से हर चुनौती का सामना किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, जब मेरे दोस्त ने खेल में हार मान ली थी, तो मैंने उसे समझाया कि अभ्यास से वह जीत सकता है। वह फिर से मेहनत करने के लिए प्रेरित हुआ।

(ग) हां, मैंने एक बार अपने दोस्त को पढ़ाई में मन लगाने के लिए प्रेरित किया। वह पढ़ाई में कमजोर था और निराश हो गया था। मैंने उसे समझाया कि नियमित अभ्यास और मेहनत से वह अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है। मैंने उसे अपने साथ पढ़ाई के लिए बुलाया और उसका मार्गदर्शन किया। नतीजतन, उसने परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए और बहुत खुश हुआ। यह मेरे लिए गर्व का क्षण था।


अमावस्या और पूर्णिमा

(क) “भले शक्ति विज्ञान में है निहित वह
कि जिससे अमावस बने पूर्णिमा-सी”
आप अमावस्या और पूर्णिमा के बारे में पहले ही पढ़ चुके हैं। क्या आप जानते हैं कि अमावस्या और पूर्णिमा के होने का क्या कारण है?

आप आकाश में रात को चंद्रमा अवश्य देखते होंगे। क्या चंद्रमा प्रतिदिन एक-सा दिखाई देता है? नहीं। चंद्रमा घटता-बढ़ता दिखाई देता है। आइए जानते हैं कि ऐसा कैसे होता है। आप जानते ही हैं कि चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है जबकि पृथ्वी सूर्य की ।

आप यह भी जानते हैं कि चंद्रमा का अपना कोई प्रकाश नहीं होता। वह सूर्य के प्रकाश से ही चमकता है। लेकिन पृथ्वी के कारण सूर्य के कुछ प्रकाश को चंद्रमा तक जाने में रुकावट आ जाती है। इससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जो प्रतिदिन घटती-बढ़ती रहती है। सूरज का जो प्रकाश बिना रुकावट चंद्रमा तक पहुँच जाता है, उसी से चंद्रमा चमकदार दिखता है। इसी छाया और उजले भाग की आकृति में आने वाले परिवर्तन को चंद्रमा की कला कहते हैं।

चंद्रमा की कला धीरे-धीरे बढ़ती रहती है और पूर्णिमा की रात चंद्रमा पूरा ‘दिखने लगता है। इसके बाद कला धीरे-धीरे घटती रहती है और अमावस्या वाली रात चाँद दिखाई नहीं देता। चंद्रमा की कलाओं के घटने के दिनों को ‘कृष्ण पक्ष’ को कहते हैं। ‘कृष्ण’ शब्द का एक अर्थ काला भी है। इसी प्रकार चंद्रमा की कलाओं के बढ़ने के दिनों को ‘शुक्ल पक्ष’ कहते हैं। ‘शुक्ल’ शब्द का एक अर्थ ‘उजला’ भी है।


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उत्तर: अमावस्या और पूर्णिमा चंद्रमा के दो महत्वपूर्ण चरण हैं। अमावस्या वह समय है जब चंद्रमा का कोई भाग दिखाई नहीं देता, और पूर्णिमा वह समय है जब चंद्रमा पूरी तरह से प्रकाशित होता है। इन दोनों स्थितियों के बीच कई चरण होते हैं, जो प्रकृति के अद्भुत चक्र का हिस्सा हैं।

इसका यह अर्थ है कि जीवन में अंधकार (अमावस्या) और प्रकाश (पूर्णिमा) दोनों का होना स्वाभाविक है। अमावस्या हमें जीवन में संघर्ष और धैर्य का महत्व सिखाती है, जबकि पूर्णिमा यह सिखाती है कि हर कठिनाई के बाद उजाला आता है। यह चंद्रमा की सुंदरता और जीवन के संघर्षों को दर्शाता है।


(ख) अब नीचे दिए गए चित्र में अमावस्या, पूर्णिमा, कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को पहचानिए और ये नाम उपयुक्त स्थानों पर लिखिए—

(यदि पहचानने में कठिनाई हो तो आप अपने शिक्षक, परिजनों या इंटरनेट की सहायता भी ले सकते हैं।)


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उत्तर:

  1. अमावस्या: यह वह चरण है जब चंद्रमा बिल्कुल दिखाई नहीं देता।

  2. पूर्णिमा: यह वह चरण है जब चंद्रमा पूरा और चमकीला दिखता है।

  3. कृष्ण पक्ष: यह चंद्रमा का वह चरण है जब पूर्णिमा के बाद चंद्रमा धीरे-धीरे घटने लगता है।

  4. शुक्ल पक्ष: यह चंद्रमा का वह चरण है जब अमावस्या के बाद चंद्रमा धीरे-धीरे बढ़ने लगता है।


चित्र में पहचान:

  • सबसे काले चरण को अमावस्या कहेंगे।

  • सबसे चमकीले पूर्ण चंद्रमा को पूर्णिमा कहेंगे।

  • अमावस्या से पूर्णिमा के बीच वाले चरण शुक्ल पक्ष कहलाते हैं।

  • पूर्णिमा से अमावस्या के बीच वाले चरण कृष्ण पक्ष कहलाते हैं।


Hindu calender


तिथिपत्र

आपने तिथिपत्र (कैलेंडर ) अवश्य देखा होगा। उसमें साल के सभी महीनों की तिथियों की जानकारी दी जाती है।


नीचे तिथिपत्र के एक महीने का पृष्ठ दिया गया है। इसे ध्यान से देखिए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए—


(क) दिए गए महीने में कुल कितने दिन हैं?

उत्तर: इस महीने में कुल 31 दिन हैं।


(ख) पूर्णिमा और अमावस्या किस दिनाँक और वार को पड़ रही है?

उत्तर:

  • पूर्णिमा: 6 जनवरी, शुक्रवार।

  • अमावस्या: 21 जनवरी, शनिवार।


(ग) कृष्ण पक्ष की सप्तमी और शुक्ल पक्ष की सप्तमी में कितने दिनों का अंतर है?त्तर:

उत्तर:

  • कृष्ण पक्ष की सप्तमी: 14 जनवरी।

  • शुक्ल पक्ष की सप्तमी: 28 जनवरी।
    इन दोनों के बीच 14 दिनों का अंतर है।


(घ) इस महीने में कृष्ण पक्ष में कुल कितने दिन हैं?

उत्तर: कृष्ण पक्ष में कुल 15 दिन होते हैं (7 जनवरी से 21 जनवरी तक)।


(ङ) ‘वसंत पंचमी’ की तिथि बताइए ।

उत्तर: वसंत पंचमी 26 जनवरी, गुरुवार को है।


आज की पहेली

समय साक्षी है कि जलते हुए दीप
अनगिन तुम्हारे पवन ने बुझाए।
‘पवन’ शब्द का अर्थ है हवा।

नीचे एक अक्षर-जाल दिया गया है। इसमें ‘पवन’ के लिए उपयोग किए जाने वाले अलग-अलग नाम या शब्द छिपे हैं। आपको उन्हें खोजकर उन पर घेरा बनाना है, जैसा एक हमने पहले से बना दिया है। देखते हैं, आप कितने सही नाम या शब्द खोज पाते हैं।


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उत्तर:


circle on the words
 


खोजबीन के लिए

कविता संबंधित कुछ रचनाएँ दी गई हैं, इन्हें पुस्तक में दिए गए क्यू. आर. कोड की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें।

  • हम सब सुमन एक उपवन के

  • बढ़े चलो

  • रोज़ बदलता कैसे चाँद भाग 1

  • रोज़ बदलता कैसे चाँद भाग 2

उत्तर:  यह पंक्ति हमें एकता और समरसता का संदेश देती है। इसमें यह बताया गया है कि हम सभी एक बगीचे के फूलों की तरह हैं, जो एक साथ मिलकर अपनी सुंदरता और सुगंध से दुनिया को बेहतर बनाते हैं।


यह कविताएं चाँद के बदलते रूपों का वर्णन करती हैं। इनमें बताया गया है कि चंद्रमा अमावस्या से पूर्णिमा तक और फिर पूर्णिमा से अमावस्या तक अपने विभिन्न रूपों को दिखाता है। यह प्रकृति की अनोखी प्रक्रिया का परिचय कराती हैं, जो हमारे जीवन के उतार-चढ़ाव को दर्शाती है।


Benefits of NCERT Solutions for Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 7 Jalate Chalo

  • The solutions provide clear explanations of the chapter’s themes and story, helping students grasp the message of perseverance and effort.

  • By practising these solutions, students can effectively prepare for exams, ensuring they are familiar with key concepts and able to answer related questions confidently.

  • The solutions help improve Hindi language skills, including reading comprehension, vocabulary, and writing abilities through well-structured answers.

  • The chapter’s focus on persistence and hard work inspires students to maintain a positive attitude and stay motivated in their own lives.

  • The solutions cover all textbook exercises and provide additional context, aiding in a thorough understanding of the chapter and its lessons.


Conclusion

Chapter 7, Jalate Chalo, teaches the value of never giving up and always putting in effort. Through its compelling story, the chapter encourages students to stay committed to their goals even when faced with difficulties. The NCERT Solutions for this chapter help students better understand these lessons, improve their Hindi skills, and prepare well for their exams. Overall, the chapter offers both educational benefits and motivation for tackling challenges with determination.


Important Study Material Links for Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 7 - Jalate Chalo

S.No. 

Important Study Material Links for Chapter 7

1.

Class 6 Jalate Chalo Important Questions

2.

Class 6 Jalate Chalo Notes



Chapter-wise NCERT Solutions Class 6 Hindi (Malhar)

After familiarising yourself with the Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 7 Solutions, you can access comprehensive NCERT Solutions for all Chapters in Class 6 Hindi (Malhar).




Related Important Study Material Links for Class 6 Hindi 

You can also download additional study materials provided by Vedantu for Class 6  Hindi.


FAQs on NCERT Solutions for Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 7 Jalate Chalo (जलाते चलो)

1. What is the main message of Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 7 Jalate Chalo?

The main message of the chapter is the importance of perseverance and continuous effort in achieving success, regardless of the obstacles faced.

2. How does Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 7 जलाते चलो inspire students?

यह अध्याय छात्रों को साहस और आत्मबल का महत्व समझाता है। यह बताता है कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थितियाँ क्यों न हों, हमें अपने रास्ते पर दृढ़ता से चलते रहना चाहिए। यह प्रेरणा देता है कि अंधकार चाहे जितना गहरा हो, हमें अपनी रोशनी जलाए रखनी चाहिए।

3. What kind of story is featured in Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 7?

The chapter features an engaging and motivational story that emphasises the value of persistence and overcoming challenges.

4. How can Vedantu’s  NCERT Solutions for Class 6 Hindi (Malhar) help with understanding Jalate Chalo?

NCERT Solutions provides clear explanations and answers to textbook exercises, helping students understand the chapter’s themes and improve their comprehension.

5. What skills can students develop from studying Jalate Chalo in Class 6 Hindi (Malhar)?

Students can develop better Hindi language skills, including reading comprehension, vocabulary, and writing, as well as learn valuable life lessons about perseverance.

6. How does Class 6 Hindi (Malhar)  Chapter 7 Jalate Chalo contribute to exam preparation?

The chapter and its solutions help students review important concepts and practice answering related questions, which aids in effective exam preparation.

7. What are the key lessons from Class 6 Hindi Chapter 7 Jalate Chalo?

Key lessons include the significance of not giving up, maintaining a positive attitude, and continuously working hard to achieve one’s objectives.

8. Why is it important to study Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 7 Jalate Chalo?

Studying Jalate Chalo is important because it teaches students about resilience and the rewards of persistent effort, which are essential life skills.

9. How does Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 7 Jalate Chalo enhance motivation in students?

The chapter enhances motivation by demonstrating how staying determined and enthusiastic leads to success, encouraging students to apply these principles in their own lives.

10. What role do NCERT Solutions play in learning Chapter 7 Jalate Chalo in Class 6 Hindi (Malhar)?

NCERT Solutions plays an important role by providing structured answers and explanations, which help students better understand the chapter and apply its lessons effectively.

11. What is the main theme of Chapter 7 जलाते चलो in Class 6 Hindi?

अध्याय जलते चलो का मुख्य विषय संघर्ष और आत्मविश्वास है। यह पाठ हमें सिखाता है कि जीवन में कठिनाइयाँ और बाधाएँ आती हैं, लेकिन हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। अपने लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ते रहना ही सफलता का मार्ग है।