NCERT Solutions for Class 12 Chapter 14 Hindi - FREE PDF Download
FAQs on NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 14 Shirish Ke Phool
1. NCERT Solutions में कक्षा 12 हिंदी अध्याय 14 'शिरीष के फूल' के सभी प्रश्नों के उत्तर कैसे दिए गए हैं?
Vedantu के NCERT Solutions में 'शिरीष के फूल' अध्याय के सभी पाठ्यपुस्तक प्रश्नों के उत्तर चरण-दर-चरण प्रारूप में दिए गए हैं। प्रत्येक उत्तर को CBSE 2025-26 के दिशानिर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है, जिसमें लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी के दार्शनिक विचारों, प्रतीकों और संदेशों को स्पष्ट रूप से समझाया गया है ताकि छात्र आसानी से समझ सकें।
2. लेखक ने शिरीष को 'कालजयी अवधूत' क्यों कहा है? इस प्रश्न का सटीक उत्तर कैसे लिखें?
इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए, आपको निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल करना चाहिए:
- सबसे पहले, बताएं कि अवधूत (संन्यासी) की तरह शिरीष भी सुख-दुःख, गर्मी-सर्दी जैसी विपरीत परिस्थितियों से अप्रभावित रहता है।
- दूसरा, उल्लेख करें कि जब ज्येष्ठ की भीषण गर्मी में सब कुछ जल रहा होता है, तब भी शिरीष के फूल खिले रहते हैं, जो उसकी अजेय जिजीविषा (जीने की इच्छा) को दर्शाता है।
- अंत में, स्पष्ट करें कि शिरीष बाहरी कोलाहल और संघर्ष के बीच भी शांत और स्थिर रहता है, जो एक सच्चे अवधूत का लक्षण है।
3. पाठ के आधार पर 'हृदय की कोमलता' और 'व्यवहार की कठोरता' का संतुलन गांधीजी के व्यक्तित्व में कैसे दिखाई देता है?
पाठ के अनुसार, हृदय की कोमलता और व्यवहार की कठोरता का संतुलन गांधीजी के व्यक्तित्व की विशेषता थी।
- कोमलता: उनका हृदय भारत की आम जनता के दुःख और पीड़ा को देखकर बच्चों की तरह कोमल और भावुक हो जाता था।
- कठोरता: वहीं दूसरी ओर, वे अपने सिद्धांतों, सत्य, और अनुशासन के प्रति वज्र के समान कठोर थे और उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ दृढ़ता से संघर्ष किया।
शिरीष का फूल भी ऊपर से कोमल होता है, लेकिन वह भीषण गर्मी सहने की कठोरता रखता है। यही संतुलन व्यक्ति को असाधारण बनाता है।
4. 'जमे कि मरे' पंक्ति का आशय स्पष्ट करने का सही तरीका क्या है?
'जमे कि मरे' का आशय स्पष्ट करने के लिए, इन चरणों का पालन करें:
- संदर्भ बताएं: यह पंक्ति जीवन की गतिशीलता और परिवर्तन के महत्व को दर्शाती है।
- शाब्दिक अर्थ: 'जमने' का अर्थ है एक ही स्थान पर या एक ही विचार पर स्थिर हो जाना, जिसे लेखक मृत्यु के समान मानते हैं।
- गहरा अर्थ: लेखक का मानना है कि जो व्यक्ति या समाज बदलती परिस्थितियों के साथ खुद को नहीं बदलता, वह नष्ट हो जाता है। निरंतर गतिशील रहना और स्थान बदलते रहना ही सर्वव्यापी काल की मार से बचने का एकमात्र उपाय है।
5. लेखक के अनुसार एक अच्छा कवि बनने के लिए 'अनासक्त योगी' और 'विदग्ध प्रेमी का हृदय' दोनों एक साथ क्यों आवश्यक हैं?
लेखक ने साहित्य कर्म के लिए एक बहुत ऊँचा मानदंड निर्धारित किया है। उनके अनुसार, एक महान कवि में दो विरोधी लगने वाले गुण होने चाहिए:
- अनासक्त योगी की स्थिरता: कवि को सांसारिक लाभ-हानि और मोह-माया से ऊपर उठकर निष्पक्ष और तटस्थ भाव से सृजन करना चाहिए ताकि उसकी दृष्टि साफ रहे।
- विदग्ध प्रेमी का हृदय: उसमें गहरी संवेदना, करुणा और भावुकता होनी चाहिए ताकि वह रचना में रस और सौंदर्य भर सके और लोगों के दिलों को छू सके।
केवल इन दोनों गुणों (वैराग्य और अनुराग) का संतुलन ही उसे एक महान कवि बनाता है, जैसा कि कालिदास या कबीर में था।
6. शिरीष के पुराने फलों का तब तक बने रहना जब तक नए पत्ते-फूल उन्हें धकेलकर बाहर नहीं कर देते, यह किस सामाजिक व्यवस्था पर व्यंग्य करता है?
यह उन लोगों और व्यवस्थाओं पर एक गहरा व्यंग्य है जो समय के साथ बदलना नहीं चाहते। लेखक उन नेताओं, अधिकारियों और संस्थाओं की ओर संकेत कर रहे हैं जो अपनी कुर्सी या पद से तब तक चिपके रहते हैं, जब तक कि नई पीढ़ी या नए विचार उन्हें जबरन हटा नहीं देते। यह समाज की जड़ता और अधिकार-मोह पर एक तीखा प्रहार है, जो प्रगति में सबसे बड़ी बाधा है।
7. 'शिरीष के फूल' अध्याय के दार्शनिक प्रश्नों का उत्तर देते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
CBSE 2025-26 परीक्षा के लिए इस अध्याय के दार्शनिक प्रश्नों का उत्तर लिखते समय, इन बातों पर ध्यान दें:
- प्रतीकों की व्याख्या: शिरीष के फूल, अवधूत, और गांधीजी जैसे प्रतीकों का गहरा अर्थ स्पष्ट करें।
- लेखक का जीवन-दर्शन: अनासक्ति, जिजीविषा, और कोमलता-कठोरता के संतुलन जैसे विचारों को समझाएँ।
- पाठ से उद्धरण: अपने तर्कों को प्रमाणित करने के लिए पाठ से सीधे उदाहरण और पंक्तियाँ दें।
- स्पष्ट संरचना: उत्तर को एक परिचय, मुख्य विश्लेषण और निष्कर्ष में विभाजित करें ताकि वह व्यवस्थित और प्रभावी लगे।
8. शिरीष के पुष्प को 'शीतपुष्प' की संज्ञा किस आधार पर दी गई होगी, जबकि वह गर्मी में खिलता है?
ज्येष्ठ माह की भीषण गर्मी में जब धरती और अधिकांश वनस्पतियां झुलस जाती हैं, तब भी शिरीष के फूल खिले रहते हैं। यह तभी संभव है जब पुष्प के भीतर इतनी शीतलता और ठंडक हो कि वह बाहरी गर्मी को सहन कर सके। इसी अद्भुत शीतलता प्रदान करने की क्षमता के आधार पर, गर्मी में खिलने के बावजूद, इसे शीतपुष्प की संज्ञा दी गई होगी।

















