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Important Questions For CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 14- Shirish Ke Phool

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Shirish Ke Phool Important Questions For CBSE Class 12: Free PDF Download

Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 14 - Shirish Ke Phool are available here for students in a free PDF to boost their understanding of the chapter. These important questions are curated by subject experts and are designed considering the NCERT guidelines and CBSE Class 12 answer patterns. Students can download the Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 14 Shirish Ke Phool PDF for free from Vedantu and practice the questions well.


By practising the important questions of all the chapters, students will learn the different ways a question can be framed from this particular chapter. So, in the exam, if any question is asked differently, they could be able to answer it correctly in less time. So get the CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 14 - Shirish Ke Phool free PDF and start preparing for the exam.

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Study Important Questions Class 12 Hindi आरोह Chapter 14 - शिरीष के फूल

अति लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                           (1 अंक)

1. लेखक शिरीष फूल की तुलना किससे करते हैं?

 उत्तर: लेखक शिरीष फूल की तुलना वसंत ऋतु में खिलने वाले पलाश के फूल से करते हैं। 


2. रिक्त स्थान को पूरा करो। कबीर दास को इस....... पसंद नहीं था। 

उत्तर: कबीर दास को इस तरह से पंद्रह - बीस दिनों के लिए शिरीष के फूलों की लहक का उठना पसंद नहीं था। 


 3. लेखक अति परिचित और अति प्रामाणिक सत्य किसे मानते हैं?

 उत्तर: लेखक जन्म और मृत्यु को संसार का अति परिचित और अति प्रामाणिक सत्य मानते हैं। 


4. लेखक शिरीष को अद्भुत अवधूत क्यों कहते हैं?

उत्तर: शिरीष फूल के लिए हर स्थिति एक समान है। अतः हर स्थिति में एक समान बने रहना ही इसकी प्रवृत्ति है इसलिए लेखक शिरीष को अद्भुत अवधूत कहते है। 


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                             (2 अंक)  

1. लेखक जहां बैठकर लिख रहा था वहां का वातावरण कैसा था?

उत्तर: लेखक जहां बैठकर लिख रहा था वहां चारों ओर शिरीष फूल के पेड़ उपस्थिति थे। जिससे वहां का वातावरण बहुत ही सुंदर और आकर्षक लग रहा था। साथ ही जेठ माह की धूप धरती को और अधिक तपा रही थी। 


2. लेखक के अनुसार जीवन की अजेयता का मंत्र प्रचार कौन करता रहता है?

उत्तर: लेखक के अनुसार  शिरीष फूल अजेयता का मंत्र प्रचार करता रहता है क्योंकि लू के कारण जहां लोगों के प्राण सूखने लगते हैं वहाँ शिरीष के फूल अवधूत की भांति हर परिस्थिति में एक समान बने रहते हैं।  


3. कालिदास ने शिरीष के फूलों के बारे में क्या लिखा है?

उत्तर: कालिदास ने शिरीष के फूलों के बारे में यह लिखा है “पद्म सहते भ्रमरस्य पेलवं शिरीष पुष्पम न पुन: पतत्रिणाम”। अतः शिरीष के फूल केवल भँवरों के कोमल पैरों के दाब को ही सहन कर सकते हैं, पक्षियों के दाब को नहीं। 


4. शिरीष के फूलों को देखकर लेखक को क्या अभाव होता है?

उत्तर: शिरीष के फूलों को देख कर लेखक के मन में  यह भाव होता है कि जिस प्रकार किसी वस्तु का जन्म होता है उसी प्रकार उसका अंत भी होता है। ठीक इसी तरह ये शिरीष के फूल भी एक दिन झड़ जाएंगे।  


5. लेखक ऐसा क्यों कहते हैं कि “महाकाल कोड़ चलाते हैं”?

उत्तर: लेखक के अनुसार यमराज मनुष्य पर लगातार कोड़े से प्रहार करते हैं। जिससे मनुष्य के जीवन में सुख-दुख जैसी परिस्थितियां उत्पन्न होती है। मनुष्य के लिए यह पीड़ा जनक होती है परन्तु तब भी मनुष्य के भीतर कभी भी जीने की ललक कम नहीं होती है। 


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                                                    (3 अंक)

1. शिरीष के फूलों और फलों में क्या अंतर है?

उत्तर: शिरीष के फूल  कोमल और आकर्षक होते हैं जबकि इसके विपरीत इसके फल इतने अधिक मजबूत होते हैं के नए फूल निकल आने पर भी यह अपना स्थान नहीं छोड़ते। जब तक नए फल एवं पत्ते धकेल कर इन्हें बाहर ना निकाल दे ये अपने स्थान पर बने रहते हैं। 


2. कालिदास पर लेखक ने क्या टिप्पणी की है?

उत्तर: लेखक ने कालिदास को अनासक्त योगी कहकर संबोधित किया है। लेखक के अनुसार कालिदास भी शिरीष फूल के समान सरस और मादक रहे होंगे तभी तो उन्होंने “मेघदूत” जैसी काव्य की रचना की है। 


3. लेखक ने कालिदास को श्रेष्ठ कवि क्यों कहा है?

उत्तर: लेखक ने कालिदास को श्रेष्ठ कवि कहा है क्योंकि लेखक के अनुसार कालिदास अनासक्त योगी रहे होंगे। उनका मन हर परिस्थिति में स्थिर, भाव एक समान एवं उनका ह्रदय प्रेम से भरा होगा। जो एक श्रेष्ठ कवि के गुण को दर्शाता है। 


4. “शकुंतला कालिदास के ह्रदय से निकली थी” का भावार्थ लिखो। 

उत्तर: कालिदास के अनुसार शकुंतला अत्यधिक सुंदर थी क्योंकि कालिदास ने  शकुंतला को उनकी बाहरी रूप सौंदर्य से नहीं बल्कि अपने मन की सुंदरता से देखा था। कालिदास के मन की दृष्टि के कारण ही शकुंतला उनके ह्रदय से निकली थी। 


5. दुष्यंत द्वारा बनाए गए चित्र में क्या कमी थी?

उत्तर: राजा दुष्यंत ने शकुंतला का एक चित्र बनाया था। जिससे उनका मन रह रह कर इस बात पर विचलित हो उठता था जैसे उस चित्र में कुछ छूट सा गया हो। बाद में उन्हें यह समझ आया कि वे शकुंतला के कानों में शिरीष के फूल देना भूल गए हैं जिसके केसर गंड स्थल तक लटके हुए थे। 


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न                                                                                             (5 अंक) 

1. लेखक पुराने कवियों को क्यों फटकार लगाते हैं?

उत्तर: लेखक के अनुसार वात्स्यायन ने “कामसूत्रा” में वाटिका के सघन वृक्षों की छाया में ही झूला लगाने की बात कही है। परंतु किसी भी कवि ने शिरीष के वृक्ष पर झूला लगाने की बात नहीं कही है। पुराने कवि बकुल के वृक्ष पर झूला लगाना उपयुक्त मानते हैं। इसके विपरीत लेखक के अनुसार शिरीष के वृक्ष की डालियां कमजोर तो होती है परंतु उसमें झूला झूलनेवालियों का वजन भी तो कम होता है। इस बात पर लेखक पुराने कवियों को फटकार लगाते हैं।


2. लेखक के द्वारा किए गए शिरीष फूल का वर्णन करो।   

उत्तर: लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार शिरीष फूल अजेयता के मंत्र का प्रतीक है। शिरीष के फूल एक सन्यासी की तरह हर परिस्थिति में एक समान बने रहते हैं। यह विपरीत परिस्थिति में भी अपने सौंदर्य और आकर्षण से लोगों के मन को लुभाते हैं। अर्थात शिरीष के फूल लोगों को यह सीख देना चाहती हैं कि हमें किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानना चाहिए एवं प्रतिकूल परिस्थिति में भी डटे रहना चाहिए। 


3. लेखक ने हमारे आत्मविश्वास को कैसे झकझोरा है?

उत्तर: लेखक ने सांसारिक सुखों और मोह माया की बात करते हुए हमें यह बताया है कि किस प्रकार आज मनुष्य की गलत प्रवृत्तियों, हिंसा और ईर्ष्या की भावना ने मनुष्य को मनुष्य का शत्रु बना दिया है। ऐसी चिंताजनक स्थिति  हमारे समाज के लिए घातक है इसलिए मनुष्य को सांसारिक मोह माया को त्याग कर ऊपर उठने की प्रवृत्ति लाना आवश्यक है आगे चलकर ऐसे लोग ही आत्मविश्वास के प्रतिक बनते हैं। 



4. लेखक ऐसा क्यों कहते हैं कि “ह्रदय की कोमलता को बचाने के लिए व्यवहार की कठोरता भी कभी-कभी जरूरी होती है”।  

उत्तर: लेखक के अनुसार शिरीष अपनी कोमलता को सुरक्षा प्रदान करने हेतु बाह्य वातावरण सहन करता है एवं अपने स्थान पर बने रहता है। ठीक इसी प्रकार मनुष्य को भी अपने ह्रदय की कोमलता को बचाने के लिए कभी-कभी कठोर व्यवहार की आवश्यकता होती है। जिससे वह सामने आए विभिन्न परिस्थितियों का सामना कर सके। ताकि ह्रदय में किसी प्रकार का आघात ना पहुँचे और मन में दया का भाव बना रहे। 


5. जो कवि अनासक्त नहीं रह सका, जो फक्कड़ नहीं बन सका, जो किए कराए का लेखा-जोखा मिलाने में उलझ गया, वह भी क्या कवि है?...... मैं कहता हूं कवि बनना है मेरे दोस्तों, तो फक्कड़ बनो। उपरोक्त वाक्यों का आशय स्पष्ट करो।

उत्तर: लेखक के अनुसार एक संपूर्ण कवि वही है जो अनासक्त जीवन व्यतीत करता हो। अर्थात सांसारिक मोह माया एवं दुख सुख से परे हो। जो सांसारिक उपभोग विलासिता को त्याग कर फक्कड़ की भांति अपनी दुनिया में मग्न हो एवं जिनके ह्रदय में प्रेम होl  जिस प्रकार कबीर दास एक फक्कड़ थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण वे एक महान कवि सिद्ध हुए। इसलिए एक महान कवि बनने के लिए फक्कड़पन का होना आवश्यक है। 


List of The Chapter Covered In Class 12 Hindi Aroh Textbook

Find the names of all the chapters covered in NCERT Class 12 Hindi Aroh textbook below. Ensure to prepare all the chapters thoroughly with Vedantu’s Class 12 study material available on the website and score excellent marks in your board exams.

(अ) काव्य भाग


(ब) गद्य भाग


Benefits of Solving CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 14 Important Questions

Students will have the following benefits by practicing these important repeatedly:

  • Students develop time management and problem-solving skills by solving questions.

  • Students can revise the chapter's important concepts through these important questions in less time.

  • Students will be confidently able to attempt similar questions in the exam.

  • Solving important questions is a great way to help students recall what they learned while reading a chapter.

  • Solving important questions helps them to self-evaluate their understanding of the chapter concepts.


We hope students have found this information on Important Question for CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 14  useful for their studies. Along with these important questions, you can also access CBSE Class 12 chapter-wise NCERT Solution, Important Question, revision notes for all subjects, sample papers, previous year question papers, exam tips, etc. from Vedantu's official website or by downloading Vedantu's app. Stay tuned to get the latest updates on CBSE Class 12 board exams and other competitive exams.

FAQs on Important Questions For CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 14- Shirish Ke Phool

1. Who is the author of "Shirish Ke Phool," an essay?

The author of the essay "Shirish Ke Phool" is "Hajari Prasad Dwivedy." Besides writing novels in Hindi, Hajari Prasad Dwivedi also wrote essays, reviews, criticism, and scholarly works. Numerous novels, collections of essays, historical studies on medieval Indian religious movements, including Kabir and Natha Sampradaya, and historical summaries of Hindi literature were all written by him.

2. From the essay "Shirish Ke Phool," what can we infer?

The author "Hajari Prasad Dwivedy" taught a man a lesson about Shirish in Class 12 Hindi Aroh Chapter 12. The poet is unfair to Shirish, the author claims, given how he views him as entirely and softly spoken. Its fruits are similarly tough. According to the author, we should take a lesson from them and recognize that sometimes being harsh in our behaviour is necessary to maintain the softness of our hearts.

3. When he saw "Shirish ke Phool," what did the author do?

The author describes the Shirish flowers, saying that once they bloom, it should be understood that the fall is unavoidable. This indicates that Yamraj frequently lashes out. Man experiences agony from time to time, but he still wants to live. Stupid people believe that by prolonging their stay in the place where they were created, they will avoid dying. The author claims that "Shirish Ke Phool" is unique in that it blooms brightly even in extreme heat when the majority of flowers do not. They bloom for a very long time.

4. How to effectively remember  CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 14- Shirish Ke Phool?

Any kind of literature or language subject can be very tough to understand and retain for some students. This is why Vedantu.com offers the solution to all of the study needs for a student, for any subject they want guidance or help. From revision notes to mock tests also highlighting the important Questions For CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 14 - Shirish Ke Phool, Vedantu.com offers everything. All the student needs to do is study the material and they will be able to understand and comprehend any subject.

5. Can one self-study CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 14 - Shirish Ke Phool?

Yes, One can self-study any subject one wants. Although if one can’t then Vedantu.com offers great guidance materials and courses, including important Questions For CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 14 - Shirish Ke Phool, for the student to go through and get the help they need right at home. Practising these materials itself will give the student enough confidence to get very good marks in the exam.