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गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात Class 12 Important Questions: CBSE Hindi (Antra) Chapter 13

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Hindi (Antra) Important Questions for Class 12 Chapter 13 (भीष्म साहनी) - FREE PDF Download

Vedantu provides important questions for Class 12 Hindi Antra, Chapter 13, according to the latest CBSE Class 12 Hindi Syllabus, which features Bhisham Sahni's insightful and thought-provoking work. In this chapter, Sahni brilliantly portrays the human condition against the backdrop of social and political change. You can download the FREE PDF to access well-structured Class 12 Hindi Antra Important Questions that will make your revision process efficient and effective. Vedantu’s materials are designed to support your academic journey and ensure you excel in your exams.

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Study Important Questions for Class 12 Hindi(Antra) Chapter 13 – गाँधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात

अति लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                               (1 अंक)

1. बलराज जी क्या काम करते थे?

उत्तर: बलराज जी एक पत्रिका में सह-संपादक के स्थान पर कार्यरत थे। उस पत्रिका का नाम नई तालीम था।


2. कांग्रेस का हरिपुरा अधिवेशन कब हुआ था?

उत्तर: कांग्रेस का हरिपुरा अधिवेशन सन् 1938 में हुआ था।


3. गाँधी जी कितने बजे करीब में टहलने के लिए निकला करते थे?

उत्तर: गाँधी जी सुबह में 7 बजे करीब में टहलने के लिए निकला करते थे।


4. गाँधी जी के साथ सुबह में कौन-कौन टहलने निकला करता था?

उत्तर: गाँधी जी के साथ सुबह में अक्सर डॉक्टर सुशीला नय्यर और गाँधी जी के निजी सचिव महादेव देसाई टहला करते थे।


5. मिस्टर जान कौन थे?

उत्तर: मिस्टर जान रावलपिंडी शहर के रहने वाले, जाने-माने बैरिस्टर थे।


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                                      (2 अंक)

6. लड़का क्यों बापू को बार-बार याद कर रहा था?

उत्तर: वह पंद्रह साल का लड़का बार-बार बापू को याद कर रहा था। ज्यादा ईख पी लेने से उसका पेड़ फूल गया था और बहुत तेज दर्द हो रहा था। उसको यह विश्वास था कि गाँधी जी, अगर आ जाए तो मेरी बीमारी ठीक हो जाएगी।


7. गाँधी जी प्रत्येक दिन कच्ची सड़क पर क्या करने जाया करते थे?

उत्तर: गाँधी जी प्रतिदिन प्रातः कच्ची सड़क पर घूमने निकलने जहाँ पर एक रुग्ण व्यक्ति रहते थे, संभवतः वह दिल के मरीज थे। गाँधी जी हर दिन उसके पास उनके स्वास्थ्य का हाल-चाल जानने के लिए जाया करते थे।


8. शेख अब्दुल्ला के नेतृत्व में क्या हुआ था?

उत्तर: शेख अब्दुल्ला ने पंडित नेहरू की कश्मीर यात्रा में उनका स्वागत किया था। पंडित नेहरू का कश्मीर में आगमन अद्भुत प्रकार से हुआ था।


9. नेहरू जी के साथ मेज पर कौन-कौन बैठा था?

उत्तर: उस रोज खाने की मेज पर बड़े लब्धप्रतिष्ठित लोग बैठे थे- शेख अब्दुल्ला, खान अब्दुल्ला गफ्फार खान, श्रीमती रामेश्वरी नेहरू, उनके पति आदि।


10. ट्यूनीशिया में कौन-सा आयोजन होने वाला था?

उत्तर: ट्यूनीशिया की राजधानी ट्युनिस में अफ्रों-एशियाई लेखक संघ का सम्मेलन होने वाला था। उस सम्मेलन में भारत से जाने वाले प्रतिनिधि मंडल में सर्वश्री कमलेश्वर, जोगिंदरपाल, बालू राव, अब्दुल बिस्मिल्लाह आदि शामिल थे।



लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                            (3 अंक)

11. अराफात का गाँधी जी के विषय में क्या विचार थे?

उत्तर: अराफात गाँधी जी को अपना नेता मानते थे। उनका कहना था कि गाँधी जी हर किसी के नेता हैं। अराफात का यह कथन गाँधी जी के व्यक्तित्व को दर्शाता है कि कैसे उनकी शिक्षा, अन्य देशों में भी अपनाई जा रही थी। गाँधी जी के अहिंसावादी आंदोलन से देश के सभी नेताओ ने प्रेरणा ली थी।


12. सेवाग्राम में कौन-कौन लोग आए थे? जिनका जिक्र लेखक ने किया है।

उत्तर: सेवाग्राम में गाँधी जी, जवाहरलाल नेहरू, यास्सेर अराफात, पृथ्वी सिंह आजाद, खान अब्दुल, मीरा बेन, राजेन्द्र बाबू, कस्तूरबा गाँधी इत्यादि लोगों के आने का जिक्र लेखक ने इस पाठ में किया है।


13. गाँधी जी का व्यवहार, रोगी बालक के लिए बहुत नम्र था। टिप्पणी करे।

उत्तर: वह पंद्रह साल का बालक बार बार बापू को याद कर रहा था। उसको यह विश्वास था कि गाँधी जी, अगर आ जाए तो मेरी बीमारी ठीक हो जाएगी। जब रोगी बालक तो गाँधी जी ने देखा, तो उसके पेट पर हाथ फेरा तथा बोले कि इसने ज्यादा ईख पी लिया है। चलो उल्टी करो और उसके पीठ पर सहलाते रहे। थोड़ी देर में बालक स्वस्थ हो गया तो बापू ने कहा कि “तू भी पागल है।” गाँधी जी का यह व्यवहार रोगी बालक के लिए बहुत नम्र और उनके आचरण के हिसाब से स्वाभाविक था।


14. भारत का रवैया फिलिस्तीन के प्रति सहानुभूति एवम् समर्थन भरा था। क्यों?

उत्तर: भारत का रवैया फिलिस्तीन के प्रति सहानुभूति एवम् समर्थन भरा था क्योंकि कोई भी देश फिलिस्तीन को आगे बढ़ाने के समर्थन में नहीं था। जबकि फिलिस्तीन के लोग मृदुभाषी होने के साथ-साथ बहुत ही अच्छे आचरण वाले थे। इन सभी बातों को जानते और समझते हुए भारत का रवैया फिलिस्तीन के प्रति बहुत ही अच्छा था।


15. यास्सेर अराफात के मेहमान नवाजी के सम्बन्ध में कुछ घटित घटनाओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर: यास्सेर अराफात को उनकी मेहमान नवाजी के लिए जाना जाता था, वह कभी भी अपने मेहमानों को बिना प्रसन्न किये नहीं भेजते थे। उनकी मेहमान नवाजी की कुछ घटनाएँ इसप्रकार है। यास्सेर अराफात अपने मेहमानों को बड़े प्यार से शहद का शरबत पीने को बोल रहे थे। वह अपने अतिथियों को खाना खिलाने के साथ ही अपनी मीठी बोली में शहद की चटनी की कहानी भी सुना रहे थे।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न                                                                                (5 अंक)

16. लेखक के मन में गाँधी जी के साथ टहलने की लेकर कैसा उत्साह था?

उत्तर: जब लेखक के भाई ने लेखक को बताया कि गाँधी जी से मिलने के लिए भोर में 7 बजे उठना पड़ेगा, वो सुबह यही पर टहलने के लिए आते हैं। अगले दिन लेखक और उनके भाई सुबह सात बजे भागते-भागते उस जगह पहुँचे, जहाँ से गाँधी जी गुजरने वाले थे। लेखक उनसे मिलने के लिए बहुत उत्साहित था मगर जब वो आए ती तो उन्हें देख वह थोड़ा आश्चर्यचकित हो गया। वो सोचने लगा कि गाँधी जी, तो चित्र में भी बिल्कुल ऐसे ही दिखते हैं। उसने गाँधी जी से कहा बापू आप तो चित्र में भी ऐसे ही दिखते है, यह कथन सुन कर वह मुस्कुराए और आगे बढ़ने लगे। लेखक भी उनके साथ हो लिया और टहलने लगा, वह उत्साह और प्रसन्नता के साथ गाँधी जी के साथ कदम से कदम मिला रहा था। ऐसा करते हुए उसका दिल हर्षोल्लास के साथ भर गया था।


17. गाँधी जी और लेखक के बीच क्या वार्तालाप हुई थी? 

उत्तर: लेखक को बातचीत के लिए कोई बात नहीं सूझ रही थी, लेकिन अचानक उनको गाँधी जी के रावलपिंडी आने वाली बात का स्मरण हो आया। उसने गाँधी जी से कहा क्या आपको याद है आप एक बार रावलपिंडी आए थे। गाँधी जी सहसा रुककर मेरी ओर देखने लगे। उनकी आँखों में चमक आ गई और मुस्कुराके बोले, हाँ! याद है। वहाँ मैं मिस्टर जान साहब के यहाँ गया था। वह शहर के एक मुस्लिम सज्जन और प्रसिद्ध बैरिस्टर थे। गाँधी जी फिर लेखक को अपने संस्मरण के बारे में बताने लगे, उन दिनों मैं बहुत काम कर लेता था। कभी थकता ही नहीं था। हमारी कहानी और बातों का सिलसिला आश्रम के फाटक तक चलता गया। मगर एक चीज थी, वे बहुत धीमी आवाज में बोलते थे, लगता था खुद से ही बात कर रहे हों।


18. नेहरू जी जब कश्मीर से आए थे,तो उनके स्वागत में क्या क्या इंतजाम किए गए थे?

उत्तर: पण्डित नेहरू कश्मीर यात्रा पर आए थे, ये बात भी लगभग उसी समय की है। वहाँ उनका भव्य स्वागत हुआ। शेख अब्दुल्ला को इस स्वागत समारोह का नेतृत्व सौंपा गया था। कश्मीर की सबसे खूबसूरत झेलम नदी, शहर के एक हिस्से से शहर के दूसरे हिस्से तक, सातवे पुल से अमिराकदल तक, नावों में सवार नेहरू जी की शोभायात्रा देखने को मिल रही। नदी के दोनों ओर हजारों की संख्या में कश्मीर निवासी अगाध उत्साह और हर्ष के साथ उनका स्वागत कर रहे थे। यह सच में भूत ही अद्भुत दृश्य था। शोभायात्रा समाप्त होने पर नेहरू जी को लेखक के फुफेरे भाई के बँगले में ठहराया गया था। लेखक के भाई के आग्रह पर लेखक ने पण्डित जी की देखभाल में उनका हाथ बताया था।


19. नेहरू जी ने कौन सी कहानी सुनाई थी?

उत्तर: नेहरू जी ने अनातोले की कहानी सुनाई थी जो कि फ्रांस के प्रसिद्ध लेखक थे। यह कहानी पेरिस शहर के एक गरीब बाजीगर की है, जो अपना गुजारा करने के लिए करतब दिखाया करता था। एक बार की बात है जब क्रिसमस का त्योहार था। पेरिस के सभी लोग माता मरियम को श्रद्धांजलि देने के लिये गिरजा घर जा रहे थे। सभी लोगों के पास अलग अलग तोहफे थे जो वह माता मरीयम को भेंट करना चाहते थे परन्तु बाजीगर इस त्योहार में भाग नहीं ले पाने की वजह से काफी उदास था क्योंकि उसके पास कोई तोहफा नहीं था तो उसने सोचा कि वह माता मरियम को अपना करतब दिखायेगा। उसने माता मरियम को बहुत सारे करतब दिखाए जिससे वह थक गया। बाजीगर थक कर हाफ रहा था तभी वहाँ बड़ा पादरी आ गया और उसने बाजीगर को सिर के बल खड़ा देख लिया। वह चिल्लाते हुए बोला कि माता मरियम की इससे बड़ी बेज्जती नहीं हो सकती और उसने बाजीगर को गिरजाघर से निकालने के लिए हाथ बढ़ाया तभी माता मरियम की मूर्ति हिली और बाजीगर के पास आकर अपने आँचल से उसका पसीना पोंछा। माता मरियम ने बाजीगर का सिर प्यार से सहलाया।


20. लेखक भीष्म साहनी का जीवन परिचय लिखिए।

उत्तर: भीष्म साहनी का जन्म सन् 1915 मे रावलपिंडि, पाकिस्तान मे हुआ था। इन्होने 1937 में लाहौर के लाहौर गवर्नमेंट कॉलेज से अंग्रेज़ी साहित्य में एम.ए तथा 1958 म पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी कि उपाधि हासिल की। आप अवैतनिक शिक्षक होने के साथ साथ व्यापार भी करते थे। भारत पाकिस्तान के बँटवारे के पूर्व बाद इन्होंने भारत आकर समाचार पत्रों में लिखने का काम शुरू किया। मास्को में विदेशी भाषा प्रकाशन गृह (फॉरेन लैंग्वेजेस पब्लिकेशन हाउस) में अनुवादक के काम में कार्यरत रहे। उन्होंने यहाँ करीब दो दर्जन रूसी किताबों जा हिंदी रूपांतरण किया। तत्पश्चात दो सालों तक ‘नई कहानीयाँ’ नामक पत्रिका का संपादन किया। वे प्रगतिशील लेखक संघ और अफ्रो-एशियाई लेखक संघ (एफ्रो एशियन राइट्स असोसियेशन) से भी जुड़े रहे। आप आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख स्तंभों में से एक थे। भीष्म साहनी को हिंदी साहित्य में प्रेमचंद की परम्परा का आग्रणी लेखक माना जाता है। वे वामपंथी विचारधारा के साथ जुड़े थे लेकिन उन्होंने कभी मानवीय मूल्यों का अंदेखा नहीं किया। उन्होंने हमेशा मानवीय मूल्यों को पहले रखा और कभी किसी विचारधारा को खुद पर हक़ करने नहीं दिया। हिंदी के साहित्य में इनका विशेष योगदान है। इनकी मृत्यु 2003 में हुई थी।


Key Points From Class 12 Hindi Antra Chapter 13 -  Gandhi, Nehru Aur Yasser Arafat

  • Gandhi led India’s freedom struggle with non-violence and Satyagraha, focusing on social equality and religious tolerance.

  • Nehru, India's first Prime Minister, promoted progress, education, and socialism, aiming for a modern and self-reliant nation.

  • Arafat fought for an independent Palestinian state using armed struggle and diplomacy.

  • All three leaders fought for freedom and human rights, though their methods varied—Gandhi with non-violence, Nehru with socialism, and Arafat with armed resistance.

  • Gandhi and Nehru focused on peace and equality in India, while Arafat raised the Palestinian cause globally.


Benefits of CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 13 Gandhi, Nehru aur Yasser Arafat Important Questions

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  • Resolve doubts related to important questions when you have the solutions in your hand. There is no need to wait to get your doubts resolved and use your study time more efficiently.


Conclusion

Vedantu's study material for Class 12 Hindi (Antra), Chapter 13 on "गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात" provides valuable insights into the lives and ideologies of three iconic leaders who shaped their respective nations' destinies. By studying the important questions, you can understand their diverse approaches to achieving freedom, justice, and human rights. Whether through non-violence, socialism, or armed resistance, these leaders made indelible marks on history. With Vedantu’s structured approach and free PDFs, you can strengthen your exam preparation and gain a deeper understanding of their lasting impact on global politics and social movements.


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FAQs on गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात Class 12 Important Questions: CBSE Hindi (Antra) Chapter 13

1. कक्षा 12 हिंदी (अंतरा) के पाठ 'गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात' से 2025-26 की बोर्ड परीक्षा के लिए 1 अंक वाले कौन-से प्रश्न महत्वपूर्ण हैं?

इस पाठ से 1 अंक के लिए निम्नलिखित तथ्यात्मक प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं:

  • कांग्रेस का हरिपुरा अधिवेशन: यह कब हुआ था? (उत्तर: सन् 1938)
  • गांधीजी की दिनचर्या: वे सुबह कितने बजे टहलने निकलते थे? (उत्तर: सुबह 7 बजे)
  • 'नई तालीम' पत्रिका: इसमें सह-संपादक कौन थे? (उत्तर: लेखक के भाई बलराज)
  • मिस्टर जान: वे कौन थे और कहाँ रहते थे? (उत्तर: रावलपिंडी के एक प्रसिद्ध बैरिस्टर)
  • अफ़्रो-एशियाई लेखक संघ सम्मेलन: इसका आयोजन कहाँ होने वाला था? (उत्तर: ट्यूनीशिया की राजधानी ट्युनिस में)

2. रोगी बालक के प्रति गांधीजी के व्यवहार से उनके चरित्र की किन विशेषताओं का पता चलता है? यह प्रश्न कितने अंकों में पूछा जा सकता है?

रोगी बालक के प्रति गांधीजी का व्यवहार उनके चरित्र की करुणा, संवेदनशीलता और सेवाभाव जैसी विशेषताओं को उजागर करता है। उन्होंने बालक के पेट पर हाथ फेरकर उसे सांत्वना दी और उल्टी करने की सलाह दी, जिससे उसे तुरंत आराम मिला। उनका कहना, "तू भी पागल है," उनके स्नेहपूर्ण और आत्मीय स्वभाव को दर्शाता है। यह प्रश्न आमतौर पर 2 या 3 अंक के लिए पूछा जाता है।

3. 2025-26 की बोर्ड परीक्षा के लिए 'गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात' पाठ से कौन-से 5-अंकीय दीर्घ उत्तरीय प्रश्न सबसे अधिक संभावित हैं?

5 अंकों के लिए, विश्लेषणात्मक और तुलनात्मक प्रश्न महत्वपूर्ण हैं। सर्वाधिक संभावित प्रश्न हैं:

  • विचारधाराओं की तुलना: गांधी, नेहरू और अराफ़ात की विचारधाराओं और कार्यशैलियों की तुलना करते हुए उनके संघर्ष के तरीकों पर प्रकाश डालिए।
  • नेहरू का कश्मीर स्वागत: पंडित नेहरू की कश्मीर यात्रा के दौरान हुए उनके भव्य स्वागत का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
  • लेखक का अनुभव: गांधीजी के साथ टहलने के लेखक के अनुभव का वर्णन करें। इस घटना से गांधीजी के व्यक्तित्व का कौन-सा पहलू उभरकर सामने आता है?
  • भीष्म साहनी का साहित्यिक परिचय: लेखक भीष्म साहनी के जीवन और साहित्यिक योगदान पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखिए।

4. पाठ के आधार पर गांधीजी और नेहरूजी के विचारों में क्या समानताएँ थीं? (CBSE संभावित 2-अंकीय प्रश्न)

पाठ में वर्णित घटनाओं और संवादों के आधार पर गांधीजी और नेहरूजी के विचारों में निम्नलिखित समानताएँ थीं:

  • दोनों ही नेता मानवीय मूल्यों और सामाजिक समानता के प्रबल पक्षधर थे।
  • दोनों धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखते थे और सभी धर्मों का सम्मान करते थे।
  • दोनों ही राष्ट्र निर्माण के लिए नैतिकता और शांतिपूर्ण साधनों को आवश्यक मानते थे।

5. यास्सेर अराफ़ात की मेहमाननवाज़ी की क्या विशेषताएँ थीं, जैसा कि पाठ में वर्णित है?

पाठ के अनुसार, यास्सेर अराफ़ात की मेहमाननवाज़ी में गहरी आत्मीयता और सादगी झलकती थी। वे अपने मेहमानों का स्वागत बड़े प्यार से करते थे और उन्हें शहद का शरबत पिलाते थे। वे भोजन कराते समय शहद की चटनी की कहानी सुनाकर माहौल को व्यक्तिगत और स्नेहपूर्ण बना देते थे। उनका यह व्यवहार दर्शाता है कि वे एक बड़े नेता होने के साथ-साथ एक बेहद सरल और मिलनसार व्यक्ति थे।

6. Higher Order Thinking Skills (HOTS) के अंतर्गत इस पाठ से किस प्रकार का प्रश्न बन सकता है?

HOTS के अंतर्गत यह प्रश्न पूछा जा सकता है: "पाठ में वर्णित तीन नेता अलग-अलग भौगोलिक और राजनीतिक परिस्थितियों से होने के बावजूद मानवीय स्तर पर एक जैसे लगते हैं। कथन की समीक्षा करते हुए स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने उनके व्यक्तिगत प्रसंगों के माध्यम से नेतृत्व का कौन-सा सार्वभौमिक संदेश दिया है?"

7. 'गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात' पाठ में तीनों नेताओं की विचारधाराओं में मुख्य अंतर क्या थे? (3-अंकीय महत्वपूर्ण प्रश्न)

तीनों नेताओं की विचारधाराओं में मुख्य अंतर उनके संघर्ष के तरीकों और प्राथमिकताओं में निहित था:

  • गांधीजी: उनका मार्ग पूर्णतः अहिंसा और सत्याग्रह पर आधारित था। वे आध्यात्मिक और नैतिक शुद्धि पर सर्वाधिक बल देते थे।
  • नेहरूजी: वे वैज्ञानिक दृष्टिकोण, समाजवाद और आधुनिक औद्योगीकरण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण पर केंद्रित थे। उनका दृष्टिकोण प्रगतिशील और तार्किक था।
  • यास्सेर अराफ़ात: वे अपने देश फिलिस्तीन की स्वतंत्रता के लिए कूटनीति और सशस्त्र संघर्ष, दोनों को ही आवश्यक मानते थे। उनका संघर्ष एक राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन था।

8. लेखक भीष्म साहनी ने इन तीन विशिष्ट नेताओं को एक साथ अपनी स्मृति में क्यों पिरोया है? इससे वे क्या बड़ा संदेश देना चाहते हैं?

लेखक ने गांधी, नेहरू और अराफ़ात को एक साथ प्रस्तुत करके यह संदेश दिया है कि मानवीय करुणा, स्वतंत्रता की चाह और सादगी किसी देश, काल या विचारधारा की सीमाओं में बंधी नहीं होती। उन्होंने दिखाया कि अलग-अलग तरीकों से संघर्ष करने वाले इन महान नेताओं के मूल में एक समान मानवतावादी दृष्टिकोण था। यह पाठ हमें सिखाता है कि सच्चा नेतृत्व पद से नहीं, बल्कि मानवीय गुणों से परिभाषित होता है।

9. इस अध्याय को परीक्षा की दृष्टि से तैयार करने के लिए किन प्रमुख घटनाओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए?

परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित घटनाओं और प्रसंगों पर विशेष ध्यान देना चाहिए:

  • लेखक की गांधीजी से पहली मुलाकात और उनके बीच हुआ संवाद
  • पेट दर्द से पीड़ित रोगी बालक के प्रति गांधीजी का व्यवहार
  • झेलम नदी में नावों पर निकली नेहरूजी की शोभायात्रा और उनका भव्य स्वागत।
  • नेहरूजी द्वारा सुनाई गई फ्रांसीसी बाजीगर की कहानी और उसका मर्म।
  • ट्युनिस में लेखक की यास्सेर अराफ़ात से मुलाकात और उनकी मेहमाननवाज़ी।

10. यह पाठ किस साहित्यिक विधा के अंतर्गत आता है और यह भीष्म साहनी की किस रचना का अंश है?

यह पाठ संस्मरणात्मक आलेख विधा के अंतर्गत आता है। इसमें लेखक ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों और मुलाकातों को याद करते हुए लिखा है। यह पाठ लेखक भीष्म साहनी की आत्मकथा 'आज के अतीत' का एक अंश है।