Hindi (Antra) Important Questions for Class 12 Chapter 13 (भीष्म साहनी) - FREE PDF Download
FAQs on गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात Class 12 Important Questions: CBSE Hindi (Antra) Chapter 13
1. कक्षा 12 हिंदी (अंतरा) के पाठ 'गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात' से 2025-26 की बोर्ड परीक्षा के लिए 1 अंक वाले कौन-से प्रश्न महत्वपूर्ण हैं?
इस पाठ से 1 अंक के लिए निम्नलिखित तथ्यात्मक प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं:
- कांग्रेस का हरिपुरा अधिवेशन: यह कब हुआ था? (उत्तर: सन् 1938)
- गांधीजी की दिनचर्या: वे सुबह कितने बजे टहलने निकलते थे? (उत्तर: सुबह 7 बजे)
- 'नई तालीम' पत्रिका: इसमें सह-संपादक कौन थे? (उत्तर: लेखक के भाई बलराज)
- मिस्टर जान: वे कौन थे और कहाँ रहते थे? (उत्तर: रावलपिंडी के एक प्रसिद्ध बैरिस्टर)
- अफ़्रो-एशियाई लेखक संघ सम्मेलन: इसका आयोजन कहाँ होने वाला था? (उत्तर: ट्यूनीशिया की राजधानी ट्युनिस में)
2. रोगी बालक के प्रति गांधीजी के व्यवहार से उनके चरित्र की किन विशेषताओं का पता चलता है? यह प्रश्न कितने अंकों में पूछा जा सकता है?
रोगी बालक के प्रति गांधीजी का व्यवहार उनके चरित्र की करुणा, संवेदनशीलता और सेवाभाव जैसी विशेषताओं को उजागर करता है। उन्होंने बालक के पेट पर हाथ फेरकर उसे सांत्वना दी और उल्टी करने की सलाह दी, जिससे उसे तुरंत आराम मिला। उनका कहना, "तू भी पागल है," उनके स्नेहपूर्ण और आत्मीय स्वभाव को दर्शाता है। यह प्रश्न आमतौर पर 2 या 3 अंक के लिए पूछा जाता है।
3. 2025-26 की बोर्ड परीक्षा के लिए 'गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात' पाठ से कौन-से 5-अंकीय दीर्घ उत्तरीय प्रश्न सबसे अधिक संभावित हैं?
5 अंकों के लिए, विश्लेषणात्मक और तुलनात्मक प्रश्न महत्वपूर्ण हैं। सर्वाधिक संभावित प्रश्न हैं:
- विचारधाराओं की तुलना: गांधी, नेहरू और अराफ़ात की विचारधाराओं और कार्यशैलियों की तुलना करते हुए उनके संघर्ष के तरीकों पर प्रकाश डालिए।
- नेहरू का कश्मीर स्वागत: पंडित नेहरू की कश्मीर यात्रा के दौरान हुए उनके भव्य स्वागत का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
- लेखक का अनुभव: गांधीजी के साथ टहलने के लेखक के अनुभव का वर्णन करें। इस घटना से गांधीजी के व्यक्तित्व का कौन-सा पहलू उभरकर सामने आता है?
- भीष्म साहनी का साहित्यिक परिचय: लेखक भीष्म साहनी के जीवन और साहित्यिक योगदान पर एक विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
4. पाठ के आधार पर गांधीजी और नेहरूजी के विचारों में क्या समानताएँ थीं? (CBSE संभावित 2-अंकीय प्रश्न)
पाठ में वर्णित घटनाओं और संवादों के आधार पर गांधीजी और नेहरूजी के विचारों में निम्नलिखित समानताएँ थीं:
- दोनों ही नेता मानवीय मूल्यों और सामाजिक समानता के प्रबल पक्षधर थे।
- दोनों धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखते थे और सभी धर्मों का सम्मान करते थे।
- दोनों ही राष्ट्र निर्माण के लिए नैतिकता और शांतिपूर्ण साधनों को आवश्यक मानते थे।
5. यास्सेर अराफ़ात की मेहमाननवाज़ी की क्या विशेषताएँ थीं, जैसा कि पाठ में वर्णित है?
पाठ के अनुसार, यास्सेर अराफ़ात की मेहमाननवाज़ी में गहरी आत्मीयता और सादगी झलकती थी। वे अपने मेहमानों का स्वागत बड़े प्यार से करते थे और उन्हें शहद का शरबत पिलाते थे। वे भोजन कराते समय शहद की चटनी की कहानी सुनाकर माहौल को व्यक्तिगत और स्नेहपूर्ण बना देते थे। उनका यह व्यवहार दर्शाता है कि वे एक बड़े नेता होने के साथ-साथ एक बेहद सरल और मिलनसार व्यक्ति थे।
6. Higher Order Thinking Skills (HOTS) के अंतर्गत इस पाठ से किस प्रकार का प्रश्न बन सकता है?
HOTS के अंतर्गत यह प्रश्न पूछा जा सकता है: "पाठ में वर्णित तीन नेता अलग-अलग भौगोलिक और राजनीतिक परिस्थितियों से होने के बावजूद मानवीय स्तर पर एक जैसे लगते हैं। कथन की समीक्षा करते हुए स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने उनके व्यक्तिगत प्रसंगों के माध्यम से नेतृत्व का कौन-सा सार्वभौमिक संदेश दिया है?"
7. 'गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात' पाठ में तीनों नेताओं की विचारधाराओं में मुख्य अंतर क्या थे? (3-अंकीय महत्वपूर्ण प्रश्न)
तीनों नेताओं की विचारधाराओं में मुख्य अंतर उनके संघर्ष के तरीकों और प्राथमिकताओं में निहित था:
- गांधीजी: उनका मार्ग पूर्णतः अहिंसा और सत्याग्रह पर आधारित था। वे आध्यात्मिक और नैतिक शुद्धि पर सर्वाधिक बल देते थे।
- नेहरूजी: वे वैज्ञानिक दृष्टिकोण, समाजवाद और आधुनिक औद्योगीकरण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण पर केंद्रित थे। उनका दृष्टिकोण प्रगतिशील और तार्किक था।
- यास्सेर अराफ़ात: वे अपने देश फिलिस्तीन की स्वतंत्रता के लिए कूटनीति और सशस्त्र संघर्ष, दोनों को ही आवश्यक मानते थे। उनका संघर्ष एक राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन था।
8. लेखक भीष्म साहनी ने इन तीन विशिष्ट नेताओं को एक साथ अपनी स्मृति में क्यों पिरोया है? इससे वे क्या बड़ा संदेश देना चाहते हैं?
लेखक ने गांधी, नेहरू और अराफ़ात को एक साथ प्रस्तुत करके यह संदेश दिया है कि मानवीय करुणा, स्वतंत्रता की चाह और सादगी किसी देश, काल या विचारधारा की सीमाओं में बंधी नहीं होती। उन्होंने दिखाया कि अलग-अलग तरीकों से संघर्ष करने वाले इन महान नेताओं के मूल में एक समान मानवतावादी दृष्टिकोण था। यह पाठ हमें सिखाता है कि सच्चा नेतृत्व पद से नहीं, बल्कि मानवीय गुणों से परिभाषित होता है।
9. इस अध्याय को परीक्षा की दृष्टि से तैयार करने के लिए किन प्रमुख घटनाओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए?
परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित घटनाओं और प्रसंगों पर विशेष ध्यान देना चाहिए:
- लेखक की गांधीजी से पहली मुलाकात और उनके बीच हुआ संवाद।
- पेट दर्द से पीड़ित रोगी बालक के प्रति गांधीजी का व्यवहार।
- झेलम नदी में नावों पर निकली नेहरूजी की शोभायात्रा और उनका भव्य स्वागत।
- नेहरूजी द्वारा सुनाई गई फ्रांसीसी बाजीगर की कहानी और उसका मर्म।
- ट्युनिस में लेखक की यास्सेर अराफ़ात से मुलाकात और उनकी मेहमाननवाज़ी।
10. यह पाठ किस साहित्यिक विधा के अंतर्गत आता है और यह भीष्म साहनी की किस रचना का अंश है?
यह पाठ संस्मरणात्मक आलेख विधा के अंतर्गत आता है। इसमें लेखक ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों और मुलाकातों को याद करते हुए लिखा है। यह पाठ लेखक भीष्म साहनी की आत्मकथा 'आज के अतीत' का एक अंश है।

















