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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 9 - Diary Ka Ek Panna

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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 - Diary Ka Ek Panna

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 have answers to all the questions from Diary Ka Ek Panna written by Sitaram Saksariya. Author Saksariya was from West Bengal. He was a Gandhian freedom fighter, who was known for his contributions towards the Marwari community’s upliftment. NCERT Solution Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 would help students prepare fast for their examinations. Every solution is drafted to make the studies of the chapters interesting yet simple.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 - Diary Ka Ek Panna
2. Access NCERT Solutions for Class 10 Hindi स्पर्श-2- पाठ 9 :डायरी का एक पन्ना- 26 जनवरी 1931
3. NCERT Class 10 Hindi Chapter 9 Solutions - Free PDF Download
    3.1Chapter 9 Hindi Class 10 Sparsh: Diary Ka Ek Panna
    3.2Why Should You Download the Free PDF for CBSE Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 Solution?
    3.3Hindi 10th Class Solution Sparsh Chapter 9 Addresses the Following Types of Questions.
    3.4Why Should You Choose Vedantu?
4. Related Study Materials for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9
5. NCERT Class 10 Hindi Sparsh Chapter-wise Solutions
6. NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions
7. NCERT Study Resources for Class 10 Hindi
FAQs

 

You can also download NCERT Solutions for Class 10 Maths and NCERT Solution for Class 10 Science to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations.


Class:

NCERT Solutions for Class 10

Subject:

Class 10 Hindi

Subject Part:

Hindi Part 4 - Sparsh

Chapter Name:

Chapter 9 - Diary Ka Ek Panna

Content-Type:

Text, Videos, Images and PDF Format

Academic Year:

2024-25

Medium:

English and Hindi

Available Materials:

  • Chapter Wise

  • Exercise Wise

Other Materials

  • Important Questions

  • Revision Notes

Access NCERT Solutions for Class 10 Hindi स्पर्श-2- पाठ 9 :डायरी का एक पन्ना- 26 जनवरी 1931

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए-

1. कलकत्ता वासियों के लिए 26 जनवरी 1931 का दिन क्यों महत्वपूर्ण था?

उत्तर : 26 जनवरी 1931 के दिन अंग्रेजों से आजादी पाने के लिए दूसरा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाना था। जिसके लिए कलकत्ता में तैयारियां जोरों पर थी। इसलिए वह दिन उनके लिए महत्वपूर्ण था।

 

2. सुभाष बाबू के जुलूस का भार किस पर था?

उत्तर : सुभाष बाबू के जुलूस का भार पूर्णोदास पर था। उन्हें ही जुलूस के लिए सारा प्रबंध करना था, एवं यह सुनिश्चित करना था कि यह जानकारी सभी लोगों तक पहुंच जाए।

 

3. विद्यार्थी संघ के मंत्री अविनाश बाबू के झंडा लगाने पर क्या प्रतिक्रिया हुई?

उत्तर : विद्यार्थी संघ के मंत्री अविनाश बाबू ने जैसे ही झंडा लगाया, अंग्रेजी सरकार ने उन पर लाठियां बरसा दी एवं उन्हें पकड़ लिया।

 

4. लोग अपने-अपने मकानों व सार्वजनिक स्थलों पर राष्ट्रीय झंडा फहराकर किस बात का संकेत देना चाहते थे?

उत्तर : लोग अपने-अपने मकानों व सार्वजनिक स्थलों पर राष्ट्रीय झंडा फहरा कर अंग्रेजी सरकार को यह संदेश देना चाहते थे कि अब भारतीय आजाद होने के लिए संघर्ष करेंगे और उसे पाकर ही रहेंगे।

 

5. पुलिस ने बड़े-बड़े पार्क और मैदानों को क्यों घेर लिया था?

उत्तर : पुलिस ने बड़े-बड़े पार्क और मैदानों को इसलिए घेर लिया था जिससे वहां पर लोग उनके खिलाफ विद्रोह के लिए सार्वजनिक सभाएं ना कर सकें एवं झंडा ना फहरा सकें।

 

लिखित

क). निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर ( 25- 30 शब्दों में) दीजिए-

1. 26 जनवरी 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए क्या-क्या तैयारियां की गई?

उत्तर : 26 जनवरी 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए लोगों ने अपने मकानों पर झंडे फहरा दिए। प्रचार के लिए ही 2000 रुपये खर्च किए गए। कई स्थानों पर जुलूस एवं सभाओं के आयोजन को सुनिश्चित किया गया। बड़े- बड़े नेता अपने कार्यकर्ताओं एवं अपने समर्थकों के साथ जुलूस निकालने एवं झंडारोहण करने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर पहुंचने लगे।

 

2."आज जो बात थी वह निराली थी"- किस बात से पता चलता था कि आज का दिन अपने आप में निराला है?स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : आज का दिन निराला इसलिए था क्योंकि लोगों ने स्वतंत्रता दिवस मनाने की पुनरावृत्ति की थी। कोलकाता में सुभाष बाबू के कहने पर कई लोग अनेक संगठनों के माध्यम से इन जुलूस एवं झंडारोहण में भागीदारी करने के लिए उत्साहित थे। मॉनुमेंट के नीचे झंडा फहराने और स्वतंत्रता की शपथ पढ़ने का सरकार को खुला चैलेंज दिया हुआ था। सरकार इन सब को गैरकानूनी मानती थी। पूरा कोलकाता शहर झंडों से सजा हुआ था।

 

3. पुलिस कमिश्नर के नोटिस और काउंसिल के नोटिस में क्या अंतर था?

उत्तर : पुलिस कमिश्नर के नोटिस में साफ-साफ लिखा था कि इस तरह की सभाएं करना इस अनुच्छेद के अंतर्गत गैर कानूनी है एवं दफ्तरों में काम करने वाले लोग अगर इन सभाओं एवं जुलूसों में भाग लेंगे तो उन्हें दोषी माना जाएगा। काउंसिल के नोटिस में निकला था कि चार बजकर चौबीस मिनट पर झंडा फहराया जाएगा तथा स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा पढ़ी जाएगी। इस प्रकार यह दोनों नोटिस एक दूसरे के खिलाफ थे। 

 

4. धर्मतल्ले के मोड़ पर आकर जुलूस क्यों टूट गया?

उत्तर : जब पुलिस ने सुभाष बाबू को पकड़ लिया,तो स्त्रियों ने जुलूस की अगुवाई की परंतु पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। जिसके कारण कुछ लोग वहीँ बैठ गए और कुछ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया इसलिए जुलूस वहां पर टूट गया।

 

5. डॉ.दासगुप्ता जुलूस में घायल लोगों की देखरेख तो कर रहे थे। उनके फोटो भी उतरवा रहे थे,उन लोगों के फोटो खींचने की क्या वजह हो सकती थी? स्पष्ट कीजिए| 

उत्तर : जब हमें किसी बात को साबित करना होता है तो उसके लिए हमें प्रमाण की आवश्यकता होती है। इसलिए डॉक्टर दासगुप्ता पूरे देश को यह दिखाने के लिए कि अंग्रेज किस तरह के जुल्म कर रहे हैं। वे उन लोगों की तस्वीर खींच रहे थे जिससे अंग्रेजों का पर्दाफाश किया जा सके। दूसरा पूरे देश में ये चर्चा थी कि बंगाल में स्वतंत्रता के लिए अधिक काम नहीं हो रहा है इसे भी गलत साबित करने के लिए वह यह कर रहे थे।

 

ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) दीजिए।

1. सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री समाज की क्या भूमिका थी?

उत्तर : सुभाष बाबू के जुलूस में स्त्री समाज की बहुत भूमिका थी। स्त्री समाज ने ही खुद को संगठित कर पुलिस की लाठियां बरसाने के बावजूद भी मोन्यूमेंट पर चढ़कर तिरंगा झंडा फहराया था एवं शपथ पड़ी थी। उन्होंने भी पुरुषों के समान पुलिस की लाठी का सामना किया था एवं स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया था।

 

2. जुलूस के लाल बाजार आने पर लोगों की क्या दशा हुई?

उत्तर : जुलूस के लाल बाजार आने पर भीड़ बेकाबू हो गई जिसके परिणाम स्वरूप पुलिस ने लोगों पर डंडे बरसाए, एवं कई लोगों को घायल कर दिया। कुछ लोग नारे लगा रहे थे। कुछ लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया जिसमें स्त्रियां भी शामिल थी।

 

3. 'जब से कानून भंग का काम शुरू हुआ है तब से आज तक इतनी बड़ी सभाएं मैदान में नहीं की गई थी और यह सभा तो कहना चाहिए कि ओपन लड़ाई थी।' यहां पर कौन से और किसके द्वारा लागू किए गए कानून को भंग करने की बात की गई है? क्या कानून भंग करना उचित था? पाठ के संदर्भ में अपने विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर : कलकत्ता में लोगों ने जुलूस निकालकर अंग्रेजी राज्य सरकार द्वारा बनाए गए कानून को ध्वस्त कर दिया जो यह कह रहा था कि इस जगह पर इस धारा के संदर्भ में सभा नहीं की जा सकती। यह करना बहुत ही उचित था क्योंकि अंग्रेज भारतीयों पर जुल्म ढा रहे थे। उन्हें स्वतंत्रता नहीं दे रहे थे एवं उनके स्वतंत्रता के लिए किए जाने वाले जुलूस एवं सभाओं को गैरकानूनी घोषित कर रहे थे।

 

अतः इन कानूनों को तोड़ना उचित है।

 

4. बहुत से लोग घायल हुए बहुतों को लॉकअप में रखा गया,बहुत सी स्त्रियां जेल गई फिर भी इस बात इस दिन को अपूर्व बताया गया है। आपके विचार में अपूर्व क्यों है?अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर : यह दिन बहुत ही अपूर्व था क्योंकि इस दिन लोगों ने सरकारी विद्रोह के बावजूद भी अपने जुलूस एवं सभाओं को जारी रख के स्वतंत्रता दिवस की पुनरावृत्ति की। लोगों पर लाठीचार्ज किया गया उसके बावजूद भी उन्होंने अपने विचारों में परिवर्तन नहीं किया और वंदे मातरम के नारे लगाते हुए अंग्रेजी दमन को खुली चुनौती दी। लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद भी स्त्रियों का जुलूस लाल बाजार तक बढ़ता ही गया और उन्होंने मोन्यूमेंट पर तिरंगा फहराया एवं शपथ ली।

 

ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-

1. आज तो जो कुछ हुआ वह पूर्व में बंगाल के नाम है। कोलकाता के नाम पर कलंक था के यहां काम नहीं हो रहा, वह आज बहुत अंश में धुल गया।

उत्तर : बंगाल में हुए इस प्रदर्शन के कारण बंगाल के ऊपर लगा हुआ यह आरोप के यहां पर स्वतंत्रता के लिए कुछ नहीं हो रहा है धुल गया था। क्योंकि लोगों ने जो प्रदर्शन किया था, वह किसी क्रांति से कम नहीं था।

 

2. खुला चैलेंज देकर ऐसी सभा पहले नहीं कराई गई थी।

उत्तर : भारतीय दलों ने अंग्रेजी राज्य सरकार के आदेश के विपरीत जाकर वहां पर एक बहुत बड़े जुलूस का आयोजन किया एवं यह भी तय किया कि किस समय पर क्या होगा। जो कि अपने आप में बहुत ही अभूतपूर्व है।

 

भाषा अध्ययन

1. सरल वाक्य-सरल वाक्य में कर्ता,कर्म,पूरा,क्रिया और क्रिया विशेषण घटकों या इनमें से कुछ घटकों का योग होता है। स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होने वाला उपवाक्य ही सरल वाक्य है।

उदाहरण-लोग टोलियाँ बनाकर मैदान में घूमने लगे।

संयुक्त वाक्य- जिस वाक्य में दो या दो से अधिक स्वतंत्र या मुख्य वाक्य समानाधिकरण योजक से जुड़े हों,वह संयुक्त वाक्य कहलाता है। योजक शब्द- और, परंतु इसलिए आदि।

उदाहरण-मोनुमेंट के नीचे झंडा फहराया जाएगा और स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा पढ़ी जाएगी।

मिश्र वाक्य-वाक्य जिसमें एक प्रधान उपवाक्य हो और एक या अधिक आश्रित उपवाक्य हों मिश्र वाक्य कहलाता है।

उदाहरण-जब अविनाश बाबू ने झंडा गाढ़ा तब पुलिस ने उनको पकड़ लिया।

 

।. निम्नलिखित वाक्यों को सरल वाक्य में बदलिए-

क) दो सौ आदमियों का जुलूस लाल बाजार गया और वहां पर गिरफ्तार हो गया।

ख) मैदान में हजारों आदमियों की भीड़ होने लगी और लोग टोलियाँ बना-बनाकर मैदान में घूमने लगे।

ग) सुभाष बाबू को पकड़ लिया गया और गाड़ी में बैठा कर लाल बाजार लॉकअप में भेज दिया गया।

 

।।.बड़े भाई साहब पाठ में से भी दो-दो सरल संयुक्त और मिश्र वाक्य छांट कर लिखिए।

उत्तर :

  1. दो सौ आदमियों का जुलूस लाल बाजार पहुंचकर गिरफ्तार हो गया।

  2. हजारों लोगों की भीड़ मैदान में टोलियां बनाकर घूमने लगी। 

  3. सुभाष बाबू को पकड़कर गाड़ी में लाल बाजार लॉकअप भेज दिया गया।

 

२. सरल वाक्य-

  1. वह स्वभाव से बड़े अध्ययनशील थे।

  2. उनकी रचनाओं को समझना छोटे मुंह बड़ी बात है।

 

संयुक्त वाक्य- 

  1. अभिमान किया और दीन दुनिया दोनों से गया।

  2. मुझे अपने ऊपर कुछ अभिमान हुआ और आत्मसम्मान भी बढ़ा।

 

मिश्र वाक्य-

  1. मैंने बहुत चेष्टा की के इस पहेली का कोई अर्थ निकले लेकिन असफल रहा।

  2. मैं कह देता कि मुझे अपना अपराध स्वीकार है।

 

2. दिए गए शब्दों की संरचना पर ध्यान दीजिए-

विद्या + अर्थी -- विद्यार्थी

विद्या शब्द का अंतिम स्वर'आ' और दूसरे शब्द अर्थी की प्रथम स्वर ध्वनि 'अ' जब मिलते हैं तो मिलकर दीर्घ स्वर 'आ' में बदल जाते हैं।यहां स्वर संधि है जो संधि का ही एक प्रकार है।

 

संधि शब्द का अर्थ है-जोड़ना। जब दो शब्द आसपास आ जाते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि बाद में आने वाले शब्द की पहली ध्वनी से मिलकर उसे प्रभावित करती है। ध्वनि परिवर्तन की इस क्रिया को संधि कहते हैं।संधि तीन प्रकार की होती हैं स्वर संधि,विसर्ग संधि ,व्यंजन संधि। जब संधि युक्त पदों को अलग किया जाता है तो उसे संधि विच्छेद कहते हैं; 

 

जैसे- विद्यालय- विद्या+ आलय

नीचे दिए गए शब्दों की संधि कीजिए-

श्रद्धा +आनंद  =...........

प्रति +एक  =..........

पुरुष +उत्तम =  ………..

झंडा +उत्सव  =..........

पुनः +आवृत्ति  =............

ज्योतिः+ मय  =.................

 

उत्तर :

श्रद्धा +आनंद = श्रद्धानंद

प्रति +एक =  प्रत्येक

पुरुष +उत्तम = पुरुषोत्तम

झंडा +उत्सव = झंडोत्सव

पुनः +आवृत्ति = पुनरावृति

ज्योतिः+ मय = ज्योतिर्मय

 

NCERT Class 10 Hindi Chapter 9 Solutions - Free PDF Download

Chapter 9 Hindi Class 10 Sparsh: Diary Ka Ek Panna

In this chapter Ch 11 Hindi Class 10 Sparsh, Sitaram Saksariya talks about his times from the struggle for independence. As a freedom fighter, he witnessed the fight for India’s independence very closely. In his diary, he has put down every word that he would have felt, heard, or seen during those times.

 

Why Should You Download the Free PDF for CBSE Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 Solution?

Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 Solutions consists of all the questions from the NCERT syllabus for smart studies. They are prepared by all subject experts. The subject experts have prepared the solutions to make them student-friendly. The solved questions and answers from the chapters make you understand the chapters with more clarity and help you solve the questions asked frequently with optimum ease. NCERT Solution Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 PDF covers all the questions given in the NCERT textbook. These ready-made answers ultimately guide you to score high. Ch 9 Hindi Class 10 Sparsh PDF helps you with the revision of the entire syllabus and score more in your exams.

 

Hindi 10th Class Solution Sparsh Chapter 9 Addresses the Following Types of Questions.

  • Contextual questions

  • Simple sentence questions

  • Complex sentence questions

  • Etymological questions

  • One-line answer or short questions

  • Questions for 25 - 30-word answers

  • Questions for 50 – 60-word answers

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Why Should You Choose Vedantu?

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FAQs on NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 9 - Diary Ka Ek Panna

1. What do you learn in the Sparsh Chapter 9 Diary ka Ek Panna?

Sparsh Chapter 9 Diary ka Ek Panna is a page from the diary of the author Sitaram Saksariya. He was a freedom fighter from West Bengal who followed Gandhi’s ideologies. So the chapter describes the times of India’s struggle for independence. The writer had penned down every word, sight, or feeling of his own very diligently.

2. What formats of questions are given in NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9?

The different formats of questions given in NCERT Solution Class 10 Hindi Sparsh Chapter 9 are short or one-line answer questions, 25-30 words answers questions, 50-60 words answers questions, contextual questions, simple sentence questions, complex sentence questions, and etymological questions.

3. How does one benefit from Vedantu’s NCERT Hindi Book for Class 10 Solutions Sparsh Chapter 9?

Not every student is equipped with the intellectual prowess to be able to prepare study notes, form questions covering the whole chapter, and draft solutions to those questions on their own. The subject matter experts at Vedantu considered that while creating the perfect study material. These notes could be used right after the class, or school homework for exam revision and preparations. You prepare for success in an interesting and fun way.