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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 10: (एक कहानी यह भी) Ek Kahani Yeh Bhi (Kshitij)

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NCERT Solutions for Hindi Class 10 Chapter 10 - FREE PDF Download

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 10 Ek Kahani Yeh Bhi' by Manu Bhandari offers students a glimpse into the author’s personal life and the challenges she faced growing up. This chapter 10 written in an autobiographical style, reflects the influence of her father and professor on shaping her personality. Her father’s strictness and social expectations made her aware of the inequalities that girls faced, while her professor, Ms. Sheela, opened her eyes to literature and helped her grow intellectually.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Hindi Class 10 Chapter 10 - FREE PDF Download
2. Glance on Class 10 Hindi Chapter 10 Ek Kahani Yeh Bhi (Kshitij)
3. Access NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 10 Ek Kahani Yeh Bhi
    3.1प्रश्न अभ्यास
4. Learnings of NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 10 Ek Kahani Yeh Bhi
5. Important Study Material Links for Hindi Class 10 Chapter 10
6. Conclusion
7. Chapter-wise NCERT Solutions Class 10 Hindi - (Kshitij)
8. NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions
9. Related Important Study Material Links for Class 10 Hindi 
FAQs


Our solutions for Class 10 Hindi Kshitij NCERT Solutions break the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 10 Hindi Syllabus and start practising Hindi Class 10 Chapter 10.


Glance on Class 10 Hindi Chapter 10 Ek Kahani Yeh Bhi (Kshitij)

  • The story also touches upon societal norms and the writer’s involvement in the freedom struggle. 

  • Through these experiences, Manu Bhandari reflects on her journey of self-discovery, which was filled with challenges, societal pressures, and personal victories. 

  • The solutions provided here help students understand the important aspects of the story, enabling them to grasp the themes of self-growth, gender discrimination, and the importance of education and self-awareness.

  • The story is an autobiographical reflection of Manu Bhandari’s life.

  • It highlights the impact of her father and professor on her personality.

  • Gender discrimination and societal pressures are key themes in the story.

  • Chapter 10 also discusses her involvement in the freedom struggle.

  • The solutions help clarify the themes of personal growth and social awareness.

Access NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 10 Ek Kahani Yeh Bhi

प्रश्न अभ्यास

1. लेखिका के व्यक्तित्व पर किन-किन व्यक्तियों का किस रूप में प्रभाव पड़ा?

उत्तर: लेखिका के व्यक्तित्व पर मुख्यतया दो लोगों का प्रभाव पड़ा, जिन्होंने उसके व्यक्तित्व को गहराई तक प्रभावित किया। ये दोनों लोग हैं-

1.पिता का प्रभाव : लेखिका के व्यक्तित्व पर उसके पिता का नकारात्मक एवं सकारात्मक दोनों रूपों में प्रभाव पड़ा। वे लेखिका की तुलना उसकी बहन सुशीला से करते थे जिससे लेखिका के मन में हीन भावना भर गई । इसके अलावा उन्होंने लेखिका को राजनैतिक परिस्थितियों से अवगत कराया तथा देश के प्रति जागरूक करते हुए सक्रिय भागीदारी निभाने के योग्य बनाया।

2.प्राध्यापिका शीला अग्रवाल का प्रभाव : लेखिका के व्यक्तित्व को उभारने में शीला अग्रवाल का महत्त्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने लेखिका की साहित्यिक समझ का दायरा बढ़ाया और अच्छी पुस्तकों को चुनकर पढ़ने में मदद की। इसके अलावा उन्होंने लेखिका में वह साहस एवं आत्मविश्वास भर दिया जिससे उसकी रगों में बहता खून लावे में बदल गया।


2. इस आत्मकथ्य में लेखिका के पिता ने रसोई को ‘भटियारखाना’ कहकर क्यों संबोधित किया है?

उत्तर: इस आत्मकथ्य में लेखिका के पिता ने रसोई को ‘भटियारखाना’ कहकर इसलिए संबोधित किया है क्योंकि उसके पिता का मानना था कि रसोई में काम करने से लड़कियाँ चूल्हे-चौके तक सीमित रह जाती हैं। उनकी नैसर्गिक प्रतिभा उसी चूल्हे में जलकर नष्ट हो जाती है अर्थात् वह पुष्पित-पल्लवित नहीं हो पाती हैं।


3. वह कौन-सी घटना थी जिसके बारे में सुनने पर लेखिको को ने अपनी आँखों पर विश्वास हो पाया और न अपने कानों पर?

उत्तर: लेखिका राजनैतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग ले रही थी। इस कारण लेखिका के कॉलेज की प्रिंसिपल ने उसके पिता के पास पत्र भेजा जिसमें अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की बात लिखी थी। यह पढ़कर पिता जी गुस्से में आ गए। कॉलेज की प्रिंसिपल ने जब बताया कि मन्नू के एक इशारे पर लड़कियाँ बाहर आ जाती हैं और नारे लगाती हुई प्रदर्शन करने लगती हैं तो पिता जी ने कहा कि यह तो देश की माँग है। वे हर्ष से गदगद होकर जब यही बात लेखिका की माँ को बता रहे थे तो इस बात पर लेखिका को विश्वास नहीं हो पाया।


4. लेखिका की अपने पिता से वैचारिक टकराहट को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर: लेखिका और उसके पिता के विचारों में कुछ समानता के साथ-साथ असमानता भी थी। लेखिका के पिता में विशिष्ट बनने और बनाने की चाह थी पर वे चाहते थे कि यह सब घर की चारदीवारी में रहकर हो, जो संभव नहीं था। वे नहीं चाहते थे कि लेखिका सड़कों पर लड़कों के साथ हाथ उठा-उठाकर नारे लगाए, जुलूस निकालकर हड़ताल करे। दूसरी ओर लेखिका को अपनी घर की चारदीवारी तक सीमित आज़ादी पसंद नहीं थी। यही दोनों के मध्य के टकराव का कारण था।


5.इस आत्मकथ्य के आधार पर स्वाधीनता आंदोलन के परिदृश्य का चित्रण करते हुए उसमें मन्नू जी की भूमिका को रेखांकित कीजिए।

उत्तर: स्वाधीनता आंदोलन के समय (सन् 1942 से 1947 तक) देश में देशप्रेम एवं देशभक्ति की भावना अपने चरम पर थी। आज़ादी पाने के लिए जगह-जगह हड़तालें, प्रदर्शन, जुलूस, प्रभात फेरियाँ निकाली जा रही थीं। इस आंदोलन के प्रभाव से मन्नू भी अछूती नहीं थी। वह सड़क के चौराहे पर हाथ उठा-उठाकर भाषण देतीं, हड़तालें करवाती तथा अंग्रेजों के विरुद्ध विरोध प्रकट करने के लिए दुकानें बंद करवाती। इस तरह लेखिका इस आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभा रही थी। 


रचना और अभिव्यक्ति

6.लेखिका ने बचपन में अपने भाइयों के साथ गिल्ली डंडा तथा पतंग उड़ाने जैसे खेल भी खेले किंतु लड़की होने के कारण उनका दायरा घर की चारदीवारी तक सीमित था। क्या आज भी लड़कियों के लिए स्थितियाँ ऐसी ही हैं या बदल गई हैं, अपने परिवेश के आधार पर 

लिखिए।

उत्तर: लेखिका के बचपन में लड़के-लड़कियाँ साथ खेलते थे परंतु दोनों की सीमाएँ अलग-अलग थी। लड़कियों की आज़ादी घर की चारदीवारी तक ही सीमित थी पर लड़कों को घर के बाहर जाने की छूट थी । लेखिका के बचपन अर्थात् वर्ष 1930 के आसपास का समय और आज के समय में परिस्थितियाँ पूरी तरह बदल गई हैं। आज शहरी क्षेत्रों में लड़के-लड़कियों में भेद नहीं किया जाता है। वे पढ़ने-लिखने, खेलने-कूदने में लड़कों से पीछे नहीं हैं। उनका प्रदर्शन दिनों दिन निखर रहा है। कभी लड़कियों के लिए जो खेल निषिद्ध थे आज उनमें वे बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।


7.मनुष्य के जीवन में आस-पड़ोस का बहुत महत्त्व होता है, परंतु महानगरों में रहने वाले लोग प्रायः ‘पड़ोस कल्चर से वंचित रह जाते हैं। इस बारे में अपने विचार लिखिए।

उत्तर: मनुष्य के सामाजिक विकास में ‘पड़ोस कल्चर’ का विशेष योगदान होता है। यही पड़ोस कल्चर हमें उचित व्यवहार की सीख देता है जिससे हम सामाजिक मापदंड अपनाते हुए मर्यादित जीवन जीते हैं। यहीं से व्यक्ति में पारस्परिकता, सहयोग, सहानुभूति जैसे मूल्यों का पुष्पन-पल्लवन होता है। पड़ोस कल्चर के कारण अकेला व्यक्ति भी कभी अकेलेपन का शिकार नहीं हो पाता है। फ़्लैट कल्चर की संस्कृति के कारण लोग अपने फ्लैट तक ही सिमटकर रह गए हैं। वे पास-पड़ोस से विशेष अभिप्राय नहीं रखते हैं। लोगों में अत्मकेंद्रिता इस तरह बढ़ रही है कि उन्हें एक-दूसरे के सुख-दुख से कोई लेना-देना नहीं रहा है। इससे सामाजिक भावना एवं मानवीय मूल्यों को गहरा धक्का लग रहा है।


भाषा अध्यन

इस आत्मकथा में मुहावरों का प्रयोग करके लेखिका ने रचना को रोचक बनाया है। रेखांकित मुहावरों को ध्यान में रखकर कुछ और वाक्य बनाएं। 

(क) इस बीच पिताजी के एक  निहायत दकियानूसी मित्र ने घर आकर पिताजी के अच्छी तरह से लू उतारी

(ख) वे तो आग लगा कर चले गए और पिताजी सारे दिन भभकते रहे।

(ग) अब बस यही रह गया है कि लोग घर आकर धू-धू करके चले जाएं।

(घ) पत्र पढ़ते ही पिताजी आग बबूला हो गए।

उत्तर:

(क) लू उतारी- शैतानी करने की वजह से पिताजी ने मेरी अच्छी तरह से लू उतारी।

(ख) आग लगाना- कुछ रिश्तेदारों का काम घर में आग लगाने का होता है।

(ग) धू-धू करना- तुम्हारे इस तरह चिल्लाने से लोग धू -धू करेंगे।

(घ) आग बबूला- मेरी कक्षा में फेल हो जाने से पिताजी आग बबूला हो गए।


Learnings of NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 10 Ek Kahani Yeh Bhi

  • Understanding the role of family in shaping one's personality.

  • Recognising the impact of social and gender discrimination on individuals.

  • Learning about the influence of education and literature on personal development.

  • Gaining insights into the freedom struggle and its effects on young minds.

  • Realising the importance of self-confidence and courage in overcoming societal barriers.


Important Study Material Links for Hindi Class 10 Chapter 10

S.No. 

Important Study Material Links for Chapter 10

1.

Class 10 Ek Kahani Yeh Bhi Questions

2.

Class 10 Ek Kahani Yeh Bhi Notes



Conclusion

Chapter 10 Ek Kahani Yeh Bhi by Manu Bhandari is a heartfelt reflection on the author’s life, focusing on the struggles she faced growing up in a patriarchal society. The story serves as a reminder of the importance of education, courage, and self-confidence in breaking societal barriers. The NCERT Solutions offer students a deeper understanding of the story’s themes, helping them prepare for exams while also reflecting on important social issues.


Chapter-wise NCERT Solutions Class 10 Hindi - (Kshitij)

After familiarising yourself with the Class 10 Hindi Chapter Question Answers, you can access comprehensive NCERT Solutions from all Hindi Class 10 Kshitij textbook chapters.




NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions



Related Important Study Material Links for Class 10 Hindi 

You can also download additional study materials provided by Vedantu for Class 10  Hindi.


S. No

Important Links for Class 10  Hindi

1.

Class 10 Hindi NCERT Book

2.

Class 10 Hindi Revision Notes

3.

Class 10 Hindi Important Questions

4.

Class 10 Hindi Sample Papers

5.

Class 10 Hindi PYQPs

6.

Class 10 Hindi NCERT Solutions

FAQs on NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 10: (एक कहानी यह भी) Ek Kahani Yeh Bhi (Kshitij)

1. What is the main theme of Chapter 'Ek Kahani Yeh Bhi' in Class 10 Hindi?

The main theme of the chapter revolves around the author’s journey of self-discovery, highlighting issues like gender discrimination, education, and societal expectations.

2. How did the author’s father influence her personality in 'Ek Kahani Yeh Bhi'?

The author’s father had a strict and controlling influence, comparing her to her sister, which led to a sense of inferiority. However, he also instilled political awareness and patriotism in her.

3. What role did Professor Sheela play in Manu Bhandari’s life, as described in Chapter 10?

Professor Sheela played a significant role in shaping the author’s literary understanding and boosting her self-confidence, helping her to realise her potential.

4. How does 'Ek Kahani Yeh Bhi' reflect societal norms and gender discrimination?

The chapter reflects the restrictions imposed on girls during the author’s time, showing how women’s roles were confined to the home, while boys enjoyed more freedom.

5. What did Manu Bhandari learn from her involvement in the freedom struggle?

Through her participation in political activities and protests, Manu Bhandari learned about the importance of standing up for one’s rights and contributing to the nation’s cause.

6. How do NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 10 'Ek Kahani Yeh Bhi' help understand the story?

The solutions provide detailed explanations of the story’s key themes, helping students to grasp the social, personal, and political issues addressed in the chapter.

7. What social issues are highlighted in Chapter 10 'Ek Kahani Yeh Bhi'?

The chapter highlights issues such as gender inequality, societal expectations of women, and the importance of education in overcoming these challenges.

8. How does chapter 10 'Ek Kahani Yeh Bhi' depict the role of women in the freedom struggle?

The chapter shows how women like the author actively participated in protests and demonstrations, contributing to the freedom struggle while breaking societal norms.

9.What is the significance of the title Chapter 10 'Ek Kahani Yeh Bhi'?

The title reflects the autobiographical nature of the story, suggesting that the author’s personal experiences are one of many untold stories of struggle and self-discovery.

10. How does the author describe her transformation in Chapter 10 'Ek Kahani Yeh Bhi'?

The author describes her transformation from a shy and unsure girl to a confident and self-aware woman, largely influenced by her exposure to literature, education, and political involvement.