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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 8: Balgobin Bhagat (बालगोबिन भगत) (Kshitij)

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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 8 बालगोबिन भगत - FREE PDF Download

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 8 'Balgobin Bhagat' by Ramvraksh Benapuri offers a deep insight into the life of Balgobin Bhagat, a man known for his devotion to Kabir and his simple, honest lifestyle. Chapter 8 highlights how Balgobin Bhagat, despite being a householder, lived the life of a saint. His strict adherence to truth, honesty, and non-violence made him a respected figure in society. His daily routine and his dedication to Kabir’s teachings serve as an example of how one can live a meaningful and spiritual life even while fulfilling worldly duties.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 8 - Ram Vraksh Benapuri PDF Download
    1.1Introduction to Chapter 8
2. Access NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 8- बालगोबिन भगत
3. Class 10 Hindi Chapter 8 Question Answer
    3.1Chapter 8 Class 10 Hindi Kshitij - Baalgobin Bhagat by Ram Vraksh Benapuri
    3.2Why Download Ncert Solutions For Class 10 Hindi Kshitij Chapter 8 Free Pdf?
    3.3Is Vedantu The One For Ncert Solutions For Class 10 Hindi Kshitij Chapter 8?
4. Related Study Materials for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 8
5. NCERT Class 10 Hindi Kshitij Chapter-wise Solutions
6. NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions
7. NCERT Study Resources for Class 10 Hindi
FAQs


Our solutions for Class 10 Hindi Kshitj NCERT Solutions break the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 10 Hindi Syllabus and practise Hindi Class 10  Chapter 8.


Glance on Class 10 Hindi Chapter 8 Balgobin Bhagat (Kshitij)

  • Chapter 8 presents Balgobin Bhagat's life of simplicity and devotion.

  • He followed Kabir's teachings and led a life of truth and honesty.

  • Balgobin Bhagat's adherence to non-violence and selflessness is highlighted.

  • His routine and dedication to spiritual practices made him an admired figure.

  • The solutions help clarify the chapter’s main points for thorough exam preparation.

Access NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 8 Balgobin Bhagat

प्रश्न अभ्यास

प्रश्न. 1 खेतीबारी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कहलाते थे?

उत्तर: बालगोबिन भगत साधु कहलाते थे क्योंकि - 

  • वह कभी झूठ नहीं बोलते थे। 

  • उनके अंदर लालच नहीं था। 

  • वह कबीर जी के आदर्शों पर चलते थे। 

  • उनके स्वभाव में झगड़ा बिल्कुल नहीं था। 

  • वह आज्ञा लिए बिना किसीकी कोई भी वस्तु या चीज ना ही छूते थे ना ही उसका प्रयोग करते थे।


प्रश्न. 2 भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेला क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी? 

उत्तर: बुढ़ापे में भगत का इकलौता सहारा उनकी पुत्रवधू ही थी जो उनका ख्याल रखती थीं और उसके चले जाने के बाद भगत का कोई ना था इसलिए वह उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहती थी।


प्रश्न. 3 भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनायें किस तरह व्यक्त कीं?

उत्तर: भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनायें कबीर के भक्ति गीत गाकर व्यक्त कीं। उन्होंने अपने पुत्र के शरीर को एक छटाई पर लिटा दिया, उसे सफेद चादर से ढक दिया, कबीर के भक्ति गीत गाए तथा अपनी पुत्रवधू से शोक की जगह उत्सव मनाने को कहा क्योंकि उनके पुत्र की आत्मा का मिलन उसके परमात्मा से हो गया था।


प्रश्न. 4. भगत के व्यक्तित्व और उनकी वेशभूषा का अपने शब्दों में चित्र प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर: भगत एक कबीर के आदर्शों का पालन करने वाले व्यक्ती थे। गृहस्थ होने के बावजूद उनमे साधु वाले गुण थे। वह ना किसीसे झगड़ा करते थे, ना किसीको कष्ट देना चाहते थे, बिना आज्ञा के किसीकी वस्तु को नहीं छूते थे। सर्दी के मौसम में भी वे गंगा स्नान करके आते थे। गुणों के साथ साथ उनकी वेशभूषा भी साधुओं जैसी ही थी। सफेद दाड़ी, सिर पर सफेद बाल, गले में तुलसी के जड़ की माला तथा नाममात्र वस्त्र।


प्रश्न. 5 बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण क्यों थी? 

उत्तर: भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण बन गयी थी क्योंकि वृद्ध होने के बावजूद भी अपने सिद्धांतों तथा आदर्शों का गहराई से पालन करते थे भले ही स्थिति उनके अनुकूल ना हो। वह अकेले ही खेती करते थे तथा सर्दी में भी गाँव से दो मील दूर गंगा में स्नान करने जाते थे। वृद्धावस्था में होने के बावजूद भी उनमें फुर्ती की कमी नहीं थी।


प्रश्न. 6 पाठ के आधार पर बालगोबिन भगत के मधुर गायन की विशेषताएं लिखिए। 

उत्तर: भगत कबीर के आदर्शों का पालन करते थे तथा उनके ही भक्ति गीत अपने मधुर स्वर में गया करते थे। उनके कंठ की मधुरता इतनी मनमोहक थी कि वह उन गीतों को जीवित कर देते थे जिससे लोग मंत्रमुग्ध होकर उनको गुनगुनाने लगते थे।


प्रश्न. 7 कुछ मार्मिक प्रसंगों के आधार पर यह दिखाई देता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे। पाठ के आधार पर उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए। 

उत्तर:  कुछ प्रसंग ऐसे थे जो यह बताते थे कि भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे जैसे - 

  • भगत अन्य साधुओं की तरह भिक्षा मांगकर खाने के विरोधी थे। 

  • उन्होंने अपने पुत्र की मृत्यु के बाद अपनी पुत्रवधू को पुनर्विवाह करने का आदेश दे दिया था जबकि सामाज में इसकी मान्यता नहीं है। 

  • भगत ने अपने पुत्र को मुखाग्नि अपनी पुत्रवधू से दिलाई जबकि सामाज में यह पुरुषों के द्बारा ही दी जाती है।


प्रश्न. 8 धान की रोपाई के समय समूचे माहौल को भगत की स्वर लहरियां किस तरह चमत्कृत कर देती थीं? उस माहौल का शब्द चित्र प्रस्तुत कीजिए। 

उत्तर: बारिश की हल्की बूँदों के बीच धान की रोपाई चल रही थी। ठंडी हवायें चल रही थीं तथा आकाश में बादल छाए हुए थे। भगत अपने सुरीले कंठ से मधुर गीत गा रहे थे। उनकी मधुर वाणी से लोग झूम रहे थे तथा महिलायें अपने होठों से उस गीत को गुनगुना रही थीं। भगत के मधुर संगीत से चारों ओर मिठास फैल गयी।


रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न. 9 पाठ के आधार पर बताएँ कि बालगोबिन भगत की कबीर पर श्रद्धा किन किन रूपों में प्रकट हुई है? 

उत्तर: भगत की कबीर पर श्रद्धा निम्नलिखित रूपों में प्रकट हुई है - 

  • भगत अपनी फसल को ईश्वर की सम्पत्ति मानते थे, वे फसलों को कबीरमठ में अर्पित कर देते थे तथा वहां से जो प्रसाद के रूप में मिलती थी केवल उनका ही उपयोग करते थे। 

  • वे कबीर की भांति ही हर गाँव और गली घूमकर भक्ति गीत गाया करते थे। 

  • उनकी वेशभूषा भी कबीर जैसी ही थी। 

  • वह कबीर की भांति ही गृहस्थ होकर भी साधु समान जीवन व्यतीत करते थे। 

  • कबीर के समान ही भगत भी मृत्यु को शोक का नहीं बल्कि उत्सव का अवसर मानते थे क्योंकि मृत्यु के बाद आत्मा का मिलन परमात्मा से होता है।


प्रश्न. 10 आपकी दृष्टि में भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा के क्या कारण रहे होंगे? 

उत्तर:  मेरी दृष्टि में भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा के निम्नलिखित कारण रहे होंगे - 

  • सिद्धांतों तथा आदर्शों का गहराई से पालन करना तथा उनको जीवन में उतरना। 

  • सादा जीवा व्यतीत करना। 

  • इश्वर के प्रति प्रेम। 

  • सामाजिक कुरीतियों का विरोध करना। 

  • कर्मयोग का आचरण। 


प्रश्न. 11 गाँव का सामाजिक - सांस्कृतिक परिवेश आषाढ़ चढ़ते ही उल्लास से क्यों भर जाता था?

उत्तर: गाँव का परिवेश उल्लास से इसलिए भर जाता था क्योंकि आषाढ़ चढ़ते ही रिमझिम बारिश होती थी जिसमें भगत अपने सुरीले कंठ से मधुर गीत गाते थे जिसके प्रभाव से सब झूमने लगते थे और स्त्री गीत गुनगुनाने लगती थीं।


प्रश्न. 12 "ऊपर की तस्वीर से यह नहीं माना जाए कि बालगोबिन भगत साधु थे।" क्या 'साधु' की पहचान पहनावे के आधार पर की जानी चाहिए? आप किन अधरों पर यह सुनिश्चित करेंगे कि अमुक व्यक्ती 'साधु' है?

उत्तर: साधु की पहचान उनके पहनावे के आधार पर नहीं की जानी चाहिए। उनकी पहचान उनके आदर्शों , सिद्धांतों, व्यवहार तथा जीवन प्रणाली के आधार पर की जानी चाहिए। यदि किसी व्यक्ति का आचरण सत्य, अहिंसा, ईश्वर प्रेम, लोक कल्याण, त्याग तथा जीवन सात्विक है तब यह सुनिश्चित हो जाता है कि वह व्यक्ति साधु है।


प्रश्न. 13 मोह और प्रेम में अन्तर होता है। भागत के जीवन की किस घटना के आधार पर इस कथन का सच सिद्ध करेंगे?

उत्तर: मोह और प्रेम में अन्तर होता है, भगत को अपने पुत्र और पुत्रवधू से बहुत प्रेम था। अपने पुत्र की मृत्यु के पश्चात वह चाहते तो मोह वश अपनी पुत्रवधू को अपने पास रोक सकते थे परन्तु उन्होंने अपनी पुत्रवधू की भलाई तथा उसकी खुशी की चिंता करते हुए उसे ज़बरदस्ती अपने भाई के साथ भेज दिया और उसके दूसरे विवाह का निर्णय लिया।


भाषा अध्ययन 

प्रश्न. 14  इस पाठ में आए कोई दस क्रिया विशेषण छांटकर लिखिये और उसके भेद भी बताइए।

उत्तर: 

  1. थोड़ा बुखार आने लगा, भेद - परिमाणवाचक क्रिया विशेषण। 

  2. धीरे-धीरे स्वर ऊँचा होने लगा, भेद - रीतिवाचक क्रियाविशेषण। 

  3. हरवर्ष गंगा स्नान करने के लिए जाते थे, भेद - कालवाचक क्रियाविशेषण। 

  4. वे दिन -दिन छिजने लगे, भेद - कालवाचक क्रियाविशेषण। 

  5. हँसकर टाल देते थे, भेद - रीतिवाचक क्रियाविशेषण। 

  6. जमीन पर ही आसन जमाए गीत गाए चले जा रहे हैं, भेद - स्थानवाचक क्रियाविशेषण। 

  7. उस दिन भी संध्या में गीत गाए, भेद - कालवाचक क्रियाविशेषण। 

  8. कपड़े बिल्कुल कम पहनते थे, भेद - परिमाणवाचक क्रियाविशेषण। 

  9. इन दिनों सवेरे ही उठते थे, भेद - कालवाचक क्रियाविशेषण। 

  10. धीरे-धीरे स्वर ऊँचा होने लगा, भेद- कालवाचक क्रियाविशेषण।


Learnings of NCERT Solutions for Hindi Class 10 Chapter 8 Balgobin Bhagat

  • Understanding the values of simplicity and devotion in daily life.

  • Learning how truth and honesty can guide one’s actions.

  • Recognising the importance of spiritual practices in leading a fulfilling life.

  • Exploring the impact of Kabir’s teachings on Balgobin Bhagat’s character.

  • Realising the significance of selflessness and non-violence.


Important Study Material Links for Hindi Class 10 Chapter 8 

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Important Study Material Links for Chapter 8

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Class 10 Balgobin Bhagat Questions

2.

Class 10 Balgobin Bhagat Notes


Conclusion 

Chapter 8 'Balgobin Bhagat' by Ramvraksh Benapuri in Class 10 Hindi highlights the inspiring life of a man who lived by Kabir’s ideals. Balgobin Bhagat’s dedication to truth, simplicity, and spirituality serves as an important reminder of the values that define a meaningful life. These NCERT Solutions help students understand the core lessons of the chapter, making it easier for them to grasp the deeper moral values and themes.


Chapter-wise NCERT Solutions Class 10  Hindi - (Kshitij) 

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FAQs on NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 8: Balgobin Bhagat (बालगोबिन भगत) (Kshitij)

1. Who was Balgobin Bhagat, as explained in Chapter 8 of Class 10 Hindi?

Balgobin Bhagat was a devoted follower of Kabir, known for his simple and honest lifestyle, adhering strictly to the values of truth and devotion.

2. Why was Balgobin Bhagat called a 'sadhu' despite being a householder?

Balgobin Bhagat was called a sadhu because of his strict adherence to Kabir’s teachings, his selfless actions, and his simple, non-materialistic way of life.

3. How does Balgobin Bhagat express his emotions after his son’s death?

Balgobin Bhagat expresses his emotions through Kabir’s devotional songs, asking his daughter-in-law to celebrate rather than mourn, as his son’s soul had merged with the divine.

4. What is the significance of Kabir’s teachings in Balgobin Bhagat’s life?

Kabir’s teachings played a central role in Balgobin Bhagat’s life, guiding his actions towards simplicity, devotion, and non-violence.

5. How do NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 8 Balgobin Bhagat help in exam preparation?

The solutions provide clear explanations of the chapter’s themes and values, helping students understand the key concepts and prepare effectively for exams.

6. Why did Balgobin Bhagat not follow traditional social norms as described in Chapter 8?

Balgobin Bhagat did not follow traditional social norms because he believed in Kabir’s teachings, which focused on simplicity, devotion, and rejecting materialistic values.

7. What lessons can be learned from Balgobin Bhagat’s life as presented in this chapter?

The key lessons include the importance of simplicity, truth, devotion, non-violence, and how one can lead a meaningful life while fulfilling worldly duties.

8. How does chapter 8 depict Balgobin Bhagat’s relationship with his community?

The chapter depicts Balgobin Bhagat as a respected figure in his community due to his adherence to spiritual values and his selfless actions.

9. What role did music and singing play in Balgobin Bhagat’s daily life?

Music and singing, particularly Kabir’s devotional songs, were a central part of Balgobin Bhagat’s spiritual practices, bringing peace and devotion into his life and inspiring others.

10. How does Balgobin Bhagat’s life reflect the values of Kabir in Chapter 8 of Class 10 Hindi?

Balgobin Bhagat’s life reflects Kabir’s values through his devotion to God, simplicity, truth, and his rejection of material wealth and societal norms.