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CBSE Important Questions for Class 8 Hindi Nayi Samasyaen - 2025-26

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CBSE Important Questions for Class 8 Hindi Nayi Samasyaen - 2025-26

Welcome Vedantu’s Important Questions resource for CBSE Class 8 Hindi (Bharat Ki Khoj) Chapter 5, "Nayi Samasyaen" (New Problems). This chapter focuses on the emerging challenges and issues that India faced during a pivotal period in its history. It explores socio-economic transformations, political developments, and the impact of external influences on the country.

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Vedantu offers a FREE PDF of Important Questions for Class 8 Hindi from this chapter to help students understand the chapter better. The questions are made by experienced subject experts to match the CBSE Class 8 Hindi Syllabus, assisting students to prepare well for their exams.

Access Important Questions for Class 8 Hindi Chapter 5 - Nayi Samasyaen

1. "नई समस्याएं" अध्याय का मुख्य विषय क्या है?

उत्तर: यह अध्याय भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान उत्पन्न हुई नई चुनौतियों और समस्याओं पर केंद्रित है, जिनमें आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन शामिल हैं।


2. ब्रिटिश औपनिवेशिक नीतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित किया?

उत्तर: ब्रिटिश नीतियों ने भारी कराधान, धन की निकासी, और पारंपरिक उद्योगों जैसे हस्तशिल्प और कपड़ा उद्योग के पतन के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर किया।


3. भारतीय समाज को किन सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा?

उत्तर: गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, कृषि का पतन, और सामाजिक असमानता जैसी समस्याएं उभरीं।


4. राष्ट्रीय चेतना के उदय का क्या महत्व है?

उत्तर: यह भारतीयों में एकता और स्वतंत्रता की भावना जगाने में महत्वपूर्ण था, जिससे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जैसी संस्थाओं का गठन हुआ और स्वतंत्रता संग्राम की नींव पड़ी।


5. पश्चिमी शिक्षा और संस्कृति का भारतीय समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर: इससे नए विचारों का प्रसार हुआ, लेकिन पारंपरिक मूल्यों और पश्चिमी प्रथाओं के बीच टकराव भी हुआ, जिससे सांस्कृतिक पहचान का संकट उत्पन्न हुआ।


6. सामाजिक सुधार आंदोलनों के कुछ प्रमुख नेता कौन थे और उन्होंने क्या योगदान दिया?

उत्तर: राजा राम मोहन राय (सती प्रथा उन्मूलन), ईश्वर चंद्र विद्यासागर (महिलाओं की शिक्षा), स्वामी दयानंद सरस्वती (आर्य समाज के माध्यम से सामाजिक सुधार)।


7. ब्रिटिश शासन के दौरान पारंपरिक उद्योगों का पतन क्यों हुआ?

उत्तर: ब्रिटिश नीतियों ने भारतीय कच्चे माल का निर्यात और तैयार माल का आयात प्रोत्साहित किया, जिससे स्थानीय उद्योग प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाए।


8. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब और किस उद्देश्य से हुई?

उत्तर: 1885 में, भारतीयों के राजनीतिक अधिकारों की रक्षा और ब्रिटिश सरकार के समक्ष उनकी मांगों को रखने के लिए।


9. ब्रिटिश शासन के दौरान कृषि क्षेत्र में क्या परिवर्तन हुए?

उत्तर: भारी करों और जमीन की नीलामी के कारण किसानों की स्थिति बिगड़ी, साथ ही नकदी फसलों की खेती ने खाद्य सुरक्षा पर असर डाला।


10. पश्चिमी शिक्षा के प्रसार से भारतीय समाज में कौन से सकारात्मक परिवर्तन आए?

उत्तर: आधुनिक विचारों का प्रसार, वैज्ञानिक सोच का विकास, और सामाजिक सुधारों के प्रति जागरूकता बढ़ी।


11. ब्रिटिश औपनिवेशिक नीतियों के आर्थिक प्रभावों का विश्लेषण कीजिए और भारतीय समाज पर उनके परिणामों की चर्चा कीजिए।

उत्तर: ब्रिटिश नीतियों ने भारत से कच्चे माल का दोहन किया और भारतीय बाजारों में ब्रिटिश वस्तुओं की बाढ़ ला दी। इससे पारंपरिक उद्योग ध्वस्त हो गए, रोजगार कम हुए, और आर्थिक असमानता बढ़ी। परिणामस्वरूप, गरीबी और सामाजिक तनाव बढ़े।


12. सामाजिक सुधार आंदोलनों की आवश्यकता क्यों पड़ी और उन्होंने समाज में क्या परिवर्तन लाए?

उत्तर: सामाजिक बुराइयों जैसे सती प्रथा, बाल विवाह, जाति भेदभाव, और महिलाओं की दुर्दशा को दूर करने के लिए सुधारों की आवश्यकता थी। इन आंदोलनों ने सामाजिक चेतना बढ़ाई, शिक्षा का प्रसार किया, और सामाजिक न्याय की दिशा में कदम बढ़ाए।


13. पश्चिमी शिक्षा और विचारों ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को कैसे प्रभावित किया?

उत्तर: पश्चिमी शिक्षा ने लोकतंत्र, स्वतंत्रता, और समानता के विचारों को भारतीय युवाओं में प्रसारित किया। इससे राष्ट्रीय चेतना जागृत हुई, और स्वतंत्रता आंदोलन को वैचारिक आधार मिला।


14. राष्ट्रीय चेतना के उदय में समाचार पत्रों और साहित्य की क्या भूमिका रही?

उत्तर: समाचार पत्रों और साहित्य ने लोगों को जागरूक किया, ब्रिटिश नीतियों की आलोचना की, और राष्ट्रीय एकता को प्रोत्साहित किया। उन्होंने विचारों के आदान-प्रदान और जनमत निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


15. ब्रिटिश शासन के सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभावों का समग्र मूल्यांकन कीजिए, सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं पर चर्चा करते हुए।

उत्तर: नकारात्मक प्रभावों में सांस्कृतिक मूल्यों का क्षरण, पारंपरिक संस्थानों का पतन, और सामाजिक असमानता का बढ़ना शामिल है। सकारात्मक पक्ष में आधुनिक शिक्षा, कानूनी प्रणाली, और वैज्ञानिक सोच का प्रसार है। कुल मिलाकर, ब्रिटिश शासन ने भारत में गहरे सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन लाए, जिनका प्रभाव आज भी महसूस किया जाता है।


Important Topics of  Class 8 Hindi Chapter 5 Nayi Samasyaen

Let's focus on the key topics covered in Class 8 Hindi Chapter 5, "Nayi Samasyaen".


Important Topic 

Explanation

Impact of British Colonial Policies on India

Discusses how British rule led to economic exploitation, decline of traditional industries, and widespread poverty due to policies like heavy taxation and wealth drain.

Socio-Economic Problems Faced by Indian Society

Examines issues such as poverty, unemployment, illiteracy, and agricultural decline, highlighting how these problems increased social inequalities.

Rise of National Consciousness and Early Movements

Covers the awakening of nationalism, the formation of the Indian National Congress, and the beginning of organised movements against British rule.

Cultural Changes and Western Influence

Explores the impact of Western education and lifestyle on Indian society, leading to a clash between traditional values and new ideas, and an identity crisis.

Social Reform Movements

Highlights the efforts of reformers to address social issues like caste discrimination and gender inequality, promoting practices like women's education and abolition of unjust customs.


Benefits of learning with Class 8 Hindi Chapter 5 Nayi Samasyaen Important Questions 

  • Deepens your comprehension of the challenges and changes discussed in "Nayi Samasyaen", enhancing your grasp of India's socio-economic and political evolution during the colonial period.

  • Prepares you for potential exam questions, boosting your confidence and performance by familiarising you with important topics likely to be tested from this chapter.

  • Encourages analysis and deeper thinking about the historical events and their significance in "Nayi Samasyaen", aiding in the development of critical thinking skills.

  • Helps pinpoint areas that require further study or clarification, ensuring a comprehensive understanding of the chapter's themes and concepts.

  • Makes learning more interactive and interesting, fostering a deeper interest in history and the factors that shaped modern India.


Conclusion

Engaging with the important questions for Class 8 Hindi Chapter 5, "Nayi Samasyaen", significantly enhances your understanding of the new challenges and transformations India faced during the colonial period. This focused approach prepares you effectively for exams by familiarising you with key topics likely to be tested, boosting your confidence and performance. It encourages critical thinking by prompting deeper analysis of historical events and their significance, and helps identify areas that may require further study for a comprehensive grasp of the chapter.


Additional Study Material for Class 8 Hindi (Bharat Ki Khoj) Chapter 5


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FAQs on CBSE Important Questions for Class 8 Hindi Nayi Samasyaen - 2025-26

1. कक्षा 8 हिंदी की 2025-26 की परीक्षा के लिए 'नई समस्याएँ' अध्याय से कौन-से प्रश्न सबसे महत्वपूर्ण हैं?

CBSE 2025-26 परीक्षा के दृष्टिकोण से, 'नई समस्याएँ' अध्याय में निम्नलिखित विषयों से प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं:

  • ब्रिटिश औपनिवेशिक नीतियों का भारत पर आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
  • 19वीं सदी के समाज सुधार आंदोलन और राजा राममोहन राय जैसे प्रमुख सुधारकों की भूमिका।
  • अंग्रेजी शिक्षा के प्रसार का भारतीय समाज पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव
  • भारतीयों में बढ़ती राष्ट्रीय चेतना का उदय और इसके मुख्य कारण।

इन विषयों से लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न आने की प्रबल संभावना होती है।

2. 'नई समस्याएँ' अध्याय में किन नई समस्याओं का उल्लेख किया गया है जो ब्रिटिश शासन के कारण उत्पन्न हुईं?

इस अध्याय में पंडित नेहरू ने ब्रिटिश शासन के कारण उत्पन्न हुई कई नई समस्याओं पर प्रकाश डाला है। परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण कुछ प्रमुख समस्याएँ हैं:

  • आर्थिक पतन: भारत के पारंपरिक उद्योगों का विनाश और कृषि पर बढ़ता बोझ, जिससे व्यापक गरीबी फैली।
  • बौद्धिक और सांस्कृतिक द्वंद्व: पश्चिमी शिक्षा और विचारों के आगमन से भारतीय समाज में पहचान का संकट।
  • सामाजिक जड़ता: अंग्रेजों की 'फूट डालो और राज करो' की नीति से बढ़ी सामाजिक और धार्मिक दरारें।
  • राष्ट्रीयता का अभाव: एक संगठित राजनीतिक चेतना की कमी, जो बाद में धीरे-धीरे विकसित हुई।

3. इस अध्याय से 5 अंकों के प्रश्न का उत्तर कैसे लिखें ताकि पूरे अंक मिल सकें?

एक 5-अंकीय प्रश्न का प्रभावी उत्तर लिखने के लिए, इन चरणों का पालन करें:

  • भूमिका: एक या दो वाक्यों में प्रश्न के मुख्य विषय का परिचय दें।
  • मुख्य भाग: उत्तर को 3-4 बिंदुओं में विभाजित करें। प्रत्येक बिंदु में एक प्रमुख तर्क और उससे संबंधित तथ्य या उदाहरण दें। उदाहरण के लिए, ब्रिटिश नीतियों के प्रभाव पर प्रश्न में, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभावों पर अलग-अलग बिंदु बनाएँ।
  • महत्वपूर्ण शब्दों का प्रयोग: उत्तर में 'औपनिवेशिक शोषण', 'राष्ट्रीय चेतना', 'समाज सुधार' जैसे अध्याय के महत्वपूर्ण शब्दों का प्रयोग करें।
  • निष्कर्ष: अंत में एक या दो वाक्यों में अपने उत्तर का सार प्रस्तुत करें।

4. 'नई समस्याएँ' अध्याय में वर्णित समाज सुधार आंदोलनों का मुख्य उद्देश्य क्या था और यह परीक्षा के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

इस अध्याय में वर्णित समाज सुधार आंदोलनों का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे सती प्रथा, बाल विवाह, और जातिगत भेदभाव को समाप्त करना था। इसका एक अन्य उद्देश्य महिलाओं और दलितों के लिए शिक्षा और समानता को बढ़ावा देना था। यह विषय परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दर्शाता है कि कैसे भारतीय समाज ने आंतरिक कमजोरियों को पहचानकर खुद को आधुनिक बनाने का प्रयास किया, जो स्वतंत्रता संग्राम की नींव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना।

5. क्या अंग्रेजी शिक्षा ने भारत को लाभ पहुँचाया या हानि? 'नई समस्याएँ' अध्याय के आधार पर विश्लेषण करें।

यह एक उच्च स्तरीय चिंतन (HOTS) प्रश्न है। अध्याय के अनुसार, अंग्रेजी शिक्षा का प्रभाव दोहरा था:

  • लाभ: इसने भारतीयों को विज्ञान, लोकतंत्र और तर्कवाद जैसे पश्चिमी विचारों से परिचित कराया। इससे एक नया बौद्धिक वर्ग उभरा जिसने बाद में स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया।
  • हानि: इसने भारतीय भाषाओं और पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को हाशिये पर धकेल दिया। इससे शिक्षित भारतीयों और आम जनता के बीच एक सांस्कृतिक खाई पैदा हो गई, जिसे 'पहचान का संकट' भी कहा गया।

परीक्षा में उत्तर देते समय इन दोनों पहलुओं का उल्लेख करना महत्वपूर्ण है।

6. 'राष्ट्रीय चेतना का उदय' इस अध्याय का एक महत्वपूर्ण विषय क्यों माना जाता है?

राष्ट्रीय चेतना का उदय इस अध्याय का एक महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि यह उस मोड़ को दर्शाता है जहाँ भारतीय पहली बार साझा समस्याओं के आधार पर एक अखिल भारतीय पहचान के रूप में एकजुट होना शुरू हुए। यह केवल ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक प्रतिक्रिया नहीं थी, बल्कि अपने गौरवशाली अतीत को फिर से खोजने और एक बेहतर भविष्य बनाने की सामूहिक इच्छा भी थी। इसी चेतना ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जैसी संस्थाओं को जन्म दिया और स्वतंत्रता संग्राम के लिए वैचारिक आधार तैयार किया।

7. इस अध्याय में राजा राममोहन राय के योगदान को क्यों महत्वपूर्ण बताया गया है?

राजा राममोहन राय को भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत माना जाता है। अध्याय में उनके योगदान को इसलिए महत्वपूर्ण बताया गया है क्योंकि उन्होंने पारंपरिक भारतीय मूल्यों और आधुनिक पश्चिमी विचारों के बीच एक संतुलन बनाने का प्रयास किया। उन्होंने सती प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों का कड़ा विरोध किया और साथ ही आधुनिक शिक्षा और प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन किया। उनका काम यह दर्शाता है कि कैसे भारत अपनी जड़ों को छोड़े बिना भी प्रगति कर सकता था।

8. 'नई समस्याएँ' अध्याय के महत्वपूर्ण प्रश्नों की तैयारी करते समय छात्र आमतौर पर क्या गलतियाँ करते हैं?

छात्र अक्सर निम्नलिखित गलतियाँ करते हैं:

  • केवल सतही जानकारी: वे केवल घटनाओं को याद करते हैं, उनके पीछे के 'क्यों' और 'कैसे' को नहीं समझते।
  • संतुलित उत्तर न देना: अंग्रेजी शिक्षा जैसे विषयों पर, वे केवल सकारात्मक या नकारात्मक पक्ष लिखते हैं, जबकि उत्तर संतुलित होना चाहिए।
  • उदाहरणों का अभाव: समाज सुधारकों या ब्रिटिश नीतियों पर उत्तर लिखते समय वे विशिष्ट उदाहरण (जैसे, किसी सुधारक का नाम या किसी नीति का उल्लेख) देना भूल जाते हैं।
  • रटना: उत्तरों को समझने के बजाय रटने की कोशिश करते हैं, जिससे वे प्रश्न को थोड़ा घुमाकर पूछे जाने पर उत्तर नहीं दे पाते।