Sudama Charit Worksheets for Class 8 Hindi – Free PDF (2025-26)
FAQs on Sudama Charit Worksheets for Class 8 Hindi – Free PDF (2025-26)
1. द्वारपाल ने श्रीकृष्ण को सुदामा की दीन-हीन दशा का वर्णन किस प्रकार किया? यह प्रश्न परीक्षा में कितने अंकों का आ सकता है?
द्वारपाल ने श्रीकृष्ण को बताया कि द्वार पर एक अत्यंत गरीब ब्राह्मण खड़ा है, जिसके सिर पर न तो पगड़ी है और न ही पैरों में जूते। उसने एक फटी-पुरानी धोती पहन रखी है और वह बहुत दुर्बल और थका हुआ लग रहा है। वह अपना नाम सुदामा बता रहा है और आपसे मिलना चाहता है। यह प्रश्न आमतौर पर 2 अंकों के लिए पूछा जाता है।
2. कक्षा 8 की 'सुदामा चरित' कविता में निहित मुख्य संदेश और महत्वपूर्ण मूल्य क्या हैं, जो परीक्षा में पूछे जा सकते हैं?
'सुदामा चरित' कविता के मुख्य संदेश और मूल्य निम्नलिखित हैं:
- सच्ची मित्रता: यह कविता दर्शाती है कि सच्ची मित्रता में पद, धन या सामाजिक स्थिति कोई मायने नहीं रखती।
- अतिथि सत्कार: श्रीकृष्ण का सुदामा के प्रति व्यवहार अतिथि सत्कार का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
- निःस्वार्थता: सच्ची मदद बिना किसी दिखावे या अहसान जताए की जाती है, जैसा श्रीकृष्ण ने किया।
- विनम्रता: सुदामा की विनम्रता और श्रीकृष्ण की उदारता दोनों ही महत्वपूर्ण मानवीय मूल्य हैं।
3. सीबीएसई 2025-26 की परीक्षा के लिए 'सुदामा चरित' पाठ से कौन-से प्रश्न 3 और 5 अंकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं?
सीबीएसई 2025-26 परीक्षा के लिए 'सुदामा चरित' से निम्नलिखित प्रकार के प्रश्न महत्वपूर्ण हैं:
- चरित्र-चित्रण: श्रीकृष्ण या सुदामा का चरित्र-चित्रण (विशेषकर उनकी मित्रता के संदर्भ में)।
- भावार्थ स्पष्टीकरण: कविता की महत्वपूर्ण पंक्तियों का भावार्थ लिखने के लिए कहा जा सकता है।
- घटना का महत्व: श्रीकृष्ण द्वारा सुदामा के पैर धोने या चावल खाने जैसी घटनाओं का प्रतीकात्मक महत्व पूछा जा सकता है।
- मूल्यपरक प्रश्न (HOTS): कविता में दर्शाए गए मूल्यों (जैसे मित्रता, विनम्रता) को आज के जीवन से जोड़ने वाले प्रश्न।
4. श्रीकृष्ण द्वारा अपने मित्र सुदामा के पैर धोने की घटना सच्ची मित्रता के बारे में क्या दर्शाती है? इस पर आधारित मूल्यपरक प्रश्न (HOTS) कैसे बन सकता है?
यह घटना दर्शाती है कि सच्ची मित्रता में कोई ऊँच-नीच या भेदभाव नहीं होता। द्वारका के राजा होते हुए भी श्रीकृष्ण ने अपने गरीब मित्र के प्रति अपार स्नेह, सम्मान और सेवा भाव दिखाया। उन्होंने सुदामा के धूल भरे पैर अपने आँसुओं से धोकर मित्रता को सर्वोच्च स्थान दिया। इस पर आधारित एक मूल्यपरक प्रश्न (HOTS) हो सकता है: "यदि आपका कोई मित्र कठिन परिस्थिति में हो, तो 'सुदामा चरित' से प्रेरणा लेकर आप उसकी सहायता कैसे करेंगे?"
5. द्वारका से लौटते समय सुदामा श्रीकृष्ण के व्यवहार पर संदेह क्यों कर रहे थे, जबकि श्रीकृष्ण ने उनकी सहायता अप्रत्यक्ष रूप से की थी?
सुदामा इसलिए संदेह कर रहे थे क्योंकि श्रीकृष्ण ने उन्हें विदा करते समय कोई प्रत्यक्ष धन या संपत्ति नहीं दी थी। सुदामा को लगा कि श्रीकृष्ण ने उन्हें खाली हाथ लौटा दिया है। यह उनकी मानवीय कमजोरी और उस समय की निराशा को दर्शाता है, क्योंकि वे यह नहीं समझ पाए थे कि श्रीकृष्ण ने उनकी मदद अप्रत्यक्ष रूप से उनके गाँव को बदलकर पहले ही कर दी थी।
6. 'सुदामा चरित' कविता में सुदामा द्वारा लाए गए चावल के उपहार का क्या प्रतीकात्मक महत्व है? यह एक अपेक्षित प्रश्न क्यों माना जाता है?
सुदामा द्वारा लाए गए चावल का उपहार (भेंट) अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह केवल चावल नहीं, बल्कि उनकी गरीबी में भी दिए जा सकने वाले सबसे कीमती उपहार का प्रतीक है। यह उपहार उनके प्रेम, संकोच और मित्रता की पवित्रता को दर्शाता है। श्रीकृष्ण द्वारा उन चावलों को बड़े चाव से खाना यह दिखाता है कि सच्ची मित्रता में उपहार का मूल्य नहीं, बल्कि उसके पीछे की भावना महत्वपूर्ण होती है। यह एक अपेक्षित प्रश्न है क्योंकि यह मित्रता के सच्चे स्वरूप को उजागर करता है।
7. सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर द्वारका जाने के लिए क्यों तैयार हुए? इस घटना से संबंधित किस प्रकार के प्रश्न अपेक्षित हैं?
प्रारंभ में सुदामा द्वारका जाकर अपने मित्र कृष्ण से मदद मांगने में संकोच कर रहे थे क्योंकि वे स्वाभिमानी थे। लेकिन जब उनकी पत्नी ने बच्चों की दयनीय स्थिति का वास्ता दिया और बार-बार आग्रह किया, तो वे परिवार के प्रति अपने कर्तव्य के कारण जाने के लिए तैयार हो गए। इस घटना से संबंधित प्रश्न सुदामा के स्वाभिमानी स्वभाव और पारिवारिक दायित्वों के बीच उनके द्वंद्व को दर्शाने के लिए पूछे जा सकते हैं।











