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CBSE Class 7 Hindi (Durva) Chapter 16 Mitti Ki Murtiyan (मिट्टी की मूर्तियां) Important Questions

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Important Questions for CBSE Class 7 Hindi (Durva) Chapter 16: Mitti Ki Murtiyan (मिट्टी की मूर्तियां) FREE PDF

In Chapter 16, मिट्टी की मूरतियाँ (Mitti Ki Murtiyan), Class 7 students explore the beautiful poem by Jaya Vivek that reflects on the simplicity and significance of clay idols. The poem emphasises the deeper meanings of life and teaches us about humility, inner beauty, and the importance of being grounded. Through vivid imagery and heartfelt messages, the chapter encourages students to appreciate the simple things in life and recognise the true essence of beauty beyond the surface.


To enhance your learning, Vedantu offers a FREE PDF of Important Questions for Class 7 Hindi, designed by expert teachers as per the latest CBSE Class 7 Hindi Syllabus. This resource covers all the essential points from the chapter, ensuring that students grasp the key themes and ideas effectively. You can download this PDF to study anytime and anywhere, making it easier to reinforce your understanding of this meaningful poem.

Access Important Questions Class 7 Hindi Durva पाठ १६ - मिट्टी की मूर्तियां

अति लघु उत्तरीय प्रश्न:                                                                             (1 अंक)

1. सिंधु घाटी सभ्यता की उत्पति आज से कितने समय पहले हुए थी?

उत्तर: सिंधु घाटी सभ्यता की उत्पति आज से लगभग २५००-३००० पहले हुए थी।


2. कलाकारी के लिए कौन सा पुरस्कार दिया जाता हैं?

उत्तर: कलाकारी के लिए राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार “मास्टर क्राफ्ट मैन” दिया जाता हैं।


3. मिट्टी से बने बर्तन का क्या महत्व है?

उत्तर:  मिट्टी से बने बर्तन सस्ते और आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।


4. ठोस मूर्ति अधिक से अधिक कितने सेंटीमीटर ऊंची होती हैं?

उत्तर: ठोस  मूर्ति अधिक से अधिक एक बिलांस यानी १५-२० सेंटीमीटर ऊंची होती है।


5. हाथ से कितने प्रकार की मूर्ति बनाई जा सकती हैं?

उत्तर: हाथ से तीन प्रकार की मूर्ति बनाई जा सकती हैं। ठोस, पोली और उभरी हुई।


लघु उत्तरीय प्रश्न:                                                                                     (2 अंक)

1. मिट्टी की चीज़े कब और कहां से बनानी आरंभ हुआ?

उतर: सिंधु घाटी सभ्यता में मिट्टी से बने और पकी हुए चीज़े मिली हैं जैसे कि मूर्तियां और बर्तन अत:यह मालूम होता है कि इनका निर्माण उस काल में शुरू हुआ होगा या उससे पहले। यहां ऐसी बहुत सी चीज़े मिली हैं जिनसे पता चलता है कि मिट्टी की चीज़े आवश्य ही यहां सबसे पहले बनाई गई होंगी।


2. मृणमुर्ति किसे कहते है?

उत्तर: हम जानते हैं कि मिट्टी से बनी और आग में पकी मूर्तियां या वस्तुएं पानी में नहीं घुलती हैं।ऐसी मूर्तियों को मृणमुर्ति कहा जाता हैं।


3. भारत में कुछ जगह मृण-मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं उसके नाम बताएं।

उत्तर: भारत में कुछ जगह इन मृण-मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है जैसे कि बंगाल में बांकुर, उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, राजस्थान में मुलैला और मध्यप्रदेश में बस्तर। यह मूर्तियां मिट्टी से बनाई जाती है और इसे आग में पकाया जाता है।


4. मूर्ति को कैसे पकाया जाता है?

उत्तर: मिट्टी की मूर्तियों को आमतौर पर बस्ती में पकाया जाता है लेकिन इसे पकाने के लिए ऐसा दिन चुना जाता है जब मौसम बिल्कुल साफ हो और बारिश होने की कोई संभावना ना हो।


5. मूर्ति को अधिक दिनों तक सुरक्षित कैसे रखते हैं?

उत्तर: मिट्टी से बनी मूर्तियों को अधिक दिन तक सुरक्षित रखने के लिए उन्हें भट्टी में पकाया जाता है। मूर्तियों को पकाने का उद्देश्य, इन्हें सुरक्षित रखना और मजबूत बनाना होता है। मूर्तियों को पकाने से इनमें दरार नहीं पढ़ती।


लघु उत्तरीय प्रश्न:                                                                                      (3 अंक)

1. मिट्टी से मूर्तियां कितनी तरीकों से बनाई जाती हैं?

उत्तर: मिट्टी से मूर्तियां दो तरीकों से बनाई जा सकती हैं।पहला,सबसे आसान तरीका है मूर्तियों को हाथ से बनाना।इस तरीके से ठोस, पोली और उभरी  मूर्तियां बनाई जाती हैं।दूसरा तरीका, मूर्तियों को चाक की मदद से बनाना।इस तरीके से चाक मटके और कुल्हड़ बनाए जाते हैं।दोनों ही तरीको से बनाई गई मूर्तियों को भट्टी की आग में पकाया जाता है जिससे इनमें दररार ना पड़े।


2. मिट्टी कितने प्रकार की होती हैं?

उत्तर: मिट्टी मुख्यतह छ: प्रकार की होती हैं। भारत के अलग – अलग स्थानों अलग-अलग प्रकार की मिट्टी पाई जाती हैं। इन छ: प्रकार की मिट्टियों के नाम निम्नलिखित है:

  1. चिकनी मिट्टी

(घ) पीली मिट्टी

  1. रेतीली मिट्टी

(ड) सफेद मिट्टी

  1. लाल मिट्टी

(च) काली मिट्टी


3. ठोस मूर्तियां अधिक लंबी क्यों नहीं बनाई जाती?

उत्तर: मिट्टी की ठोस मूर्ति अधिक से अधिक एक बिलांस यानी 15-20 सेंटीमीटर ही लंबी बनाई जाती है। इसकी अधिक लंबाई ना बनाने का कारण यह होता है कि यदि ठोस मूर्ति ऊंचा बनायी जाएगी तो उसके टूटने या चटकने की संभावना बढ़ जाती है। मूर्तिकारों को इससे अधिक हानि होती है इसीलिए ठोस मूर्तियों को अधिक ऊंचा नहीं बनाया जाता। मिट्टी से मूर्ति को बनाकर उसे पकाया जाता है पकाते समय यदि मूर्ति अधिक लंबी होती है तो उसकी चटकने की संभावना होती है।


4. राजस्थान में मुलैला नामक गांव के कुछ प्रसिद्ध कलाकारों के नाम लिखिए।

उत्तर: राजस्थान के मुलैला नामक गांव की कुछ प्रसिद्ध कलाकारों के नाम निम्नलिखित है:

(क)   किशन लाल कुम्हार

(ख)   खेमराज कुम्हार

(ग)   लोकल लाल कुम्हार

राजस्थान के इन कुम्हारों ने इतनी सुंदर और अद्भुत मूर्तियों का निर्माण किया है कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर “ राष्ट्रीय क्राफ्ट मैन” जैसे राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले हैं। इन्होंने राजस्थान में बहुत अनोखी कार्य की मूर्तियां बनाई है इनमें ठोस मूर्तियां भी विशाल है।


5. मिट्टी कितने प्रकार की होती है? मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी कैसे तैयार की जाती है?

उत्तर: मुख्यतया भारत में छह प्रकार की मिट्टी पाई जाती है। यह चिकनी मिट्टी, रेतीली मिट्टी, लाल मिट्टी, पीली मिट्टी, सफेद मिट्टी और काली मिट्टी होती है। हर जगह अलग-अलग प्रकार की मिट्टी पाई जाती है। मूर्ति बनाने लायक मिट्टी तैयार करने के लिए उसमें दूसरे मिट्टी में लानी पड़ती है। उदाहरण के लिए, यदि चिकनी मिट्टी का प्रयोग करना है तो उसमें रेतीली मिट्टी, या राख मिलानी  पड़ेगी। तभी इस से मूर्ति बनाई जा सकती है।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:                                                                                     (5 अंक)

1. मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए मिट्टी को कैसे साफ किया जाता हैं?

उत्तर: मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए सबसे पहले मिट्टी को साफ किया जाता हैं।मिट्टी को साफ करने के लिए इसमें से कंकड़,पत्थर या कोई कचरा आदि होता है तो उसे निकला जाता हैं।उसके बाद मिट्टी को किसी बर्तन,होड़ या तस्ले में डाल कर गला दिया जाता हैं।जब यह तस्ले की मिट्टी अच्छे से घुल जाए तो उसे एक दो बार नीचे तक हाथ या डंडे से हिला दिया जाता हैं।ऐसा करने से यदि मिट्टी में कोई कंकड़ बच गए हो तो वे भी नीचे बैठ जाते हैं।इस बर्तन में मिट्टी को एक दो दिन के लिए ऐसे ही छोड़ दिया जाता ,फिर ऊपर की मिट्टी किसी बर्तन में निकाल लो उसके बाद इसका पानी ऊपर आ जाएगा और इस बंदी को निकाल दिया जाता हैं।इस प्रकार मिट्टी को साफ किया जाता हैं।


2. मिट्टी के बर्तन के लिए मिट्टी की कुटाई अच्छी तरह से होनी चाहिए?

उत्तर: मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए मिट्टी के कुटाई अच्छी तरह से होने चाहिए क्योंकि यदि मिट्टी की कुटाई अच्छी नहीं होगी तो मूर्ति चटक जाएगी और मूर्ति को पकाते समय वह टूट भी सकती है। कुट कर तैयार की गई मिट्टी को गीले कपड़े या बोरे में लपेटकर ढक दिया जाता है ताकि मिट्टी सुख ना पाए। जितनी अच्छी तरह से मिट्टी की कुटाई होगी उतनी अच्छी तरह से ही मिट्टी के बर्तन एवं मिट्टी की मूर्तियां बनाई जाएगी। कुटाई करने से मिट्टी मुलायम हो जाती है जिससे मूर्ति को आकृति देने में आसानी आती है। मिट्टी की कुटाई करते समय इसकी सफाई भी की जाती है जिससे मिट्टी मुलायम और कुटाई में आसानी हो।


3. मूर्ति बनाते समय हमें किन चीजों की जरूरत पड़ती है?

उत्तर: मूर्ति बनाते समय हमें कुछ छोटी-छोटी चीजों की जरूरत पड़ती है। जैसे बांस के टुकड़े, जिसे चाकू से छीलकर अलग-अलग आकार दिया जाता है। बांस के इन टुकड़ों की मदद से मूर्ति की अनावश्यक मिट्टी खुरच सकते हैं। इन बांस टुकड़ों की मदद से मूर्ति के अंगों को उभार सकते हैं। इसके अलावा पुराना चाकू, लकड़ी आदि की भी आवश्यकता होती है। इसके अलावा चाक की मदद से भी मूर्ति बनाई जाती है। वास्तव में चाक पर पूरी मूर्ति नहीं बनाई जाती लेकिन मूर्ति के कुछ हिस्सों को चाक की मदद से बनाया जाता है। मूर्ति के अलग-अलग हिस्सों को बनाकर उसे एक साथ जोड़ा जाता है और मूर्ति तैयार की जाती है।


4. मूर्ति और कुल्हड़ बनाने के लिए मिट्टी कैसे तैयार की जाती है?

उत्तर: सबसे पहले मिट्टी को साफ किया जाता है मिट्टी के भीतर से कंकड़, पत्थर और कचरे आदि को निकाला जाता है। मिट्टी को किसी बर्तन या होद में डालकर मिट्टी को गलाया जाता है। जब मिट्टी पानी में घुल जाए तो उसे एक दो बार नीचे तक हिला दिया जाता है। जिससे यदि बारीक कंकड़ पत्थर रह जाते हैं वह नीचे बैठ जाते हैं। अब बर्तन को एक-दो दिन के लिए रख दिया जाता है। एक-दो दिन बाद ऊपर की मिट्टी को किसी अन्य बर्तन में निकाल लिया जाता है और उसका अतिरिक्त पानी निकाल दिया जाता है। यदि मिट्टी ज्यादा गीली है तो उसे साफ जगह में फैला दिया जाता है। कुछ समय बाद मिट्टी को हाथ में लेकर गोली बनाई जाती है और देखा जाता है कि गोलियां बन रही है तो अब मिट्टी तैयार है।


5. सुखाते समय क्या सावधानी रखनी चाहिए?

उत्तर: मिट्टी के बर्तन और मूर्तियों को बनाते समय कई प्रकार की सावधानियां रखी जाती है। मूर्तियों को सुखाने के बाद उन्हें पकाया जाता है। सुखाते समय कुछ सावधानियां रखनी होती है। यदि ना रखी जाए तो मूर्ति के चटकने और टूटने की संभावनाएं बढ़ जाती है। मिट्टी की मूर्तियों को सूखने में समय भी काफी लगता है। जब मूर्ति तैयार हो जाए तो उसे खुली जगह पर मत छोड़ना। मूर्ति को ढक कर रखना चाहिए लेकिन दिन में दो - चार घंटे के लिए मूर्ति को खोल देना चाहिए ताकि उसे थोड़ी हवा लग सके। समय-समय पर इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि मूर्ति में कहीं दरार तो नहीं पड़ गई है।


Benefits of Important Questions Class 7 Hindi (Durva) Chapter 16 Mitti Ki Murtiyan

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  • The important questions serve as a useful resource for quick revision, helping students review key points before exams.

  • Regular practice of these questions builds students' confidence in their knowledge and prepares them for assessments and discussions.


Conclusion

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FAQs on CBSE Class 7 Hindi (Durva) Chapter 16 Mitti Ki Murtiyan (मिट्टी की मूर्तियां) Important Questions

1: What is the main theme of the poem मिट्टी की मूरतियाँ?

कविता का मुख्य विषय मिट्टी की मूर्तियों की सुंदरता और महत्व है, जो सरलता, विनम्रता, और जीवन के गहरे मूल्यों का प्रतीक हैं जो बाहरी रूपों से परे हैं।

2: Who is the poet of the poem मिट्टी की मूरतियाँ?

कविता की कवि सुधा मूर्ति हैं, जो अपनी सरल लेकिन गहन कहानी कहने के लिए जानी जाती हैं।

3: How does the poet describe the clay idols in the poem?

कवि मिट्टी की मूर्तियों को सुंदर और अर्थपूर्ण रचनाएँ बताते हैं जो जीवन की सार्थकता और सरलता में जड़ें जमाने के महत्व को दर्शाती हैं।

4: What lesson does the poem convey about inner beauty?

कविता यह सिखाती है कि आंतरिक सुंदरता और विनम्रता बाहरी रूपों से अधिक महत्वपूर्ण हैं, और सच्ची मूल्यता चरित्र और दया में होती है।

5: How can students relate the messages of the poem to their lives?

छात्र इन संदेशों से संबंधित हो सकते हैं क्योंकि वे सरल चीजों की सराहना करने, विनम्र रहने, और बाहरी गुणों की तुलना में आंतरिक गुणों को महत्व देने के महत्व को पहचानते हैं।

6: What imagery is used in the poem to enhance its meaning?

कवि मिट्टी की मूर्तियों के जीवंत चित्रण का उपयोग करते हैं ताकि भावनाएँ जागृत हो सकें और सरलता और प्रकृति में मिलने वाली सुंदरता का प्रतीक बन सकें।

7: How does the chapter encourage appreciation for art and craftsmanship?

यह अध्याय मिट्टी की मूर्तियों के निर्माण की कला की सराहना को बढ़ावा देता है, जो पारंपरिक शिल्प में शामिल कौशल और रचनात्मकता को उजागर करता है।

8: What role do clay idols play in cultural practices, according to the poem?

कविता के अनुसार, मिट्टी की मूर्तियाँ सांस्कृतिक प्रथाओं में महत्वपूर्ण होती हैं, जो विश्वास, परंपरा, और अपनी जड़ों और समुदाय के साथ संबंध को दर्शाती हैं।

9: What emotions are conveyed through the poem?

कविता में nostalgía, सराहना, और सरलता और मिट्टी की मूर्तियों के निर्माण में शामिल कला के लिए सम्मान की भावनाएँ व्यक्त की जाती हैं।

10: How does the poem reflect the values of humility and simplicity?

यह कविता विनम्रता और सरलता के मूल्यों को दर्शाती है, क्योंकि यह बताती है कि सच्ची सुंदरता भीतर से आती है और अपने जड़ों में रहना एक सार्थक जीवन के लिए महत्वपूर्ण है।