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Important Questions for CBSE Class 7 Hindi Durva Chapter 18 - Hum Honge Kamyab Ek Din

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CBSE Class 7 Hindi Durva Important Questions Chapter 18 - Hum Honge Kamyab Ek Din - Free PDF Download

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Study Important Questions for Class 7 Hindi Durva Chapter 18 - हम होंगे कामयाब एक दिन

अति लघु उत्तरीय प्रश्न  (1 अंक)

1. इस कविता के रचयिता का नाम बताइए।

उत्तर: इस कविता की रचना ‘गिरिजा कुमार माथुर’ ने की है।


2. निम्न का विलोम शब्द लिखिए।

a. विश्वास

उत्तर: विश्वास- धोखा


b. डर

उत्तर: डर- निर्भय


3. निम्नलिखित शब्दों का शब्दार्थ लिखिए।

a. भय

उत्तर: भय- डर 


b. डाल

उत्तर: डाल- टहनी


4. निम्नलिखित शब्दों का पर्यायवाची लिखिए।

a. दिन

उत्तर: दिन- वार, दिवस


b. कामयाब

उत्तर: कामयाब- सफल, सम्पन्न


5. हम होंगे _______   एक दिन।

उत्तर: हम होंगे कामयाब एक दिन।


लघु उत्तरीय प्रश्न  (2 अंक)

6. कवि किसके कामयाबी की बात कहते हैं?

उत्तर: कवि गिरिजा कुमार माथुर वैयक्तिक कामयाबी के बारे में बात करते हैं। वे इस कविता के माध्यम से लोगों में आत्मविश्वास का उत्सर्जन करते हैं। वे उनसे कहते हैं, अगर वे स्वयं पर विश्वास करेंगे, तो कोई भी कार्य असंभव नहीं हो सकता है।


7. कवि को किस पर विश्वास है?

उत्तर: कवि इस कविता में लोगों को आत्मविश्वास की महत्ता की ओर प्रकाश डालते हैं। वे इसमें स्वयं पर विश्वास करने को कहते हैं। उनका कहना है, अगर वे स्वयं पर विश्वास करेंगे, तो कभी भी अपने लक्ष्य से नहीं भटकेंगे।


8. कवि क्या चाहते हैं?

उत्तर: कवि चाहता है, कि लोग स्वयं पर संशय करना छोड़ दे। वे उनमें आत्मविश्वास की ज्योति जलाना चाहते हैं। कवि शांति में विश्वास करते हैं, इसीलिए वे कामना करते है, अगर हम सब एक साथ होंगे तो चारों ओर शांति बनी रहेगी। मुख्यतः वे शांति, एकता और  लोगों में आत्मविश्वास देखना चाहते हैं।


9. कविता के उन पंक्तियों को लिखो जिसमें कवि निर्भय होने होने की बात कह रहे हैं।

उत्तर: कविता की निम्नलिखित पंक्तियां हैं, जो कवि के निर्भय होने की बात की घोतक हैं: 

“नहीं डर किसी का आज,

नहीं डर किसी का आज,

नहीं डर किसी का आज के दिन”।


10. कविता के उन पंक्तियों को लिखो जिसमें कवि एकता की बात करते हैं।

उत्तर: कविता की निम्नलिखित पंक्तियां हैं, जो कवि की एकता की बात की घोतक है: 

“हम चलेंगे साथ-साथ,

डाल हाथों में हाथ, 

हम चलेंगे साथ- साथ एक दिन”


लघु उत्तरीय प्रश्न  (3 अंक) 

11. ‘हम होंगे कामयाब एक दिन’ इस पंक्ति का भावार्थ लिखो।

उत्तर: कवि गिरिजा कुमार माथुर इस कविता के माध्यम से लोगों से संवाद करते हैं, और वे लोगों कामयाबी के रास्ते के बारे में भी बताते हैं। ‘हम होंगे कामयाब एक दिन’ इस पंक्ति से कवि का आशय यह है, कि हमे स्वयं पर विश्वास रखना चाहिए, क्योंकि केवल आत्मविश्वास ही, हमे जीवन में सफलता का रास्ता दिखाता है। वे विश्वास के साथ संयम की भी बात करते हैं। आत्मविश्वास और संयम को वे सफलता की चाभी मानते हैं।


12. ‘हो हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास’ इस पंक्ति का भावार्थ लिखो।

उत्तर:  ‘हो हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास’ इन पंक्तियों से, कवि गिरिजा कुमार माथुर का आशय है, कि हमे स्वयं पर विश्वास होना चाहिए। किसी संदेह के लिए स्थान नहीं छोड़ना चाहिए, केवल और स्वयं विश्वास और थोड़ा नहीं स्वयं पर पूर्ण विश्वास होना चाहिए।


13. क्या कवि का इंतजार ख़त्म हुआ?

उत्तर: कवि का इंतज़ार बस ख़त्म होने वाला ही है। कवि को ज्ञात हो गया है कि अब सब कुछ ठीक हो जाएगा। वे केवल उस दिन की राह तक रहे हैं जब इनका इंतज़ार ख़त्म हो जाएगा। सबकी दुविधाओं का हल कवि को मिल गया है, वे स्वयं पर विश्वास करने की बात कहते हैं। वे मानते हैं कि, किसी भी समाज का उद्धार शांति, अमन, प्रेम और एकता के बिना होना संभव नहीं है। इन सभी उद्धार के कारकों का उत्सर्जन तभी होगा जब व्यक्ति स्वयं पर विश्वास करेगा और उसी दिन कवि का इंतज़ार ख़त्म होगा।


14. कविता के उन पंक्तियों को लिखो जिसमें कवि विश्वास की बात करते हैं।

उत्तर: कविता में कवि स्वयं पर विश्वास करने बात करता है, निम्नलिखित पंक्तियां उनकी इसी विचार को स्पष्ट करती हैं: 

“हम होंगे कामयाब एक दिन

हो हो मन में है विश्वास पूरा है विश्वास”।

कवि समकालीन अशांति भरी परिस्थितियों से परिचित हैं किंतु कवि को विश्वास है, कि एक दिन सभी के मन में एक दूसरे के प्रति सहज और स्नेह कि भावनाओं का उत्सर्जन अवश्य होगा। इसलिए वह विश्वास के साथ कहते हैं कि एक दिन शांति और अमन का वातावरण ज़रूर होगा।


15. कविता के उन पंक्तियों को लिखो जिसमें कवि शांति की बात करते हैं।

उत्तर: कवि कविता की कुछ पंक्तियों में अमन और शांति की बात की है। निम्नलिखित पंक्तियों द्वारा, वे शांति स्थापित करना चाहते हैं: 

होंगी शांति चारों ओर,

होगी शांति चारों ओर एक दिन,

हो हो मन में है विश्वास पूरा है विश्वास।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  (5 अंक) 

16. भाव स्पष्ट कीजिए- 

“ होगी शांति चारों ओर,

होगी शांति चारों ओर एक दिन” 

उत्तर: कवि गिरिजा कुमार माथुर अपनी उपर्युक्त पंक्तियों में सभी लोगों को आश्वासन देते है, कि एक दिन ऐसा अवश्य आएगा। जब सभी लोग अमन और शांति के साथ कार्य करेंगे। सभी लोग एक साथ रहेंगे भी, वे लोगों को इसका महत्व भी बताते हैं। कि अमन और शांति ही सफलता की सीढ़ी के आधार है। सभी जगह अगर शांति होगी, तो लोग स्वयं पर विश्वास कर सकेंगे और अपने जीवन के लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे। वे स्वयं शांति के महत्व से परिचित हैं और सभी लोगों को उसकी महत्ता के विषय में बताते हैं। वह बताते हैं कि यदि हमारी मन में दूसरे के प्रति स्नेह और सहानुभूति होगी तो हमारा मन सदैव शांत रहेगा और शांत मन हमेशा संतुष्टि को जन्म देता है। उनका विश्वास है कि एक दिन अवश्य सभी कटुता प्रेम में परिवर्तित हो जाएगी, और चारों ओर शांति और समृद्धि व्याप्त होगी।


17. भाव स्पष्ट कीजिए- 

“ हम चलेंगे साथ-साथ,

डाल हाथों में हाथ”

उत्तर: कवि गिरिजा कुमार माथुर लोगों की एकता के बल के बारे में बताते हैं। वे उन्हें बताते हैं, कि हम सब साथ चलेंगे, तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। वे एकता की शक्ति को चित्रांकित करते हैं। वे लोगों को साथ लेकर चलने की बात करते हैं। उनकी कविता में साथ चलने की बात, भारतीय संस्कृति की घोतक है। क्योंकि हमारा  ‘हम होंगे कामयाब एक दिन’ कविता की उपर्युक्त लिखित पंक्तियों में कहते हैं, कि हमे स्वयं पर विश्वास करना चाहिए। अगर हमें स्वयं पर विश्वास होगा, तो बड़ी से बड़ी कठिनाइयों का सामना करने के लिए सक्षम है। वे स्वयं पर पूर्ण विश्वास करने को कहते हैं। वे लेश मात्र भी संशय स्वयं पर लाने के लिए की सख्त मना किया है। वे साथ-साथ काम करने को बढ़ावा देते हैं। भारत विविधता में एकता की बात करता है उसी व्यवहार को आगे बढ़ाते हुए, माथुर जी एकता की बात करते हैं। वे अपने विश्वास को आधार बनाकर कहते हैं कि एक दिन हम सब साथ चलेंगे, यहाँ साथ चलने से अभिप्राय एक दूसरे को भावनात्मक और क्रियान्वयन साथ देने से हैं।


18. “हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन

हो हो मन में विश्वास, पूरा है विश्वास”। इन पंक्तियों का आशय लिखो।

उत्तर: उपर्युक्त पंक्ति में कवि अपने मन के संशय को समाप्त कर एक नई आशा और विश्वास को मन में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। वे जानते हैं कि आज के समाज और धार्मिक आडंबरों ने मनुष्य को मनुष्य से भिन्न कर दिया है। वे मनुष्य न रह कर मांसल कठपुतली रह गए है। आज मनुष्य को सांप्रदायिक हथियार से धार-धार किया जाता हैं किंतु कहीं न कहीं कवि को विश्वास है कि एक दिन अवश्य सभी को एहसास होगा एकता के बल  और अमन शांति का।वे अपने विश्वास को विस्तार देते हैं कि एक दिन हम सब एक होंगे और सब साथ में कार्य करेंगे। इस विश्वास को वो अपने मन में और सुदृढ़ करते है और लोगों को भी इसकी पूरी आशा दिलाते हैं।


19. “नहीं भय किसी का आज

नहीं भय किसी का आज।“ इन पंक्तियों का आशय लिखो।

उत्तर: उपर्युक्त प्रस्तुत पंक्तियों से आशय है, कि अब किसी का भय शेष नहीं है। यह अवस्था स्वयं पर विश्वास होने के बाद कि अवस्था है। जब व्यक्ति स्वयं के संशय पर विजय कर लेते हैं, तो व्यक्ति निर्भीक और निर्भयता की कसौटी हासिल कर लेता है। इसीलिए गिरिजा कुमार माथुर व्यक्तियों से आत्मविश्वास के आवाहन करने को कहते हैं, क्योंकि अगर आत्मविश्वास ही भय का अंत करता है। इसलिए  कहते हैं की अब हमारे अंदर इतना विश्वास आ गया है कि अब हमें किसी भी प्रकार कि भय भयभीत नहीं कर सकता है।वह गुज़रे हुए कल को भुलाकर आज की बात करते हैं। आज की स्थिति को ही सर्वसत्य के रूप में ग्रहण करते हैं। वर्तमान में भय से मुक्ति पाना ही मुख्य उद्देश्य हैं।


20. “नहीं डर किसी का आज एक दिन।

हो हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास

नहीं डर किसी का आज के दिन।“ इन पंक्तियों का आशय लिखो।

उत्तर: उपर्युक्त प्रस्तुत पंक्तियों में गिरिजा कुमार माथुर कहते हैं, कि अब मन से भय का अंत हो चुका है। वे कहते हैं, कि लोग अब निर्भीक और निर्भय से युक्त है। इसकी सबसे बड़ी वजह स्वयं पर विश्वास करने के व्यवहार हो कहा है। उनके अनुसार हम अगर स्वयं पर विश्वास करेंगे, तो हम हर तरह के भय से कोसो दूर रहेंगे, और निर्भीक बनेंगे। वे निर्भीकता है पाठ,इसलिए भी पढ़ाते हैं जिससे हम अपने कल को न दोहराएँ, अपने आज पर विश्वास करें और स्वयं को इतना सक्षम बनाए जिससे हर प्रकार के भयको चुनौती दे सके। अगर भय ने जीवन में स्थान बना लिया तो मनुष्य एक अदृश्य से जाल में स्वयं को सर्वदा बँधा हुआ महसूस करता है। वह सभी को भय से मुक्त कराना चाहते हैं इसलिए वह स्वयं पर विश्वास करने का निश्चित आग्रह भी करते हैं।