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Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 1 - Devsena Ka Geet, Karneliya Ka Geet

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Devsena Ka Geet, Karneliya Ka Geet Class 12 Important Questions

Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 1 Devsena Ka Geet, Karneliya Ka Geet given on this page in PDF format are prepared by the subject experts according to the latest edition of the Class 12 NCERT Hindi textbook. Practising the important questions for CBSE Class 12 Devsena Ka Geet, Karneliya Ka Geet repeatedly helps to master your chapter concepts, and you will be capable enough to solve any type of question asked from any part of the chapter during the exam confidently and accurately. You can download Important questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 1 free PDF through the link below.


List of Chapters Covered in NCERT Class 12 Hindi Antra 

  • Chapter 1 Poem – Devsena ka geet – Kaneliya ka geet

  • Chapter 2 Poem – Geet gaane do mujhe – Saroj-smriti

  • Chapter 3 Poem – Ye deep akela – Maine dekha ek boond

  • Chapter 4 Poem – Banaras – Disha

  • Chapter 5 Poem – Satya – Ek kam

  • Chapter 6 Poem – Toro – Basant aya

  • Chapter 7 Poem – Bharat-Ram ka prem – Pad

  • Chapter 8 Poem – Barahamasa

  • Chapter 9 Poem – Pad

  • Chapter 10 Poem – Ramchandra Chandrika

  • Chapter 11 Poem – Kabinta/Sabeya

  • Chapter 12 – Premdhan ki Chayya Smriti

  • Chapter 13 – Sumirini ke man ke

  • Chapter 14 – Kacchachitta

  • Chapter 15 – Sambadiya

  • Chapter 16 – Gandhi, Neheru aur yasser arafat

  • Chapter 17 – Sher, Pehchan, Chaar haath, Sajha

  • Chapter 18 – Jaha koi Wapsi Nahi

  • Chapter 19 – Yathasmay Rochate Vishvam

  • Chapter 20 – Dusra Devdas

  • Chapter 21 – Kutaj

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Study Important Questions for Class 12 Hindi Antra पाठ १: देवसेना का गीत/कार्नेलिया का गीत

लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)  

 1. रुप सिंह के गाँव का नाम क्या था? 

उत्तर: रूप सिंह के गाँव का नाम माही था।


2. शेखर कपूर कौन था? 

उत्तर: शेखर कपूर, रुप सिंह के गॉड फादर कपूर साहब का बेटा था। 


3. घाटी में बहने वाली नदी का क्या नाम था? 

उत्तर: घाटी में बहने वाली नदी का नाम सुपिन नदी था।


4. महिप कौन था? 

उत्तर: महिप रूप सिंह के बड़े भाई भूप सिंह का बेटा था।


5. रुप सिंह "पहाड़ के रोएं" किसे कहता था? 

उत्तर: रुप सिंह "पहाड़ के रोएं" देवदार के पेड़ों को कहता था। 


लघु उत्तरीय (2 अंक)

6. रूप सिंह ने चाय वाले से क्या पूछा? 

उत्तर: देव कुंड उतरने के बाद रूप सिंह पास मे लगी चाय की दुकान पर जाकर, उसने चाय का ग्लास उठाया और चाय वाले से पूछा 'भाई साहब! यहाँ कोई घोड़ा - वोड़ा नही मिलता क्या?'


7. भेड़ हाँकती हुई लड़की को देखकर शेखर ने रूप से क्या पूछा? 

उत्तर: शेखर ने भेड़ हाँकती हुई १४ - १५ साल की सलोनी लड़की को देखा फिर रूप से पूछा कि “क्या तुमने कभी प्रेम की चढ़ाईया चढ़ी हैं।”


8. रूप ने शेखर को स्वर्ग के रास्ते के बारे में क्या बताया? 

उत्तर: शेखर ने जब रूप को कहा कि तेरा इलाका बहुत ही सुंदर हैं एकदम स्वर्ग जैसा, तो उसकी बातों को काटकर रूप ने बोला कि वो पांडव स्वर्ग इसी रास्ते से गये थे, यहाँ का सबसे आखरी गाँव सुरगी हे सुरगी मतलब स्वर्ग। उसके कुछ आगे स्वर्गरोहिणी।


9. घोड़े पर सवार रूप, महीप के बारे में क्या सोच रहा था? 

उत्तर: घोड़े पर सवार रूप, महीप के रोजगार के बारे में सोच रहा था कि इतनी कच्ची उम्र मे उस पर ये घोड़े वाला धंधा और खतरनाक रास्ते कि जिम्मेदारी हैं। हम जवान होकर भी घोड़े पर जा रहे हैं और ये पेदल, फिर इसे पंद्रह किलोमीटर चलना हैं और अभी वापस लोटना भी हैं, पेट के लिए क्या-क्या नहीं करना पड़ता।


10. रूप सिंह ने महीप से क्या कहा? 

उत्तर: रूप सिंह ने महीप से कहा कि तू कौन से गाँव का हैं?, इन घोड़े के संग कब से हैंं?, फिर कहा आ थोड़ी देर अब तू इस पर बैठजा हम पैदल चलते हैं।


लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक)

11. "ये जा सकेगा भला?" शेखर के इस संदेह वाचक से सवाल पर चाय वाले ने क्या जवाब दिया? 

उत्तर: सीढ़ियों पर बैठे लड़के की मासूमियत को देख कर शेखर ने संदेह प्रकट किया कि क्या ये जा सकेगा? तभी चाय वाले ने जवाब दिया 'जाएगा साहब' ऐसे कैसे नहीं जाएगा? यहाँ सवारियाँ मिलती ही कहा हैं। आप लोग भी चले गए तो बैठ कर मक्खी ही मरेगा। घर से झगड़ा करके यहाँ पैसे ही तो कमाने आया हैं।


12. ऊँची-नीचे डाडियो मा, 

हे कुहेडी न लाग तूँ

"ऊँची-नीचे पाँखो मा

हे घसैडी न जाए तूँ

ऊँची-नीचे डाडियो मा, 

हे हिलांस ना बास तूँ

इस गीत का मतलब रुप सिंह ने किस प्रकार समझाया हैं? 

उत्तर: रूप सिंह ने इस गीत का यह मतलब बताया हैं कि कोई घास गढ़नेवाली पहाड़ी लड़की कुहर्र से सवाल कर रही हैं कि ऐ कुहरे ऊँची - नीची पहाड़ियों मे जाकर तुम ना लगो। इस पर कुहरे घास वाली लड़की से कहता हैं कि ऐ इन ऊँची नीची पहाड़ियों पर तु ना जाया कर। इस प्रकार वह हिलाश नामक परिंदे को भी आगाह करता हैं कि वह ऊँची नीची पहाड़ियों मे अपना बसेरा ना बनाया करे।


13. रूप ने अपने और शैला के विषय मे शेखर को क्या बताया? 

उत्तर: जब शेखर ने रूप से प्रेम के बारे मे पूछा तो रूप ने कहा कि शैला इतनी सुंदर थी कि उसकी गुलामी में ही मै खुद को धन्य समझता था। जब वह स्वेटर बुनती थी तो मै उसकी भेड़ें हाका करता था। उसके लिऐ फूल तोड़ लाता जो उसे बहुत पसंद थे। सेब या आडु कही मिल जाते तो सबसे पहले उसको लाकर देता था।


14. निम्नलिखित वाक्यो मे सही और गलत वाक्य चुने। 

(क) महीप, रूप सिंह का भतीजा था। 

उत्तर: सही 

(ख) सुपिन एक गाव का नाम था। 

उत्तर: गलत

(ग) रूप सिंह के गाव का नाम सुरगी था

उत्तर: गलत

(घ) भूप सिंह के पिता का नाम तिरलोक था

उत्तर: गलत

(ड) भूप सिंह ऊँचे पहाड़ पर रहता था

उत्तर: सही

(च) राम सिंह, रूप सिंह के पिता थे

उत्तर: सही


15. निम्नलिखित कथन किसने किससे कहा? 

(क) कुछ भी हो, तुम्हारा इलाका हैं बड़ा खुबसूरत - स्वर्ग जैसा। 

उत्तर: शेखर ने रूप सिंह से कहा।

(ख) यहाँ इसी जगह मैंने धकेला था भूप दादा को 

उत्तर: रूप सिंह ने शेखर से कहा।

(ग) ऐ लड़के तु हमे कहा लेके जा रहा हैं

उत्तर: रूप सिंह ने महीप से कहा।

(घ) लेकिन रूप तो बहुत पहली भागी गई छाई

उत्तर: बुढे तिरलोक ने रूप सिंह से कहा।

(ड) इतता सारा इंतजाम होवे तब तू चढ पावे म्याल पर 

उत्तर: बुढे तिरलोक ने रूप सिंह से कहा।

(च) वो महीप घोड़े वाला तेरी इन्ही भाभी श्री का लड़का हैं

उत्तर: शेखर ने रूप सिंह से कहा।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक)   

16. ये तो अपने गाँव की तौहीन कराना हुआ न। रूप सिंह ऐसा क्यों सोच रहा था?

उत्तर: जब रूप सिंह व शेखर देवकुंड के बस स्टॉप पर उतरे उस वक्त रूप ने अपने गांव माही की ओर देखा। माही जाने के लिए आज तक कोई भी सड़क का निर्माण नहीं हुआ था। यह देख कर रूप सिंह सोच में पड़ गया की वह तो पगडंडी से भी गांव चला जाए परंतु अगर कोई साथ हो तो यह सोचना पड़ता हैं की अगले की मानसिकता क्या होगी। साथ में आया हुआ व्यक्ति भी कोई ऐसा वैसा नहीं हैं, उसके गॉड फादर कपूर साहब का बेटा था दूसरे आई. ए. एस ट्रेनी। अब ऐसे खास मेहमान को अपने गांव पैदल ले जाना रूप सिंह को अपनी और अपने गांव की बेइज्जती जैसा प्रतीत हो रहा था।


 17. अचानक चलते- चलते रूप रास्ते में रुक क्यों गया? उसने उस जगह पर व्यतीत कौन सी वितांत सुनाई?

उत्तर: रास्ते में चलते- चलते रूप सिंह अचानक एक जगह पर रुक गया और शेखर से कहा "यही इसी जगह धकेला था मैंने भूप दादा को।" चौंकते हुए शेखर ने पूछा "धकेला था?............ क्यों?" फिर रूप उस घटना को दोहराने लगा "वो मैं जब घर से भागकर देवकुंड आ रहा था। भूप दादा मुझे खोज रहे थे और इसी स्थान पर मैं पकड़ा गया। मैं फिर से कहीं भाग न जाऊं इसलिए उन्होंने मुझे कलाई से पकड़ रखा था। उनसे छुटकारा पाने के लिए मुझे और कोई तरकीब न सूझी तो मैंने उन्हें यहां इसी स्थान पर धक्का दे दिया। वह संभल न पाए और इसी जगह फिसल गए। उनके साथ मैं भी फिसल गया था क्योंकि उन्होंने मेरी कलाई पकड़ रखी थीI


18. अचानक चलते- चलते रूप रास्ते में रुक क्यों गया? उसने उस जगह पर व्यतीत कौन सी वितांत सुनाई?

उत्तर: रास्ते में चलते-चलते रूप सिंह अचानक एक जगह पर रुक गया और शेखर से कहा "यही इसी जगह धकेला था मैंने भूप दादा को" चौंकते हुए शेखर ने पूछा "धकेला था?............ क्यों?" फिर रूप उस घटना को दोहराने लगा "वो मैं जब घर से भागकर देवकुंड आ रहा था। भूप दादा मुझे खोज रहे थे और इसी स्थान पर मैं पकड़ा गया। मैं फिर से कहीं भाग न जाऊं इसलिए उन्होंने मुझे कलाई से पकड़ रखा था। उनसे छुटकारा पाने के लिए मुझे और कोई तरकीब न सूझी तो मैंने उन्हें यहां इसी स्थान पर धक्का दे दिया। वह संभल न पाए और इसी जगह फिसल गए। उनके साथ मैं भी फिसल गया था क्योंकि उन्होंने मेरी कलाई पकड़ रखी थी।


19. रूप सिंह किस बात से परेशान था?

उत्तर: जब रूप सिंह जवान था, तब उसने अपने पिता और भाई से कुछ नहीं कहा और एक साहब के साथ घर से छुपकर बाहर निकल गया। आज वह कई बरसों के बाद घर वापस लौट रहा था। एक तरफ जहां अपनेपन की अनुभूति थी। वही दूसरी ओर घर से छुपकर भाग जाने के कारण वह शर्मिंदा भी था। वह इस बात को समझ नहीं पा रहा था कि वह अपने परिवार से क्या कहेगा।


20. भूप दादा ने बाबा द्वारा कौन सी कहानी का जिक्र किया? संक्षिप्त तरीके से लिखिए।

उत्तर: भूप दादा ने रूप से पूछा कि तुम्हें वह कहानी याद हैं जो बचपन में बाबा हमें सुनाया करते थे। "वो एक नन्हीं चिड़िया वाली कहानी। ठीक हैं अगर तुम्हें वह कहानी याद नहीं हैं तो मैं तुम्हें आज फिर से वही कहानी सुनाता हूं - उस कहानी में एक गिद्ध रहता हैं और वह नन्ही चिड़िया से कहता हैं - चिड़िया मैं तुम्हें खा जाऊंगा। गिद्ध के ऐसा कहने पर चिड़िया उससे डर जाती हैं और पूछती हैं "क्यों?" इस पर गिद्ध कहता हैं "क्योंकि तुम मुझसे ऊंचा नहीं उड़ सकती। चिड़िया ने गिद्ध से कहा अगर मैं तुम्हें, तुमसे ऊंचा उड़कर दिखा दूं तो। 'तो फिर मैं तुम्हें नहीं खाऊंगा' गिद्ध ने कहा। फिर दोनों में मुकाबला शुरू हुआ। उस नन्हीं सी चिड़िया की उस विशाल गिद्ध के सामने क्या बिसात, ऐसे भी मरना और वैसे भी मरना। लेकिन नन्हीं सी चिड़िया ने पूरा जोर लगाकर उड़ान भरी और जाकर गिद्ध की पीठ पर बैठ गई। गिद्ध उड़ान भरने लगा, ऊंचे आकाश में। वह ऊंचा जाता, परंतु चिड़िया के नीचे ही रहता। वह किसी भी हाल में चिड़िया को नहीं हरा पाया और चिड़िया की जान बच गई।


21. "मगर यहां आप अकेले हैंं।" रूप के इस सवाल पर भूप दादा ने क्या जवाब दिया?

उत्तर: रूप ने जब भूप दादा से कहा कि आप मेरे साथ चलिए, यहां आप अकेले हैंं। आपने अपने को सबसे दूर कर रखा हैं, अथवा एक ऐसे पहाड़ पर रह रहे हैंं जो कभी भी धंस सकता हैं। तो यह बात आत्महत्या करने वाली हैं। रूप की इन सभी बातों को सुनकर भूप दादा की आंखें नम हो गई और उन्होंने कहा - "कौन कहता हैं की मैं यहां अकेला हूं?" यहां मां हैं, बाबा हैं, शैला हैं - सब यहीं तो सोए हुए हैंं। यहां महीप हैं, मेरी बीवी हैं, मौत के मुंह से निकाले गए खेत हैं, पेड़ हैं, झरना हैं। इन पहाड़ों में मेरे पुरखों, मेरे प्यारों के साए घूमते रहते हैं और मैं उन सभी से बातें करता हूं।


Key Benefits of Solving Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 1 Devsena Ka Geet, Karneliya Ka Geet 

  • Solving important questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 1 helps you analyse your chapter performance better.

  • Boost your confidence to tackle any type of questions asked from the chapter during the exam.

  • You can analyse your weaker areas of the chapter and improve them accordingly.

  • You can also prepare  Devsena Ka Geet, and Karneliya Ka Geet notes on your own from these important questions and even highlight the important topics from where the questions can be asked in the exam.


Conclusion 

We hope the given Class 12 Hindi Antra Chapter 1 Important Questions will help you understand the poem's sumamry better and boost your exam preparation. Solve the questions repeatedly to boost your confidence and to tackle any type of questions asked in the exam confidently and easily.  To get other relevant Class 12 Hindi study material, visit our website.

FAQs on Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 1 - Devsena Ka Geet, Karneliya Ka Geet

1. How many questions are asked from Chapter 1 of Class 12 Hindi Antra?

One or two questions can be asked from Chapter 1 of Class 12 Hindi Antra. Most students ignore Hindi preparation because they believe they would do well without ever reading it. They do, however, lose several significant marks. However, without proper preparation, no one can achieve a high percentage. It is critical to plan ahead of time. You can also look at the Vedantu website and app for more help regarding your exam preparations.

2. Explain the meaning of the line “मैंने भ्रमवश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई”.

The introduction of Devasena's pain is found in the present line. She falls in love with Skandagupta, but Skandagupta has no place for her in his heart. When Devasena comes to know this truth, she feels very sad. She leaves Skandagupta. Recalling those past moments, she says that in the illusion of love, I have spent all my life's desires in the form of alms. That is, by having desires, there is enthusiasm and love in man's life. But today, she does not have this left.

3. Why has the poet called आशा as बावली?

आशा is very strong, but at the same time, it is also very stupid. The poet said that if hope supports the drowned, it also makes him mad. There is a lot of hope in love. He weaves a thousand dreams for the one he loves. Then her lover may or may not love her. He floats in dreams with the help of hope. For more such information on this chapter, visit the page Important Questions for Class 12 Hindi.

4. Explain the poetic beauty of “श्रमित स्वप्न की मधुमाया ……… तान उठाई।”

The speciality of this poem is that the memory image is scattered in it. Devasena is immersed in memory. She remembers the days when she tried hard to get love, but she failed. Now all of a sudden, he hears the voice of the same love. This astonishes him. विहाग राग is also mentioned. It is sung at midnight. The poet has expressed deep euphemism by calling the dream a form of labour. The dream is depicted in human form. 

5. What are the reasons for Devasena's defeat or despair?

Princess Devasena was in love with Emperor Skandagupta. She tried a lot to get his love. But all her efforts to get him proved unsuccessful. This was a cause of great despair for her. She had become fraternal in this world. The father had already died in the lap of death, and the brother had also attained martyrdom in the war. She was making a living by begging from door to door. She only had the support of love. But he too did not accept it. To learn more and practice questions, students can download a free PDF of Important questions of this chapter from the Vedantu website (vedantu.com).