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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 5 Premchand Ke Phate Jute

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Master Premchand Ke Phate Joote Class 9 Questions and Answers With Our Expert Solutions

Vedantu provides NCERT Solutions for Class 9 Hindi (Kshitij) Chapter 5 Premchand Ke Phate Jute with clear explanations to help students understand the key themes and ideas of the chapter. This chapter tells an engaging story by Premchand, highlighting important life lessons that are easy to relate to. These solutions are designed to make learning easier by covering the key points in simple language. Students can use these solutions to revise effectively and answer questions confidently in exams.

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Additionally, NCERT Solutions Class 9 Hindi Kshitij aligns with the CBSE Class 9 Hindi Syllabus, ensuring that students can learn everything they need for the chapter while preparing thoroughly for their exams. These solutions not only assist in understanding but also in practising the important questions from the chapter for better preparation.


Glance on Class 9 Hindi (Kshitij) Chapter 5 - Premachand Ke Phate Jute 

  • CBSE Class 9 Hindi Chapter 5 Premachand Ke Phate Jute is a story written by Premachand, one of the most respected writers in Hindi literature, known for his realistic portrayal of social issues.

  • It focuses on Premchand's worn-out shoes, which symbolise his simple lifestyle despite his status and achievements.

  • The story highlights how Premchand remained grounded and humble, even though he was a famous figure, choosing not to be concerned with appearances.

  • It teaches a valuable lesson about being content with what we have, showing that true worth is not in material possessions but in our character and actions.

  • Through the narrative, it becomes clear that material things, like new clothes or shoes, do not define a person’s value or dignity.

  • Premchand’s modest way of living sets an inspiring example, showing that one can maintain dignity and respect without being overly concerned with material wealth.

Master Premchand Ke Phate Joote Class 9 Questions and Answers With Our Expert Solutions

1. हरिशंकर परसाई ने प्रेमचंद का जो शब्दचित्र हमारे सामने प्रस्तुत किया है उससे प्रेमचंद के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताएँ उभरकर आती हैं?

उत्तर: प्रेमचंद के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएं:

  • प्रेमचंद सादगी युक्त जीवन जीते थे। वे प्रदर्शनवाद से दूर रहते थे।
  • प्रेमचंद एक उच्च विचार वाले व्यक्ति थे।
  • प्रेमचंद एक सर्वोत्तम साहित्यकार के साथ एक स्वाभिमानी व्यक्ति भी थे।
  • वे हर मुश्किल परिस्थिति का बेधड़क सामना करते थे।
  • उनका व्यक्तित्व संघर्षशील था।


2. सही कथन के सामने(✓) का निशान लगाइए:

(क) बाएँ पाँव का जूता ठीक है मगर दाहिने जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अँगुली बाहर निकल आई है।

(ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए।

(ग) तुम्हारी यह व्यंग्य मुसकान मेरे हौसले बढ़ाती है।

(घ) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ़ अँगूठे से इशारा करते हो?

उत्तर: (ख) लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए। (✔)


3. नीचे दी गई पंक्तियों में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए:

(क) जूता हमेशा टोपी से कीमती रहा है। अब तो जूते की कीमत और बढ़ गई है और एक जूते पर पचीसों टोपियाँ न्योछावर होती हैं।

उत्तर: यहाँ जूतों का आशय अमीरी से है और टोपी प्रतिष्ठा, मर्यादा और गौरव का प्रतीक है। इज़्ज़त का महत्व धन, संपत्ति से ऊँचा होता है। परन्तु आज समाज में संपत्ति को इज़्ज़त से ऊपर रखा जाता है और इसी कारण समृद्ध लोगों को हमेशा से ही धनवानों के आगे झुकना पड़ा है। 


(ख) तुम परदे का महत्व ही नहीं जानते, हम परदे पर कुर्बान हो रहे हैं।

उत्तर: प्रेमचंद ने अपनी वास्तविकता को कभी परदे में नहीं रखा अर्थात कभी ढ़कने का प्रयास नहीं करा। वे  जैसे असल ज़िन्दगी में थे, लोगों से मिलते वक़्त भी वैसे ही थे। वे भीतर - बाहर एक सामान थे। एक ओर प्रेमचंद को कोई चिंता नहीं थी कि लोग उनके फ़टे जूतों के बारे क्या सोचेंगे और दूसरी ओर कुछ लोग अपनी कमियों को छिपाने के लिए तरह - तरह की चीज़ें करते हैं।


(ग) जिसे तुम घृणित समझते हो, उसकी तरफ़ हाथ की नहीं, पाँव की अँगुली से इशारा करते हो?

उत्तर: (प्रेमचंद सामाजिक कुरीतियों व बुराइयों से दूर रहे हैं और उन्होंने हमेशा से ही इन्हें द्वेष के रूप में देखा है। वें गलत चीज़ को हाथ से नहीं अपितु पाँव की अंगुली से सम्बोधित करना उचित समझते है।

 

4. पाठ में एक जगह पर लेखक सोचता है कि 'फोटो खिंचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी?' लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि 'नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी।' आपके अनुसार इस संदर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती हैं?

उत्तर: अक्सर लोग दैनिक जीवन में साधारण व पुराने कपड़े पहनते है और ख़ास मौके पर नए और अच्छे कपड़ो का प्रयोग करते हैं। लेखक ने पहले सोचा कि प्रेमचंद ने विशेष अवसर पर साधारण कपड़े पहने है तो रोज़ ज़िन्दगी में कितने साधारण कपड़े पहनते होंगे। परन्तु बाद में लेखक ने अपने विचार बदल लिए क्योंकि उन्हें लगा की प्रेमचंद का जीवन सादगी से भरा है और वह दिखावे की दुनिया से दूर है।


5. आपने यह व्यंग्य पढ़ा। इसे पढ़कर आपको लेखक की कौन सी बातें आकर्षित करती हैं?

उत्तर: लेखक ने अपनी बात को व्यंग्य के माध्यम से कही है। प्रेमचंद के व्यक्तित्व की विशेषताओं को व्यक्त करने के लिए जिन उदाहरणों का प्रयोग किया गया है, वे व्यंग्य को और भी आकर्षित बनाते हैं। लेखक ने सामाजिक बुराइयों व समाज के दोषों को बड़ी सरलता से व्यक्त किया है।


6. पाठ में 'टीले' शब्द का प्रयोग किन संदर्भों को इंगित करने के लिए किया गया होगा?

उत्तर: ’टीला’ रास्ते की रुकावट या ऐसा अपराध है जिसे पार करना मुश्किल है।पाठ में टीला शब्द का प्रयोग सामाजिक बुराइयां, कुरीतियां, भेदभाव, अन्याय, गलत आचरण और अनीति को दर्शाता है क्योंकि ये मानव के सामाजिक विकास में अड़चन पैदा करती है। 


रचना - अभिव्यक्ति

7. प्रेमचंद के फटे जूते को आधार बनाकर परसाई जी ने यह व्यंग्य लिखा है। आप भी किसी व्यक्ति की पोशाक को आधार बनाकर एक व्यंग्य लिखिए।

उत्तर: हमारे एक दूर के रिश्तेदार दिल्ली में रहते हैं। अक्सर नए कपडे, संपत्ति और चकाचौंध वाली वस्तुओं को लेकर दिखावा करते हैं। वे हमारे घर राजस्थान के एक गांव आए। अब हम ठहरे सादा जीवन जीने वाले लोग। उन्होंने हमारे कपड़ों को लेकर एवं हमारे गांव में मिलते पोशाकों को लेकर मज़ाक उड़ाया परन्तु अगले ही दिन उनके बच्चों को हमारे गांव के बाजार में एक पोशाक  पसंद आ गई और लेने की ज़िद करने लगे। और उनके माता - पिता को वह खरीदनी पड़ी। एक ओर उन्होंने मज़ाक बनाया और अब उसी पोशाक को खरीदा। 


8. आपकी दृष्टि में वेशभूषा के प्रति लोगों की सोच में आज क्या परिवर्तन आया है? 

उत्तर: आज की दुनिया दिखावे के प्रति ज़्यादा जागरूक है। लोग आपका सम्मान आपकी वेश - भूषा  करते है अर्थात व्यक्ति का मान - सम्मान और चरित्र  भी वेशभूषा पर निर्भर करती है। आजकल सादगी से जीवन जीने वालों को पिछड़ा  समझा जाता है। 


भाषा - अध्ययन 

9. पाठ में आए मुहावरे छाँटिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

उत्तर:

  • व्यंग्य - मुस्कान (मज़ाक उडाना) - रोहन ने सीमा को व्यंगय भरी मुस्कान से देखा।
  • अंगुली का इशारा (कुछ बताने की कोशिश) - राम ने श्याम को अंगुली का इशारा किया।
  • अटक जाना (स्थिर हो जाना) - वृन्दावन को देख श्यामा की नज़र अटक गई।
  • बाजू से निकलना (कठिनाइयों से दूर भागना) - वीर मुश्किल वक्त में डटकर सामना करने के बजाय बाजू से निकल गया।


10. प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए लेखक ने जिन विशेषणों का उपयोग किया है उनकी सूची बनाइए।

उत्तर: प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उभारने के लिए लेखक ने निम्नलिखित विशेषणों का उपयोग किया है:

  • महान कलाकार 
  • उपन्यास सम्राट
  • जनता के लेखक
  • साहित्यिक पुरखे
  • युग - प्रवर्तक।


Conclusion 

Premchand Ke Phate Jute is a touching story that highlights the struggles of rural life and the resilience of farmers. Through the character of the protagonist, we see the challenges faced by those who depend on agriculture. The story teaches us important lessons about hard work, determination, and the impact of economic hardships on families. NCERT Solutions for this chapter help students understand the main themes and characters, making it easier to understand the story's messages. These solutions provide valuable insights and practice, ensuring students are well-prepared for their exams.


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FAQs on NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 5 Premchand Ke Phate Jute

1. क्या 'प्रेमचंद के फटे जूते' पाठ केवल उनके जूतों का शाब्दिक वर्णन है?

नहीं, यह पाठ प्रेमचंद के फटे जूतों को एक गहरे प्रतीक के रूप में उपयोग करता है, जो उनके सिद्धांतों और सादगी को दर्शाता है। कई छात्र शीर्षक को शाब्दिक रूप से ले लेते हैं, लेकिन यह एक व्यंग्यात्मक रचना है।

लेखक हरिशंकर परसाई जूते का उपयोग प्रेमचंद के व्यक्तित्व को उजागर करने के लिए करते हैं। फटा जूता, जिससे उँगली बाहर दिख रही है, प्रेमचंद के पारदर्शी और समझौता न करने वाले स्वभाव का प्रतीक है। वह समाज की उन कुरीतियों पर 'ठोकर' मारते थे, जिनसे लोग बचकर निकलते हैं।

इसके विपरीत, लेखक अपने जूते का उदाहरण देते हैं जिसका तला घिस गया है, जो सामाजिक समझौतों का प्रतीक है। इस प्रकार, जूता केवल एक वस्तु नहीं, बल्कि चरित्र और सामाजिक पाखंड पर एक टिप्पणी है। यह Class 9 Hindi Chapter 5 का केंद्रीय विचार है।

संक्षेप में, यह पाठ जूते के माध्यम से प्रेमचंद के महान चरित्र का विश्लेषण करता है।

2. क्या Class 9 Hindi Chapter 5 NCERT Solutions केवल होमवर्क पूरा करने के लिए हैं?

नहीं, NCERT Solutions सिर्फ होमवर्क पूरा करने के लिए नहीं, बल्कि परीक्षा की तैयारी और अवधारणाओं को गहराई से समझने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण हैं। छात्रों को अक्सर लगता है कि ये केवल प्रश्नों के उत्तर हैं, लेकिन इनका उद्देश्य इससे कहीं ज़्यादा है।

उदाहरण के लिए, जब आप premchand ke phate joote class 9 questions and answers हल करते हैं, तो समाधान आपको बताते हैं कि एक आदर्श उत्तर कैसे लिखें। वे व्यंग्य (satire) और प्रतीक (symbolism) जैसे साहित्यिक उपकरणों को समझने में मदद करते हैं, जो परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए ज़रूरी है।

Vedantu के विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए समाधान यह सुनिश्चित करते हैं कि हर उत्तर NCERT के दिशानिर्देशों के अनुसार हो। ये समाधान आपको उत्तर लिखने की सही संरचना और शैली सिखाते हैं, जिससे आपकी लिखने की क्षमता में सुधार होता है।

यह अभ्यास आपको किसी भी तरह के प्रश्न का उत्तर आत्मविश्वास से देने में मदद करता है।

3. क्या लेखक प्रेमचंद को 'महान कथाकार, उपन्यास-सम्राट' कहकर उनका मज़ाक उड़ा रहे थे?

नहीं, लेखक हरिशंकर परसाई इन उपाधियों का उपयोग प्रेमचंद के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने के लिए करते हैं, मज़ाक उड़ाने के लिए नहीं। भ्रम इसलिए होता है क्योंकि लेखक इन महान उपाधियों की तुलना उनके साधारण पहनावे से करते हैं।

यह तुलना व्यंग्य पैदा करती है, लेकिन यह व्यंग्य प्रेमचंद पर नहीं, बल्कि समाज पर है। लेखक इस बात पर हैरान हैं कि इतना बड़ा साहित्यकार, जिसे 'उपन्यास-सम्राट' कहा जाता है, फोटो खिंचवाते समय भी दिखावा नहीं करता और फटे जूते पहनता है।

यह प्रेमचंद के महान व्यक्तित्व को उजागर करता है, जो बाहरी दिखावे से ऊपर उठकर अपनी सादगी और सिद्धांतों पर कायम रहे। लेखक का उद्देश्य यह दिखाना है कि सच्ची महानता कपड़ों या जूतों में नहीं, बल्कि विचारों और चरित्र में होती है।

4. क्या प्रेमचंद के फटे जूते ncert pdf में दी गई जानकारी पुरानी या गलत हो सकती है?

विश्वसनीय स्रोतों से डाउनलोड किया गया Free PDF हमेशा नवीनतम NCERT पाठ्यक्रम के अनुसार ही होता है। कुछ छात्रों को चिंता होती है कि मुफ्त सामग्री शायद अपडेटेड न हो, लेकिन यह सच नहीं है।

शैक्षणिक वेबसाइटें, जैसे Vedantu, यह सुनिश्चित करती हैं कि NCERT Solution Class 9 Hindi Chapter 5 की सभी सामग्री वर्तमान 2025-26 सत्र के पाठ्यक्रम के साथ पूरी तरह से मेल खाती हो। इसमें पाठ के पीछे दिए गए सभी प्रश्नों के सटीक और विस्तृत उत्तर शामिल होते हैं।

उदाहरण के लिए, यदि पाठ्यक्रम में कोई बदलाव होता है, तो इन PDF को तुरंत अपडेट किया जाता है। आप हमेशा भरोसा कर सकते हैं कि आप जो पढ़ रहे हैं वह आपकी परीक्षा के लिए पूरी तरह से प्रासंगिक और सटीक है।

हमेशा एक प्रतिष्ठित स्रोत से ही PDF डाउनलोड करें ताकि आपको सही जानकारी मिले।

5. क्या NCERT Solutions पाठ को पढ़े बिना ही इस्तेमाल किए जा सकते हैं?

NCERT Solutions पाठ्यपुस्तक का पूरक हैं, विकल्प नहीं। इनका सबसे प्रभावी उपयोग अध्याय को अच्छी तरह से पढ़ने के बाद ही होता है। कई छात्र समय बचाने के लिए सीधे समाधान देखने की गलती करते हैं।

पहले अध्याय 'प्रेमचंद के फटे जूते' को पढ़ें ताकि आप लेखक के व्यंग्य, भाषा और मूल संदेश को समझ सकें। अपनी समझ के आधार पर प्रश्नों के उत्तर खुद लिखने का प्रयास करें। इसके बाद, अपने उत्तरों की तुलना NCERT Solutions से करें।

यह विधि आपको अपनी गलतियों को पहचानने और सुधारने में मदद करती है। यदि आप सीधे समाधान पढ़ते हैं, तो आप अध्याय के गहरे अर्थ और संदर्भ को समझने से चूक जाएंगे, जिससे आपकी सीखने की प्रक्रिया अधूरी रह जाएगी।

समाधान का उपयोग अपने ज्ञान को सत्यापित करने और उत्तर लिखने का तरीका सीखने के लिए करें।

6. क्या प्रेमचंद के जूते सिर्फ उनकी गरीबी के कारण फटे थे?

नहीं, लेखक के अनुसार प्रेमचंद के जूते केवल गरीबी का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि उनके सिद्धांतों और समझौता न करने वाले स्वभाव का प्रतीक हैं। वे सामाजिक कुरीतियों से बचकर निकलने के बजाय उन पर 'ठोकर' मारते थे, जिससे उनके जूते फट गए।

7. क्या लेखक हरिशंकर परसाई प्रेमचंद की आलोचना कर रहे हैं?

नहीं, लेखक प्रेमचंद की आलोचना नहीं, बल्कि उनके प्रति गहरा सम्मान व्यक्त कर रहे हैं। वे समाज के दिखावे और पाखंड पर व्यंग्य कर रहे हैं, जबकि प्रेमचंद की सादगी और महानता की प्रशंसा कर रहे हैं। यह पाठ एक श्रद्धांजलि है, आलोचना नहीं।

8. क्या class 9 hindi chapter 5 question answer PDF का उपयोग करने के लिए हमेशा इंटरनेट की आवश्यकता होती है?

नहीं, एक बार premchand ke phate joote ncert pdf डाउनलोड हो जाने के बाद, आप इसे बिना इंटरनेट के कभी भी, कहीं भी पढ़ सकते हैं। यह ऑफ़लाइन अध्ययन के लिए बहुत सुविधाजनक है, जिससे आप बिना किसी रुकावट के अपनी पढ़ाई कर सकते हैं।

9. पाठ में 'टीले' शब्द का क्या अर्थ है?

पाठ में 'टीले' शब्द का अर्थ केवल मिट्टी का ढेर नहीं है, बल्कि यह जीवन के मार्ग में आने वाली सामाजिक बाधाओं, कुरीतियों और अन्याय का प्रतीक है। प्रेमचंद इन बाधाओं से बचकर नहीं निकलते थे, बल्कि उन पर ठोकर मारकर उनका सामना करते थे।

10. क्या NCERT Solutions में दिए गए उत्तर केवल किताब से कॉपी किए होते हैं?

नहीं, अच्छे NCERT समाधानों में उत्तर केवल किताब से कॉपी नहीं किए जाते। इन्हें विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा तैयार किया जाता है, जो प्रश्नों का विस्तृत, समझने में आसान और परीक्षा के दृष्टिकोण से संरचित स्पष्टीकरण प्रदान करते हैं, ताकि छात्र विषय को गहराई से समझ सकें।