Courses
Courses for Kids
Free study material
Offline Centres
More
Store Icon
Store

NCERT Solutions For Class 7 Hindi (Malhar) Chapter 7 Varsha-bahaar 2025-26

ffImage
banner

Stepwise Answers and Revision Tips for Varsha-bahaar Class 7

Looking for clear and reliable help with NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 7: NCERT Solutions Chapter 7 Varsha-bahaar? You’re in the right place—these stepwise answers will help you unlock the poem’s meaning and score better in Class 7 Hindi exams.


Here, you’ll find exercise-wise solutions, helpful tips for stepwise answers, and handy support for CBSE 2025–26 marking. Use these Hindi Vasant Chapter 7 solutions for revision, quick reference, or as a guide to structuring impressive responses with definitions and key points.


Boost your preparation with free PDF downloads, Class 7 Hindi Varsha-bahaar question answers, and revision notes—all reviewed by experts so you gain confidence for every test and school exam.


Stepwise Answers and Revision Tips for Varsha-bahaar Class 7

पाठ से

मेरी समझ से


(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उनके सामने तारा (★ ) बनाइए । कुछ प्रश्नों के एक से अधिक 

उत्तर भी हो सकते हैं।


प्रश्न 1.
इस कविता में वर्षा ऋतु का कौन-सा भाव मुख्य रूप से उभर कर आता है?

  • दुख और निराशा

  • आनंद और प्रसन्नता

  • भय और चिंता

  • क्रोध और विरोध


उत्तर: आनंद और प्रसन्नता


प्रश्न 2.
“नभ में छटा अनूठी” और “ घनघोर छा रही है ” पंक्तियों का उपयोग वर्षा ऋतु के किस दृश्य को व्यक्त करने के लिए किया गया है?


  • बादलों के घिरने का दृश्य

  • बिजली के गिरने का दृश्य

  • ठंडी हवा के बहने का दृश्य

  • आमोद छा जाने का दृश्य


उत्तर:

  • बादलों के घिरने का दृश्य


प्रश्न 3.
कविता में वर्षा को ‘अनोखी बहार’ कहा गया है क्योंकि-

  • कवि वर्षा को विशेष ऋतु मानता है।

  • वर्षा में सभी जीव-जंतु सक्रिय हो जाते हैं।

  • वर्षा सबके लिए सुख और संतोष लाती है।

  • वर्षा एक अद्भुत अनोखी प्राकृतिक घटना है।


उत्तर:

  • वर्षा में सभी जीव-जंतु सक्रिय हो जाते हैं । (★)

  • वर्षा सबके लिए ‘सुख और संतोष लाती है । (★)

  • वर्षा एक अद्भुत अनोखी प्राकृतिक घटना है। (★)


प्रश्न 4.
“सारे जगत की शोभा, निर्भर है उसके ऊपर ” इस पंक्ति का क्या अर्थ है ?

  • प्रकृति में सभी जीव-जंतु एक-दूसरे पर निर्भर हैं।

  • वर्षा पृथ्वी पर हरियाली और जीवन का मुख्य स्रोत है।

  • बादलों की सुंदरता से ही पृथ्वी की शोभा बढ़ती है।

  • हमें वर्षा ऋतु से जगत की भलाई की प्रेरणा लेनी चाहिए।


उत्तर:

  • वर्षा पृथ्वी पर हरियाली और जीवन का मुख्य स्रोत है। (★)

  • हमें वर्षा ऋतु से जगत की भलाई की प्रेरणा लेनी चाहिए। (★)


(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-

अलग या एक से अधिक उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के

साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुनें?


उत्तर: 


(1) मेरे विचार में इस कविता में वर्षा ऋतु का आनंद, उल्लास और खुशी सबसे अधिक दिखाई देती है। बारिश आते ही चारों ओर प्रकृति खिल उठती है। पशु-पक्षी भी प्रसन्न होकर इसका स्वागत करते हैं। वातावरण में खुशी और ताजगी भर जाती है।


(2) ‘नभ में छटा अनूठी’ और ‘घनघोर छा रही है’—इन पंक्तियों का प्रयोग आकाश में घिरते काले बादलों के दृश्य को दिखाने के लिए किया गया है। बारिश से पहले जब बादल आसमान को ढक लेते हैं, तब आकाश का रंग बदल जाता है और एक अनोखी, सुंदर छटा दिखाई देती है। साथ ही बादलों के घिरने से हलका अँधेरा भी छा जाता है।


(3) मैंने इस प्रश्न के तीन विकल्प इसलिए चुने क्योंकि कविता में वर्षा को ‘अनोखी बहार’ कहा गया है। वास्तव में वर्षा एक अद्भुत प्राकृतिक घटना है जो सबके लिए खुशी लेकर आती है। बारिश से प्रकृति जीवंत हो जाती है, पौधे हरे-भरे हो जाते हैं और सभी जीव-जंतु सक्रिय होकर आनंद महसूस करते हैं।


(4) इस प्रश्न के दो विकल्प चुनने का कारण यह है कि ‘सारे जगत की शोभा निर्भर है उसके ऊपर’—इस पंक्ति का अर्थ है कि धरती की सुंदरता, हरियाली और जीवन की ताजगी वर्षा पर ही आधारित है। वर्षा से ही पेड़-पौधे बढ़ते हैं, खेत लहलहाते हैं और पृथ्वी पर जीवन बना रहता है। इसलिए वर्षा ऋतु हमें प्रकृति से प्रेम और उसके संरक्षण का संदेश भी देती है।


पंक्तियों पर चर्चा


पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए-


पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए-


(क) “फिरते लखो पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते

करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे।’


उत्तर: वर्षा ऋतु के आते ही पपीहों को तपती गर्मी से राहत मिलती है और वे खुशी से इधर-उधर उड़ते हुए आनंद मनाने लगते हैं। जंगलों में मोर भी प्रसन्न होकर थिरकने लगते हैं, मानो वे वर्षा का उत्साहपूर्वक स्वागत कर रहे हों।


(ख) “चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर

गाते हैं गीत कैसे, लेते किसान – मनहर । ”



उत्तर: वर्षा ऋतु के आते ही हंस कतार बनाकर चलने लगते हैं। उनकी सुव्यवस्थित पंक्तियाँ प्रकृति की सुंदरता और अनुशासित स्वरूप का मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करती हैं। इसी समय किसान भी खेतों में उमंग के साथ काम शुरू कर देते हैं और खुशी से मन को मोह लेने वाले गीत गुनगुनाते हैं।


मिलकर करें मिलान


• कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे स्तंभ-1 में दी गई हैं, उनके भावार्थ स्तंभ -2 में दिए गए हैं। स्तंभ- 1 की पंक्तियों का स्तंभ -2 की उपयुक्त पंक्तियों से मिलान कीजिए-


स्तवक 1

स्तवक 2

1. पानी बरस रहा है, झरने भी बह रहे हैं

वर्षा ऋतु में झरनों के जीवंत-ऊर्जित और प्रसन्न होने का वर्णन है।

2. पहाड़ी कन्या है हँसती, हिलती है हिलती हुई लता

पहाड़ी लोक में भी लोग झरने बह रहे हैं।

3. तालों में नीली जलधार, अतिथि हैं हंसों टोली

वर्षा आने पर तालों में नई जलधार से हंस खेलने लगते हैं।

4. खिलते कलीने परियों, हैं झूम साथ खोले

कली की बहार प्रकृति की सुन्दरता और उल्लास को दर्शाती है।

5. शिखरों मुकुल भ्रमी, बीरपुर झर रहा है

पर्वत के शिखर हुए हरे-भरे; मुकुलों में संगीत और ताजगी फैली है।

6. बसते हैं हंस बस्ती पर, बाँधें बहार सुन्दर

ठंडी हवाओं के कारण पेड़ों की पत्तियाँ सरसराहट पैदा करती हैं।


उत्तर:
1. – 2
2. – 6
3. – 1
4. – 3
5. – 5
6. – 4


सोच-विचार के लिए


कविता को एक बार पुनः ध्यान से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-


कविता को एक बार पुनः ध्यान से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-


(क) कविता में कौन-कौन गीत गा रहे हैं और क्यों?


उत्तर: कविता में मालिनें, मेंढक और किसान सभी गीत गाते दिखाई देते हैं।
मालिनें इसलिए गा रही हैं क्योंकि वर्षा आने से बाग–बगीचों में हरियाली फैल गई है और ठंडी हवा चलने लगी है, जिससे उनका मन खुश हो उठा है।

मेंढक वर्षा ऋतु को अपना सबसे प्रिय समय मानते हैं, इसलिए बारिश होते ही वे आनंद से टर्र–टर्र करके अपना उल्लास प्रकट करते हैं।

किसान भी गीत गा रहे हैं क्योंकि बारिश से उनके खेतों को पर्याप्त पानी मिलता है, जिससे फसलों की बढ़वार अच्छी होती है। यही कारण है कि वह खुशी–खुशी गुनगुनाने लगते हैं।


(ख) “बिजली चमक रही है, बादल गरज रहे हैं” “तालों में जीव जलचर, अति हैं प्रसन्न होते ” दी गई दोनों पंक्तियों को ध्यान से पढ़िए। इनमें वर्षा के दो अलग-अलग दृश्य दर्शाए गए हैं। इन दोनों में क्या कोई अंतर है? क्या कोई संबंध है? अपने विचार लिखिए।


उत्तर: दी गई पंक्तियाँ वर्षा ऋतु के दो भिन्न लेकिन एक–दूसरे से जुड़े दृश्यों को प्रस्तुत करती हैं, जो प्रकृति के दो रूपों को दर्शाते हैं—
पहला दृश्य आकाश में होने वाली हलचलों का और
दूसरा दृश्य धरती पर दिखाई देने वाले उसके प्रभाव का।

पहली पंक्ति में वर्षा के आगमन की आहट, गरजते बादल और चमकती बिजली का वर्णन है, जो प्रकृति में ऊर्जा और आंदोलन का संकेत देते हैं।
दूसरी पंक्ति में वर्षा के आने के बाद धरती पर फैलने वाली ताज़गी, उल्लास और जलचर प्राणियों की खुशी दिखाई गई है।

अर्थात पहला दृश्य कारण है और दूसरा उसका परिणाम।
एक ओर बादल गरजते हैं और आकाश में हलचल होती है, तो दूसरी ओर उसी वर्षा से धरती पर जीवन मुस्कुराने लगता है।


(ग) कविता में मुख्य रूप से कौन-सी बात कही गई है? उसे पहचानिए, समझिए और अपने शब्दों में लिखिए।


उत्तर: कविता का मुख्य संदेश यह है कि वर्षा ऋतु केवल प्रकृति को सुंदर नहीं बनाती, बल्कि जीवन में नवीनता, ऊर्जा और उल्लास भी भर देती है। वर्षा के आगमन से वातावरण में ताज़गी छा जाती है और हर जीव-जंतु के जीवन में नया उत्साह आता है। यह ऋतु प्रकृति को हरा-भरा करती है और सभी के मन में प्रसन्नता जगाती है।

(विद्यार्थी अपने विचार स्वयं व्यक्त करें।)


(घ) “खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है” इस पंक्ति को पढ़कर एक खिलते हुए गुलाब का सुंदर चित्र मस्तिष्क में बन जाता है। इस पंक्ति का उद्देश्य केवल गुलाब की सुंदरता को बताना है या इसका कोई अन्य अर्थ भी हो सकता है?


उत्तर: यह पंक्ति ‘खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है’ सिर्फ गुलाब के सौंदर्य और उसकी सुगंध का वर्णन नहीं करती, बल्कि यह प्रकृति की ताज़गी, जीवन में आने वाले नएपन, प्रेम, आनंद और सकारात्मक बदलाव का भी प्रतीक है।
इसका अर्थ है कि जैसे खिलता हुआ गुलाब वातावरण में खुशबू फैलाता है, वैसे ही जीवन में अच्छे भाव, प्रेम और सकारात्मकता फैलनी चाहिए।


(ङ) कविता में से उन पंक्तियों को चुनकर लिखिए जिनमें सकारात्मक गतिविधियों का उल्लेख किया गया है, जैसे – ‘गीत गाना’, ‘नृत्य करना’ और ‘सुगंध फैलाना’ । इन गतिविधियों के आधार पर बताइए कि इस कविता का शीर्षक ‘वर्षा – बहार’ क्यों रखा गया है ?


उत्तर: कविता की सकारात्मक गतिविधियों को दर्शाने वाली पंक्तियाँ इस प्रकार हैं—


  • “बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मालिनें अब”

  • “करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे”

  • “खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है”

इन पंक्तियों से पता चलता है कि वर्षा ऋतु के आगमन से प्रकृति में सौंदर्य, ताज़गी और आनंद फैल जाता है। हर ओर खुशी, उल्लास और नई ऊर्जा का वातावरण बन जाता है।


कविता का शीर्षक ‘वर्षा–बहार’ इसलिए उपयुक्त है क्योंकि यह वर्षा के मौसम में आई खुशहाली, सुंदरता और जीवन के नव–जागरण को सटीक रूप में प्रतिबिंबित करता है।


अनुमान और कल्पना से

अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-


(क) “सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर ” कविता में कहा गया है कि वर्षा पर सारे संसार की शोभा निर्भर है। वर्षा के अभाव में मानव जीवन और पशु-पक्षियों पर क्या-क्या प्रभाव पड़ सकता है?

उत्तर:

‘सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर’—इस पंक्ति में बताया गया है कि पूरी दुनिया की सुंदरता और समृद्धि वर्षा पर आधारित है। वर्षा न होने पर मानव जीवन, पशु–पक्षियों और संपूर्ण वनस्पतियों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। पानी के अभाव में—


  • मनुष्य को पीने के पानी, कृषि और स्वास्थ्य से जुड़ी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा,

  • पशु–पक्षियों का जीवन संकट में पड़ जाएगा,

  • पेड़–पौधे सूख जाएँगे और प्रकृति की सुंदरता नष्ट हो जाएगी।

अतः स्पष्ट है कि वर्षा के बिना जीवन की कल्पना तक संभव नहीं। इसीलिए वर्षा को जगत की शोभा का आधार कहा गया है।

(विद्यार्थी अपनी कल्पना और समझ के आधार पर उत्तर को और भी विस्तार दे सकते हैं।)

अतः स्पष्ट है कि वर्षा के बिना जीवन की कल्पना तक संभव नहीं। इसीलिए वर्षा को जगत की शोभा का आधार कहा गया है।  (विद्यार्थी अपनी कल्पना और समझ के आधार पर उत्तर को और भी विस्तार दे सकते हैं।)


(ख) “बिजली चमक रही है, बादल गरज रहे हैं ” – बिजली चमकना और बादल का गरजना प्राकृतिक घटनाएँ हैं । 

इन घटनाओं का लोगों के जीवन पर क्या-क्या प्रभाव हो सकता है ?

(संकेत – आप सकारात्मक और नकारात्मक यानी अच्छे और बुरे, दोनों प्रकार के प्रभावों के बारे में सोच सकते हैं।)


उत्तर: बिजली का चमकना और बादलों का गरजना प्राकृतिक घटनाएँ हैं, जिनका प्रभाव मानव जीवन और प्रकृति दोनों पर सकारात्मक भी हो सकता है और नकारात्मक भी। जब ये घटनाएँ वर्षा के आगमन का संकेत देती हैं, तो यह वातावरण के लिए लाभकारी होती हैं—प्रकृति हरी-भरी होती है और जलस्रोत समृद्ध होते हैं। लेकिन दूसरी ओर, यही घटनाएँ डर, अशांति और कभी-कभी प्राकृतिक आपदाएँ भी उत्पन्न कर सकती हैं—जैसे बादल फटना, पेड़ों का गिरना या बिजली गिरना।


इस प्रकार सकारात्मक दृष्टि से ये घटनाएँ ताज़गी, हरियाली और जीवन-संचार का संदेश देती हैं, जबकि नकारात्मक दृष्टि से ये संकट या खतरे का कारण भी बन सकती हैं।

(विद्यार्थी अपनी कल्पना और अनुभव के आधार पर उत्तर को और विस्तृत कर सकते हैं।)


(ग) “करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे ” इस पंक्ति को ध्यान में रखते हुए वर्षा आने पर पक्षियों और जीवों की खुशी का वर्णन कीजिए। वे अपनी प्रसन्नता कैसे व्यक्त करते होंगे?


उत्तर: ‘करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे’—यह पंक्ति वर्षा ऋतु के आगमन पर प्रकृति में फैलने वाली खुशी और उत्सव का सुंदर वर्णन करती है। वर्षा शुरू होते ही मोर अपने पंख फैलाकर आनंद में नाचने लगते हैं। पपीहा, बुलबुल और अन्य पक्षी अपनी मधुर ध्वनियों से प्रसन्नता व्यक्त करते हैं।

वर्षा की बूँदें गिरते ही मेंढक भी टर्र–टर्र की लय में गीत गाने लगते हैं। हंस पानी में कतार बनाकर चलते हैं, जो एक मनभावन दृश्य प्रस्तुत करता है।


इस प्रकार, वर्षा ऋतु में प्रकृति के सभी जीव—मोर, पक्षी, मेंढक और हंस—अपने-अपने ढंग से आनंद प्रकट करते हैं। नृत्य, गीत और उल्लास के माध्यम से प्राकृतिक जगत की उमंग और जीवंतता कविता में सुंदर रूप से सामने आती है।

(विद्यार्थी अपने कल्पना–शक्ति और अनुभव के आधार पर इस उत्तर को और विस्तार दे सकते हैं।)


आपकी रचनाएँ


(क) कविता में वर्णन है कि मोर नृत्य कर रहे हैं और मेंढक सुगीत गा रहे हैं। इस दृश्य को अपने शब्दों में चित्रित कीजिए।

उत्तर: वर्षा आते ही मोर अत्यंत हर्षित होकर नृत्य करने लगते हैं। वे अपने खूबसूरत पंखों को फैलाकर, गरदन को ऊपर-नीचे हिलाते हुए ऐसे नाचते हैं मानो वर्षा ऋतु का स्वागत कर रहे हों।

इसी प्रकार, मेंढक भी बारिश की शुरूआत पर उत्साह से भर जाते हैं और टर्र-टर्र की ताल में अपने खास ढंग से गीत गाने लगते हैं। उनकी यह आवाज़ पूरे वातावरण में आनंद का माहौल बना देती है।

(विद्यार्थी अपनी कल्पना और अनुभव के आधार पर उत्तर को और विस्तृत कर सकते हैं।)


(ख) वर्षा से जुड़ी किसी प्राचीन कथा या लोककथा को इस कविता से जोड़कर एक कहानी तैयार कीजिए।


उत्तर: विद्यार्थी इस कविता से प्रेरणा लेकर स्वयं एक कहानी लिखने का प्रयास करें।


(ग) इस कविता से प्रेरणा लेकर एक चित्र बनाइए। उसमें आपने क्या-क्या बनाया है और क्यों?


उत्तर: विद्यार्थी कविता से प्रेरित होकर स्वयं एक चित्र बनाएं और साथ ही यह भी लिखें कि उन्होंने चित्र में क्या-क्या बनाया है तथा उसे बनाने का कारण क्या है।

शब्द से जुड़े शब्द


• अपने समूह में चर्चा करके ‘वर्षा’ से जुड़े शब्द नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में लिखिए-


अपने समूह में चर्चा करके ‘वर्षा’ से जुड़े शब्द नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में लिखिए


उत्तर:


अपने समूह में चर्चा करके ‘वर्षा’ से जुड़े शब्द नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में लिखिए


कविता की रचना


“वर्षा – बहार सब के, मन को लुभा रही है”


इस पंक्ति में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। ‘वर्षा’ एक ऋतु का नाम है। ‘बहार’ ‘वसंत’ का दूसरा नाम है। यहाँ ‘वर्षा’ और ‘बहार’ को एक साथ दिया गया है जिससे वर्षा ऋतु की सुंदरता को स्पष्ट किया जा सके।

इस कविता में ऐसी ही अन्य विशेषताएँ छिपी हैं, जैसे- कविता की कुछ पंक्तियाँ सरल वाक्य के रूप में ही हैं तो कुछ में वाक्य संरचना सरल नहीं है।


• अपने समूह के साथ मिलकर इस कविता की अन्य विशेषताओं की सूची बनाइए । अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए ।


अपने समूह के साथ मिलकर इस कविता की अन्य विशेषताओं की सूची बनाइए । अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए ।


अपने समूह के साथ मिलकर इस कविता की अन्य विशेषताओं की सूची बनाइए । अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए ।


उत्तर: ‘वर्षा-बहार’ कविता की अन्य विशेषताएँ निम्न प्रकार से प्रस्तुत की जा सकती हैं—


  • कविता में वर्षा ऋतु की मनमोहक सुंदरता और इसके सकारात्मक प्रभावों को प्रभावशाली ढंग से दर्शाया गया है।

  • इसमें पक्षियों, जीव-जंतुओं और पौधों की प्रसन्नता, ऊर्जा और उत्साह का जीवंत चित्रण मिलता है।

  • प्रकृति की ताज़गी—जैसे वर्षा की बूँदें, बादलों की गर्जना और जंगल की हरियाली—का सुंदर वर्णन मौजूद है।

  • कविता प्रकृति और मनुष्य के बीच गहरे भावनात्मक संबंध को उजागर करती है।

  • नृत्य, संगीत और उल्लास को प्रतीक के रूप में प्रयोग कर वर्षा के आगमन का स्वागत shown किया गया है।

  • कविता यह संदेश देती है कि परिवर्तन को खुशी, उत्साह और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपनाना चाहिए।


कविता का सौंदर्य


(क) नीचे कविता की कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। इनमें कुछ शब्द हटा दिए गए हैं और साथ में मिलते-जुलते अर्थ वाले शब्द भी दिए गए हैं। इनमें से प्रत्येक शब्द से वह पंक्ति पूरी करके देखिए । जो शब्द उस पंक्ति में जँच रहे हैं उन पर घेरा बनाइए ।


(क) नीचे कविता की कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। इनमें कुछ शब्द हटा दिए गए हैं और साथ में मिलते-जुलते अर्थ वाले शब्द भी दिए गए हैं। इनमें से प्रत्येक शब्द से वह पंक्ति पूरी करके देखिए । जो शब्द उस पंक्ति में जँच रहे हैं उन पर घेरा बनाइए ।


………. बहार सब के मन को लुभा रही है (बारिश, बरसात, बरखा, वृष्टि)

………. में छटा अनूठी, घनघोर छा रही है (आकाश, गगन, अंबर, व्योम)

बिजली चमक रही है, …….. गरज रहे हैं (मेघ, जलधर, घन, जलद)

……… बरस रहा है, झरने भी ये बहे हैं (जल, नीर, सलिल, तोय)


उत्तर: 


(ख) अपने समूह में विमर्श करके पता लगाइए कि कौन-से शब्द रिक्त स्थानों में सबसे अधिक साथियों को जँच रहे हैं और क्यों?


(ख) अपने समूह में विमर्श करके पता लगाइए कि कौन-से शब्द रिक्त स्थानों में सबसे अधिक साथियों को जँच रहे हैं और क्यों?


उत्तर: विद्यार्थी समूह में मिलकर चर्चा करेंगे और अपने विचार स्वयं प्रस्तुत करेंगे।


विशेषण


“बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मालिनें अब”
इस पंक्ति में ‘सुंदर’ शब्द ‘गीत’ की विशेषता बता रहा है अर्थात यह ‘विशेषण’ है। ‘गीत’ एक संज्ञा शब्द है जिसकी विशेषता बताई जा रही है, अर्था यह ‘विशेष्य’ शब्द है।


(क) नीचे दी गई पंक्तियों में विशेषण और विशेष्य शब्दों की पहचान करके लिखिए-


पंक्ति

विरामण

विराम

1. नभ में छटा अनूठी, घनघोर छा रही है



2. चमकते हैं हंस बली पर, बाँटे कतार सुंदर



3. दौड़ते सरपट रहे हैं, गायें झूमति प्यारी



4. चमकती धरा है ठहरी, टिमटिम है ताऱिनी बात




उत्तर:


पंक्ति

विशेषण

विशेष्य

1. नभ में अनूठी छटा फैली हुई है।

अनूठी

छटा

2. हंस कतार बाँधकर सुंदर ढंग से चल रहे हैं।

सुंदर

कतार

3. मेंढक सुरीले, प्यारे गीत गाकर मन मोह रहे हैं।

प्यारे

सुगीत

4. ठंडी हवा चल रही है और डालियाँ हिल रही हैं।

ठंडी

हवा


(ख) नीचे दिए गए विशेष्यों के लिए अपने मन से विशेषण सोचकर लिखिए-


  1. वर्षा ………….. …………..

  2. पानी ………….. …………..

  3. बादल ………….. …………..

  4. डालियाँ ………….. …………..

  5. गुलाब ………….. …………..


उत्तर: 


  • मूसलाधार, हल्की → ज़ोरदार बरसने वाली, बहुत धीमी

  • स्वच्छ, शीतल → बिल्कुल साफ, ठंडी और ताज़गी भरी

  • काले, घने → गहरे रंग के, बहुत सघन

  • मज़बूत, हरी → ताकतवर, ताज़ा हरियाली लिए हुए

  • सुगंधित, लाल → खुशबू से भरपूर, चमकीले लाल रंग वाला


ऋतु और शब्द


“फिरते लखो पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते’

‘ताप’ शब्द ग्रीष्म ऋतु से जुड़ा शब्द है। भारत में मुख्य रूप से छह ऋतुएँ क्रम से आती-जाती हैं। लोग इन ऋतुओं में कुछ विशेष शब्दों का उपयोग करते हैं। नीचे दिए गए शब्दों को पढ़कर कौन- सी ऋतु का स्मरण होता है? इन शब्दों को तालिका में उपयुक्त स्थान पर लिखिए-


धूप

दूँ

बयार

निश्वास

दृष्टि

पासा

लाज

आड़ा

झिरी

त्रिवृत्त

पुष्प

बंदरिया

ओबी

दमक

हरियाली

बावर

लवन

टैग

सायन

निर्लिप्त

सोतनला

ओस

ठंडक

बालक पटना

कड़ाके की ठंड


ऋतु का नाम

समयावधि

वसन्त ऋतु

मार्च – अप्रैल

ग्रीष्म ऋतु

मई – जून

वर्षा ऋतु

जुलाई – अगस्त

शरद ऋतु

सितम्बर – अक्टूबर

हेमन्त ऋतु

नवम्बर – दिसम्बर

शिशिर ऋतु

जनवरी – फरवरी

उत्तर:

पाठ से आगे


पाठ से आगे


आपकी बात

(क) वर्षा के समय आपके क्षेत्र में क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?

उत्तर:


वर्षा के दौरान हमारे क्षेत्र में कई तरह के बदलाव दिखाई देते हैं—


  • बरसात शुरू होते ही गर्मी कम हो जाती है और वातावरण में हल्की ठंडक महसूस होने लगती है।

  • पेड़-पौधे पूरी तरह ताज़गी से भर जाते हैं और हरियाली चारों ओर फैल जाती है।

  • नदियों, तालाबों और अन्य जल स्रोतों में पानी की मात्रा बढ़ने लगती है।

  • बारिश के मौसम में कीड़े-मकोड़े और मच्छरों की संख्या भी बढ़ जाती है।

(विद्यार्थी अपने अनुभव के अनुसार और भी बिंदु जोड़ सकते हैं।)


(ख) बारिश के चलते स्कूल आने-जाने के समय के अनुभव बताइए। किसी रोचक घटना को भी साझा कीजिए ।


उत्तर: विद्यार्थी अपने अनुभवों के आधार पर कोई दिलचस्प घटना का वर्णन करें।


(ग) वर्षा ऋतु में आपको क्या-क्या करना अच्छा अगता है और क्या-क्या नहीं कर पाते हैं?


उत्तर: वर्षा ऋतु में हमें कई मज़ेदार गतिविधियाँ करना अच्छा लगता है, जैसे—


  • गरम चाय के साथ ताज़ा पकौड़ों का आनंद लेना।

  • बारिश की फुहारों में भीगना।

  • कागज़ की नाव बनाकर बहते पानी में छोड़ना।

  • हल्का संगीत सुनना।

  • परिवार के साथ घर में समय बिताना।

हालाँकि, बरसात के कारण हम बाहर घूमने, खुलकर खेलने, कपड़े सुखाने और अन्य मनोरंजक गतिविधियाँ करने में असमर्थ हो जाते हैं।


(घ) बारिश के मौसम में आपके आस-पड़ोस के पशु-पक्षी अपनी सुरक्षा कैसे करते हैं? उन्हें कौन-कौन सी समस्याएँ होती हैं?


उत्तर: बारिश के मौसम में हमारे आसपास रहने वाले पशु-पक्षी अपना बचाव करने के लिए सुरक्षित स्थान ढूँढते हैं, भोजन की खोज करते हैं और मौसम के अनुसार अपनी गतिविधियों में बदलाव लाते हैं। वर्षा के दौरान उनका व्यवहार और जीवन शैली सामान्य दिनों की तुलना में कुछ अलग हो जाती है।

बारिश के मौसम में पशु-पक्षियों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जैसे—कीचड़ और पानी भर जाने से इधर-उधर जाने में दिक्कत, भोजन की तलाश में परेशानी, तेज़ आँधी-तूफ़ान और बिजली की गड़गड़ाहट का भय, अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता, तथा बारिश के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याएँ।

(विद्यार्थी अपने अनुभवों के अनुसार और बिंदु जोड़ सकते हैं।)


(ङ) अपने समूह के साथ मिलकर वर्षा ऋतु पर आधारित एक कविता की रचना कीजिए। उसमें अपने घर और आस-पड़ोस से जुड़ी हुई बातें सम्मिलित कीजिए ।


उत्तर: विद्यार्थी अपने मित्रों के साथ मिलकर वर्षा ऋतु पर एक कविता रचें।


साक्षात्कार

“गाते हैं गीत कैसे लेते किसान मनहर ।”

मान लीजिए कि आप अपने विद्यालय की पत्रिका के पत्रकार हैं। आप एक किसान का साक्षात्कार कर रहे हैं जो वर्षा के आने पर अपने खेतों में गीत गा रहा है।

(क) अपने समूह के साथ मिलकर उस किसान के साक्षात्कार के लिए कुछ प्रश्न लिखिए।
(संकेत – आपका क्या नाम है? आप क्या काम करते हैं? आप काम करते समय गीत क्यों गाते हैं? आदि)

उत्तर: पत्रकार : नमस्कार! कृपया अपना नाम बताएँ।
किसान : नमस्कार जी, मेरा नाम गिरधारी लाल है।

पत्रकार : आप क्या करते हैं?
किसान : मैं खेती-बाड़ी करता हूँ और एक किसान हूँ।

पत्रकार : आप रोज़ाना खेत में कितने समय काम करते हैं?
किसान : मैं सुबह और शाम मिलाकर करीब चार–पाँच घंटे खेत में मेहनत करता हूँ। बाकी समय खेत की देखभाल और सुरक्षा में बिताता हूँ।

पत्रकार : काम करते समय आप गीत क्यों गाते हैं?
किसान : बारिश के मौसम में खेतों में हरियाली देखकर मन खुश हो जाता है। मेहनत का फल मिलते हुए महसूस होता है। इस खुशी में अपने आप गीत निकल आते हैं।

पत्रकार : बरसात में गीत गाने से आपको क्या लाभ मिलता है?
किसान : बारिश के बीच खेत में गीत गाने से मुझे मानसिक सुकून और शांति मिलती है।

पत्रकार : क्या आपके गीतों में कोई खास संदेश होता है?
किसान : जी हाँ, मैं अपने गीतों के माध्यम से प्रकृति के प्रति धन्यवाद और आभार व्यक्त करता हूँ।

पत्रकार : बहुत धन्यवाद! आपके विचार सुनकर अच्छा लगा। हम आपकी उत्तम फसल और सुखमय जीवन की कामना करते हैं।
किसान : धन्यवाद! आप भी खुश रहें।


(ख) अपने समूह के साथ मिलकर इस साक्षात्कार को अभिनय द्वारा प्रस्तुत कीजिए। आपके समूह का कोई सदस्य किसान की भूमिका निभा सकता है। अन्य सदस्य पत्रकारों की भूमिका निभा सकते हैं।


उत्तर: विद्यार्थी अपने साथियों के साथ मिलकर इस साक्षात्कार का अभिनय करते हुए मंच पर प्रस्तुति दें।


वर्षा के दृश्य


(क) वर्षा के उन दृश्यों की सूची बनाइए जिनका उल्लेख इस कविता में नहीं किया गया है। जैसे आकाश में इंद्रधनुष ।

उत्तर: कविता में जिन वर्षा-ऋतु के दृश्यों का वर्णन नहीं किया गया है, उनमें शामिल हैं—आकाश में इंद्रधनुष का उभरना, बादलों का काला, धुँधला या सफ़ेद रंग लेना, तथा नदियों, तालाबों और खेतों का पानी से पूरी तरह भर जाना।


(ख) वर्षा के समय आकाश में बिजली पहले दिखाई देती है या बिजली कड़कने की ध्वनि पहले सुनाई देती है या दोनों साथ-साथ दिखाई – सुनाई देती है? क्यों? पता कीजिए।


उत्तर: वर्षा के समय आकाश में बिजली पहले चमकती दिखाई देती है और उसके बाद गड़गड़ाहट की आवाज़ सुनाई देती है। हालाँकि दोनों एक ही समय पर उत्पन्न होते हैं, लेकिन हमें वे अलग-अलग क्षणों में महसूस होते हैं।


इसका कारण उनकी गति में अंतर है—


  • बिजली की चमक प्रकाश है, जो लगभग तीन लाख किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से चलती है। यह बहुत तेज़ होने के कारण हमारी आँखों तक तुरंत पहुँच जाती है।

  • वहीं गड़गड़ाहट ध्वनि है, जिसकी गति लगभग 343 मीटर प्रति सेकंड होती है। प्रकाश की तुलना में यह काफी धीमी होती है।

इसी वजह से हमें पहले बिजली की चमक दिखाई देती है और थोड़ी देर बाद उसकी आवाज़ सुनाई देती है।


(ग) आपने वर्षा से पहले और वर्षा के बाद किसी पेड़ या पौधे को ध्यान से अवश्य देखा होगा। आपको कौन-कौन से अंतर दिखाई दिए ?


उत्तर:


वर्षा से पहले पौधे की स्थिति

वर्षा के बाद पौधे की स्थिति

1. पत्तों पर धूल और गंदगी जमा होने से वे फीके और मटमैले दिखते हैं।

1. बारिश का पानी पत्तों को साफ़ कर देता है, जिससे वे चमकदार और ताज़ा दिखाई देते हैं।

2. कई पत्ते सूखे, पीले या मुरझाए हुए लगते हैं।

2. पौधों की पत्तियाँ फिर से हरी, ताज़ा और स्वस्थ दिखने लगती हैं।

3. नमी की कमी के कारण पौधे धीरे-धीरे बढ़ते हैं।

3. पर्याप्त पानी मिलने पर उनकी बढ़वार तेज़ हो जाती है और नई पत्तियाँ व कोपलें निकलने लगती हैं।

4. मिट्टी रूखी, कठोर और कुछ जगहों पर फटी हुई दिखती है।

4. वर्षा के बाद मिट्टी नम, मुलायम और पौधों के लिए पोषक हो जाती है।


(घ) “चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर”

कविता में हंसों के कतार में अर्थात पंक्तिबद्ध रूप से चलने का वर्णन किया गया है। आपने किन-किन को और कब-कब पंक्तिबद्ध चलते हुए देखा है ? (संकेत- चींटी, गाड़ियाँ, बच्चे आदि)


उत्तर: हमने अक्सर चींटियों, बच्चों, गाड़ियों और सैनिकों को एक क्रमबद्ध पंक्ति में चलते हुए देखा है।


  • चींटियाँ – जब चींटियाँ भोजन ले जाती हैं या अपने बिलों से बाहर निकलती हैं, तो वे एक-दूसरे से बिना टकराए सीधी पंक्ति में आगे बढ़ती हैं। यह उनके सहयोग, एकता और परिश्रम का उदाहरण है।

  • बच्चे – प्रार्थना सभा, कक्षा में प्रवेश-निकलने या छुट्टी के समय बच्चे दो-दो की कतार में व्यवस्थित होकर चलते हैं। इससे अनुशासन और समानता की भावना विकसित होती है।

  • गाड़ियाँ – सड़क पर चलते समय, रैलियों में या परेड के दौरान वाहन एक के पीछे एक क्रम में चलते हैं। यह यातायात नियमों का पालन करने और सुरक्षा बनाए रखने में मदद करता है।

  • सैनिक – परेड या गश्त के समय सैनिक बहुत ही अनुशासित ढंग से पंक्तिबद्ध होकर कदमताल करते हैं। इसे देखकर देशभक्ति, गर्व और प्रेरणा की भावना उत्पन्न होती है।

(विद्यार्थी अपने अनुभवों के आधार पर और उदाहरण भी लिख सकते हैं।)


वर्षा में ध्वनियाँ


(क) कविता में वर्षा के अनेक दृश्य दिए गए हैं। इन दृश्यों में कौन-कौन सी ध्वनियाँ सुनाई दे रही होंगी? अपनी कल्पना से उन ध्वनियों को कक्षा में सुनाइए ।

उत्तर:


कविता में वर्षा से जुड़े जिन स्वर या ध्वनियाँ महसूस होती हैं, वे इस प्रकार हैं—


  • बारिश की बूंदों की टप-टप या झमाझम की ध्वनि – टप… टप… टप… / झम… झम… झम…

  • तेज़ हवा के बहने की आवाज़ – स्वर्ररर… श्श्श्श…

  • पक्षियों की चहचहाहट और कोयल की कूक – चूं… चूँ… चूँ… / कुहू… कुहू…

  • मेंढकों की टर्र-टर्र की आवाज़ – टर्र… टर्र… टर… टर…

  • बिजली की चमक के साथ बादलों की गड़गड़ाहट – गड़ड़ड़ड़… कड़क!

(विद्यार्थी अपनी सोच और कल्पना के आधार पर इन ध्वनियों को कक्षा में प्रस्तुत कर सकते हैं।)


(ख) “मेंढक लुभा रहे हैं, गाकर सुगीत प्यारे”

कविता में मेंढकों की टर्र-टर्र को भी प्यारा गीत कहा गया है। आपके विचार से बेसुरी ध्वनियाँ भी कब-कब अच्छी लगने लगती हैं?


उत्तर: कभी-कभी बेसुरी या बिना सुर की ध्वनियाँ भी हमें अच्छी लगने लगती हैं। उदाहरण के लिए—जब बच्चे गाते हैं, वे अक्सर सुर में नहीं गा पाते, फिर भी उनका गीत बहुत प्यारा महसूस होता है। इसी तरह बुज़ुर्ग जब लोरी सुनाते हैं, तो उसमें सही सुर न होने के बावजूद प्यार, अपनापन और मिठास होती है। अपने किसी प्रिय व्यक्ति की आवाज़ भी मन को शांत करती है—वह चाहे धीरे-धीरे कुछ भी गुनगुना ले, वह हमें सुखद और सुकूनभरा लगता है।


सृजन


‘बागों में खूब सुख से, आमोद छा रहा है”
‘आमोद’ या ‘मोद’ दोनों शब्दों का अर्थ होता है, आनंद, हर्ष, खुशी, प्रसन्नता | कविता में वर्षा ऋतु में ‘आमोद’ के दृश्यों का वर्णन किया गया है। कविता के इन दृश्यों को हम नीचे दिए गए उदाहरण की तरह अनुच्छेद में भी लिख सकते हैं-

‘हवा की ठंडक थी, बारिश की रिमझिम बूँदें गिर रही थीं, मोर नृत्य कर रहे थे और मेंढक खुश होकर गाना गा रहे थे। ये सभी मिलकर वर्षा ऋतु को एक उत्सव जैसा बना रहे थे। बागों में गुलाब की खुशबू और आम के पेड़ों पर नए फल देखकर पक्षी और लोग, सभी प्रसन्न हो गए थे। किसान अपने खेतों में काम करते हुए इस प्राकृतिक आनंद के भागीदार बन रहे थे।”


• अब नीचे दिए गए ‘आमोद’ से जुड़े विभिन्न दृश्यों का एक-एक अनुच्छेद में वर्णन कीजिए-


क्रमांक

बिंदु

1

बारिश के बाद उजागर में धूप

2

बारिश के किसी दिन अचानक या बिना से तेज़ हवा चलना

3

बाहरी का पत्थर गिरना

4

छोटी-छोटी उछाल

5

नदियों का उफनना

6

किसी पेड़ पत्ते को पकड़ना

7

किसी फूल को पूरा बनता या कलियाँ उभरते देखना

8

सरोवर में खिलते सुंदर कमल का दृश्य


उत्तर: 

बारिश के बाद उपवन में टहलना एक बहुत ही सुखद और ताज़गी देने वाला अनुभव होता है।
बारिश थमने के बाद उपवन का दृश्य बेहद मनमोहक दिखता है। पेड़-पौधों की पत्तियों पर जमी बारिश की बूँदें मोतियों की तरह चमकती हैं। मिट्टी से उठने वाली सोंधी खुशबू मन को आनंद से भर देती है। चारों ओर हरियाली नजर आती है और फूल-पत्तों की सुंदरता फिर से निखर जाती है।

पेड़ों पर बैठे पक्षी खुशी से चहचहाने लगते हैं और वातावरण उनकी मधुर आवाज़ों से भर जाता है। हवा भी ठंडी और ताज़ा महसूस होती है, जिससे मन को सुकून मिलता है।

इस तरह बारिश के बाद उपवन में सैर केवल शरीर को नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी नई ऊर्जा प्रदान करती है। यह प्रकृति से जुड़ने का एक सुंदर अवसर होता है।

(विद्यार्थी अपने अनुभवों के आधार पर अन्य विषयों पर भी इसी प्रकार अनुच्छेद लिख सकते हैं।)


वर्षा से जुड़े गीत


‘बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मालिनें अब”
‘गाते हैं गीत कैसे, लेते किसान मनहरा।”


• हमारे देश में वर्षा के आने पर अनेक गीत और लोकगीत गाए जाते हैं। अपने समूह के साथ मिलकर वर्षा से जुड़े गीत व लोकगीत ढूँढ़िए और लिखिए। इस कार्य के लिए आप अपने परिजनों, शिक्षकों, इंटरनेट और पुस्तकालय की भी सहायता ले सकते हैं।
• सभी समूहों द्वारा एकत्रित गीतों को संकलित करके वर्षा – गीतों की एक पुस्तिका भी तैयार कीजिए ।

उत्तर:

विद्यार्थी अपने समूह के साथ मिलकर परिजनों, शिक्षकों, इंटरनेट और पुस्तकालय जैसी विभिन्न स्रोतों की मदद से वर्षा से संबंधित गीत और लोकगीत एकत्र करें।
• सभी समूहों द्वारा जुटाए गए गीतों को मिलाकर विद्यार्थी वर्षा-गीतों की एक छोटी पुस्तिका भी तैयार करें।


आज की पहेली


आपने वर्षा से जुड़ी एक कविता पढ़ी है। अब भारत की विभिन्न ऋतुओं से जुड़ी कुछ पहेलियाँ पढ़िए और इन्हें बूझिए-


आपने वर्षा से जुड़ी एक कविता पढ़ी है। अब भारत की विभिन्न ऋतुओं से जुड़ी कुछ पहेलियाँ पढ़िए और इन्हें बूझिए-


उत्तर: ग्रीष्म ऋतु, वर्षा ऋतु, हेमंत ऋतु, बसंत ऋतु, शिशिर ऋतु और पतझर ऋतु — ये सभी अलग-अलग मौसमों के नाम हैं।


झरोखे से


• आपने जो कविता इस पाठ में पढ़ी है, उसे लिखा है मुकुटधर पांडेय ने । आइए, अब पढ़ते हैं इन्हीं की लिखी एक अन्य कविता ‘ग्रीष्म’ का अंश-


आपने जो कविता इस पाठ में पढ़ी है, उसे लिखा है मुकुटधर पांडेय ने । आइए, अब पढ़ते हैं इन्हीं की लिखी एक अन्य कविता ‘ग्रीष्म’ का अंश-

ग्रीष्म

बसंत ऋतु के बीतते ही ज्येष्ठ महीना आरंभ हो जाता है।
सूरज की तीखी किरणें धरती और सारे वातावरण को तपाने लगती हैं।
तेज़ गर्मी के कारण सभी जीव-जंतु—चलने वाले हों या स्थिर रहने वाले—थककर परेशान हो जाते हैं।
सूर्य की गर्म किरणों से जंगल, बाग-बगीचे तक झुलस जाते हैं।
नदियाँ, सरिताएँ, तालाब और कुएँ तक सूखने लगते हैं।
गाँवों और नगरों में आग लगने की घटनाएँ बढ़ जाती हैं, जिससे लोगों की चिंता और अधिक बढ़ जाती है।
स्त्री और पुरुष दोनों ही व्याकुल रहते हैं और मन में डर बसे रहता है।


उत्तर: विद्यार्थी मुकुटधर पांडेय द्वारा रचित ‘ग्रीष्म’ कविता को स्वयं पढ़ेंगे।


साझी समझ


• अब इस कविता पर अपने साथियों के साथ विचार- विमर्श कीजिए।

उत्तर: विद्यार्थी अपने साथियों के साथ मिलकर ‘ग्रीष्म’ कविता पर चर्चा करेंगे।


NCERT Solutions Chapter 7 Varsha-bahaar (2025-26): कक्षा 7 हिंदी में संपूर्ण मार्गदर्शन

इस पाठ में वर्षा ऋतु की सुंदरता व आनंद का मनोहारी चित्रण मिलता है। NCERT Solutions Chapter 7 Varsha-bahaar, हिंदी 2025-26 में विद्यार्थियों के लिए सारे महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं अभ्यास सरल भाषा में दिए गए हैं।


नियमित अभ्यास करने से पाठ की समझ मजबूत होती है और परीक्षा में बेहतर अंक मिलते हैं। विद्यार्थी इस अद्भुत कविता से प्राकृतिक सौंदर्य व सकारात्मक ऊर्जा महसूस कर सकते हैं।


पाठ्यक्रम के अनुसार अभ्यास प्रश्नों पर फ़ोकस करें और मुख्य अंश याद रखें। इससे NCERT Class 7 Hindi Chapter 7 वर्षा बहार जैसी कविताओं में आपकी उत्तर-लेखन क्षमता बढ़ेगी।


FAQs on NCERT Solutions For Class 7 Hindi (Malhar) Chapter 7 Varsha-bahaar 2025-26

1. What are NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 7 Varsha-bahaar?

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 7 Varsha-bahaar provide stepwise answers to all textbook questions, helping students master the poem and excel in exams.

  • Covers intext and back exercise questions from the NCERT Hindi Vasant book.
  • Includes short answers, long answers, and poem explanations.
  • Designed as per the latest CBSE 2025–26 syllabus for full marks readiness.

2. How should I write answers for Class 7 Hindi Chapter 7 to score full marks in CBSE exams?

To score full marks in Class 7 Hindi Chapter 7 Varsha-bahaar, present answers in a clear, stepwise, and structured format:

  • Write direct, to-the-point responses using key textbook language.
  • Start with a brief introduction and add relevant details neatly.
  • Divide answers into bullets or short paragraphs for long questions.
  • Highlight important keywords and avoid unnecessary details.
  • Underline poem names or main concepts where allowed.

3. Where can I download the PDF of NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 7 Varsha-bahaar?

You can download the free PDF of NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 7 Varsha-bahaar from trusted educational websites.

  • Look for the official download button on your chosen site.
  • Ensure the PDF matches the 2025-26 CBSE syllabus.
  • This allows offline practice and hassle-free revision.

4. Which questions from Chapter 7 Varsha-bahaar are most likely to come in school exams?

The most important questions from Chapter 7 Varsha-bahaar include:

  • Short answer questions based on poem explanation and meanings.
  • Long answer questions focusing on the main theme or message.
  • Objective/MCQ-type questions (fill in the blanks, true-false).
  • Definitions of key terms and important lines from the poem.
Prepare all exercise and intext questions and revise summary points.

5. Is it mandatory to include diagrams or definitions in answers for Varsha-bahaar?

Including definitions of key terms is important for accuracy, but diagrams are usually not required for Hindi poems like Varsha-bahaar.

  • When a question asks for explanation or meaning, briefly define the term or phrase.
  • Focus on clear, well-structured textual answers for this chapter.

6. How should I prepare long answers for Hindi Chapter 7 to get better marks?

To prepare high-scoring long answers for Hindi Chapter 7 Varsha-bahaar:

  • Start with a direct introduction mentioning the poem or theme.
  • Divide your answer into points or paragraphs for each key aspect.
  • Use examples or lines from the poem to support your explanation.
  • Keep language simple and avoid repetition.
  • End with a 1-2 line conclusion summarizing the answer.

7. Are NCERT Solutions enough for Class 7 Hindi exams?

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Chapter 7 Varsha-bahaar are sufficient for scoring well in CBSE school exams if used effectively.

  • They cover all textbook and exercise questions with model answers.
  • Combine reading solutions with writing practice for best results.
  • For tough questions, refer to revision notes or additional questions for extra practice.

8. What is the main theme or summary of Varsha-bahaar (Chapter 7)?

The main theme of Varsha-bahaar revolves around the beauty, joy, and significance of the rainy season.

  • The poem describes nature's transformation, joy among people, and the sense of freshness brought by rain.
  • It highlights seasonal changes, the happiness of living beings, and positive emotions linked to monsoon.

9. How can I revise Chapter 7 Varsha-bahaar quickly before exams?

To revise Class 7 Hindi Chapter 7 Varsha-bahaar quickly:

  • Go through chapter summary and main points.
  • Read all important definitions and key lines.
  • Practice short and long questions from NCERT Solutions.
  • Attempt sample papers and MCQs for the poem.
Using quick notes and flashcards is also helpful.

10. Do examiners award partial marks for correct steps even if the final answer is wrong?

Yes, CBSE examiners often give partial marks for correct steps or explanations, even if the final answer is not fully correct.

  • Be sure to show all steps and reasoning in your answer.
  • Highlight key points and structure your response as per marking scheme.