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NCERT Solutions for Class 12 Hindi (Antra) Chapter 9: Kavitt (कवित्त)

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NCERT Solutions for Class 12 Chapter 9 कवित्त (घनानंद) Hindi (Antra) - FREE PDF Download

Understand the lesson "कवित्त" with NCERT Solutions for Class 12 Hindi (Antra) Chapter 9, featuring the renowned poet Ghananand. In this chapter, you will explore the essence of कवित्त, a poetic form marked by rhythm, simplicity, and deep emotional expression, through the works of घनानंद. Vedantu’s Class 12 Hindi Antra NCERT Solutions provide a comprehensive analysis of the poet’s writing style, themes, and literary significance, ensuring a clear understanding of this unique poetic genre. Download the FREE PDF to gain insightful explanations, solve textbook exercises, and strengthen your preparation for exams with a concise, aligned CBSE Class 12 Hindi Syllabus, these solutions are designed for your success.

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Table of Content
1. Access the NCERT Solutions for Class 12 Chapter 9 Kavitt
    1.1योग्यता-विस्तार
2. Benefits of Class 12 Hindi Chapter 9 NCERT Solutions
3. Important Study Material Links for Hindi Chapter 9 Class 12 Kavitt
4. Chapter-wise NCERT Solutions Class 12 Hindi
5. Related Important Links for Hindi (Antra) Class 12
6. NCERT Class 12 Hindi Other Books Solutions
7. Related Important Study Material Links for Class 12 Hindi
FAQs
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Access the NCERT Solutions for Class 12 Chapter 9 Kavitt

1. कवि ने ‘चाहत चलन ये संदेसो ले सुजान को’  क्यों कहा है ?
उत्तर- इस पंक्ति में कवि की अपनी प्रेमिका से मिलने की तड़प का वर्णन किया गया है। वह अपनी प्रेमिका से मिलने की प्रार्थना करता है। परंतु उसकी प्रार्थना का असर उसकी प्रेमिका पर नहीं होता है। कवि को प्रतीत होता है की उसकी मृत्यु का समय आ चुका है। वह कहते हैं कि बहुत समय हो गया तुम्हारा कोई संदेश नहीं आया। यदि तुम्हारा संदेश मिल जाए तो उसके बाद मैं शांति से मृत्यु को प्राप्त हो जाऊँ। 
 
2. कवि मौन होकर प्रेमिका के कौन से प्रण पालन को देखना चाहता है? 
उत्तर- कवि कहते है की उनकी प्रेमिका उनके प्रति कठोर है।  कवि कहते हैं की वह मौन धारण करके देखेंगे की कब तक प्रेमिका की कठोरता बनी रहती है। प्रेमिका इतनी कठोर हो गयी है की न तो कोई संदेश भेजती है और ना ही मिलने आती है। कवि व्याकुलता में बार बार प्रेमिका को पुकारता है परंतु वह कवि की पुकार को अनसुना कर देती हैं।

3. कवि ने किस प्रकार की पुकार से ‘कान खोलि है’ की बात कही हैं?
उत्त्तर -  ‘कान खोलि’, से कवि अपनी प्रेमिका के कान खोलने की बात कहते है| कवि कहते हैं की कब तक उनकी प्रेमिका उनकी पुकार को अनसुना करेगी। एक दिन वो कान खोलेगी और उनकी पुकार अवश्य सुनेगी।


4. घनानंद की रचनाओं की भाषिक विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर- 
घनानंद की रचनाओं की भाषिक विशेषताएँ कुछ इस प्रकार है :
(क) घनानंद ने अपनी रचनाओं में अलंकारो का बहुत सुंदर प्रयोग किया है। उन्होंने आभूषणों का बड़ी दक्षता के साथ उपयोग किया। उनकी कौशल का परिचय उनकी रचनाओं को पढ़ते समय पता चलता है।
(ख) घनानंद ब्रजभाषा के प्रवीण कवि थे। उनकी भाषा साहित्यिक है। 
(ग) उनकी भाषा में साक्षरता का गुण देखा जाता है। 
(घ) घनानंद काव्य भाषा में रचनात्मक के जनक भी थे।

5. निम्नलिखित पंक्तियो में प्रयुक्त अलंकारो की पहचान कीजिए।
(क) कहि कहि आवन छबीले मनभावन को, गहि गहि राखति ही दैं दैं सनमान को।
(ख) कुक भरी मूकता बुलाए आप बोलि है।
(ग) अब न घिरत घन आनंद निदान को।
उत्तर-
(क) इस पंक्ति में ‘कहि कहि’ , ‘गहि गहि’ तथा ‘दैं दैं’ शब्दों का एक ही साथ बार बार आना पुनरुक्ति अलंकार है। 
(ख) प्रस्तुत पंक्ति में उन्होंने अपनी चुप्पी को कोयल की कुक बताया है। इसके माध्यम से कवि अपनी प्रेमिका पर व्यंग्य करता है। कवि  के अनुसार भले ही वह कहे फिर भी वो वापस  जाएगी। हम जानते है कि कोई भी चुप्पी ओर ख़ामोशी नहीं सुन सकता है। लेकिन फिर भी कवि का मानना है कि सुनने से यह दूर हो जाएगा, इसलिए यह विरोधाभास अलंकार है। 
(ग) प्रस्तुत पंक्ति में  ‘घन आनंद’ शब्द के दो अर्थ है एक का अर्थ है आनंद दूसरे का अर्थ है घनानंद। इसके आलवा, शब्द ‘घ’ की पुनरुक्ति के कारण अनुप्रास अलंकार है।

6. निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए- 
(क) बहुत दिनान को अवधि आसपास परे/खरे अरबरनि भरे है उठि जान को ।
(ख) मौन हु सौं देखिहौं कितेक पन पालिहौ ज़ू / कूकभरी मुकता बुलाय आप बोलिहै।
उत्तर- 
(क) प्रस्तुत पंक्ति में कवि यह कहना चाहता है कि आपका इंतज़ार किए हुए बहुत समय बीत चुका है। अब मैं मृत्यु को प्राप्त होने जा रहा हूँ। भाव यह है कि कवि को आशा है कि उसकी प्रेमिका ज़रूर आएगी परंतु वह नहीं आई। उनके जीवन के कुछ दिन शेष बचे हैं और वे अपने अंतिम दिन में उन्हें देखना चाहते हैं।
(ख) कवि घनानंद कहते है की वह चुप होकर देखना चाहते हैं कि उनकी प्रेमिका कब तक उनसे दूर रहती है। कवि को  आशा है की उनकी कुक भरी ख़ामोशी प्रेमिका को व्याकुल कर देगी और वो वापस आ जायगी। कवि को लगता है की उनकी ख़ामोशी उनकी प्रेमिका को बोलने  के लिए विवश कर देगी।


7. संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए –
(क) झूठी बतियानि की पत्यानि ते उदास है, कै ........चाहत चलन ये संदेशो लै सुजान को।
(ख) जान घनानंद यों मोहि तुम्है पैज परी .......कबहूँ तौ मोरियै पुकार कान खोलि है।
उत्तर- 
(क) प्रसंग: प्रस्तुत पंक्ति अंतरा भाग दो नामक पुस्तक में संकलित कविता से ली गई है। इसकी रचना रीतिकाल के कवि घनानंद ने की है। प्रस्तुत पंक्ति में कवि अपनी प्रेमिका के वियोग से उत्पन्न अपने दुःख का वर्णन करते हैं। 
व्याख्या: कवि कहते हैं की मैं तुम्हारे झूठ पर भरोसा करने के कारण आज दुःखी हूँ। मुझे आनंद देने वाले बादल भी अब दिखाई नहीं दे रहे। मेरी मृत्यु व मेरे प्राण सिर्फ़ इसी लिए रुके है कि तुम्हारा कोई संदेश आए तो उसको पढ़ के मृत्यु को प्राप्त हो जाऊँ।
(ख) प्रसंग:  प्रस्तुत पंक्ति अंतरा भाग दो नामक पुस्तक में संकलित कविता से ली गयी है। इसकी रचना रीतिकाल के कवि घनानंद ने की है। प्रस्तुत पंक्ति में कवि अपनी प्रेमिका के वियोग से उत्पन्न अपने दुःख का वर्णन करते हैं।


योग्यता-विस्तार

1. निर्दिष्ट कवियों के तीन-तीन कवित्त एकत्रित कर याद कीजिए—तुलसीदास, रसखान, पद्माकर, सेनापति।

तुलसीदास, रसखान, पद्माकर, और सेनापति के तीन-तीन कवित्त:

  • तुलसीदास:

    • कवित्त 1: "जाके प्रिय न राम वैदेही। तजिए ताहि कोटि बैरी सम, यद्यपि परम सनेही।।"

    • कवित्त 2: "राम नाम मनिदीप धरू, जीह देहरी द्वार। तुलसी भीतर बाहेरहुँ, जो चाहसि उजियार।"

    • कवित्त 3: "हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुबिधि सब सन्ता।।"


  • रसखान:

    • कवित्त 1: "मानुष हौं तो वही रसखानि, बसौं ब्रज गोकुल गाँव के ग्वारन।"

    • कवित्त 2: "खेलत फिरे गोप संग रास रचाय, तिहारे बालपन के नन्दलाल।"

    • कवित्त 3: "जाहिं वृषभानु की छबि माधुरी, देखी तिहारी बाग बाग।"


  • पद्माकर:

    • कवित्त 1: "श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारुणम्।"

    • कवित्त 2: "मनुजावतार नरतारी न कोई, राम नाम सब त्रास हरै।"

    • कवित्त 3: "भक्तजनों के हितकारी रामचन्द्र सदा सुखकारी।"


  • सेनापति:

    • कवित्त 1: "देखा-देखी मित्र का रूप, सब मनमोहन रीत।"

    • कवित्त 2: "बनी सखी प्रिय साज, करत बिनोद नवल समाज।"

    • कवित्त 3: "सेनापति वंदन करत सदा, हरि नाम जपो सुखदाय।"


2. पढ़ित अंश में से अनुप्रास अलंकार की पहचान कर एक सूची तैयार कीजिए।

अनुप्रास अलंकार की पहचान:

  • अनुप्रास अलंकार वह होता है, जब किसी पंक्ति में एक ही ध्वनि या अक्षर की बार-बार पुनरावृत्ति हो। उदाहरण के लिए:

    • "कंकण कंकण बाजे कंगना।" (ध्वनि 'क' की पुनरावृत्ति)

    • "राम नाम रस मीठा लागे।" (ध्वनि 'र' की पुनरावृत्ति)

  • सूची तैयार करते समय इन पंक्तियों को अलग-अलग चिह्नित करें।


Benefits of Class 12 Hindi Chapter 9 NCERT Solutions

  • These NCERT Solutions offer clear answers to textbook questions, helping students in completing their assignments accurately and efficiently.

  • NCERT Solutions Question Answers encourage critical thinking and discussion about empathy, cooperation, and problem-solving in real-life situations.

  • NCERT Solutions include engaging exercises and activities related to the story, making learning fun and interactive for students.

  • It helps students feel more prepared and confident in understanding the chapter's themes and content.


Important Study Material Links for Hindi Chapter 9 Class 12 Kavitt

S. No

Study Materials for Class 12 Hindi Chapter 9

1.

Class 12 Kavitt Questions

2.

Class 12 Kavitt Notes


Conclusion

The Class 12 Hindi Antra, Chapter 9 Kavitt offers a refreshing perspective on love in Hindi poetry. Through his use of symbolism and simple yet powerful language, he paints a picture of his emotional pain. Vedantu's summary and notes provide clear concepts and insights into the characters, helping students understand the chapter better. These resources are designed for exam preparation, ensuring students understand the poem's themes effectively.


Chapter-wise NCERT Solutions Class 12 Hindi


Related Important Links for Hindi (Antra) Class 12

Along with this, students can also download additional study materials provided by Vedantu for Hindi (Antra) Class 12.


S. No

Important Links for Class 12 Hindi (Antra)

1.

Class 12 Hindi (Antra) NCERT Book

2.

Class 12 Hindi (Antra) Revision Notes

3.

Class 12 Hindi (Antra) Important Questions


NCERT Class 12 Hindi Other Books Solutions


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FAQs on NCERT Solutions for Class 12 Hindi (Antra) Chapter 9: Kavitt (कवित्त)

1. What is the central theme of Ghananand's poems in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9?

घनानंद की कविताओं का केंद्रीय विषय प्रेम, विरह, और भक्ति है। उनकी रचनाओं में प्रेम की गहराई और उसकी आत्मिक अनुभूति को अत्यंत भावपूर्ण ढंग से व्यक्त किया गया है। वे संसार की नश्वरता और प्रेम की अनंतता पर जोर देते हैं। उनकी कविताओं में नायिका के प्रेम, आत्मीयता, और व्यथा का सजीव चित्रण मिलता है।


इसके अलावा, उनकी रचनाएँ आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे प्रेम को ईश्वर से जुड़ने का माध्यम मानते हैं। उनकी कविताओं में अलंकारों और रसों का उत्कृष्ट प्रयोग है, जो पाठकों के हृदय को छू लेता है।

2. How does Ghananand express the pain of separation in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9 Kavitt?

घनानंद ने अपनी कविताओं में विरह के दर्द को अत्यंत गहराई और संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत किया है। उनकी रचनाओं में नायक या नायिका की भावनात्मक व्यथा, प्रेमी से दूरी, और उसकी यादों का प्रभाव साफ झलकता है। उन्होंने विरह के क्षणों को प्रेम की पराकाष्ठा के रूप में देखा है, जहां प्रेमी का वियोग आत्मा के स्तर पर पीड़ा देता है।


विरह का चित्रण करते हुए घनानंद ने शब्दों और अलंकारों का ऐसा प्रयोग किया है जो पाठकों को भी उस पीड़ा का अनुभव कराता है। उनके काव्य में यह संदेश निहित है कि सच्चे प्रेम में दूरी और दर्द भी प्रेम को और गहराई और पवित्रता प्रदान करते हैं। उनका काव्य प्रेम और विरह के भावनात्मक और आध्यात्मिक पक्षों को प्रभावशाली ढंग से उजागर करता है।

3. What poetic forms are used in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9 by Ghananand?

The poetic forms used in Ghananand's poems in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9 include "Kavitt" and "Savaya," which follow specific rhythms and metres.

4. How does the language style in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9 differ from other poets of the time?

Ghananand's language style in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9 is simple yet impactful, contrasting with the heavier language of other poets from the same period.

5. What role does nature play in the poems of NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9?

Nature plays a symbolic role in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9, where elements like rain and birds are used to reflect the emotions of love and separation.

6. How is the intensity of love depicted in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9?

The intensity of love in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9 is depicted through metaphors and exaggeration, such as comparing the lover’s longing to a fish out of water.

7. Are the poems in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9 suitable for all readers?

Yes, the poems in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9 are expressed in a pure and sacred manner, avoiding any obscenity, and making them suitable for all readers.

8. How does Ghananand’s poetry in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9 connect with the reader's emotions?

Ghananand’s poetry in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9 connects deeply with readers' emotions through its heartfelt expression of love and loss.

9. What makes Ghananand's poems in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9 stand out?

Ghananand's poems in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9 stand out for their blend of simplicity and emotional depth, making the expressions of love and separation more relatable.

10. Why is Ghananand’s work included in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9?

Ghananand’s work is included in NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 9 for its exemplary depiction of love's various dimensions and its influence on Hindi literature.