Courses
Courses for Kids
Free study material
Offline Centres
More
Store Icon
Store

CBSE Important Questions for Class 12 Hindi Aroh Bazar Darshan - 2025-26

ffImage
banner

Bazar Darshan Class 12 Extra Questions and Answers Free PDF Download

Class 12 is a crucial stage in life that requires the best preparation in every subject to boost the overall marks of students. Hindi being a language subject requires students to understand the key themes and underlying meanings of every prose or poetic piece included in the syllabus. A thorough understanding of the chapters and the authors’ intent for each chapter is crucial for writing excellent answers in the exam. So Vedantu provides the Class 12 Hindi Aroh Chapter 12 Bazar Darshan Important Questions free PDF for students’ self-study purposes.

toc-symbolTable of Content
toggle-arrow


Our experts have supplied the crucial questions with solutions for CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 12 Bazar Darshan to guarantee that students of Class 12 have not only fully analysed the chapter but are also prepared to answer questions from it. These questions were created by our experienced Hindi teachers using the most recent edition of the NCERT textbook. Therefore, for free, grab the PDF today and get started on your preparation.

More Free Study Material for Bhaktin
icons
Ncert solutions
604.8k views 11k downloads

Study Important Questions Class 12 Hindi आरोह Chapter 12 - बाज़ार दर्शन

अति लघु उत्तरीय प्रश्न                                           (1 अंक)

1. दत्तक तथा बेहया  शब्दार्थ बताइये। 

उत्तर: बेहया - बेशर्म, निर्लज़्ज़  

दत्तक - कला, चित्रकारी 


2. वंचित तथा बेचक का विलोम बताइए। 

उत्तर: बेचक - ग्राहक 

वंचित - मंज़ूरी 


3. बाज़ार तथा व्यापार का पर्यायवाची बताइए।

उत्तर: व्यापार - सौदागरी, व्यवसाय 

बाज़ार - हाट, मंडी  


4. भगत जी क्या बेचते थे?

उत्तर: भगत जी बाज़ार में चूरन बेचते थे। 


5. भगत जी हर रोज़ चूरन बेचकर कितना कमाते थे?

उत्तर:  हर रोज़ भगत जी चूरन बेचकर छैं पैसे कमाते थे।  


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                  (2 अंक)

6. लेख़क के मित्र क्यों परेशान थे?

उत्तर: लेख़क के मित्र परेशान थे क्यूंकि लेख़क की धर्मपत्नि बाज़ार से बेवज़ह खूब सारा सामान खरीद लायी थी। 


7. बाज़ार के लिए हर व्यक्ति क्या है?

उत्तर: बाज़ार के लिए हर व्यक्ति एक समान है। बाज़ार हर व्यक्ति को केवल एक ग्राहक नज़र से देखता है। उसको लिए किसी लिंग, जाति-पाती, धर्म या छेत्र से कोई मतलब नहीं है। 


8. भगत जी का कौन सा व्यक्तित्व बाज़ार में सामने आता है?

उत्तर: भगत जी का उन पर पूर्ण नियंत्रण ही एक ऐसा व्यक्तित्व था जो बाज़ार में सामने आया था।  


9. बाज़ारूपन किसे कहते हैं?

उत्तर: बाज़ार में साधारण अर्ताथ मामूली चीज़ो को ऊँचे दामों पर बेचना ही बाज़ारूपन कहलाता है। 


10. पास से मोटर गुज़रने पर लेख़क के मन में क्या विचार आया?

उत्तर: जब बाजार में भ्रमण करते हुए लेखक के बगल से मोटर धूल उड़ाते हुए निकल जाती है तब लेखक के मन में विचार आता है की जैसे मोटर उनसे व्यंग छेड़ते हुए कह रही हो ‘ देखो मैं हु मोटर और तुम मुझसे वंचित  हो।’


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                              (3 अंक)

11. बाज़ार में मनुष्य किस जाल में फंस जाता है? तथा मनुष्य को कब पश्चाताप होता है?

उत्तर: बाज़ार एक माया जाल की तरह है। इसकी चका-चौंध से मनुष्य इसमें फंस जाता है तथा बेफज़ूल ख़र्चे कर बैठता है। बाजार का आकर्षण कुछ ऐसा होता है की लोग अनचाही, गैर जरुरत की वस्तुएँ खरीद लेते है और बाद में घर जाकर फ़िज़ूल खर्ची पर पश्चाताप करते हैं।  


12. बाज़ार में भगत जी क्या करते है?

उत्तर: भगत जी एक समझदार तथा बचत करने वाले व्यक्ति हैं। उन पर  बाज़ार की चका-चौंध, उसके जादू का कोई प्रभाव नहीं होता।  वे की उन्हें क्या खरीदना है और क्या नहीं।  अगर उन्हें ज़ीरा, काला नमक खरीदना है तो वे यहाँ-वहाँ न भटक के सीधे पंसारी की दूकान पर जाते हैं।  उन्हें बाज़ार अपने जादू का शिकार नहीं बना सकता। 


13. किस प्रकार के दुकानदार तथा ग्राहक बाज़ार को सार्थकता प्रदान करते हैं?

उत्तर: बाज़ार की सार्थकता सीधे दूकानदार एवं ग्राहक के लेन-देन से जोड़ती है। अगर विक्रेता अपनी दूकान पर विशिष्ट सामान ही रखे तथा बेचे अर्थात बेफज़ूल की चमक धमक को बढ़ावा न दे तो वह बाज़ार की सार्थकता का सीधा उदाहरण है। तथा अगर ग्राहक केवल काम की चीज़े खरीददारी में शामिल करे न की चमक-धमक से प्रभावित हो अनावश्यक वस्तुएं खरीदे तो वह बाज़ार की सार्थकता का परिचय देता है। 


14. पाठ के आधार पर बताइए ग्राहक कितने प्रकार के होते है?

उत्तर: पाठ के अनुसार निम्न ग्राहक बाज़ार में पाए जाते हैं। 

  • क्रय-शक्ति का प्रदान करने वाले 

  • भरी जेब एवं भरे मन वाले 

  • खाली ज़ेब एवं खाली मन वाले 

  • मितव्ययी और धैर्य  रखने वाले 

  • अपव्ययी ग्राहक 

  • बाज़ारूपन को प्रोत्साहित करने वाले    


15. जैनेन्द्र जी का संक्षिप्त परिचय दीजिए। 

उत्तर: प्रेमचंद के बाद मशहूर लेख़क तथा कथाकार जैनेन्द्र कुमार का जन्म सन 1905, अलीगढ, उत्तर प्रदेश में हुआ था । इनकी प्रसिद्ध कथाएं परख, सुनीता, त्याग पत्र, अनाम स्वामी, जयवर्धन, मुक्तिबोध इत्यादि हैं। इनकी अद्भुत रचनाओं इन्हे साहित्य अकादमी, भारत-भारती सम्मान एवं पद्मभूषण सम्मानित किया गया है। जैनेन्द्र जी ने अपनी आखिरी सांसें सन 1990 में ली।     


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न                                                              (5 अंक)

16. बाज़ार की नज़र से समाज़ को कैसे बाँटते है?

उत्तर: बाज़ार वैसे तो मनुष्य में भेद-भाव नहीं करता किन्तु एक आधार है जो मनुष्य को बांटता है - पैसे के आधार पे। किस के पास कितना पैसा है इस आधार पर बाज़ार समाज़ को बांटता है। अन्य सामाजिक भिवाजान से परे बाजार व्यक्ति को नई बल्कि उसकी क्रय शक्ति अर्थात खर्च करने की क्षमता के अनुसार सम्बन्ध  रखता है।  उसका जाट-पात, धर्म-कर्म से कोई लेना देना नहीं है।  उसका लेना देना बस  रूपए अर्थात धन से और उसे व्यय करने की क्षमता से है। 


17. बाजार ग्राहकों से क्या कहता है?

उत्तर: लेखक ने कथा में बाज़ार को मानवी भाषा में बोलता हुआ दिखाया है की “आओ मुझे लूटो, और लूटो। सब भूल जाओ मुझे देखो। मेरा रूप और किसके लिए है? मैं तुम्हारे लिए हूँ। नहीं कुछ चाहते हो तो भी देखने में क्या हर्ज़ है। अजी आओ भी।” अर्थात बाज़ार अपनी चका-चौंध कर देने वाली चमक से ग्राहकों को कुछ यूँ बुलाता है की अगर कोई मनुष्य आत्म-नियंतरण में कुशल न हो तो वह आराम से बाज़ारूपन के जाल में फंस अपना समय एवं धन बेफज़ूल ही खर्च कर सकता है। जिसके कारण कई समस्या उत्पन्न हो सकती है। 


18. लेख़क के मित्र बाज़ार से कुछ भी क्यों नहीं ले सके?

उत्तर: लेख़क के मित्र जब बाज़ार में वितरण करते हैं तब उनकी नज़र वहां मौजूद हर चीज़ की तरफ जाती है। मित्र सभी चीज़ो को देख आकर्षित तथा मोहित होने लगते हैं और उसी समय उनको सभी कुछ लेने की चाह उत्पन्न होने लगती है क्यूंकि वे कुछ छोड़ना नहीं चाहते थे। सब कुछ पाने की ये चाह ही त्रास का कारण बनती है परन्तु लेख़क  के मित्र इस त्रासदी को सावधानी पूर्वक टालते हुए कुछ भी नहीं लेकर आते हैं अर्थात दोपहर में निकले लेखक के मित्र शाम को खाली हाथ वापिस आ जाते है। 


19. बाज़ार में क्या चीज़ ग्राहकों को आकर्षित करता है? तथा जादू का असर कब अधिक होता है?

उत्तर: बाज़ार एक माया नगरी की तरह है। बाज़ार में हर छोटी-बड़ी चीज़ जादू की तरह अपने तरफ ग्राहक को खींचती है तथा आँखों को मोहित करती है। यह जो आकर्षण ग्राहक के मनो-दिमाग में बाज़ार की चमक को देख उत्पन्न होता है वह चुम्बक का लोहे से जैसा आकर्षण समान होता है। इस बाज़ारू आकर्षण का असर मनुष्य पे सबसे अधिक तब होता है जब उसका खुद पर आत्मनियंत्रण न हो अथवा जब उसकी ज़ेब भरी तथा मन खाली हो।  ऐसे में अनावशयक खर्चे हो जाते हैं। 


20. लेखक ने बाजार के जादू से बचने का कौन-सा तरीका बताया है?

उत्तर: लेखक के इस लेख में बाजार के जादू से  बचने का उपाय सुझाया गया है। बाज़ार की चमक-धमक से प्रभावित होना आम बात है और अगर मनुष्य भरी जेब का हो तथा खरीदारी निश्चित करके ना आया हो तब उस पर बाज़ारूपन और चका-चौंध का सबसे गहरा असर होता है। लेख़क बताते हैं की इस बेफज़ूल के खर्चे से बचने का एक ही उपाय है की जब भी बाज़ार जाओ तब यह पहले से निश्चित कर लो की लेना क्या है तथा उसी हिसाब से व्यय करो।  इससे खर्च अनावश्यक चीज़ो पर काम होता है और धन की बचत होती है तथा पश्चाताप की कोई गुंजाईश नहीं होती।  इसके अलावा खुद पर संयम रखना चाहिए ताकि आकर्षण आँखों पर हावी न हो। 


Benefits of Referring to Important Questions of CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 12 Bazar Darshan

If you are a student of Class 12 and are preparing for the board exams, referring to the PDF of Aroh Chapter 12 Bazar Darshan Important Questions would be a wise step. The following is a list of a few benefits that you can gain by referring to the PDF.


  • The solutions to Class 12 Hindi Aroh Chapter 12 Bazar Darshan have been framed as per the requirements of the CBSE exam standards. 

  • These questions have been solved and prepared by expert Hindi academicians in a simple and comprehensive manner after thorough research and evaluation of the questions that have been asked in the previous years and are likely to be asked this year too.

  • Students of Class 12 Hindi can download the Important Questions and Solutions of Bazar Darshan and study them offline at their convenience without any extra cost.

  • After going through the NCERT Solutions of Bazar Darshan, Chapter 12, and supplementing them with our revision notes, students must practice these questions to secure higher marks in their upcoming exams.

  • The Important Questions of Chapter 12 will help students analyse their understanding of the story, its key themes, and meanings and assess their understanding of writing answers from this chapter in the exams.


Conclusion

For students in Class 12, Vedantu now offers free access to chapter-wise NCERT Answers, review notes, and crucial problems with solutions in Hindi in the form of PDFs. Every PDF is produced with great care and concern for the students' desire to properly comprehend the chapters and duplicate them in their examinations in order to achieve excellent ratings. Students may also enrol in Vedantu's online lessons and be led by our qualified professors to address their questions and concerns.


Important Study Material Links for Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 11

S. No

Important Study Material Links for Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 11

1

Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 11 Bazar Darshan Solutions

2

Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 11 Bazar Darshan Notes


CBSE Class 12 Hindi Important Questions Textbooks


Chapter-wise Important Questions for Hindi Class 12 - Aroh


Important Study Material Class 12 Hindi:

WhatsApp Banner

FAQs on CBSE Important Questions for Class 12 Hindi Aroh Bazar Darshan - 2025-26

1. कक्षा 12 हिंदी आरोह के अध्याय 'बाजार दर्शन' से बोर्ड परीक्षा 2025-26 के लिए कौन-से लघु उत्तरीय प्रश्न महत्वपूर्ण हैं?

'बाजार दर्शन' अध्याय से 2 या 3 अंकों के लिए निम्नलिखित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं:

  • 'बाजार का जादू' क्या है और यह कैसे काम करता है?
  • लेखक के अनुसार बाजार जाते समय मन खाली और मन भरा होने का क्या अर्थ है?
  • भगत जी का चरित्र हमें उपभोक्तावाद के बारे में क्या महत्वपूर्ण शिक्षा देता है?
  • 'परचेजिंग पावर' से लेखक का क्या तात्पर्य है और वे इसे व्यंग्य क्यों मानते हैं?

2. 'बाजार दर्शन' पाठ के लेखक कौन हैं और उनका मुख्य संदेश क्या है?

'बाजार दर्शन' पाठ के लेखक प्रसिद्ध साहित्यकार श्री जैनेन्द्र कुमार हैं। इस पाठ के माध्यम से वे यह महत्वपूर्ण संदेश देते हैं कि बाजार का उपयोग केवल आवश्यकतानुसार ही करना चाहिए। अनावश्यक खरीदारी और 'परचेजिंग पावर' के दिखावे से बचना चाहिए, क्योंकि यह बाजार के सामाजिक उद्देश्य को नष्ट कर देता है।

3. 'बाजार दर्शन' के आधार पर भगत जी के चरित्र की उन विशेषताओं का उल्लेख करें जो उन्हें एक आदर्श ग्राहक बनाती हैं?

भगत जी का चरित्र एक आदर्श ग्राहक का उदाहरण है, जिसकी महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं:

  • आत्म-नियंत्रण: वे बाजार की चकाचौंध से प्रभावित नहीं होते।
  • स्पष्ट लक्ष्य: उन्हें पता होता है कि उन्हें क्या खरीदना है - सिर्फ जीरा और काला नमक।
  • संतोष: वे अपनी आवश्यकताओं को समझते हैं और अनावश्यक वस्तुओं के प्रति कोई आकर्षण महसूस नहीं करते।
  • बाजार का सही उपयोग: वे बाजार को उसकी सार्थकता प्रदान करते हैं, शोषण का माध्यम नहीं बनने देते।
ये गुण उन्हें एक संतुलित और जागरूक उपभोक्ता बनाते हैं।

4. लेखक जैनेन्द्र कुमार ने 'बाजारूपन' से क्या तात्पर्य बताया है? यह बोर्ड परीक्षा के लिए एक अपेक्षित प्रश्न क्यों है?

लेखक के अनुसार, 'बाजारूपन' का अर्थ है बाजार का वह नकारात्मक रूप जहाँ दिखावा, छल-कपट और शोषण प्रमुख हो जाता है। यह तब होता है जब ग्राहक अपनी 'परचेजिंग पावर' के घमंड में अनावश्यक चीजें खरीदते हैं और विक्रेता भी अधिक लाभ के लिए उन्हें उकसाते हैं। यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है क्योंकि यह अध्याय के केंद्रीय विचार को दर्शाता है कि कैसे उपभोक्तावाद बाजार की वास्तविक उपयोगिता को समाप्त कर देता है।

5. 'बाजार दर्शन' पाठ में लेखक ने अर्थशास्त्र और अनीतिशास्त्र में क्या अंतर बताया है?

लेखक के अनुसार, सच्चा अर्थशास्त्र आवश्यकताओं की पूर्ति को बढ़ावा देता है और सामाजिक कल्याण का समर्थन करता है। इसके विपरीत, जब बाजार में कपट, शोषण और केवल लाभ कमाने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है, तो वह अर्थशास्त्र अनीतिशास्त्र बन जाता है। यह भेद इस अध्याय का एक महत्वपूर्ण दार्शनिक पहलू है, जिसे समझने पर उच्च अंक मिल सकते हैं।

6. CBSE बोर्ड परीक्षा 2025-26 के लिए 'बाजार दर्शन' से किस प्रकार के मूल्यपरक (HOTS) प्रश्न पूछे जा सकते हैं?

'बाजार दर्शन' से उच्च स्तरीय चिंतन कौशल (HOTS) वाले प्रश्न पूछे जा सकते हैं, जैसे:

  • "बाजार किसी का लिंग, जाति, धर्म या क्षेत्र नहीं देखता; वह सिर्फ ग्राहक की क्रय शक्ति को देखता है।" इस कथन के आधार पर बाजार की सकारात्मक और नकारात्मक भूमिका की विवेचना करें।
  • क्या आप मानते हैं कि आज का ऑनलाइन शॉपिंग का दौर 'बाजार दर्शन' में वर्णित 'बाजार के जादू' का ही एक आधुनिक रूप है? तर्क सहित उत्तर दें।
इन प्रश्नों का उत्तर देने के लिए अध्याय की गहरी समझ और वर्तमान परिदृश्य से जोड़ने की क्षमता आवश्यक है।

7. लेखक के अनुसार बाजार को सार्थकता कौन लोग देते हैं और कैसे?

लेखक के अनुसार, बाजार को सार्थकता वे लोग देते हैं जो अपनी आवश्यकताओं को स्पष्ट रूप से जानते हैं और केवल उन्हीं चीजों को खरीदते हैं जिनकी उन्हें सच में जरूरत है। भगत जी जैसे ग्राहक, जो बाजार के आकर्षण में नहीं फँसते और केवल अपनी जरूरत का सामान (जैसे जीरा) खरीदते हैं, वे ही बाजार के सही उद्देश्य को पूरा करते हैं। ऐसे ग्राहक बाजार में सद्भाव और आवश्यकता-पूर्ति को बढ़ावा देते हैं।

8. 'मन खाली हो' और 'मन बंद हो' में क्या अंतर है? 'बाजार दर्शन' के संदर्भ में यह एक महत्वपूर्ण वैचारिक प्रश्न क्यों है?

यह एक सूक्ष्म लेकिन महत्वपूर्ण अंतर है। 'मन खाली हो' का अर्थ है जब व्यक्ति को अपनी जरूरतों का ठीक-ठीक पता न हो और वह निर्णयहीन अवस्था में बाजार जाए। ऐसा व्यक्ति बाजार के जादू का शिकार हो जाता है। वहीं, 'मन बंद हो' का अर्थ है सभी इच्छाओं को समाप्त कर लेना, जो कि संभव नहीं है और यह शून्यता की ओर ले जाता है। लेखक सलाह देते हैं कि मन बंद नहीं, बल्कि भरा हुआ (लक्ष्य-केंद्रित) होना चाहिए। यह प्रश्न छात्रों की वैचारिक स्पष्टता को परखने के लिए महत्वपूर्ण है।