Hindi (Antra) Important Questions for Class 12 Chapter 4 बनारस, दिशा (केदारनाथ सिंह) - FREE PDF Download
FAQs on Banaras, Disha (बनारस, दिशा) Class 12 Important Questions: CBSE Hindi (Antra) Chapter 4
1. कक्षा 12 हिंदी (अंतरा) अध्याय 4 'बनारस, दिशा' के लिए CBSE 2025–26 दृष्टि से कौन-कौन से प्रश्न परीक्षाओं में अधिकतर पूछे जाते हैं?
- बनारस के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्वरूप का विश्लेषण
- कविता में वसंत के आगमन का चित्रण एवं उसका सांस्कृतिक महत्व
- 'दिशा' कविता में बालक के उत्तर का अर्थ व संदर्भ
- कविता में 'धीरे-धीरे' होने की सामूहिक लय का महत्व
- ध्वन्यात्मक एवं दृश्य बिंबों का प्रयोजन
2. 'बनारस' कविता में वसंत के आगमन का सांस्कृतिक महत्व क्या है और इसे कवि ने किस रूप में प्रस्तुत किया है?
वसंत के आगमन को कवि ने नूतनता, ऊर्जा और जीवन की आशा के प्रतीक के रूप में दर्शाया है। धूल का बवंडर, वातावरण में बदलाव और घाटों पर दीपमालाओं के साथ पूरा शहर नई उमंग से भर जाता है। यह परिवर्तन बनारस की धर्म-अनुरूप संस्कृति में भी नवीनता एवं उत्साह का संचार करता है।
3. 'दिशा' कविता में बालक द्वारा हिमालय की दिशा बताए जाने के प्रसंग का शैक्षिक महत्त्व क्या है?
बालक का अपनी पतंग की दिशा से हिमालय को जोड़ना बच्चों की मौलिकता, सरलता और कल्पनाशीलता को दर्शाता है। इससे यह सिखने को मिलता है कि दिशा केवल भौतिक नहीं बल्कि मानसिक और वैचारिक भी हो सकती है, जो व्यक्ति की सोच और अनुभूति से तय होती है।
4. CBSE 2025–26 में 'बनारस, दिशा' से बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) किन विषयों से बनने की संभावना अधिक है?
- काव्य में प्रयुक्त प्रतीक और बिंब
- कवि केदारनाथ सिंह की भाषा शैली
- बनारस के धार्मिक और सांस्कृतिक पक्ष
- वसंत के आगमन का प्रभाव
- दिशा की व्याख्या
5. 'बनारस' कविता में 'धीरे-धीरे होने की सामूहिक लय' का क्या आशय है और इसका जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
'धीरे-धीरे होने की सामूहिक लय' बनारस के लोगों की जीवनशैली, परंपरा और धैर्य को दर्शाती है। हर कार्य—घंटियों की आवाज, लोगों की चाल, दिन का ढलना—धैर्य और शांति से होता है, जिससे शहर की स्थिरता और आंतरिक संतुलन झलकता है।
6. परीक्षा में 'बनारस, दिशा' से जुड़े उच्च-स्तरीय सोच (HOTS) के सवाल कौन-से हो सकते हैं?
- बनारस की स्थिरता और उसकी आधुनिक जीवन में प्रासंगिकता पर विवेचन
- बालक के उत्तर से सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव की संभावनाओं का विश्लेषण
- कविता के प्रतीकों का गहराई से मूल्यांकन
- जीवन व दिशा की खोज का दार्शनिक विश्लेषण
7. 'बनारस' कविता में प्रयुक्त प्रमुख सांस्कृतिक प्रतीकों को पहचानें एवं उनका महत्व स्पष्ट करें।
- गंगा के घाट — आस्था व धार्मिकता
- दीपमालाएँ — आध्यात्मिक वातावरण का प्रतीक
- भिखारियों के कटोरे — सामाजिक यथार्थ
- मंदिरों के घंटे — परंपरा व लय
8. 'बनारस' कविता में 'खाली कटोरों में वसंत का उतरना' किस प्रकार का सामाजिक संदेश देता है?
यह प्रतीक बनारस के आशावाद और समाज के गरीब वर्ग में संभावनाओं एवं ऊर्जा के आगमन का संकेत करता है। वसंत का प्रभाव सभी वर्गों तक पहुँचता है, जिससे सुधार, उत्साह और सकारात्मक बदलाव की आशा जागृत होती है।
9. उत्तर लेखन के समय 'बनारस-दिशा' कविता से जुड़े किन मुख्य बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- प्रश्न के अनुरूप संक्षिप्त व स्पष्ट उत्तर दें
- मुख्य बिंदु, उदाहरण, और सांस्कृतिक संदर्भ अवश्य जोड़ें
- उत्तर में काव्य-शैली, प्रतीक, और भाव प्रमुखता से प्रस्तुत करें
- CBSE बोर्ड की भाषा शैली और निर्देशों का पालन करें
10. 'दिशा' कविता के आधार पर, दिशा को आप मानसिक और दार्शनिक दृष्टि से कैसे व्याख्यायित करेंगे?
'दिशा' केवल भौतिक मार्ग नहीं है, बल्कि व्यक्तिगत सोच, भावनाओं और अनुभवों से निर्मित मानसिक और दार्शनिक मार्ग भी है। बालक के लिए उसकी सोच के अनुसार दिशा तय होती है, जो जीवन में निर्णय और लक्ष्य के प्रतीक के रूप में उभरती है।
11. क्या बनारस कविता में बताई गई स्थिरता, आज के तेज़ रफ्तार जीवन के लिए भी प्रासंगिक है? तर्क सहित उत्तर दें।
बनारस की स्थिरता आधुनिक जीवन में धैर्य, संतुलन और आत्म-परिवर्तन का महत्व सिखाती है। तेज़ रफ्तार जीवन में यह संदेश प्रासंगिक है कि आंतरिक शांति व मूल्य आधारित जीवन भी उतना ही आवश्यक है जितना प्रगति।
12. 'बनारस' कविता में दृश्य और ध्वन्यात्मक बिंबों के माध्यम से किन भावों को उजागर किया गया है?
घाटों पर बजते घंटे, मंत्र, दीपमालाएँ — ये ध्वन्यात्मक बिंब आध्यात्मिकता और शांति दर्शाते हैं; जबकि धूल, घाट, कटोरे जैसे दृश्य चित्र सांस्कृतिक जीवन की जीवंतता प्रकट करते हैं। इन बिंबों के प्रयोग से कविता का भावपक्ष और अधिक गहराई पाता है।
13. बोर्ड परीक्षा में 'बनारस, दिशा' कविता से जुड़े उत्तरों को लिखने के लिए क्या प्रमुख रणनीति अपनाएं?
- उत्तर में कविता के भाव, प्रतीक, और काव्य शैली को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करें
- मूल विषयवस्तु पर केंद्रित रहें
- CBSE द्वारा अनुशंसित भाषा शैली अपनाएं
- प्रासंगिक उदाहरण व संदर्भ जोड़ें
14. 'दिशा' कविता में बालक के दृष्टिकोण और समाज के दृष्टिकोण में क्या फर्क है?
बालक का दृष्टिकोण सहज, निर्दोष और मौलिक है, जबकि समाज का दृष्टिकोण कठोर, परंपरागत व सीमित हो सकता है। बालक अपनी कल्पना से दुनिया को देखता है, जिससे परिवर्तन व नवचेतना की संभावना बनती है।
15. 'बनारस' कविता में 'समय के साथ अपरिवर्तनीयता' को कवि ने कैसे प्रस्तुत किया है?
कवि ने दर्शाया है कि बनारस में सब कुछ धीरे-धीरे व निरंतर एक लय में चलता है — जैसे गंगा की धारा, घाटों की भीड़, मंदिरों की घंटियाँ। इस स्थिरता के माध्यम से बनारस की पहचान और परंपरा सदैव बनी रहती है।

















