Courses
Courses for Kids
Free study material
Offline Centres
More
Store Icon
Store

Banaras, Disha (बनारस, दिशा) Class 12 Important Questions: CBSE Hindi (Antra) Chapter 4

ffImage
banner

Hindi (Antra) Important Questions for Class 12 Chapter 4 बनारस, दिशा (केदारनाथ सिंह) - FREE PDF Download

Chapter 4, "बनारस, दिशा" from Class 12 Hindi (Antra), written by the renowned poet केदारनाथ सिंह, is a beautiful reflection on life, society, and spirituality. To help you prepare effectively, Vedantu offers important questions that cover the essential themes, poetic devices, and interpretations of the chapter.

toc-symbolTable of Content
toggle-arrow


For students preparing for the Class 12 CBSE Hindi exam, Vedantu's Class 12 Hindi Antra Important Questions are designed to help students critically engage with the text, analyse its themes, and understand the broader philosophical implications, enabling them to answer exam questions with clarity and depth, according to the latest CBSE Class 12 Hindi Syllabus.

More Free Study Material for Banaras - Disha
icons
Ncert solutions
592.5k views 12k downloads

Access NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antra Chapter 04- बनारस/दिशा

1. "बनारस" कविता में कवि ने इस प्राचीन शहर की संस्कृति और माहौल को किस प्रकार चित्रित किया है?

उत्तर: "बनारस" कविता में कवि केदारनाथ सिंह ने इस शहर की प्राचीनता, आध्यात्मिकता, और सांस्कृतिक वैभव को जीवंत रूप से चित्रित किया है। बनारस को शिव की नगरी और गंगा के साथ जुड़ी आस्थाओं का केंद्र बताते हुए कवि ने यहां की धार्मिक गतिविधियों, मंदिरों, घाटों और भिखारियों के कटोरों में वसंत के आगमन को दर्शाया है। शहर का माहौल ठेठ बनारसीपन से भरा हुआ है, जहां हर कार्य अपनी रौ में होता है। यह शहर आस्था, श्रद्धा, विश्वास और भक्ति का मिश्रण है। गंगा के किनारे बैठकर लोग अपनी दिनचर्या में मगन रहते हैं, और शहर की यह विशेषता ही बनारस की पहचान बनती है।


2. "बनारस" कविता में कवि ने वसंत के आगमन का जो चित्रण किया है, उसे किस प्रकार समझा जा सकता है?

उत्तर:कवि ने वसंत के आगमन का चित्रण करते हुए कहा है कि बनारस में वसंत अचानक आता है। जब वसंत आता है तो धूल का एक बवंडर लहरतारा या मडुवाडीह मोहल्लों से उठता है और पुरानी गलियों में समा जाता है। यह धूल शहर के वातावरण को भर देती है, जिससे बनारस की भूमि और वातावरण में एक तरह की नमी और बदलाव का अहसास होता है। इस चित्रण में कवि ने वसंत के आगमन को एक प्राकृतिक और जीवनदायिनी प्रक्रिया के रूप में दर्शाया है, जो न केवल मौसम में बदलाव लाती है, बल्कि लोगों के जीवन में भी एक नई ऊर्जा का संचार करती है।


3. "बनारस" कविता में कवि ने किस प्रकार बनारस के धार्मिक और सांस्कृतिक परिवेश को दर्शाया है?

उत्तर: कवि ने बनारस को एक ऐसे शहर के रूप में प्रस्तुत किया है, जो धार्मिक आस्थाओं, संस्कृति और आध्यात्मिकता का संगम है। वह बताते हैं कि बनारस में लोग गंगा के घाटों पर स्नान करते हैं, यहाँ की आत्मीयता और भक्ति की भावना हर कार्य में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। घाटों पर जलने वाली दीपमालाएँ, मंदिरों में गूंजते मंत्र, और भिखारियों के कटोरे, जिनमें वसंत का प्रवेश होता है, यह सभी बनारस की भक्ति और आस्था का प्रतीक हैं। यह शहर किसी एक स्वरूप में सीमित नहीं है; यह आध्यात्मिकता, विश्वास और जीवन के विभिन्न पहलुओं का अद्भुत मिश्रण है।


4. "दिशा" कविता में कवि ने बच्चों की दृष्टि को किस प्रकार चित्रित किया है?

उत्तर: कवि केदारनाथ सिंह ने "दिशा" कविता में बच्चों की सरलता और उनके अद्भुत दृष्टिकोण को बड़े सुंदर तरीके से चित्रित किया है। वह कहते हैं कि जब उन्होंने एक बच्चे से पूछा कि हिमालय किधर है, तो बच्चे ने अपनी पतंग की दिशा की ओर इशारा करते हुए बताया कि हिमालय उधर है। यह एक बालसुलभ उत्तर था, जिसमें बच्चे की अपनी कल्पना और यथार्थ के प्रति एक सहज दृष्टिकोण था। कवि ने यह स्वीकार किया कि बच्चों का यथार्थ और दृष्टिकोण अपने आप में निराला और आकर्षक होता है, जिसे हमें समझने और अपनाने की आवश्यकता है।


5. "बनारस" कविता में "धूल" का चित्रण किस रूप में किया गया है?

उत्तर: कवि ने "धूल" का चित्रण वसंत के आगमन के साथ जोड़ा है। वह कहते हैं कि जैसे ही वसंत का मौसम आता है, बनारस के मोहल्लों से धूल का बवंडर उठता है। यह धूल शहर के हर कोने में फैल जाती है और पुरानी बनारसी जीभ को किरकिरा कर देती है। धूल का यह बवंडर बनारस के हर हिस्से में समा जाता है, जिससे शहर के जीवन का उल्लास और गति महसूस होती है। यहाँ धूल न केवल एक प्राकृतिक तत्व है, बल्कि यह शहर की पुरानी और बदलती हुई स्थिति का प्रतीक भी है।


6. "बनारस" कविता में बनारस के जीवन को किस प्रकार के संकेतों के माध्यम से समझाया गया है?

उत्तर: कवि ने बनारस के जीवन को सूक्ष्म बिंबों और संकेतों के माध्यम से दर्शाया है। उदाहरण के तौर पर, बनारस के घाटों पर बैठकर भिखारियों के कटोरों में वसंत का उतरना, घाटों पर जलने वाली दीपमालाएँ, और मंदिरों के घंटों की ध्वनि - ये सभी संकेत बनारस के जीवन में गहरे धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाते हैं। इसके साथ ही, बनारस में जीने का तरीका और यहाँ का वातावरण अपने अनोखे रूप में जीवन को समझने का तरीका है, जो पारंपरिक और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाए रखता है।


7. "बनारस" कविता में ध्वन्यात्मकता और दृश्य बिंब का क्या महत्व है?

उत्तर: कवि ने "बनारस" कविता में ध्वन्यात्मकता और दृश्य बिंबों का सुंदर प्रयोग किया है। उदाहरण के लिए, घाटों पर बजते घंटे, मंदिरों में गूंजते मंत्र, और गंगा के किनारे जलती दीपमालाएँ - ये सभी ध्वन्यात्मक चित्र बनाते हैं जो बनारस के माहौल को जीवंत रूप से चित्रित करते हैं। इसके साथ ही, "धूल की किरकिराहट" और "वसंत का उतरना" जैसे दृश्य बिंबों से कविता में बनारस की जीवंतता और गति को महसूस किया जा सकता है।


8. "बनारस" कविता में वसंत के आगमन का और क्या सांस्कृतिक संदर्भ है?

उत्तर: "बनारस" कविता में वसंत के आगमन का सांस्कृतिक संदर्भ बनारस के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन से जुड़ा हुआ है। बनारस में वसंत का आगमन एक नए जीवन, नई उम्मीदों और उल्लास का प्रतीक है। यह समय है जब घाटों पर लोग स्नान करते हैं, गंगा के किनारे दीप जलाते हैं, और मंदिरों में पूजा होती है। वसंत के इस समय में शहर का हर हिस्सा जीवन से भर जाता है। यह बदलाव न केवल मौसम में आता है, बल्कि लोगों के जीवन में भी नए उत्साह और आस्था का संचार करता है।


9. "बनारस" कविता में यह कैसे बताया गया है कि बनारस का रूप निरंतर अपरिवर्तित रहता है?

उत्तर: कवि ने यह कहा है कि बनारस में समय के साथ कोई बदलाव नहीं आता। यहाँ सब कुछ धीरे-धीरे होता है - लोग धीरे-धीरे चलते हैं, घंटियाँ धीरे-धीरे बजती हैं, और दिन भी धीरे-धीरे ढलता है। यह लय शहर के हर पहलू को दृढ़ता से बांधने का काम करती है। गंगा, नावें, और तुलसीदास की खड़ाऊं जैसी चीजें सदियों से वैसे ही हैं। इस स्थिरता और अपरिवर्तित रूप में बनारस अपनी पहचान बनाए हुए है।


10. "दिशा" कविता में बालक की दृष्टि में क्या संदेश छुपा है?

उत्तर: "दिशा" कविता में बालक की दृष्टि में एक गहरी संदेश छिपा है। बच्चे अपने आस-पास की दुनिया को अपनी नज़र से देखते हैं, और उनका यथार्थ दूसरों से अलग होता है। बच्चे के लिए हिमालय की दिशा उसकी पतंग की दिशा से जुड़ी हुई होती है, जो कि उसकी सोच का सरल और निर्दोष रूप है। यह दर्शाता है कि बच्चों के पास एक निष्कलंक दृष्टिकोण होता है, जो हमें जीवन के बारे में बहुत कुछ सिखा सकता है।


11. कविता ‘बनारस’ में बनारस के सांस्कृतिक वैभव और आस्था को किस प्रकार चित्रित किया गया है?
उत्तर:  कविता 'बनारस' में कवि केदारनाथ सिंह ने बनारस के सांस्कृतिक और धार्मिक वैभव का बारीकी से चित्रण किया है। बनारस को शिव की नगरी और गंगा के साथ एक गहरी आस्था का केंद्र माना जाता है। यहाँ की हर वस्तु, क्रिया, और वातावरण में आस्था, श्रद्धा, विश्वास, भक्ति, और आश्चर्य की मिलीजुली भावना समाहित है। गंगा में बँधी नाव, घाटों पर जलते दीप, चिता की अग्नि, और भिखारियों के कटोरे जिनमें वसंत उतरता है, यह सब बनारस के चरित्र को प्रदर्शित करते हैं। इस शहर की धार्मिक और आध्यात्मिकता को कवि ने सरल लेकिन गहरे तरीके से चित्रित किया है, जहां हर कार्य अपनी "रौ" में होता है और हर चीज एक लय में बंधी हुई दिखाई देती है।


12. कविता ‘दिशा’ के माध्यम से कवि ने बालक के दृष्टिकोण का क्या महत्व बताया है?
उत्तर: कविता 'दिशा' के माध्यम से कवि केदारनाथ सिंह ने बालक की दृष्टि और उसकी सहज समझ को महत्व दिया है। कवि ने एक बच्चे से पूछा कि हिमालय किधर है, तो बच्चे ने यह बताया कि हिमालय वही दिशा में है, जिधर उसकी पतंग उड़ रही है। यह बालक का सरल, सीधा और विशुद्ध दृष्टिकोण है। कविता में कवि इसे एक महत्वपूर्ण समझ के रूप में प्रस्तुत करते हैं, क्योंकि बच्चा अपनी दुनिया को अपने तरीके से देखता है और उसका यथार्थ उसी पर आधारित होता है। इस विचार से कवि यह संदेश देते हैं कि हर व्यक्ति का अपना दृष्टिकोण होता है और हम बच्चों से भी सीख सकते हैं कि जीवन को सादा और निष्कलंक दृष्टि से देखा जाए।


13. ‘बनारस’ कविता में ‘धीरे-धीरे होने की सामूहिक लय’ का क्या महत्व है?
उत्तर: 'बनारस' कविता में 'धीरे-धीरे होने की सामूहिक लय' से कवि ने शहर की जीवनशैली का विश्लेषण किया है। बनारस की जीवन शैली में सभी कार्य धीरे-धीरे होते हैं - धूल उड़ती है, लोग चलते हैं, घंटे बजते हैं, और शाम होती है। यह सामूहिक लय पूरी शहर की गति को प्रतिबिंबित करती है, जहाँ सभी चीजें एक साथ धीरे-धीरे चलती हैं, बिना किसी बाधा के। यह शहर के स्थिरता और परंपरा को प्रदर्शित करता है। यह लय काशी की प्राचीनता, आध्यात्मिकता, और समृद्धि को बनाए रखती है, और इसका महत्व यह है कि यह शहर की एकता, संतुलन, और निरंतरता को दर्शाता है।


14. ‘बनारस’ कविता में कवि ने वसंत के आगमन को कैसे चित्रित किया है?
उत्तर: कवि ने 'बनारस' कविता में वसंत के आगमन को बहुत ही विशिष्ट और जीवंत तरीके से चित्रित किया है। जब वसंत आता है, तो बनारस के लहरतारा और मडुवाडीह जैसे मोहल्लों से धूल का बवंडर उठता है, जो पूरे शहर में फैल जाता है। यह धूल शहर के हर हिस्से में समा जाती है और उसे 'किरकिराती हुई जीभ' की तरह महसूस किया जाता है। यह चित्रण बनारस के पुराने और महान शहर के वातावरण की सजीवता को उजागर करता है, जहाँ वसंत अपने साथ न केवल मौसम का बदलाव, बल्कि एक नई ऊर्जा का संचार भी करता है। इस वर्णन में कवि ने शहर के पुराने होने और साथ ही जीवंत रहने की भावना को बहुत ही सुंदर तरीके से व्यक्त किया है।


15. कविता ‘बनारस’ में ‘खाली कटोरों में वसंत का उतरना’ से कवि का क्या आशय है?

उत्तर: 'बनारस' कविता में 'खाली कटोरों में वसंत का उतरना' से कवि ने बनारस की भिखारियों की स्थिति और उनके जीवन की सादगी को बिंबित किया है। वसंत के मौसम में, जिन कटोरों में पहले केवल खालीपन था, उनमें अब जीवन और उम्मीद का संचार होता है। यह वसंत का प्रभाव है जो प्रत्येक जीवित चीज में नवीनीकरण और उल्लास लाता है, चाहे वह एक भिखारी का कटोरा हो। इस चित्रण के माध्यम से कवि ने यह दिखाया है कि बनारस के वातावरण में जीवन की सभी स्थितियाँ – खुशी और दुःख, भरना और खाली होना, – साथ-साथ चलती रहती हैं। 'वसंत का उतरना' यह संकेत करता है कि यहां के लोग और यहां की संस्कृति किसी न किसी रूप में जीवन की आशा और ऊर्जा से भरपूर रहती है।


Points to Remember From Class 12 Hindi Antra Chapter 4: Banaras, Disha

  • The poem reflects on the deep connection between life, spirituality, and the city of Banaras. It captures the spiritual and philosophical essence of the city, along with the direction (दिशा) that life takes.

  • Banaras (Varanasi) is portrayed as a timeless city, symbolising the cycle of life, death, and rebirth. 

  • It is a place where spirituality and daily life intersect, making it a centre of religious and cultural significance.

  • The concept of ‘Disha’ (direction) is central to the poem. It suggests not just a physical path but also the spiritual and metaphorical direction one takes in life. 

  • Banaras is symbolised as a place of eternal learning and growth. It is a metaphor for spiritual awakening and the pursuit of meaning beyond material life.

  • Kedarnath Singh, through his reflective and philosophical approach, invites readers to think deeply about their existence, societal values, and personal journeys.

  • The poem is rich in imagery, with vivid descriptions of Banaras, its ghats, and the flow of the Ganges.

  • The poem suggests that, like the river Ganges, life is a continuous flow of experiences, and the right direction (disha) brings peace and enlightenment.


Benefits of Important Questions for Class 12 Hindi Antra Chapter 4 Banaras, Disha

  1. These important questions help students focus on key themes, poetic devices, and interpretations in "Banaras, Disha", ensuring a thorough understanding of the chapter.

  2. The questions are designed in alignment with the CBSE syllabus, covering all essential topics that are likely to appear in the board exam, helping students prepare effectively.

  3. By practising these questions, students can better understand the use of metaphors, symbols, and imagery in the poem, which are critical for literary analysis.

  4. The questions help students practice structured and concise answers, improving their ability to present ideas clearly in exams.

  5. The FREE PDF Download makes it easy for students to access this valuable study material anytime, anywhere, allowing for flexible learning.


Conclusion

Important questions for Class 12 Hindi Antra Chapter 4 बनारस, दिशा by Kedarnath Singh serve as a valuable resource for students aiming to gain a deeper understanding of the chapter. These questions help in analysing the poem’s themes, such as the spiritual essence of Banaras, the search for direction in life, and the symbolic journey of self-realization. By practising these questions, students can enhance their comprehension, critical thinking, and writing skills, ensuring they are well-prepared for their exams. Moreover, Vedantu’s FREE PDF download offers easy access to these important questions, making exam preparation more convenient and effective.


Related Study Materials for Class 12 Hindi Antra Chapter 4 Banaras, Disha

S. No

Important Study Material Links for Class 12 Hindi Chapter 4

1.

Class 12 Banaras, Disha Notes

2.

Class 12 Banaras, Disha Solutions


Chapter-wise Important Questions for Hindi Class 12 - Antra


Other Book-wise Links for CBSE Class 12 Hindi Important Questions


Important Study Material for Hindi Class 12

WhatsApp Banner

FAQs on Banaras, Disha (बनारस, दिशा) Class 12 Important Questions: CBSE Hindi (Antra) Chapter 4

1. कक्षा 12 हिंदी (अंतरा) अध्याय 4 'बनारस, दिशा' के लिए CBSE 2025–26 दृष्टि से कौन-कौन से प्रश्न परीक्षाओं में अधिकतर पूछे जाते हैं?

  • बनारस के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्वरूप का विश्लेषण
  • कविता में वसंत के आगमन का चित्रण एवं उसका सांस्कृतिक महत्व
  • 'दिशा' कविता में बालक के उत्तर का अर्थ व संदर्भ
  • कविता में 'धीरे-धीरे' होने की सामूहिक लय का महत्व
  • ध्वन्यात्मक एवं दृश्य बिंबों का प्रयोजन
ये प्रश्न प्रायः 3–5 अंकों के रूप में बोर्ड परीक्षा में पूछे जाते हैं।

2. 'बनारस' कविता में वसंत के आगमन का सांस्कृतिक महत्व क्या है और इसे कवि ने किस रूप में प्रस्तुत किया है?

वसंत के आगमन को कवि ने नूतनता, ऊर्जा और जीवन की आशा के प्रतीक के रूप में दर्शाया है। धूल का बवंडर, वातावरण में बदलाव और घाटों पर दीपमालाओं के साथ पूरा शहर नई उमंग से भर जाता है। यह परिवर्तन बनारस की धर्म-अनुरूप संस्कृति में भी नवीनता एवं उत्साह का संचार करता है।

3. 'दिशा' कविता में बालक द्वारा हिमालय की दिशा बताए जाने के प्रसंग का शैक्षिक महत्त्व क्या है?

बालक का अपनी पतंग की दिशा से हिमालय को जोड़ना बच्चों की मौलिकता, सरलता और कल्पनाशीलता को दर्शाता है। इससे यह सिखने को मिलता है कि दिशा केवल भौतिक नहीं बल्कि मानसिक और वैचारिक भी हो सकती है, जो व्यक्ति की सोच और अनुभूति से तय होती है।

4. CBSE 2025–26 में 'बनारस, दिशा' से बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) किन विषयों से बनने की संभावना अधिक है?

  • काव्य में प्रयुक्त प्रतीक और बिंब
  • कवि केदारनाथ सिंह की भाषा शैली
  • बनारस के धार्मिक और सांस्कृतिक पक्ष
  • वसंत के आगमन का प्रभाव
  • दिशा की व्याख्या
इन विषयों पर आधारित प्रश्न MCQ सेक्शन में अक्सर पूछे जाते हैं।

5. 'बनारस' कविता में 'धीरे-धीरे होने की सामूहिक लय' का क्या आशय है और इसका जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?

'धीरे-धीरे होने की सामूहिक लय' बनारस के लोगों की जीवनशैली, परंपरा और धैर्य को दर्शाती है। हर कार्य—घंटियों की आवाज, लोगों की चाल, दिन का ढलना—धैर्य और शांति से होता है, जिससे शहर की स्थिरता और आंतरिक संतुलन झलकता है।

6. परीक्षा में 'बनारस, दिशा' से जुड़े उच्च-स्तरीय सोच (HOTS) के सवाल कौन-से हो सकते हैं?

  • बनारस की स्थिरता और उसकी आधुनिक जीवन में प्रासंगिकता पर विवेचन
  • बालक के उत्तर से सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव की संभावनाओं का विश्लेषण
  • कविता के प्रतीकों का गहराई से मूल्यांकन
  • जीवन व दिशा की खोज का दार्शनिक विश्लेषण
ऐसे प्रश्न पाँच अंक (HOTS) कैटेगरी के अंतर्गत पूछे जा सकते हैं।

7. 'बनारस' कविता में प्रयुक्त प्रमुख सांस्कृतिक प्रतीकों को पहचानें एवं उनका महत्व स्पष्ट करें।

  • गंगा के घाट — आस्था व धार्मिकता
  • दीपमालाएँ — आध्यात्मिक वातावरण का प्रतीक
  • भिखारियों के कटोरे — सामाजिक यथार्थ
  • मंदिरों के घंटे — परंपरा व लय
ये प्रतीक बनारस की सांस्कृतिक विविधता और सम्पूर्णता को स्थापित करते हैं।

8. 'बनारस' कविता में 'खाली कटोरों में वसंत का उतरना' किस प्रकार का सामाजिक संदेश देता है?

यह प्रतीक बनारस के आशावाद और समाज के गरीब वर्ग में संभावनाओं एवं ऊर्जा के आगमन का संकेत करता है। वसंत का प्रभाव सभी वर्गों तक पहुँचता है, जिससे सुधार, उत्साह और सकारात्मक बदलाव की आशा जागृत होती है।

9. उत्तर लेखन के समय 'बनारस-दिशा' कविता से जुड़े किन मुख्य बातों का ध्यान रखना चाहिए?

  • प्रश्न के अनुरूप संक्षिप्त व स्पष्ट उत्तर दें
  • मुख्य बिंदु, उदाहरण, और सांस्कृतिक संदर्भ अवश्य जोड़ें
  • उत्तर में काव्य-शैली, प्रतीक, और भाव प्रमुखता से प्रस्तुत करें
  • CBSE बोर्ड की भाषा शैली और निर्देशों का पालन करें

10. 'दिशा' कविता के आधार पर, दिशा को आप मानसिक और दार्शनिक दृष्टि से कैसे व्याख्यायित करेंगे?

'दिशा' केवल भौतिक मार्ग नहीं है, बल्कि व्यक्तिगत सोच, भावनाओं और अनुभवों से निर्मित मानसिक और दार्शनिक मार्ग भी है। बालक के लिए उसकी सोच के अनुसार दिशा तय होती है, जो जीवन में निर्णय और लक्ष्य के प्रतीक के रूप में उभरती है।

11. क्या बनारस कविता में बताई गई स्थिरता, आज के तेज़ रफ्तार जीवन के लिए भी प्रासंगिक है? तर्क सहित उत्तर दें।

बनारस की स्थिरता आधुनिक जीवन में धैर्य, संतुलन और आत्म-परिवर्तन का महत्व सिखाती है। तेज़ रफ्तार जीवन में यह संदेश प्रासंगिक है कि आंतरिक शांति व मूल्य आधारित जीवन भी उतना ही आवश्यक है जितना प्रगति।

12. 'बनारस' कविता में दृश्य और ध्वन्यात्मक बिंबों के माध्यम से किन भावों को उजागर किया गया है?

घाटों पर बजते घंटे, मंत्र, दीपमालाएँ — ये ध्वन्यात्मक बिंब आध्यात्मिकता और शांति दर्शाते हैं; जबकि धूल, घाट, कटोरे जैसे दृश्य चित्र सांस्कृतिक जीवन की जीवंतता प्रकट करते हैं। इन बिंबों के प्रयोग से कविता का भावपक्ष और अधिक गहराई पाता है।

13. बोर्ड परीक्षा में 'बनारस, दिशा' कविता से जुड़े उत्तरों को लिखने के लिए क्या प्रमुख रणनीति अपनाएं?

  • उत्तर में कविता के भाव, प्रतीक, और काव्य शैली को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करें
  • मूल विषयवस्तु पर केंद्रित रहें
  • CBSE द्वारा अनुशंसित भाषा शैली अपनाएं
  • प्रासंगिक उदाहरण व संदर्भ जोड़ें

14. 'दिशा' कविता में बालक के दृष्टिकोण और समाज के दृष्टिकोण में क्या फर्क है?

बालक का दृष्टिकोण सहज, निर्दोष और मौलिक है, जबकि समाज का दृष्टिकोण कठोर, परंपरागत व सीमित हो सकता है। बालक अपनी कल्पना से दुनिया को देखता है, जिससे परिवर्तन व नवचेतना की संभावना बनती है।

15. 'बनारस' कविता में 'समय के साथ अपरिवर्तनीयता' को कवि ने कैसे प्रस्तुत किया है?

कवि ने दर्शाया है कि बनारस में सब कुछ धीरे-धीरे व निरंतर एक लय में चलता है — जैसे गंगा की धारा, घाटों की भीड़, मंदिरों की घंटियाँ। इस स्थिरता के माध्यम से बनारस की पहचान और परंपरा सदैव बनी रहती है।