Do Vardaan Class 6 extra questions and answers Free PDF download
FAQs on CBSE Important Questions for Class 6 Hindi Bal Ram Katha Do Vardaan - 2025-26
1. रानी कैकेयी ने राजा दशरथ से कौन-से दो महत्वपूर्ण वरदान माँगे जो परीक्षा में अक्सर पूछे जाते हैं?
रानी कैकेयी ने राजा दशरथ से निम्नलिखित दो वरदान माँगे थे:
पहला वरदान: भरत को अयोध्या का राजा बनाया जाए।
दूसरा वरदान: राम को चौदह वर्ष (14 years) के लिए वनवास पर भेज दिया जाए।
ये वरदान कहानी के सबसे महत्वपूर्ण मोड़ थे और इस अध्याय से किसी भी प्रश्न का आधार बनते हैं।
2. राजा दशरथ ने श्रीराम के राज्याभिषेक की घोषणा क्यों और कहाँ की थी?
राजा दशरथ ने श्रीराम के राज्याभिषेक की घोषणा राजसभा में अपने सभी मंत्रियों और सभासदों के सामने की थी। उन्होंने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि वे अब वृद्ध हो चले थे और चाहते थे कि उनके ज्येष्ठ पुत्र राम, जो सभी गुणों में श्रेष्ठ और प्रजा के प्रिय थे, अयोध्या का राज-काज संभालें। यह एक अपेक्षित कदम था जिसे सभी ने सहर्ष स्वीकार किया।
3. मंथरा ने रानी कैकेयी को राम के राज्याभिषेक के विरुद्ध कैसे भड़काया? 3-अंकीय प्रश्न के लिए मुख्य बिंदु क्या होंगे?
मंथरा ने रानी कैकेयी को यह कहकर भड़काया कि राम के राजा बनने पर उनकी स्थिति एक दासी जैसी हो जाएगी। 3-अंकीय प्रश्न के लिए इन मुख्य बिंदुओं पर ध्यान दें:
भविष्य का डर दिखाना: मंथरा ने कहा कि राम के राजा बनते ही कौशल्या राजमाता बन जाएँगी और कैकेयी उनकी दासी बन कर रह जाएँगी।
भरत के लिए उकसाना: उसने कहा कि भरत को राम का सेवक बना दिया जाएगा और उन्हें राज्य से बाहर भी भेजा जा सकता है।
अधिकारों की याद दिलाना: मंथरा ने कैकेयी को राजा दशरथ द्वारा दिए गए दो वरदानों की याद दिलाई, जिनका उपयोग करके वह स्थिति को अपने पक्ष में कर सकती थीं।
4. कैकेयी कोपभवन में क्यों गईं और वहाँ का दृश्य कैसा था?
कैकेयी अपनी बात मनवाने और राजा दशरथ पर दबाव डालने के लिए कोपभवन (क्रोध प्रकट करने का कक्ष) में गईं। वहाँ का दृश्य बहुत नाटकीय था:
वह अपने कीमती आभूषण उतारकर मैले वस्त्रों में ज़मीन पर लेटी हुई थीं।
उनके बाल बिखरे हुए थे और वह रोष में थीं।
उन्होंने राजा दशरथ के आने पर भी उनसे बात नहीं की और मुँह फेर लिया, ताकि राजा उनकी अप्रसन्नता का कारण पूछने के लिए विवश हो जाएँ।
5. यदि मंथरा ने कैकेयी को न भड़काया होता, तो 'बाल राम कथा' की कहानी पर क्या प्रभाव पड़ता? विश्लेषण कीजिए।
यह एक उच्च स्तरीय चिंतन प्रश्न (HOTS) है। यदि मंथरा कैकेयी को न भड़काती, तो कहानी पूरी तरह बदल जाती:
श्रीराम का राज्याभिषेक सफलतापूर्वक संपन्न हो जाता और वे अयोध्या के राजा बन जाते।
राम को वनवास नहीं जाना पड़ता, जिससे सीता हरण और रावण वध जैसी घटनाएँ नहीं होतीं।
कहानी का मुख्य उद्देश्य, जो राक्षसों का संहार और धर्म की स्थापना था, शायद किसी और रूप में पूरा होता। कैकेयी का चरित्र भी नकारात्मक होने से बच जाता।
6. 'रघुकुल रीत सदा चलि आई, प्रान जाइ परु बचनु न जाई' - इस कथन के आधार पर राजा दशरथ अपने वचन से क्यों नहीं मुकर सकते थे?
राजा दशरथ अपने वचन से इसलिए नहीं मुकर सकते थे क्योंकि वे रघुकुल के राजा थे, जिसकी सबसे बड़ी पहचान अपने वचन का पालन करना था। 'प्राण जाए पर वचन न जाए' का अर्थ है कि रघुकुल के राजा अपने प्राण दे सकते हैं, लेकिन दिए हुए वचन से पीछे नहीं हट सकते। वचन तोड़ना उनके लिए मृत्यु से भी बढ़कर अपयश और कुल का अपमान था। इसी कुल की मर्यादा की रक्षा के लिए वे कैकेयी के अनुचित वरदानों को भी मानने के लिए विवश हो गए।
7. 'दो वरदान' अध्याय से 5-अंकीय प्रश्न के लिए कौन-सा प्रसंग सबसे महत्वपूर्ण है और उसका उत्तर कैसे लिखें?
इस अध्याय से 5-अंकीय प्रश्न के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रसंग 'कैकेयी का कोपभवन में जाकर वरदान माँगना' है। इसका उत्तर इस प्रकार लिखें:
भूमिका: श्रीराम के राज्याभिषेक की तैयारी और मंथरा द्वारा कैकेयी को भड़काने का संक्षिप्त वर्णन करें।
मुख्य भाग: कोपभवन के दृश्य का विस्तार से वर्णन करें। फिर कैकेयी द्वारा मांगे गए दोनों वरदानों (भरत का राज्याभिषेक और राम का वनवास) को स्पष्ट रूप से लिखें।
प्रभाव: राजा दशरथ की प्रतिक्रिया (दुःख, क्रोध, और बेहोशी) और उनकी विवशता का वर्णन करें।
निष्कर्ष: अंत में बताएँ कि इन वरदानों ने कैसे पूरी कहानी की दिशा बदल दी।
8. क्या कैकेयी का वरदान माँगना केवल मंथरा के प्रभाव का परिणाम था या उनके स्वयं के मन में भी कोई असुरक्षा थी?
यह एक विश्लेषणात्मक प्रश्न है। यद्यपि मंथरा ने आग में घी डालने का काम किया, लेकिन कैकेयी के मन में संभवतः कुछ असुरक्षा की भावनाएँ पहले से थीं।
पुत्र-मोह: वह अपने पुत्र भरत से अत्यधिक प्रेम करती थीं और चाहती थीं कि उसे भी वही सम्मान और अधिकार मिले जो राम को मिल रहा था।
भविष्य की चिंता: राम के राजा बनने के बाद अपनी और भरत की स्थिति को लेकर उनके मन में मंथरा ने सफलतापूर्वक संदेह पैदा कर दिया। इसलिए, यह केवल मंथरा का प्रभाव नहीं था, बल्कि कैकेयी की अपनी महत्वाकांक्षा और असुरक्षा का भी परिणाम था।

















