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NCERT Solutions for Class 11 Hindi Chapter 15: (हस्तक्षेप) Hastakshep (Antra)

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NCERT Solutions for Hindi Class 11 Chapter 15 - FREE PDF Download

Chapter 15 of Class 11 Hindi Antra, Hastakshep, written by poet Shrikant Verma, is a powerful reflection on governance, authority, and the consequences of a passive society. Through his symbolic use of Magadh, a historically significant kingdom in ancient India, Verma critiques the ruthless and autocratic systems of power. The poem highlights how a society can suffer under a system that stifles freedom of expression and discourages intervention or questioning of authority.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Hindi Class 11 Chapter 15 - FREE PDF Download
2. Glance on Class 11 Hindi Chapter 15 हस्तक्षेप (Antra) 
3. Access NCERT Solutions for Class 11 Chapter 15 Hastakshep
    3.1प्रश्न-अभ्यास
    3.2योग्यता विस्तार
4. Learnings of NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra Chapter 15
5. Important Study Material Links for Hindi Class 11 Chapter 15
6. Conclusion 
7. Chapter-wise NCERT Solutions Class 11  Hindi - (Antra)
8. NCERT Class 11 Hindi Other Books Solutions
9. Important Study Material for Hindi Class 11
FAQs


Our solutions for Class 11 Hindi Antra NCERT Solutions break the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 11 Hindi Syllabus and practise Hindi Class 11 Chapter 15.


Glance on Class 11 Hindi Chapter 15 हस्तक्षेप (Antra) 

  • Hastakshep is written by Shrikant Verma.

  • It critiques autocratic governance using Magadh as a metaphor.

  • The poem emphasises the importance of public intervention.

  • Verma uses Magadh as a metaphor for the oppressive regimes that thrive on silence and submission. 

  • The poet emphasises the need for intervention (hastakshep) in such an environment, urging individuals to challenge authority and break the chains of fear that bind them.

  • The NCERT Solutions for this chapter provide in-depth explanations of the poem’s symbolism, critical commentary, and interpretation of the poet’s use of language and metaphors. 

  • It reflects on the fear that silences the masses under oppressive regimes.


The poem encourages questioning authority to prevent tyranny.

Access NCERT Solutions for Class 11 Chapter 15 Hastakshep

प्रश्न-अभ्यास

1.मगध के माध्यम से ‘हस्तक्षेप’ कविता किस व्यवस्था की ओर इशारा कर रहीं है?

उत्तर: ‘हस्तक्षेप’ कविता के माध्यम से कवि श्रीकांत वर्मा मगध के कटु सत्य से साक्षात्कार कराते हैं। मगध से उनका आशय शासन व्यवस्था से है। वे शासन व्यवस्था के यथार्थ स्वरूप का चित्रांकन करते हैं। वे अपने शब्द रूपी बाणों का प्रयोग करते हैं। वे शासन के मनमाने स्वरूप की व्याख्या करते हैं। मुख्यतः किसी भी देश की शासन व्यवस्था, उस देश की जनता की रक्षा हेतु नियुक्त की जाती है। किंतु मगध में केवल सत्ता का बोल बाला है। कोई भी व्यक्ति न्याय करने के लिए तैयार नहीं है। परिणामस्वरूप सामान्य जनता का कार्यवाही पर हस्तक्षेप करना, एक अपराध बन गया है, जिससे भयभीत होकर जनता शासन व्यवस्था से प्रश्न पूछने से भयभीत है। क्योंकि अगर वे इस निरंकुश व्यवस्था की कार्यवाहियों पर हस्तक्षेप या प्रश्न करेंगे, तो सत्ता के बल से उन्हें दंडित किया जाएगा। अंत में वर्मा जी सत्ता के क्रूर रूप को प्रदर्शित करते हैं, और कहीं न कहीं आशा को भी संचित करते हैं, कि शायद कभी तो कोई मुर्दा इस व्यवस्था पर हस्तक्षेप करेगा।


2.व्यवस्था को ‘निरंकुश’ प्रवृत्ति से बचाए रखने के लिए उसमें ‘हस्तक्षेप’ ज़रूरी है- कविता को दृष्टि में रखते हुए अपना मत दीजिए।

उत्तर: ‘हस्तक्षेप’ कविता में श्रीकांत वर्मा निरंकुश शासन व्यवस्था का वर्णन करते हैं। वे निरंकुश व्यवस्था की व्याख्या के साथ, इस व्यवस्था का विरोध भी करते हैं। वे इस व्यवस्था के विरोध का सर्वप्रमुख अस्त्र, इस व्यवस्था में हस्तक्षेप करने को मानते हैं। वे मानते हैं, अगर सामान्य जनता अपनी शासन व्यवस्था के कार्यों में हस्तक्षेप और उनके प्रत्येक कार्य को आँख बंद कर कबूलने के बजाय, उसके प्रति अपनी प्रतिक्रिया भी सुनिश्चित करे, तभी वे निरंकुश शासन को समाप्त कर पाएंगे। जब जनता स्वयं को सक्षम प्रस्तुत करेंगी,  तभी वे अपने शासन व्यवस्था को निरंकुश होने से सुरक्षित कर सकती है। 


3.मगध निवासी किसी भी प्रकार से शासन व्यवस्था में हस्तक्षेप करने से क्यों कतराते हैं?

उत्तर: इस कविता में मगध एक प्रतीकात्मक निरंकुश शासन के रूप में चित्रित है। भारत में मगध का ऐतिहासिक महत्व है। श्रीकांत वर्मा जनता का मगध में हस्तक्षेप करने से इसीलिए भयभीत हैं, क्योंकि मगध एक निरंकुश व्यवस्था का प्रतीक है, जहाँ केवल सत्तावादी वर्ग को अभिव्यक्ति की इजाजत है। सामान्य जनता को इस शासन व्यवस्था में बोलने का अधिकार नहीं है। अगर वे इस शासन के विरुद्ध हस्तक्षेप करेंगे, तो उन्हें अपनी जीविका, जीवन आदि सभी से हाथ होना पड़ेगा। 


4.‘मगध अब कहने को मगध है, रहने को नहीं’- के आधार पर मगध की स्थिति का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।

उत्तर: ‘मगध अब केवल कहने को मगध है, रहने को नहीं’ यह उक्ति मगध पर कटाक्ष है। भारतीय इतिहास गवाह है, कि मगध एक बहुत शक्तिशाली और संपन्न साम्राज्य था, किन्तु केवल कहने के लिए सुख सुविधाओं से संपन्न था, यह निरंकुश व्यवस्था के कारण पतनोमुख अवस्था तक पहुँचा था। उसी प्रकार श्रीकांत वर्मा जी शासन व्यवस्था के मुखोटे की ओर इशारा करते हैं, जो जनता से बड़े-बड़े वादे तो करते हैं, किन्तु उनके प्रश्नों को अपने मार्ग की सबसे बड़ी बाधा मानते हैं, इसीलिए वे इस शासन व्यवस्था को महज एक दिखावा कहते हैं। इसीलिए इसमें रहना असंभव है।


5.मुर्दे का हस्तक्षेप क्या प्रश्न खड़ा करता है? प्रश्न की सार्थकता को कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: मगध में लोग भय के साथ अपना निर्जीव जीवन बिता रहें हैं। वे जीवित तो हैं, किन्तु मृतवस्था की कसौटी को पार कर चुके हैं। एक जीवित व्यक्ति का स्वभाव जिज्ञासु होता है, आसपास की हलचलों में स्वयं की प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने से होता है। किंतु कविता के अनुसार जनता एक बिना आँख, जुबान, कान के मृत व्यक्ति के समान हो गई है| वे किसी भी तरह के अन्याय के विरुद्ध आवाज नहीं उठा रही है। अब कवि की आशा मृत व्यक्ति से है, एक मुर्दा इंसान से है। क्योंकि मुर्दा व्यक्ति को किसी भी चीज़ का भय नहीं होता है, क्योंकि वह पहले से ही सब त्याग चुका है। 


6.‘मगध को बनाए रखना है, तो मगध में शांति रहनी ही चाहिए’- भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: ‘मगध को बनाए रखना है, तो मगध में शांति बनाई रखनी चाहिए’ इस पंक्ति से कवि श्रीकांत वर्मा का आशय है, कि इस व्यवस्था को सुचारू रूप से चलायमान, रहने के लिए शांति अत्यंत आवश्यक है। इन पंक्तियों में शांति से अभिप्राय शासन व्यवस्था में हस्तक्षेप न करने से है। वे जनता से उनकी अभिव्यक्ति को छीनने को शांति कहते हैं। क्योंकि अगर जनता विरोध करेगी, तो यह निरंकुश शासन का पतन हो जाएगा। जिससे सत्तावादी दल से सत्ता छिनने का भय उत्पन्न होगा।


7.‘हस्तक्षेप’ कविता सत्ता की क्रूरता और उसके कारण पैदा होने वाले प्रतिरोद्ध की कविता है- स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: यह कविता सत्ता की क्रूरता की वाचिक है। इस कविता में लोगों को उनके स्वाभाविक कर्म, छींकने तक पर रोक है। यह एक स्वाभाविक कर्म है, जिसका अर्थ शासन व्यवस्था के अमानवीय व्यवहार की ओर इंगित करता है। वहीं चीखने पर भी रोक लगा दी है। चीखना व्यक्ति के क्रोद्ध की अभिव्यक्ति है, जिसकी अनुमति तक मगध में नहीं दी गई है। सत्ता का यह अमानवीय व्यवहार ही इस व्यवस्था के प्रतिरोद्ध का कारण बनेगा। कवि को आशा है, जब कोई नहीं हस्तक्षेप करेगा, तो मुर्दा ही इस व्यवस्था पर चोट करेंगे।


प्रश्न 8. निम्नलिखित लाक्षणिक प्रयोगों को स्पष्ट कीजिए :
(क) कोई छींकता तक नहीं,
(ख) कोई चीखता तक नहीं,
(ग) कोई टोकता तक नहीं।
उत्तर :
प्रश्न 8: (क) कोई छींकता तक नहीं:
यहां कवि ने छींकने को अव्यवस्था के विरोध में उठने वाली एक छोटी चिंगारी के रूप में प्रस्तुत किया है। यदि यह चिंगारी एक बार प्रज्वलित हो जाती है, तो यह पूरी व्यवस्था के लिए खतरा साबित हो सकती है।


(ख) कोई चीखता तक नहीं:
इस वाक्य में कवि बताते हैं कि लोग सत्तासीन व्यक्तियों द्वारा किए गए गलत निर्णयों के खिलाफ आवाज़ नहीं उठाते। वे पीड़ा सहन करते हैं, लेकिन अपने दर्द को चीख कर व्यक्त करने का साहस नहीं जुटा पाते।


(ग) कोई टोकता तक नहीं:
यहां कवि ने इशारा किया है कि आम जनता गलत निर्णयों को सहन करती रहती है, लेकिन उन निर्णयों पर सवाल उठाने या उन्हें चुनौती देने का साहस नहीं करती। वे चुपचाप उन निर्णयों को स्वीकार कर लेते हैं।


प्रश्न 9. निम्नलिखित पद्यांशों की व्याख्या कीजिए –
(क) मगध को बनाए रखना है, तो …………. मगध है, तो शांति है।
(ख) मगध में व्यवस्था रहनी चाहिए क्या कहेंगे लोग ?
(ग) जब कोई नहीं करता …………….. मनुष्य क्यों मरता है?
उत्तर :
(क) मगध को बनाए रखना है, तो ………… मगध है, तो शांति है:
कवि श्रीकांत वर्मा यहां सत्ता की क्रूरता पर व्यंग्य करते हुए कहते हैं कि जनता सत्ता के सामने इतनी भयभीत है कि वह विरोध करने का साहस तक नहीं कर पाती। सत्ताधारी इस भ्रम को फैलाते हैं कि व्यवस्था में शांति बनाए रखना आवश्यक है, और इसके लिए विरोध नहीं करना चाहिए। इस प्रकार, सत्ता आम जनता को गुमराह करती है, ताकि जनतांत्रिक व्यवस्था में शांति बनी रहे, भले ही वह अन्यायपूर्ण हो।


(ख) मगध में व्यवस्था रहनी ही चाहिए … क्या कहेंगे लोग?:
कवि यहाँ फिर से जनतांत्रिक अव्यवस्था पर व्यंग्य करते हैं। वह कहते हैं कि यदि व्यवस्था विफल हो जाती है, तो लोग भारत के लोकतंत्र के बारे में क्या कहेंगे? विश्व में भारत को सबसे बड़ा लोकतंत्र माना जाता है, और आम आदमी के सामने यह सवाल खड़ा कर दिया गया है कि वह किसी भी तरह से इस व्यवस्था में विरोध पैदा न करे। इस डर के कारण, लोग चुपचाप अव्यवस्था को स्वीकार कर लेते हैं।


(ग) जब कोई नहीं करता … मनुष्य क्यों मरता है?:
कवि का मानना है कि जब लोग सत्तासीन व्यक्तियों के अत्याचारों को सहन करते रहेंगे और उनके खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे, तो व्यवस्था और भी खराब होती जाएगी। इससे आम आदमी का जीवन और कठिन हो जाएगा। कवि व्यंग्यात्मक रूप से कहते हैं कि जब कोई भी अव्यवस्था के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं होगा, तो अंततः एक मुर्दा ही इस स्थिति के खिलाफ खड़ा होकर सवाल उठाएगा कि लोग इस व्यवस्था के कारण कब तक मरते रहेंगे।


योग्यता विस्तार

8.‘एक बार शुरू होने पर

कहीं नहीं रुकता हस्तक्षेप’ 

इस पंक्ति को केंद्र में रखकर परिचर्चा आयोजित करें।

उत्तर: ‘ एक बार शुरू होने पर कहीं नहीं रुकते हस्तक्षेप-’ इन पंक्तियों में व्याप्त भाव कवि की दृढ़ निश्चय भावना को व्यक्त कर रहीं हैं। ये पंक्तियां जनता की जागरूकता के पश्चात की परिस्थिति को उजागर कर रही है। जब जनता निरंकुश शासन के प्रतिरोद्ध करने का निश्चय दृढ़ता के साथ करती है। तो ये हस्तक्षेप या विरोद्ध, आगे विस्तार रूप लेता है, किन्तु रुकता नहीं है। 


9.‘व्यक्तित्व के विकास में प्रश्न की भूमिका’ विषय पर कक्षा से चर्चा कीजिए।

उत्तर: यह कविता व्यक्तित्व के विकास हेतु प्रश्न की महत्वपूर्ण भूमिका का दर्ज करती है। किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसकी अभिव्यक्ति होती है। अगर कोई व्यक्ति स्वयं को अन्य लोगों के समक्ष प्रस्तुत करने में सक्षम नहीं है, तो न तो वह व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का विकास कर पाएगा, और न ही आत्मविश्वास का सृजन कर पाएगा। क्योंकि अभिव्यक्ति द्वारा ही व्यक्ति की जिज्ञासाओं को शांत किया जा सकता है। अन्यथा व्यक्ति जुबान होने के बाद भी मूक जीवन जीता है। जो अत्यंत कुंठित होता है।


Learnings of NCERT Solutions for Class 11 Hindi Antra Chapter 15

  1. Significance of Intervention: The poem stresses the need to speak out and intervene in unjust systems.

  2. Fear in Governance: It shows how fear is used as a tool by those in power to suppress resistance.

  3. Symbolism of Magadh: Learn how Magadh is used as a symbol for oppressive governance.

  4. Consequences of Silence: Understand the dangers of a passive society that refrains from questioning authority.

  5. Role of Individuals: The poem highlights the role of individuals in safeguarding democracy and justice by standing up against tyranny.


Important Study Material Links for Hindi Class 11 Chapter 15

S. No

Important Study Material Links for Chapter 15

1.

Class 11 Hastakshep Questions

2.

Class 11 Hastakshep Notes


Conclusion 

The NCERT Solutions for Chapter 15 Hastakshep in Class 11 Hindi Antra provide a comprehensive analysis of Shrikant Verma’s thought-provoking poem. Through these solutions, students can understand the core themes of power, governance, and public responsibility. The solutions simplify the poem’s message and help students engage with the text, making them better prepared for examinations. By studying these solutions, students will be able to appreciate the poem’s relevance in the context of contemporary socio-political structures.


Chapter-wise NCERT Solutions Class 11  Hindi - (Antra)

After familiarising yourself with the Class 11 Hindi Chapter 13 Question Answers, you can access comprehensive NCERT Solutions from all Hindi Class 11 Antra textbook chapters.



NCERT Class 11 Hindi Other Books Solutions


Important Study Material for Hindi Class 11

FAQs on NCERT Solutions for Class 11 Hindi Chapter 15: (हस्तक्षेप) Hastakshep (Antra)

1. What is the main theme of Hastakshep in NCERT Class 11 Chapter 15?

The main theme revolves around the critique of autocratic governance and the need for public intervention to challenge unjust systems of power.

2. How does Shrikant Verma use Magadh as a metaphor in Hastakshep chapter 15?

Magadh is used as a symbol of oppressive governance where the ruling class suppresses the masses and discourages intervention, reflecting the dangers of tyranny.

3. Why is public intervention necessary in the poem Chapter 15 Hastakshep?

The poet argues that without intervention, governance becomes tyrannical, and silence from the people leads to the perpetuation of unjust power structures.

4. How do the NCERT Solutions for Chapter 15 Hastakshep help in understanding the poem?

The NCERT solutions provide a detailed breakdown of the poem’s themes, metaphors, and symbolism, helping students better understand its message and prepare for exams.

5. What does the poet mean by Chapter 15 line “Magadh ab keval kahne ko Magadh hai”?

This line NCERT Solution reflects the poet’s critique of how Magadh, once a great kingdom, has now become a symbol of oppression, where people can no longer live freely or express their views.

6. How is fear used as a tool of control in NCERT  Solutions Chapter 15 Hastakshep?

The poem highlights how fear is instilled in the masses to prevent them from questioning or challenging the oppressive regime and maintaining the status quo.

7. Why do the residents of Magadh refrain from intervening in the governance, according to the poem?

The residents fear punishment and repression if they intervene, as the regime punishes any form of questioning or dissent as mentioned in NCERT Solutions of Chapter 15.

8. How does the poem NCERT Chapter 15 Hastakshep depict the consequences of a passive society?

The poem shows that when society remains silent and passive, it allows oppressive governance to flourish, leading to widespread injustice and the degradation of freedom.

9. What does the phrase "muṛda ka hastakshep" signify in the poem of Chapter 15?

The phrase suggests that even the dead might intervene before the living do, emphasising the extreme passivity and fear among the people, and how intervention is essential for change.

10. How do NCERT Solutions for Hastakshep assist in exam preparation?

The solutions offer detailed explanations of key points in the poem, providing students with clear insights into the themes and helping them answer questions effectively in exams.