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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 Main Kyun Likhta Hun

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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 3 Mein Kyon Likhta Hun provides students with a clear and insightful understanding of the author's thoughts on why he writes. The chapter gives insight into the deeper motivations of a writer, emphasising the emotional and intellectual pressures that drive the creative process. These solutions help students comprehend the author's inner thoughts and experiences, guiding them through the significance of personal experiences and societal influences in shaping a writer's work.

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Our solutions for Class 10 Hindi Kritika NCERT Solutions break the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 10 Hindi Syllabus and start practising Hindi Class 10 Chapter 3.


Glance on Class 10 Hindi Chapter 3 Mai Kyun Likhta Hun (Kritika)

  1. Chapter 3 explores why the author feels compelled to write, driven by both inner and external pressures.

  2. Personal experiences shape the author’s thoughts and help form the core of his writing.

  3. External forces like publishers, readers, and society play a significant role in influencing what and how the author writes.

  4. Chapter 3 highlights how writing becomes an outlet for dealing with complex emotions and self-awareness.

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1. लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है, क्यों?

उत्तर: लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव वह होता है जिसे अपने समक्ष होते हुए देखते है परन्तु अनुभूति संवेदना और कल्पना के सहारे उस सत्य को आत्मसात कर लेते है जिसके परिणाम स्वरूप सामने न होने वाली घटनाये भी आँखों के सामने  ज्वलंत प्रकाश बन जाती है जिसे लिखकर ही अपनी विवशता से स्वतंत्रता पायी जा  सकती है। उसकी अनुभूति उसे लिखने के लिए प्रेणना देती है व स्वयं से परिचित होने के लिए भी लिखने के लिए प्रेणना देती है। इसलिए लेखक ,लेखन के लिए अनुभूति को अधिक महत्व देता है। 


2. लेखक ने अपने आपको हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस तरह महसूस किया?

उत्तर: लेखक ने अपनी जापान यात्रा के समय एक पत्थर में मानव की छवि देखी। विज्ञान का विद्यार्थी होने के कारण वह यह जान गए कि विस्फोट के समय पत्थर के पास कोई व्यक्ति खड़ा होगा। विस्फोट से निकले पदार्थ ने उस व्यक्ति को भाप बना दिया और पत्थर को जला दिया। इस प्रत्यक्ष अनुभूति ने लेखक के हृदय  को हिला दिया। इस प्रकार लेखक हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता बन गया। 


3. मैं क्यों लिखता हूँ? के आधार पर बताइए कि-

(क) लेखक को कौन-सी बातें लिखने के लिए प्रेरित करती हैं?

उत्तर: लेखक अपने भीतर की विवशता की वजह से लिखने के लिए प्रेरित होता है। लेखक की अनुभूति उसे लिखने के लिए प्रेरित करती है वह स्वयं को जानने के लिए भी लिखने के लिए प्रेरित होता है। 


(ख) किसी रचनाकार के प्रेणना स्त्रोत किसी दूसरे को कुछ भी रचने के लिए किस तरह उत्साहित कर सकती है?

उत्तर: किसी भी रचनाकार को उसके भीतर की विवशता उसे लिखने के लिए प्रेणना देती है परन्तु कई बार उसे सम्पादको के दबाव में आकर एवं आग्रह  में भी उसे लिखना पड़ता है। और कई बार प्रकाशक का तकाजा और उसकी आर्थिक विवशता भी उसे लिखने के लिए प्रेरित करती है। 


4. कुछ रचनाकारों के लिए आत्मानुभूति/स्वयं के अनुभव के साथ-साथ बाह्य दबाव भी महत्त्वपूर्ण होता है। ये बाह्य दबाव कौन-कौन से हो सकते हैं?

उत्तर: आत्मानुभूति किसी भी तरह की हो सकती है जो हमेशा उसे लिखने को प्रेरित करती है। परन्तु इसके साथ साथ दबाव भी महत्वपूर्ण होते है ये दबाव खुद की आर्थिक स्थिति या सम्पादक का आग्रह या फिर प्रकाशक का तकाजा भी हो सकता है जो उसे लिखने के लिए दबाव डालते है। 


5. क्या बाह्य दबाव केवल लेखन से जुड़े रचनाकारों को ही प्रभावित करते हैं या अन्य क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी प्रभावित करते हैं, कैसे?

उत्तर: बाहरी दबाव का प्रभाव हर क्षेत्र से जुड़े लोगो पर रहता है उदाहरणाथ -अभिनेता ,मंच कलाकार ,नृतक इन सभी पर निर्देशक का दबाव  रहता है। गायक पर श्रोताओ का दबाव बना रहता है। मूर्तिकार पर मूर्ति बनवाने वाले की इच्छा का दबाव बना रहता है। इस प्रकार अलग अलग क्षेत्र से जुड़े लोगो पर बाहरी दबाव रहता है। 


6. हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अंतः व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है, यह आप कैसे कह सकते हैं?

उत्तर: हिरोशिमा में हुए विस्फोट से पीड़ित लोगो को देखकर लेखक को अत्यंत दुःख हुआ और तब लेखक के मन में लिखने की प्रेणना उत्पन्न नहीं हुई परन्तु जब उसने जले पत्थर पर किसी व्यक्ति की छाया को देखा तब उसको हिरोशिमा के विस्फोट से प्रभावित लोगो के दर्द की अनुभूति हुई और लेखक को उसने लिखने के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अन्तः व  बाहरी  दोनों दबावो का परिणाम है। 


7. हिरोशिमा की घटना विज्ञान का भयानकतम दुरुपयोग है। आपकी दृष्टि में विज्ञान का दुरुपयोग कहाँ-कहाँ किस तरह से हो रहा है।

उत्तर: हमारी दृष्टि में विज्ञान  का दुरूपयोग निम्नलिखित रूपों में अलग अलग क्षेत्रों में हो रहा है -

  • वर्तमान समय में हर देश  खुद को शक्तिशाली साबित करने में लगा है जिसके लिए हर देश परमाणु  निर्माण में लगा है जिससे आने वाला भविष्य घातक साबित हो सकता है। 

  • विज्ञान ने कंप्यूटर का निर्माण किया और साथ ही इंटरनेट का भी जिससे सभी कार्य जल्दी और आसानी से हो जाते है लेकिन कुछ लोग इनका दुरुपयोग कर साइबर क्राइम और वाइरस को जन्म दे रहे है।

  • विज्ञान ने यातायात के साधन से हमारी यात्रा को तो सुगम बनाया है पर साथ ही वातावरण को भी दूषित किया है। 

  • चिकित्सा के क्षेत्र में अल्ट्रासॉउन्ड का दुरूपयोग कर गर्भ में पल रहे लिंग का परीक्षण कर जन्म से पूर्व ही कन्याभूर्ण हत्या कर दी जाती है। 


8. एक संवेदनशील युवा नागरिक की हैसियत से विज्ञान का दुरुपयोग रोकने में आपकी क्या भूमिका है?

उत्तर: एक संवेदनशील नागरिक होने के नाते मैं ये कहना चाहूँगा कि विज्ञान का दुरूपयोग हो रहा है यह कहना बिलकुल ठीक है परन्तु हर व्यक्ति उसका  दुरूपयोग कर रहा ये कहना उचित नहीं क्योंकि कुछ लोग इसके दुरूपयोग को रोकने के लिए भी कार्य कर रहे है जो इस प्रकार है -

  • परमाणु संधि के द्वारा परमाणु अस्त्र प्रयोगों  पर रोक लगाना और हमें  इनका समर्थन करना चाहिए। 

  • बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए जनता को जागरूक करना जिसके लिए अनेक कार्यक्रम और सभा आयोजित की जा सकती है जिसमें प्रदूषण की रोकथाम के लिए उपाए बताये जा सकते है। इन कार्कर्मों में जाकर हम जनता को जागरूक कर सकते है।

  • अंग प्रत्यारोपण पर मिडिया की सहायता से रोक लगाना संभव हो पाया है इसके लिए हमें मीडिया का साथ देना चाहिए और जहाँ भी ऐसी गतिविधि हो तुरंत मीडिया या कानून को उसकी जानकारी देकर उनका सहयोग कर सकते है।


Learnings of NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 3 Mai Kyun Likhta Hun

  1. Insight into Writing as a Process: Students learn how personal and societal influences motivate authors to write.

  2. Understanding the Creative Mind: The solutions help students explore the emotional and intellectual challenges faced by writers.

  3. Importance of Inner Reflection: Students gain an understanding of how writers use their inner reflections to create meaningful work.

  4. Role of Society in Writing: The chapter emphasises how society's expectations and pressures shape a writer's creative output.


Conclusion

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 3 Mai Kyun Likhta Hun provides students with a deeper insight into the thought process behind writing. Through the author’s reflections, students learn how both inner emotions and external pressures influence creativity. These solutions break down the complex thoughts expressed by the author, making them easier to understand. By using these solutions, students can prepare thoroughly for exams while gaining a better understanding of the motivations behind literary work.


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FAQs on NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 Main Kyun Likhta Hun

1. मैं क्यों लिखता हूँ के लेखक कौन है?

'मैं क्यों लिखता हूँ' पाठ के लेखक सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' हैं। यह भ्रम हो सकता है कि यह एक अज्ञात लेखक की रचना है। असल में, 'अज्ञेय' उनका प्रसिद्ध उपनाम (pen name) है, जो हिंदी साहित्य में बहुत सम्मानित है।


2. लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में अधिक मदद क्यों करती है?

लेखक के अनुसार, अनुभूति (Anubhuti) प्रत्यक्ष अनुभव (Anubhav) से अधिक गहरी और प्रभावशाली होती है क्योंकि यह संवेदना और कल्पना के माध्यम से सत्य को आत्मसात कर लेती है। कई लोग यह मानते हैं कि किसी घटना को केवल आँखों से देखना ही लिखने के लिए पर्याप्त है, जो एक आम मिथक है।


लेखक हिरोशिमा का उदाहरण देते हैं। उन्होंने बमबारी के प्रभाव को अपनी यात्रा के दौरान देखा, जो उनका 'अनुभव' था। लेकिन लिखने की असली प्रेरणा उन्हें तब मिली जब उन्होंने एक पत्थर पर छपी मानव छाया देखी। उस छाया ने उन्हें उस व्यक्ति की पीड़ा की तीव्र 'अनुभूति' कराई, जिसने उन्हें लिखने के लिए विवश कर दिया।




3. 'मैं क्यों लिखता हूँ' पाठ की विधा क्या है?

'मैं क्यों लिखता हूँ' पाठ की विधा एक विचारात्मक निबंध है। छात्र अक्सर इसे एक कहानी या आत्मकथा समझ लेते हैं क्योंकि इसमें लेखक के व्यक्तिगत अनुभव शामिल हैं। लेकिन यह मूल रूप से लेखक के लेखन-कर्म के पीछे की सोच और कारणों पर एक गहरा चिंतन है।


4. लेखक ने अपने आपको हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस तरह महसूस किया?

लेखक ने हिरोशिमा की यात्रा के दौरान एक जले हुए पत्थर पर एक व्यक्ति की उजली छाया देखकर स्वयं को विस्फोट का भोक्ता (sufferer) महसूस किया। यह एक आम धारणा है कि लेखक बम विस्फोट के समय वहाँ मौजूद थे, लेकिन यह सच नहीं है।


जापान यात्रा के दौरान उन्होंने हिरोशिमा के अस्पतालों में पीड़ितों को देखा था, पर तब उन्हें लिखने की तीव्र इच्छा नहीं हुई, क्योंकि वह केवल एक बाहरी दर्शक का अनुभव था। लेकिन जब उन्होंने उस पत्थर पर बनी छाया को देखा, तो उन्हें लगा जैसे वह विस्फोट उनके भीतर ही घटित हो गया हो। उस एक पल में उन्होंने उस व्यक्ति की पूरी त्रासदी को महसूस कर लिया।



5. क्या main kyun likhta hun NCERT PDF में केवल अभ्यास के प्रश्न होते हैं?

नहीं, एक अच्छी तरह से तैयार की गई Free PDF में केवल अभ्यास के प्रश्न ही नहीं, बल्कि पाठ की महत्वपूर्ण अवधारणाओं की व्याख्या भी होती है। यह मानना गलत है कि इसमें सिर्फ अंतिम प्रश्नों के उत्तर होते हैं। इसमें अक्सर कठिन शब्दों के अर्थ और वैचारिक प्रश्नों के हल के संकेत भी शामिल होते हैं।


6. क्या Class 10 Hindi Chapter 3 Question Answer ऑनलाइन कहीं से भी पढ़ना ठीक है?

नहीं, सभी ऑनलाइन स्रोत विश्वसनीय या NCERT के नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार नहीं होते हैं। छात्रों को अक्सर लगता है कि इंटरनेट पर मिला हर उत्तर सही है, लेकिन कई वेबसाइटों पर गलत या अधूरी जानकारी होती है जो परीक्षा में अंक कटवा सकती है।


उदाहरण के लिए, 'मैं क्यों लिखता हूँ' जैसे वैचारिक पाठ के प्रश्नों के उत्तर में लेखक के दर्शन को सही ढंग से प्रस्तुत करना महत्वपूर्ण है। Vedantu पर उपलब्ध main kyun likhta hun class 10 questions and answers को विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया जाता है। वे CBSE की अंकन योजना (marking scheme) का पालन करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उत्तर सटीक, संरचित और परीक्षा के लिए उपयुक्त हैं।



7. लेखक 'मैं क्यों लिखता हूँ' पाठ में लिखने का मुख्य कारण क्या बताते हैं?

लेखक के अनुसार, लिखने का मुख्य कारण बाहरी दबाव नहीं, बल्कि एक 'आंतरिक विवशता' है। यह एक आम मिथक है कि लेखक केवल प्रसिद्धि या धन के लिए लिखते हैं। लेखक वास्तव में उस अनुभूति से मुक्त होने के लिए लिखते हैं जो उनके मन में बेचैनी पैदा करती है और जिसे वे व्यक्त करना चाहते हैं।


8. क्या NCERT Solutions सिर्फ होमवर्क कॉपी करने के लिए होते हैं?

नहीं, NCERT Solutions का मुख्य उद्देश्य आपको प्रश्नों का सही उत्तर लिखने का तरीका सिखाना है, न कि केवल नकल करवाना। कई छात्र इन्हें सिर्फ उत्तर पुस्तिका भरने का जरिया मानते हैं, जिससे वे पाठ के गहरे अर्थ को समझने से चूक जाते हैं।


उदाहरण के लिए, 'मैं क्यों लिखता हूँ' पाठ में लेखक की आंतरिक विवशता जैसे जटिल विषय पर आधारित प्रश्नों के उत्तर, ये समाधान चरण-दर-चरण (step-by-step) समझाते हैं। वे बताते हैं कि उत्तर की संरचना कैसे करें, किन महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल करें और लेखक के दृष्टिकोण को कैसे प्रस्तुत करें।




9. क्या NCERT Solution Class 10 Hindi Chapter 3 केवल परीक्षा के समय उपयोगी है?

नहीं, यह समाधान पूरे साल उपयोगी है। यह सोचना एक मिथक है कि इन्हें केवल अंतिम समय में रिवीजन के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। नियमित रूप से इनका उपयोग करने से पाठ की गहरी समझ बनती है, जिससे आप क्लास टेस्ट और प्री-बोर्ड में भी बेहतर प्रदर्शन करते हैं।


10. ये NCERT समाधान पाठ के मुश्किल विचारों को समझने में कैसे मदद करते हैं?

ये NCERT Solutions पाठ के मुश्किल विचारों, जैसे 'आभ्यंतरिक विवशता' और 'तटस्थ होकर देखने', को सरल भाषा और उदाहरणों में तोड़कर समझाते हैं। बहुत से छात्रों को लगता है कि समाधान केवल प्रश्नों के शाब्दिक उत्तर देते हैं, लेकिन वे वैचारिक स्पष्टता भी प्रदान करते हैं।


इस पाठ में, लेखक अपने लिखने के कारणों पर दार्शनिक चर्चा करते हैं, जो छात्रों के लिए समझना मुश्किल हो सकता है। समाधान इन विचारों को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटते हैं। वे बताते हैं कि कैसे लेखक की हिरोशिमा की 'अनुभूति' ने उन्हें लिखने के लिए मजबूर किया, जो उनकी 'आंतरिक विवशता' का एक आदर्श उदाहरण है।



11. क्या main kyun likhta hun class 10 ncert solutions पाठ को पढ़ने का विकल्प हैं?

बिल्कुल नहीं, ये समाधान पाठ को पढ़ने का विकल्प नहीं, बल्कि एक सहायक उपकरण (supplementary tool) हैं। यह एक बहुत बड़ा मिथक है कि केवल समाधान पढ़कर परीक्षा में अच्छे अंक लाए जा सकते हैं। बिना मूल पाठ पढ़े, आप लेखक के विचारों की गहराई और सूक्ष्मता को नहीं समझ सकते।


मूल पाठ पढ़ना आपको कहानी के प्रवाह, लेखक की शैली और भावनात्मक जुड़ाव से परिचित कराता है। समाधान तब काम आते हैं जब आप पाठ पढ़ चुके होते हैं और अभ्यास के प्रश्नों को हल करने का प्रयास करते हैं। वे आपकी समझ को सत्यापित करने, उत्तर लिखने की संरचना सीखने और उन बिंदुओं को पकड़ने में मदद करते हैं जो शायद आपसे छूट गए हों।