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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 1: (माता का आँचल) Mata Ka Anchal (Kritika)

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NCERT Solutions for Class 10 Chapter 1 Hindi - FREE PDF Download

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 1 Mata Ka Anchal offers students a deep understanding of the emotional bond between children and their parents, especially mothers. Chapter 1 beautifully depicts the innocence of childhood and the unique experiences that shape a child's world. The author narrates how children often seek comfort from their mothers during difficult times, highlighting the warmth and affection that only a mother can provide.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 10 Chapter 1 Hindi - FREE PDF Download
2. Glance on Class 10 Hindi Chapter 1 Mata Ka Anchal (माता का आँचल) - Kritika 
3. Access NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 1 Mata Ka Anchal
4. Learnings of NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 1 Mata Ka Anchal
5. Important Study Material Links for Hindi Class 10 Chapter 1
6. Conclusion   
7. Chapter-wise NCERT Solutions Class 10 Hindi - (Kritika) 
8. NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions
9. Related Important Study Material Links for Class 10 Hindi 
FAQs


Our solutions for Class 10 Hindi Kritika NCERT Solutions break the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 10 Hindi Syllabus and start practising Hindi Class 10 Chapter 1.


Glance on Class 10 Hindi Chapter 1 Mata Ka Anchal (माता का आँचल) - Kritika 

  1. The chapter highlights the strong emotional bond between a child and their mother, especially during moments of distress.

  2. It illustrates the carefree play of children in a simpler time, contrasting it with today's structured environment.

  3. The narrative shows how children's playthings and games have changed over generations, reflecting societal changes.

  4. The depiction of parental affection provides insight into the nurturing role of mothers in a child's life.

  5. It evokes nostalgia by recalling shared moments of joy and comfort found in childhood experiences.

  6. It contrasts the simple joys of childhood with the complexities of modern life, inviting readers to reflect on their own childhood experiences. 

  7. By studying this chapter 1 students will not only grasp the essence of the text but also appreciate the deeper themes of familial love, cultural shifts, and the importance of nurturing relationships. 

Access NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kritika Chapter 1 Mata Ka Anchal

प्रश्न 1. प्रस्तुत पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक जुड़ाव था, फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। आपकी समझ से इसकी क्या वजह हो सकती है?
उत्तर- यह सच है कि बच्चे (लेखक) का अपने पिता से अधिक जुड़ाव था। हालांकि, उनके पिता उनका लालन-पालन नहीं करते थे और उन्हें दोस्त की तरह व्यवहार करते थे। विपत्ति के समय, बच्चे को लाड़ प्यार, अत्यधिक ममता और माँ की गोद की आवश्यकता थी। माँ से मिलने वाली कोमलता पिता से नहीं मिलती थी। इसलिए संकट के समय बच्चे को माँ या नानी याद आती है, न कि पिता या नाना। माँ का लाड़ घावों पर मरहम लगाने का काम करता है।


प्रश्न 2. आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाता है?
उत्तर- बच्चा स्वाभाविक रूप से अपनी उम्र के बच्चों के साथ खेलने में रुचि रखता है, और उनके साथ खेलना उसे अच्छा लगता है। उस उम्र के बच्चों के साथ खेलने की रुचि बड़ों के साथ नहीं होती। मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से, बच्चे अपने साथियों के बीच सिसकने या रोने में हीनता महसूस करते हैं। यही कारण है कि भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना भूल जाता है।


प्रश्न 3. आपने देखा होगा कि भोलानाथ और उसके साथी जब-तब खेलते-खाते समय किसी न किसी प्रकार की तुकबंदी करते हैं। आपको यदि अपने खेलों आदि से जुड़ी तुकबंदी याद हो तो लिखिए।
उत्तर- परीक्षोपयोगी नहीं।


प्रश्न 4. भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर- भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री हमारे खेलों और सामग्रियों से बहुत भिन्न हैं। भोलानाथ के समय में परिवार से लेकर पड़ोस तक आत्मीय संबंध थे, जिससे खेलने की स्वतंत्रता थी। बाहरी खतरों जैसे अपहरण का कोई भय नहीं था। खेल की सामग्री बच्चे खुद बनाते थे, और घर की अनुपयोगी वस्तुएं ही उनके खेलने की सामग्री बन जाती थीं, जिससे कोई हानि नहीं होती थी। धूल-मिट्टी से खेलना उन्हें पूर्ण आनंद देता था, और न कोई रोक-टोक होती थी, न डर। यह सब सामूहिक बुद्धि का परिणाम था।


आज, भोलानाथ के समय की तुलना में खेल और खेल सामग्री पूरी तरह से भिन्न हैं, और बड़ों का मार्गदर्शन और सुरक्षा हर समय बनी रहती है। आज की खेल सामग्री स्वनिर्मित नहीं होती, बल्कि बाज़ार से खरीदी जाती है। खेलने का समय भी सीमित कर दिया गया है, जिससे स्वतंत्रता का अभाव होता है। बच्चों का धूल-मिट्टी से परिचय ही नहीं होता। 


प्रश्न 5. पाठ में आए ऐसे प्रसंगों का वर्णन कीजिए जो आपके दिल को छू गए हों?
उत्तर- पाठ का एक सबसे रोमांचक दृश्य वह है जब एक सांप सभी बच्चों के पीछे पड़ जाता है। इस दौरान बच्चे किस तरह गिरते-पड़ते भागते हैं और माँ की गोद में छिपकर सहारा लेते हैं, यह दृश्य पाठक के दिल को छू जाता है। इसके अलावा, पाठ में कई मजेदार क्षण भी हैं, जैसे बच्चे के पिता का खेल में शामिल होना। जब बच्चे भोज, शादी या खेती का खेल खेलते हैं, तो पिता खुद भी बच्चे बनकर उनमें शामिल हो जाता है। पिता का इस प्रकार बच्चा बन जाना एक सुखद अनुभव है जो सभी पाठकों को हंसाता है।


प्रश्न 6. इस उपन्यास के अंश में तीस के दशक की ग्राम्य संस्कृति का चित्रण है। आज की ग्रामीण संस्कृति में आपको किस तरह के परिवर्तन दिखाई देते हैं।
उत्तर- आज की ग्रामीण संस्कृति को देखकर और उपन्यास के अंश को पढ़कर ऐसा लगता है कि 1930 के दशक की समूह-संस्कृति कितनी अच्छी रही होगी, जो आत्मीयता और सामूहिकता का अनुभव कराती थी। आज ऐसी दृश्यावलियां नहीं दिखाई देतीं। पुरुषों की सामूहिक कार्य प्रणाली समाप्त हो गई है, जिससे वे दृश्य नहीं मिलते जो उस समय थे। आज घर छोटे हो गए हैं और चबूतरों का प्रचलन खत्म हो गया है। एकल परिवारों की संस्कृति बढ़ी है, जिससे समूह में बच्चे नजर नहीं आते। बच्चों के खेलने की सामग्री और खेल भी बदल गए हैं और अब ये खर्चीले हो गए हैं। जो परिवार खर्च नहीं कर पाते, वे अपने बच्चों को हीनता से बचाने के लिए उन्हें समूह में नहीं जाने देते। नई संस्कृति बच्चों को धूल-मिट्टी से दूर रखना चाहती है, और घरों के बाहर खेलने के लिए पर्याप्त जगह भी नहीं रही है।


प्रश्न 7. पाठ पढ़ते-पढ़ते आपको भी अपने माता-पिता का लाड़-प्यार याद आ रहा होगा। अपनी इन भावनाओं को डायरी
में अंकित कीजिए।
उत्तर- छात्र स्वयं अपने अनुभव अंकित करें।


प्रश्न 8. यहाँ माता-पिता का बच्चे के प्रति जो वात्सल्य अक्त हुआ है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर- पिता का अपने बच्चे को स्नान करवा कर पूजा में बैठाना, माथे पर तिलक करना, फिर कंधे पर बैठाकर गंगा ले जाना और लौटते समय पेड़ पर झूला झुलाना कितना मनमोहक दृश्य है। पिता के साथ कुश्ती लड़ना, बच्चे के गालों पर चुम्बन लेना, और बच्चे द्वारा पूंछे पकड़ने पर बनावटी रोना और फिर बच्चे का हंस पड़ना अत्यंत जीवंत अनुभव है। माँ का गोरस-भात, तोता-मैना आदि के नाम से खिलाना, शिशु को सजाना और बच्चों के खेलने के दौरान सिसकना आदि दृश्य मन को छू लेते हैं। ये सभी क्षण बचपन की यादों को ताजा कर देते हैं।


प्रश्न 9. माता का अँचल शीर्षक की उपयुक्तता बताते हुए कोई अन्य शीर्षक सुझाइए।
उत्तर- इस पाठ के लिए माता का अँचल’ शीर्षक उपयुक्त नहीं है। इसमें लेखक के शैशव की तीन विशेषताओं का वर्णन हुआ है

  1. बच्चे का पिता के साथ लगाव

  2.  शैशव की मस्त क्रीड़ाएँ।

  3.  माँ का वात्सल्य

  4. ‘माता का अँचल’ इन तीनों में से केवल अंतिम को ही व्यक्त करता है। अत: यह एकांगी और अधूरा शीर्षक है। इसका अन्य शीर्षक हो सकता है

  5. मेरा शैशव

  6. कोई लौटा दे मेरे रस-भरे दिन!


प्रश्न 10. बच्चे माता-पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं?
उत्तर- शिशु की जिद भी उनके प्रेम की अभिव्यक्ति है। शिशु और माता-पिता के बीच यह समझना कठिन होता है कि माता-पिता का स्नेह शिशु के प्रति है या शिशु का माता-पिता के प्रति, क्योंकि दोनों प्रेम एक-दूसरे के पूरक होते हैं। शिशु की मुस्कान और उनकी गोद में जाने की इच्छा उनके प्रेम को प्रकट करती है, और उनके साथ खेलकर वह अपने भावनाओं का इज़हार करते हैं। माता-पिता की गोद में जाने के लिए मचलना भी उनके प्रेम का संकेत होता है। इस प्रकार, माता-पिता के प्रति शिशु के प्रेम को शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है।


प्रश्न 11. इस पाठ में बच्चों की जो दुनिया रची गई है वह आपके बचपन की दुनिया से किस तरह भिन्न है?
उत्तर- हमारा बचपन उस बचपन से पूरी तरह भिन्न है जो इस पाठ में वर्णित है। मुझे अपने पिता का ऐसा प्यार नहीं मिला। वे अक्सर अपने काम में व्यस्त रहते थे और रात को थक कर ऑफिस से लौटते थे। वे आते ही खाना खाकर सो जाते थे, और मुझसे प्यार भरी बातें करने के बावजूद उनके खेलों में रुचि नहीं होती थी। कभी-कभी वे मुझे मिठाई या खिलौने लाते, या स्कूटर पर घुमाने ले जाते, लेकिन मेरे खेलने में कभी शामिल नहीं होते। उन्हें मुझसे कपड़े पहनाने और सजाने का बहुत शौक था। मुझे बचपन में पढ़ाई के लिए तैयार किया गया था, जिससे मेरी मासूमियत धीरे-धीरे खत्म हो गई। मेरे जीवन से मस्ती गायब हो गई, और आज मैं हमेशा 90% अंक पाने के लिए मेहनत करता हूं। मुझे हो-हुल्लड़ करने का कभी मौका नहीं मिला। शायद मैं अपने बच्चों या पोतों के साथ खेल पाऊं।


प्रश्न 12. फणीश्वरनाथ रेणु और नागार्जुन की आँचलिक रचनाओं को पढ़िए।
उत्तर- फणीश्वरनाथ रेणु का उपन्यास 'मैला आँचल' पढ़ने के लिए बेहद रोचक है। इसे आप विद्यालय के पुस्तकालय से प्राप्त कर सकते हैं। नागार्जुन का उपन्यास 'बलचनमा' भी एक महत्वपूर्ण आँचलिक रचना है। यदि यह उपलब्ध हो, तो इसे अवश्य पढ़ें।


Learnings of NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 1 Mata Ka Anchal

  • Understanding the significance of maternal love in shaping a child's emotional well-being is crucial.

  • Recognising the changes in childhood experiences helps students appreciate their upbringing.

  • Chapter 1 encourages reflection on familial bonds and how they influence personality development.

  • Students learn about the cultural evolution of play and social interactions among children.

  • It emphasises the need to nurture relationships in today’s fast-paced life, drawing lessons from simpler times.


Important Study Material Links for Hindi Class 10 Chapter 1

S. No

Important Study Material Links for Chapter 1

1.

Class 10 Mata Ka Anchal Questions

2.

Class 10 Mata Ka Anchal Notes


Conclusion   

Chapter 1 Mata Ka Anchal readers are reminded of the profound impact of a mother's love and the joys of childhood. Chapter 1 provides a heartfelt exploration of emotional connections, demonstrating how such bonds shape our lives. It invites students to reflect on their experiences, fostering a deeper appreciation for family relationships. Through the NCERT Solutions for this chapter, students can develop insights that will aid them in exams and personal reflections, ensuring they grasp both the text's content and its underlying themes.


Chapter-wise NCERT Solutions Class 10 Hindi - (Kritika) 

After familiarising yourself with the Class 10 Hindi Chapter 1 Question Answers, you can access comprehensive NCERT Solutions from all Hindi Class 10 Kritika textbook chapters.


S. No

NCERT Solutions Class 10 Hindi Kritika All Chapters

1

Chapter 2 - Saana Saana Hath Jodi Solutions

2

Chapter 3 - Main Kyun Likhta hun Solutions


NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions


Related Important Study Material Links for Class 10 Hindi 

You can also download additional study materials provided by Vedantu for Class 10  Hindi.


S. No

Important Links for Class 10  Hindi

1.

Class 10 Hindi NCERT Book

2.

Class 10 Hindi Revision Notes

3.

Class 10 Hindi Important Questions

4.

Class 10 Hindi Sample Papers

5.

Class 10 Hindi PYQPs

6.

Class 10 Hindi NCERT Solutions

FAQs on NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 1: (माता का आँचल) Mata Ka Anchal (Kritika)

1: What are the main themes of the class 10 Hindi Mata Ka Anchal Chapter 1?

Chapter 1 depicts the affection children have for their mothers, the playfulness of childhood, and the portrayal of family relationships.

2: How do children express their love for their parents in Chapter 1 Mata Ka Anchal?

Children express their love for their parents through their innocence and playfulness, such as enjoying time in their parents' laps or engaging in activities together.

3: Why is the title "Mata Ka Anchal" not appropriate for Chapter 1?

This title only reflects motherhood, while the chapter also mentions the relationship with the father and various aspects of childhood.

4: What is the significance of Bholanath's experiences in Mata Ka Anchal?

Bholanath's experiences provide a genuine depiction of children's innocence, play, and their relationships with parents.

5: What is the nature of children's games in Mata Ka Anchal?

The games for children are natural and free, emphasising creativity and a sense of community.

6: How does Chapter 1 Mata Ka Anchal reflect the cultural context of the 1930s?

The chapter portrays the close-knit rural community and the simplicity of childhood during the 1930s, contrasting it with modern changes.

7: What lessons can be learned from the parental relationships depicted in Chapter 1 Mata Ka Anchal?

The chapter emphasises the importance of nurturing relationships and how parental love influences a child's emotional development.

8: How do the children's games in Chapter 1 Mata Ka Anchal differ from those today?

Children in Mata Ka Anchal played freely and creatively with simple, self-made toys, while today's games are often structured and commercially bought.

9: What emotional experiences does the author share about childhood in Mata Ka Anchal?

The author shares fond memories of warmth, safety, and the joys of being cared for by parents, highlighting the emotional bond formed in childhood.

10: Where can I find the NCERT Solutions for Mata Ka Anchal Chapter 1?

You can find the NCERT Solutions for Mata Ka Anchal Chapter 1 on the Vedantu website also you can refer to other important resources beneficial for exams.