Courses
Courses for Kids
Free study material
Offline Centres
More
Store Icon
Store

Saste Ka Chakkar (सस्ते का चक्कर) Class 8 Important Questions: CBSE Hindi (Durva) Chapter 8

ffImage
banner

Hindi (Durva) Important Questions for Chapter 8 Class 8 - FREE PDF Download

Vedantu offers Hindi Durva Important Questions for Chapter 8, Saste Ka Chakkar, a thought-provoking story that highlights the consequences of being lured by cheap products. The chapter tells the story of Raghhu, who buys inexpensive items, only to realize later that they are of poor quality and lead to greater expenses. The poem emphasizes the importance of making informed choices and prioritizing quality over price. It provides valuable lessons on thoughtful spending, the dangers of quick savings, and focusing on long-term benefits. Download the FREE PDF to access CBSE Class 8 Hindi Durva Important Questions and ensure a better understanding of the chapter's themes and the CBSE Class 9 Hindi Syllabus, helping you prepare well for the upcoming exams.

Access Class 8 Hindi Chapter 8: Saste Ka Chakkar (सस्ते का चक्कर) Important Questions

Short Answer Questions

1. सस्ते का चक्कर किसे कहते हैं?
सस्ते का चक्कर मतलब कम कीमत में चीज़ें खरीदने के लालच में आकर अधिक कीमत चुकाना।


2. किसे सस्ते का चक्कर पड़ा?
रघु और उसके दोस्त सस्ते का चक्कर पड़े थे।


3. रघु ने सामान कहाँ से खरीदी थी?
रघु ने एक सस्ते दुकान से सामान खरीदी थी।


4. रघु को सस्ते का चक्कर क्यों पड़ा?
रघु को सस्ते का चक्कर तब पड़ा जब उसने सस्ती चीज़ों को देखकर उन्हें खरीद लिया, लेकिन बाद में यह नुकसानदायक साबित हुआ।


5. रघु को किस बात का पछतावा हुआ?
रघु को पछतावा हुआ कि सस्ती चीज़ें खरीदने से उसे अधिक पैसे खर्च करने पड़े।


6. सस्ते का चक्कर लगाने से क्या सीख मिली?
यह सीख मिली कि सस्ते का चक्कर नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि अक्सर सस्ते सामान की गुणवत्ता खराब होती है।


7. इस कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
इस कहानी का मुख्य संदेश है कि हमेशा सस्ते सामान के पीछे भागने से बचना चाहिए, क्योंकि कभी-कभी सस्ता महंगा पड़ सकता है।


8. क्या रघु का निर्णय सही था?
नहीं, रघु का निर्णय गलत था क्योंकि उसने सस्ती चीज़ें खरीदीं जो बाद में बेकार साबित हुईं।


9. इस कहानी में रघु के दोस्त ने क्या किया?
रघु के दोस्त ने सस्ते सामान को खरीदने की सलाह दी थी, जिससे रघु को नुकसान हुआ।


10. किसने रघु को समझाया कि सस्ता हमेशा अच्छा नहीं होता?
रघु के पिता ने उसे समझाया कि सस्ता हमेशा अच्छा नहीं होता।


Long Answer Questions

1. 'सस्ते का चक्कर' शीर्षक से क्या अभिप्रेत है? इस विचार को विस्तार से समझाइए।

'सस्ते का चक्कर' का अर्थ है सस्ती चीज़ों को खरीदने के लालच में आकर, कभी-कभी हम अपनी मेहनत की कमाई का नुकसान करते हैं। इस विचार का मतलब है कि लोग सस्ते सामान की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन अक्सर यह सस्ता सामान गुणवत्ता में खराब होता है और हमें बाद में अधिक खर्च और समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रघु के उदाहरण से यह साफ है कि सस्ते सामान खरीदने से कभी-कभी अधिक परेशानी हो सकती है। जैसे रघु ने सस्ते सामान खरीदकर शुरुआत में पैसा बचाया, लेकिन बाद में खराब गुणवत्ता के सामान ने उसे असंतुष्ट किया। सस्ते का चक्कर एक भ्रम है, जिसमें लोग दिखावे के लिए सस्ता सामान खरीदते हैं, लेकिन अंततः उन्हें और भी अधिक कीमत चुकानी पड़ती है।


2. कहानी में रघु ने सस्ते सामान को खरीदने के लिए क्यों उत्तेजना दिखाई? क्या आपको लगता है कि उसने सही निर्णय लिया?

रघु ने सस्ते सामान खरीदने के लिए उत्तेजना दिखाई क्योंकि वह बचत करना चाहता था और उसने सोचा कि सस्ते सामान से उसकी आवश्यकताएँ पूरी हो जाएंगी। यह सामान्य प्रवृत्ति है, जब हम किसी चीज़ को सस्ता पाते हैं, तो हम उसे खरीदने में जल्दबाजी करते हैं, बिना गुणवत्ता की चिंता किए। लेकिन रघु का निर्णय सही नहीं था। उसने केवल कीमत को महत्व दिया, लेकिन अंततः उसने पाया कि सस्ते सामान की गुणवत्ता खराब थी और वह जल्दी खराब हो गए। इस कारण रघु ने अधिक पैसे खर्च किए, जो कि उसका पहले से ज्यादा खर्च करने का कारण बना। इसे देखकर हमें समझ में आता है कि हमेशा सस्ते सामान के पीछे नहीं भागना चाहिए, बल्कि गुणवत्ता पर भी ध्यान देना चाहिए।


3. रघु के साथ हुई घटना से हमें क्या शिक्षा मिलती है? इस घटना को अपने जीवन से जोड़कर समझाइए।

रघु के साथ हुई घटना से हमें यह महत्वपूर्ण शिक्षा मिलती है कि हमें सस्ते सामान की ओर केवल उसकी कीमत देखकर आकर्षित नहीं होना चाहिए। कभी-कभी सस्ता सामान गुणवत्ता में खराब होता है और हमें लंबे समय में यह ज्यादा महंगा पड़ सकता है। इस घटना को अपने जीवन से जोड़ते हुए हम यह कह सकते हैं कि हम जब भी कुछ खरीदने जाएं, तो केवल कीमत को ध्यान में न रखें, बल्कि उसकी उपयोगिता और गुणवत्ता पर भी विचार करें। उदाहरण के तौर पर, यदि हम सस्ते कपड़े खरीदते हैं जो जल्दी खराब हो जाते हैं, तो अंततः हमें उन्हें फिर से खरीदना पड़ सकता है। इस प्रकार, हमें हमेशा सोच-समझकर ही कोई भी चीज़ खरीदनी चाहिए, ताकि बाद में नुकसान न हो।


4. कहानी में रघु के दोस्त का क्या रोल था? क्या उसने रघु को सही सलाह दी?

रघु के दोस्त ने उसे सस्ते सामान खरीदने की सलाह दी थी। हालांकि, उसकी सलाह का उद्देश्य रघु को पैसे बचाने में मदद करना था, लेकिन उसने यह नहीं बताया कि सस्ते सामान की गुणवत्ता में समस्याएँ हो सकती हैं। दोस्त ने केवल कीमत को ध्यान में रखा और रघु को यह नहीं समझाया कि कभी-कभी सस्ते सामान के परिणाम नकारात्मक हो सकते हैं। यदि रघु के दोस्त ने उसे गुणवत्ता और दीर्घकालिक उपयोगिता के बारे में भी समझाया होता, तो रघु को नुकसान नहीं होता। इस प्रकार, रघु के दोस्त ने उसे सही सलाह नहीं दी, क्योंकि उसने केवल सस्ती चीज़ों की ओर रघु को प्रोत्साहित किया, बिना यह बताए कि सस्ते सामान की गुणवत्ता पर भी विचार करना जरूरी है।


5. सस्ते का चक्कर लगाने के बाद रघु को कौन सी समस्याएं आईं? उन्हें इससे क्या सीख मिली?

रघु को सस्ते सामान खरीदने के बाद कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। सबसे पहली समस्या यह थी कि वह सामान जल्दी खराब हो गया और उसकी गुणवत्ता बहुत खराब थी। इसका परिणाम यह हुआ कि रघु को फिर से वही सामान खरीदने के लिए अधिक पैसे खर्च करने पड़े, जिससे उसकी बचत का उद्देश्य ही गलत साबित हो गया। रघु को इससे यह सीख मिली कि सस्ते सामान के पीछे भागने के बजाय हमें उसकी गुणवत्ता पर भी ध्यान देना चाहिए। कभी-कभी सस्ती चीज़ों को खरीदने से हमें भविष्य में और भी अधिक खर्च करना पड़ सकता है, जिससे बचत का उद्देश्य नहीं पूरा होता। इसलिए हमें हमेशा सोच-समझ कर और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से चीज़ों को खरीदना चाहिए।


Value Based Questions

1. सस्ती चीज़ों के पीछे दौड़ने से क्या हानि हो सकती है? इस विचार से आपको कौन सी महत्वपूर्ण जीवन शिक्षा मिलती है?

सस्ती चीज़ों के पीछे दौड़ने से हमें शुरुआत में तो पैसे की बचत का अहसास हो सकता है, लेकिन अंत में हम गुणवत्ता में कमी और जल्दी खराब होने वाली चीज़ों के कारण अधिक खर्च कर सकते हैं। इस विचार से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जीवन में हमें हमेशा सस्ती और तात्कालिक लाभ के बजाय दीर्घकालिक फायदा और गुणवत्ता पर ध्यान देना चाहिए।


2. **कहानी से यह सीख क्या मिलती है कि हमें सस्ते का चक्कर क्यों नहीं लगाना चाहिए? आप इसे अपने जीवन में कैसे लागू करेंगे?**

इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि सस्ते का चक्कर लगाने से कभी-कभी हमें नुकसान हो सकता है क्योंकि सस्ते सामान की गुणवत्ता खराब हो सकती है और हमें भविष्य में अधिक खर्च करना पड़ सकता है। हम इसे अपने जीवन में लागू कर सकते हैं जैसे जब हम कुछ खरीदते हैं, तो केवल कीमत को देखकर निर्णय न लें, बल्कि उसकी गुणवत्ता और दीर्घकालिक उपयोगिता पर भी विचार करें।


Points to Remember from Class 8 Hindi Durva Chapter 8: Saste Ka Chakkar

  1. The chapter shows the danger of buying cheap products without checking their quality.

  2. Raghhu buys cheap items but soon regrets it due to their poor quality.

  3. Initially, Raghhu feels he saved money, but the poor quality leads to more expenses.

  4. The story emphasizes that quality is more important than price.

  5. Raghhu learns that cheap items can be costly in the long run.

  6. Saving money by buying cheap products can be deceptive.

  7. Raghhu’s friend gives misguided advice, highlighting the need for good guidance.

  8. Focus on long-term benefits, not just immediate savings, when making purchases.

  9. Always think carefully about the durability and value of products.

  10. The moral is that "cheap is not always good," and quality should be prioritized.


Benefits of Important Questions for Class 8 Hindi Durva Chapter 8: Saste Ka Chakkar

  • Important Questions provide a clear summary, helping students recall the main points and key ideas without re-reading the whole chapter.

  • They highlight important themes, questions, and ideas, making exam prep faster and more effective.

  • Simplified Important Questions make it easier for students to remember essential details and understand the core message of the chapter.

  • Important Questions offer guidance on framing answers, especially for important questions likely to appear in exams.

  • With concise Important Questions, students can revise quickly, ensuring that they cover all syllabus topics in less time.


Conclusion

Saste Ka Chakkar teaches an important lesson about the dangers of being lured by the low cost of products. Raghhu’s experience highlights that cheap items often come with poor quality and hidden costs, leading to regret and additional expenses. The chapter emphasizes the need to prioritize quality over price when making decisions, as short-term savings can sometimes lead to long-term losses. It encourages thoughtful spending, focusing on durability and value, and avoiding the temptation of cheap deals. Ultimately, the story reminds us that "cheap is not always good," and informed choices lead to better outcomes.


Related Study Materials for Class 8 Hindi Durva Chapter 8

S. No

Important Study Material Links for Class 8 Hindi Chapter 8

1.

Class 8 Saste Ka Chakkar Notes

2. 

Class 8  Hindi Saste Ka Chakkar Solutions


Chapter-wise Important Questions for Hindi (Durva) Class 8


Bookwise Important Questions Links for Class 8 Hindi

S. No

Other Bookwise Important Questions Links for Class 8 Hindi

1.

CBSE Class 8 Hindi  Vasant Important Questions

2.

CBSE Class 8 Hindi Bharat Ki Khoj Important Questions

3. 

CBSE Class 8 Hindi Sanshipt Budhcharit Important Questions


Important Study Material for Hindi Class 8

S. No

Class 8 Hindi Study Resources 

1.

Class 8 Hindi Revision Notes

2.

Class 8 Hindi NCERT Solutions

3.

Class 8 Hindi Sample Papers

4.

Class 8 Hindi NCERT Books

5.

Class 8 Hindi Important Questions

FAQs on Saste Ka Chakkar (सस्ते का चक्कर) Class 8 Important Questions: CBSE Hindi (Durva) Chapter 8

1. What is the central theme of Saste Ka Chakkar?

The central theme is about the dangers of being tempted by cheap products without considering their quality, leading to regret and additional costs.

2. Who is the main character in the story?

The main character in the story is Raghhu.

3. What mistake does Raghhu make in the story?

Raghhu buys cheap products thinking he is saving money, but he ends up with poor quality items that cause him more problems.

4. What lesson does Raghhu learn from his experience?

Raghhu learns that cheap products often come with hidden costs and that quality should be prioritized over price.

5. How does Raghhu’s friend influence his decision?

Raghhu's friend suggests buying cheap items, but this advice leads to Raghhu’s disappointment and regret.

6. What does the story say about saving money through cheap purchases?

The story warns that saving money through cheap purchases can be deceptive, as it may lead to higher expenses in the long run.

7. Why does the chapter emphasize the importance of quality over price?

The chapter emphasizes that quality ensures long-term value, whereas cheap products may not last and could lead to additional costs.

8. What is the moral of the story?

The moral is that "cheap is not always good" and that one should make decisions based on quality and long-term benefits, not just price.

9. What should one consider before making a purchase, according to the story?

One should consider both the price and the quality, as well as the long-term utility and durability of the product.

10. How can this chapter help us in our daily life?

The chapter teaches us to make thoughtful and informed decisions, avoiding the temptation of cheap deals and focusing on quality to save money and avoid future losses.