Master Chapter 18 Chunauti Himalaya Ki with Class 5 Hindi Worksheets (2025-26)
FAQs on Master Chapter 18 Chunauti Himalaya Ki with Class 5 Hindi Worksheets (2025-26)
1. CBSE Class 5 परीक्षा 2025-26 के लिए, 'चुनौती हिमालय की' पाठ का शीर्षक क्यों महत्वपूर्ण है? इसकी सार्थकता स्पष्ट करें।
यह शीर्षक 'चुनौती हिमालय की' बिल्कुल सार्थक है क्योंकि यह पाठ जवाहरलाल नेहरू और उनके साथियों द्वारा अमरनाथ की यात्रा के दौरान हिमालय की कठिन और बर्फीली पहाड़ियों पर चढ़ने के साहसिक प्रयास का वर्णन करता है। यह यात्रा केवल एक भौतिक चढ़ाई नहीं थी, बल्कि साहस, दृढ़ संकल्प और प्रकृति की शक्ति के सामने सही निर्णय लेने की एक परीक्षा भी थी। इसलिए, यह शीर्षक पाठ के मूल भाव को सटीक रूप से दर्शाता है और परीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
2. पर्वतारोहण के दौरान जवाहरलाल जी, किशन और कुली एक ही रस्सी से क्यों बँधे हुए थे? यह अभ्यास किस महत्वपूर्ण सुरक्षा नियम को दर्शाता है?
जवाहरलाल जी, किशन और कुली, सभी एक रस्सी से इसलिए बँधे हुए थे ताकि यदि कोई एक भी बर्फीली खाई में फिसल जाए, तो बाकी दो लोग रस्सी की मदद से उसे खींचकर बचा सकें। यह पर्वतारोहण का एक बुनियादी सुरक्षा नियम है। यह दर्शाता है कि कठिन परिस्थितियों में टीम वर्क और एक-दूसरे की सुरक्षा का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक होता है।
3. जवाहरलाल जी की अमरनाथ यात्रा किन कारणों से अधूरी रह गई? इस घटना से उन्हें कैसा महसूस हुआ?
जवाहरलाल जी की अमरनाथ यात्रा इसलिए अधूरी रह गई क्योंकि रास्ते में उन्हें एक बहुत गहरी और चौड़ी खाई मिली, जिसे बिना उचित उपकरणों के पार करना असंभव और जानलेवा था। उनके पास इसे पार करने के लिए आवश्यक सामान नहीं था। यात्रा अधूरी रह जाने पर उन्हें बहुत निराशा हुई, लेकिन उन्होंने अपने और अपने साथियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए वापस लौटने का समझदारी भरा फैसला लिया।
4. पाठ 'चुनौती हिमालय की' के आधार पर जवाहरलाल नेहरू के चरित्र की कोई तीन प्रमुख विशेषताएँ बताइए जो परीक्षा में पूछी जा सकती हैं।
इस पाठ के आधार पर जवाहरलाल नेहरू के चरित्र की तीन प्रमुख विशेषताएँ हैं:
- साहसी और जोशीले: वे हिमालय की कठिन चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा उत्साहित रहते थे।
- प्रकृति प्रेमी: उन्हें पहाड़ों, बर्फ और प्रकृति की सुंदरता से गहरा लगाव था, जिसका वर्णन उन्होंने अपनी यात्रा में किया है।
- जिम्मेदार नेता: जब उन्होंने महसूस किया कि आगे बढ़ना खतरनाक है, तो उन्होंने अपनी और अपने साथियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी और वापस लौटने का कठिन लेकिन सही निर्णय लिया।
5. 'ज्यों-ज्यों ऊपर चढ़ते गए, त्यों-त्यों साँस लेने में कठिनाई होने लगी।' पर्वतारोहण में ऐसा क्यों होता है? यह एक महत्वपूर्ण वैचारिक प्रश्न है।
पहाड़ों में अधिक ऊँचाई पर चढ़ने से साँस लेने में कठिनाई इसलिए होती है क्योंकि ऊँचाई पर हवा पतली हो जाती है, जिससे वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है। जब शरीर को अपनी जरूरत के हिसाब से पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो साँस फूलने लगती है और थकान महसूस होती है। यह एक प्राकृतिक वैज्ञानिक प्रक्रिया है।
6. नेहरू जी द्वारा अमरनाथ पहुँचने से ठीक पहले वापस लौटने का फैसला लेना क्यों एक महत्वपूर्ण निर्णय था? यह उनके किस गुण को दर्शाता है?
नेहरू जी का यह निर्णय महत्वपूर्ण था क्योंकि यह सिखाता है कि सच्चा साहस केवल जोखिम उठाने में नहीं, बल्कि विवेकपूर्ण निर्णय लेने में है। उन्होंने समझा कि बिना उपकरणों के खाई पार करना मूर्खतापूर्ण दुस्साहस होता। यह निर्णय उनके नेतृत्व क्षमता और जिम्मेदारी के गुण को दर्शाता है, जहाँ उन्होंने अपनी और अपने साथियों की जान को अपनी मंजिल से ज़्यादा महत्व दिया।
7. इस पाठ में किशन और कुली की भूमिका क्यों महत्वपूर्ण है? उनके चरित्र से छात्रों को क्या सीख मिलती है?
किशन और कुली की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे अनुभवी मार्गदर्शक थे। उन्हें पहाड़ी रास्तों, मौसम और खतरों की गहरी समझ थी। उनके चरित्र से हमें यह सीख मिलती है कि किसी भी नए और कठिन कार्य को करते समय हमें विशेषज्ञों की सलाह और अनुभव का सम्मान करना चाहिए। उनकी सावधानी और सही मार्गदर्शन के बिना यह यात्रा और भी खतरनाक हो सकती थी।
8. 'चुनौती हिमालय की' पाठ एक यात्रा वृत्तांत है। लेखक ने हिमालय के सौंदर्य और उसके भयानक रूप, दोनों का संतुलन कैसे बनाया है?
लेखक ने दोनों रूपों का संतुलन इस प्रकार बनाया है:
- सौंदर्य का वर्णन: उन्होंने बर्फ से ढकी चोटियों, ताज़ी हवा, नीले आसमान और चारों ओर की शांति का वर्णन करके पाठक के मन में एक सुंदर छवि बनाई है।
- भयानक रूप का वर्णन: इसके साथ ही, उन्होंने फिसलन भरे रास्ते, हड्डियों तक काँपती ठंड, गहरी खाइयों और साँस लेने में होने वाली कठिनाई का जिक्र करके उसके खतरनाक और चुनौतीपूर्ण रूप को भी प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है।











