Dost Ki Poshak Class 4 Hindi Chapter 5 CBSE Notes - 2025-26
FAQs on Dost Ki Poshak Class 4 Hindi Chapter 5 CBSE Notes - 2025-26
1. दोस्त की पोशाक पाठ का सारांश क्या है?
इस कहानी का सारांश यह है कि नसीरुद्दीन अपने पुराने दोस्त जमाल साहब से मिलते हैं। जमाल साहब अपने मामूली कपड़ों की वजह से बाहर घूमने में संकोच करते हैं। नसीरुद्दीन उन्हें अपनी एक भड़कीली अचकन पहनने को देते हैं। लेकिन जब वे बाहर जाते हैं, तो नसीरुद्दीन बार-बार लोगों को यह बताकर अपने दोस्त को शर्मिंदा करते हैं कि यह अचकन उनकी है। इससे सच्ची दोस्ती और दिखावे के बीच का फर्क पता चलता है।
2. 'दोस्त की पोशाक' कहानी से क्या मुख्य सीख मिलती है?
इस कहानी से मुख्य सीख यह मिलती है कि सच्ची दोस्ती दिखावे या बाहरी वस्तुओं पर नहीं, बल्कि आपसी सम्मान और समझ पर आधारित होती है। हमें कभी भी अपनी उदारता का दिखावा करके किसी मित्र को शर्मिंदा नहीं करना चाहिए।
3. नसीरुद्दीन और जमाल साहब के स्वभाव में क्या मुख्य अंतर है?
नसीरुद्दीन और जमाल साहब के स्वभाव में मुख्य अंतर यह है:
- नसीरुद्दीन: वह एक मिलनसार और उदार व्यक्ति हैं, लेकिन साथ ही थोड़े बातूनी और दिखावा करने वाले भी हैं। वह अपने दोस्त की मदद तो करते हैं, पर उसकी भावनाओं का ध्यान नहीं रखते।
- जमाल साहब: वह एक सीधे-सादे और आत्म-सम्मानी व्यक्ति हैं, जो अपनी इज़्ज़त को बहुत महत्व देते हैं। उन्हें दोस्त का दिखावा करना बिल्कुल पसंद नहीं आता।
4. जमाल साहब ने नसीरुद्दीन के साथ घूमने जाने से क्यों मना कर दिया था?
जमाल साहब ने घूमने जाने से इसलिए मना कर दिया था क्योंकि उन्हें लग रहा था कि उनके कपड़े बहुत मामूली यानी साधारण थे। वह ऐसे कपड़ों में लोगों से मिलने में झिझक रहे थे।
5. इस कहानी के कुछ महत्वपूर्ण शब्द और उनके अर्थ क्या हैं?
इस कहानी के कुछ महत्वपूर्ण शब्द हैं:
- पोशाक: कपड़े या पहनावा।
- अचकन: घुटनों तक लंबा, बटनदार कोट।
- गपशप: हल्की-फुल्की बातचीत।
- परिचय: किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी देना।
- मामूली: साधारण या आम।
6. 'दोस्त की पोशाक' शीर्षक कहानी के मुख्य संदेश से कैसे जुड़ा है?
यह शीर्षक कहानी के संदेश से सीधे जुड़ा है क्योंकि पूरी कहानी उसी एक 'दोस्त की पोशाक' यानी नसीरुद्दीन की अचकन के आसपास घूमती है। यही पोशाक दोस्ती की परीक्षा का कारण बनती है और सिखाती है कि कपड़ों से ज्यादा दोस्त की भावनाओं का सम्मान करना ज़रूरी है।
7. नसीरुद्दीन अपने दोस्त जमाल साहब की मदद किस बेहतर तरीके से कर सकते थे?
नसीरुद्दीन अपने दोस्त की मदद बेहतर तरीके से कर सकते थे अगर वे अचकन देने के बाद बार-बार उसका जिक्र न करते। एक सच्चे दोस्त को चुपचाप मदद करनी चाहिए और दूसरे के आत्म-सम्मान का ख्याल रखना चाहिए। उन्हें पोशाक के बजाय अपने दोस्त के साथ समय बिताने पर ध्यान देना चाहिए था।
8. परीक्षा के लिए 'दोस्त की पोशाक' पाठ का त्वरित रिवीजन कैसे करें?
त्वरित रिवीजन के लिए, आपको कहानी की तीन मुख्य घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए:
- जमाल साहब का अपने साधारण कपड़ों के कारण बाहर जाने से संकोच करना।
- नसीरुद्दीन का उन्हें अपनी भड़कीली अचकन देना और घूमने ले जाना।
- नसीरुद्दीन द्वारा बार-बार पोशाक का जिक्र करके अपने दोस्त को शर्मिंदा करना, जिससे कहानी की मुख्य सीख सामने आती है।











