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NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 10 Pariksha

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Score Higher with Pariksha Class 6 Questions and Answers Practice

Pariksha, Chapter 10 of the Class 6 Hindi NCERT book Malhar is a thought-provoking story that teaches the value of honesty, hard work, and self-belief. It explores facing challenges with courage and determination while highlighting the importance of moral values in life. The chapter uses relatable examples and simple language to instil these lessons, making it easy for students to hold the deeper meaning. 

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Our solutions for Class 6 Hindi Malhar NCERT Solutions break the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 6 Hindi Syllabus and start practising Hindi Class 6 Chapter 10. 

Score Higher with Pariksha Class 6 Questions and Answers Practice

मेरी समझ से

(क) आपकी समझ से नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है ? उसके सामने तारा (★) बनाइए-

प्रश्न 1. महाराज ने दीवान को ही उनका उत्तराधिकारी चुनने का कार्य उनके किस गुण के कारण सौंपा है ?

  • सादगी

  • उदारता

  • बल

  • नीतिकुशलता

उत्तर: नीतिकुशलता


प्रश्न 2. दीवान साहब द्वारा नौकरी छोड़ने के निश्चय का क्या कारण था ?

  • परमात्मा की याद

  • राज-काज सँभालने योग्य शक्ति न रहना

  • बदनामी का भय

  • चालीस वर्ष की नौकरी पूरी हो जाना

उत्तर: राज-काज सँभालने योग्य शक्ति न रहना


(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर:

  1. पाठ में उदारता के गुण को ही महत्त्व दिया गया है और सुजानसिंह भी इसी गुण की खोज कर रहे थे।

  2. राज्य के दीवान सुजानसिंह बूढ़े होने के कारण अब राज-काज सँभाल नहीं पा रहे थे।


शीर्षक

(क) आपने जो कहानी पढ़ी है, इसका नाम प्रेमचंद ने ‘परीक्षा’ रखा है। अपने समूह में चर्चा करके लिखिए कि उन्होंने इस कहानी का यह नाम क्यों दिया होगा ? अपने उत्तर के कारण भी लिखिए।

उत्तर: ‘प्रेमचंद’ ने कहानी का नाम ‘परीक्षा’ रखा। इसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-

  1. इसमें नए दीवान का चुनाव परीक्षा के माध्यम से ही होना था।

  2. पाठ में सुजानसिंह ने परीक्षा लाचार किसान बन कर ही ली।

  3. पूरे एक महीने तक सभी उम्मीदवारों के व्यवहार की परीक्षा ली गई।


(ख) यदि आपको इस कहानी को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा, यह भी बताइए?
उत्तर:

  1. इस कहानी का नाम ‘दीवान का चुनाव’ भी रखा जा सकता था क्योंकि कहानी दीवान के चुनाव पर ही आधारित है।

  2. इसका एक अन्य नाम ‘परोपकारः एक श्रेष्ठ धर्म’ भी रखा जा सकता था क्योंकि कहानी में दूसरों की मदद और उपकार की बात पर ही बल दिया गया है और इसी आधार पर नए दीवान का चुनाव होना था।


पंक्तियों पर चर्चा

कहानी में से चुनकर यहाँ कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया ? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

“इस पद के लिए ऐसे पुरुष की आवश्यकता थी, जिसके हृदय में दया हो और साथ-साथ आत्मबल । हृदय वह जो उदार हो, आत्मबल वह जो आपत्ति का वीरता के साथ सामना करे। ऐसे गुणवाले संसार में कम हैं और जो हैं, वे कीर्ति और मान के शिखर पर बैठे हैं। ” हुए

उत्तर: दीवान सुजानसिंह ने कहा कि दीवान पद के लिए एक ऐसे योग्य व्यक्ति की आवश्यकता थी जो परोपकारी हो, जिसके मन में दुखी व गरीब लोगों के लिए दया का भाव हो । उन्होंने कहा जो व्यक्ति अपने स्वयं के बल पर भरोसा रखता हो और जो हर परिस्थिति में अपनी वीरता से अपने गुणों का प्रमाण देता हो। वो संसार में यश कमाता है। उसकी सदैव प्रसिद्धि फैलती है और ऐसे गुणवान व्यक्ति संसार में बहुत कम होते हैं।


सोच-विचार के लिए

कहानी को एक बार फिर से पढ़िए, निम्नलिखित के बारे में पता लगाइए और लिखिए-


प्रश्न (क) नौकरी की चाह में आए लोगों ने नौकरी पाने के लिए कौन-कौन से प्रयत्न किए?

उत्तर: नौकरी की चाह में आए लोगों ने अपना अच्छा रूप दिखाने का प्रयास किया, देर से उठने वाले प्रातः काल उठने लगे, नौकरों की नाक में दम करने वाले नौकरों से प्यार से बोलने लगे और किताबों से घृणा करने वाले बड़े-बड़े ग्रंथ पढ़ने का दिखावा करने लगे।


प्रश्न (ख) “उसे किसान की सूरत देखते ही सब बातें ज्ञात हो गई । ” खिलाड़ी को कौन-कौन सी बातें पता चल गई?

उत्तर: जब खिलाड़ी ने किसान को गाड़ी सहित नाले में फँसा देखा तो वह किसान की सूरत देखकर समझ गया कि यह गाड़ी नाले से निकाल नहीं पा रहा और बहुत देर से परेशान है तथा दुखी है।


प्रश्न (ग) “मगर उन आँखों में सत्कार था, इन आँखों में ईर्ष्या ।” किनकी आँखों में सत्कार था और किनकी आँखों में ईर्ष्या थी? क्यों?

उत्तर: युवक की उदारता के कारण उसे दीवानी का पद मिला, जिसके कारण सुजानसिंह और अन्य दरबारियों की आँखों में युवक के प्रति सत्कार की भावना थी परंतु अन्य उम्मीदवारों की आँखों में ईर्ष्या थी क्योंकि उन्हें यह पद नहीं मिला था।


खोजबीन

कहानी में से वे वाक्य खोजकर लिखिए जिनसे पता चलता है कि-


(क) शायद युवक बूढ़े किसान की असलियत पहचान गया था।

उत्तर: “युवक ने किसान की तरफ गौर से देखा । उसके मन में एक संदेह हुआ, क्या यह सुजानसिंह तो नहीं हैं? आवाज मिलती है, चेहरा-मोहरा भी वही । ”


(ख) नौकरी के लिए आए लोग किसी तरह बस नौकरी पा लेना चाहते थे।
उत्तर: ” जिससे बात कीजिए, वह नम्रता और सदाचार का देवता बना मालूम देता था लोग समझते थे कि एक महीने का झंझट है, किसी तरह काट लें, कहीं कार्य सिद्ध हो गया तो कौन पूछता है ?”


कहानी की रचना

“ लोग पसीने से तर हो गए। खून की गरमी आँख और चेहरे से झलक रही थी । ”


इन वाक्यों को पढ़कर आँखों के सामने थकान से चूर खिलाड़ियों का चित्र दिखाई देने लगता है। यह चित्रात्मक भाषा है। ध्यान देंगे तो इस पाठ में ऐसी और भी अनेक विशेष बातें आपको दिखाई देंगी।


कहानी को एक बार ध्यान से पढ़िए। आपको इस कहानी में और कौन-कौन-सी विशेष बातें दिखाई दे रही हैं? अपने समूह में मिलकर उनकी सूची बनाइए।


कहानी को एक बार ध्यान से पढ़िए। आपको इस कहानी में और कौन-कौन-सी विशेष बातें दिखाई दे रही हैं? अपने समूह में मिलकर उनकी सूची बनाइए।


उत्तर: जब किसी पंक्ति को पढ़कर चित्र आँखों के आगे आने लगे तो वहाँ चित्रात्मकता होती है। पाठ में निम्न पंक्तियों में चित्रात्मकता प्रस्तुत होती है-


  1. देवगढ़ में नए-नए और रंग-बिरंगे मनुष्य दिखाई देने लगे।

  2. रंगीन एमामे, चोगे और नाना प्रकार के अंगरखे और कंटोप देवगढ़ में अपनी सज-धज दिखाने लगे।

  3. वह कभी बैलों को ललकारता, कभी पहियों को हाथ से ढकेलता ।

  4. गाड़ी ऊपर को न चढ़ती और चढ़ती भी तो कुछ दूर चढ़कर फिर खिसककर नीचे पहुँच जाती ।

  5. बेचारा इधर-उधर निराश होकर ताकता।

  6. बार- बार झुंझलाकर बैलों को मारता।

  7. किसान ने उनकी तरफ सहमी आँखों से देखा।

  8. कीचड़ बहुत ज्यादा था। वह घुटने तक जमीन में गड़ गया।

  9. उम्मीदवारों के कलेजे धड़क रहे थे।

  10. उन आँखों में सत्कार था, इन आँखों में ईर्ष्या।


समस्या और समाधानं

इस कहानी में कुछ समस्याएँ हैं और उसके समाधान भी हैं। कहानी को एक बार फिर से पढ़कर बताइए कि–


(क) महाराज के सामने क्या समस्या थी? उन्होंने इसका क्या समाधान खोजा ?
उत्तर: महाराज के सामने समस्या थी कि उनकी रियासत के दीवान सुजानसिंह ने दीवानी पद से त्यागपत्र देने की बात कही थी।


राजा ने समस्या का यह समाधान खोजा कि यदि दीवान जी पद छोड़ना चाहते हैं तो उन्हें ही इस राज्य के लिए योग्य दीवान खोजकर देना होगा तब वे पद छोड़ सकते हैं।


(ख) दीवान के सामने क्या समस्या थी? उन्होंने इसका क्या समाधान खोजा?

उत्तर: दीवान के सामने योग्य उम्मीदवार खोजने की समस्या थी। इसके लिए उन्होंने विज्ञापन निकलवाया और उसमें लिखा कि शिक्षा नहीं अपितु आचार, व्यवहार और गुणों को एक महीने तक परखकर उम्मीदवार चुना जाएगा।


(ग) नौकरी के लिए आए लोगों के सामने क्या समस्या थी? उन्होंने इसका क्या समाधान खोजा?

उत्तर: नौकरी के लिए आए लोगों को अच्छा बनकर दिखाना था इसके लिए उन्होंने झूठा दिखावा शुरू कर दिया। उन्होंने मीठा और नम्र व्यवहार शुरू कर दिया। प्रात:काल उठना, पुस्तकें पढ़ना इत्यादि दिखावा शुरू कर दिया।


मन के भाव

“स्वार्थ था, मद था, मगर उदारता और वात्सल्य का नाम भी न था । ”


इस वाक्य में कुछ शब्दों के नीचे रेखा खिंची हुई है। ये सभी नाम हैं, लेकिन दिखाई देने वाली वस्तुओं, व्यक्तियों या जगहों के नाम नहीं हैं। ये सभी शब्द मन के भावों के नाम हैं। आप अपनी कहानी में से ऐसे ही अन्य नामों को खोजकर नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में लिखिए ।


ये सभी नाम हैं, लेकिन दिखाई देने वाली वस्तुओं, व्यक्तियों या जगहों के नाम नहीं हैं। ये सभी शब्द मन के भावों के नाम हैं। आप अपनी कहानी में से ऐसे ही अन्य नामों को खोजकर नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में लिखिए


उत्तर:


इस वाक्य में कुछ शब्दों के नीचे रेखा खिंची हुई है। ये सभी नाम हैं, लेकिन दिखाई देने वाली वस्तुओं, व्यक्तियों या जगहों के नाम नहीं हैं। ये सभी शब्द मन के भावों के नाम हैं। आप अपनी कहानी में से ऐसे ही अन्य नामों को खोजकर नीचे दिए गए रिक्त स्थानों में लिखिए


अभिनय

कहानी में युवक और किसान की बातचीत संवादों के रूप में दी गई है। यह भी बताया गया है कि उन दोनों ने ये बातें कैसे बोलीं। अपने समूह के साथ मिलकर तैयार कीजिए और कहानी के इस भाग को कक्षा में अभिनय के द्वारा प्रस्तुत कीजिए । प्रत्येक समूह से अभिनेता या अभिनेत्री कक्षा में सामने आएँगे और एक-एक संवाद अभिनय के साथ बोलकर दिखाएँगे ।


अध्यापिका की मदद से छात्र – संवाद रचना कर अभिनय कौशल का प्रदर्शन करें। विशेष- ‘इससे छात्रों की अभिव्यक्ति क्षमता पुष्ट होती है। ‘


उत्तर: अध्यापिका की मदद से छात्र – संवाद रचना कर अभिनय कौशल का प्रदर्शन करें।
विशेष- ‘इससे छात्रों की अभिव्यक्ति क्षमता पुष्ट होती है। ‘


विपरीतार्थक शब्द

“ विद्या का कम, परंतु कर्तव्य का अधिक विचार किया जाएगा।”
‘कम’ का विपरीत अर्थ देने वाला शब्द है ‘अधिक’। इसी प्रकार के कुछ विपरीतार्थक शब्द नीचे दिए गए हैं लेकिन वे आमने-सामने नहीं हैं। रेखाएँ खींचकर विपरीतार्थक शब्दों के सही जोड़े बनाइए-

स्तंभ 1

स्तंभ 2

1. आना

1. निर्दयी

2. गुण

2. निराशा

3. आदर

3. जीत

4. स्वस्थ

4. अवगुण

5. कम

5. अस्वस्थ

6. दयालु

6. अधिक

7. योग्य

7. जाना

8. हार

8. अयोग्य

9. आशा

9. अनादर



उत्तर:
1. → 7
2. → 4
3. → 9
4. → 5
5. → 6
6. → 1
7. → 8
8. → 3
9. → 2


कहावत

“ गहरे पानी में पैठने से ही मोती मिलता है।”


यह वाक्य एक कहावत है। इसका अर्थ है कि कोशिश करने पर ही सफलता मिलती है। ऐसी ही एक और कहावत है, ” जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ ” अर्थात परिश्रम का फल अवश्य मिलता है।


कहावतें ऐसे वाक्य होते हैं जिन्हें लोग अपनी बात को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए प्रयोग करते हैं। आपके घर और पास-पड़ोस में भी लोग अनेक कहावतों का उपयोग करते होंगे।


नीचे कुछ कहावतें और उनके भावार्थ दिए गए हैं। आप इन कहावतों को कहानी से जोड़कर अपनी लेखन-पुस्तिका में लिखिए।


  • अधजल गगरी छलकत जाए जिसके पास थोड़ा ज्ञान होता है, वह उसका दिखावा करता है।

  • अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत – समय निकल जाने के बाद पछताना व्यर्थ होता ‘है।

  • एक अनार सौ बीमार कोई ऐसी एक चीज़ जिसको चाहने वाले अनेक हों।

  • जो गरजते हैं वे बरसते नहीं हैं-जो अधिक बढ़-चढ़कर बोलते हैं, वे काम नहीं करते हैं।

  • जहाँ चाह, वहाँ राह-जब किसी काम को करने की इच्छा होती है, तो उसका साधन भी मिल जाता है।


(संकेत – विज्ञापन में तो एक नौकरी की बात कही गई थी, लेकिन उम्मीदवार आ गए हजारों । इसे कहते हैं – एक अनार सौ बीमार ।)
उत्तर:

  1. ज्ञान में अधिक रुचि ना होने पर भी कुछ उम्मीदवार बड़े-बड़े ग्रंथों में डूबे रहते और अकड़कर चलते इसे कहते हैं – अधजल गगरी छलकत जाए।

  2. जब पंडित जानकीनाथ का दीवान के लिए चुनाव हुआ तब अन्य उम्मीदवार सोचने लगे कि काश ! हमने उस समय किसान की मदद की होती तो आज हमारा चयन होता पर अब पछताए होत क्या जब चिड़ियाँ चुग गई खेत।

  3. देवगढ़ में आए सभी उम्मीदवार नम्रता की मूर्ति बने हुए थे। परंतु जब किसान पर दया की बात आई तब सब पीछे हट गए। इसीलिए कहते हैं जो गरजते हैं वे बरसते नहीं हैं।

  4. युवक घायल था परंतु दूसरों की मदद करने की उसकी चाह के कारण वो किसान की गाड़ी नाले से बाहर निकाल पाया। इसे कहते हैं- जहाँ चाह वहाँ राह।


पाठ से आगे

अनुमान या कल्पना से


(क) “ दूसरे दिन देश के प्रसिद्ध पत्रों में यह विज्ञापन निकला ”
देश के प्रसिद्ध पत्रों में नौकरी का विज्ञापन किसने निकलवाया होगा? आपको ऐसा क्यों लगता है?

उत्तर: देश के प्रसिद्ध पत्रों में दीवान सुजानसिंह जी ने विज्ञापन निकलवाया होगा क्योंकि नए दीवान को चुनने की जिम्मेदारी उन्हीं पर थी और इसी के लिए उन्होंने यह उपाय सोचा होगा।


(ख) “इस विज्ञापन ने सारे में मुल्क तहलका मचा दिया ”।
विज्ञापन ने पूरे देश में तहलका क्यों मचा दिया होगा?

उत्तर: विज्ञापन में रियासत के नए दीवान के चयन के बारे में लिखा था कि दीवान का चयन किसी शिक्षा की डिग्री के आधार पर नहीं अपितु, आचार-व्यवहार के आधार पर होगा। लोगों को ऐसे ऊँचे पद में किसी प्रकार का बंधन नहीं दिखा। इसीलिए सबमें खुशी से तहलका मच गया।


विज्ञापन – विज्ञापन संबंधी कार्य छात्र अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें। यह रचना कौशल से संबंधित कार्य है।

विज्ञापन

“दूसरे दिन देश के प्रसिद्ध पत्रों में यह विज्ञापन निकला कि देवगढ़ के लिए एक सुयोग्य दीवान की ज़रूरत है।”


(क) कहानी में इस विज्ञापन की सामग्री को पढ़िए। इसके बाद अपने समूह में मिलकर इस विज्ञापन को अपनी कल्पना का उपयोग करते हुए बनाइए।

(संकेत— विज्ञापन बनाने के लिए आप एक चौकोर कागज़ पर हाशिया बनाइए। इसके बाद इस हाशिए के भीतर के खाली स्थान पर सुंदर लिखाई, चित्रों, रंगों आदि की सहायता से सभी आवश्यक जानकारी लिख दीजिए। आप बिना रंगों या चित्रों के भी विज्ञापन बना सकते हैं।)


(ख) आपने भी अपने आस-पास दीवारों पर, समाचार-पत्रों में या पत्रिकाओं में, मोबाइल फोन या दूरदर्शन पर अनेक विज्ञापन देखे होंगे। अपने किसी मनपसंद विज्ञापन को याद कीजिए। आपको वह अच्छा क्यों लगता है? सोचकर अपने समूह में बताइए । अपने ‘समूह के बिंदुओं को लिख लीजिए।


(ग) विज्ञापनों से लाभ होते हैं, हानि होती हैं, या दोनों? अपने समूह में चर्चा कीजिए और चर्चा के बिंदु लिखकर कक्षा में साझा कीजिए।


आगे की कहानी

प्रश्न: ‘परीक्षा’ कहानी जहाँ समाप्त होती है, उसके आगे क्या हुआ होगा। आगे की कहानी अपनी कल्पना से बनाइए।

उत्तर: कहानी का अंत इस बात पर हुआ कि पंडित जानकीनाथ को सुजानसिंह ने दीवान घोषित कर उनकी अच्छाई सबको बताई। इसके बाद सभी पंडित जानकीनाथ की जय जयकार करने लगे। राजा ने भी उन्हें दीवान के पद पर नियुक्त कर बहुत से उपहार दिए । सुजानसिंह का भव्य विदाई समारोह हुआ और सभी प्रजा ने अपने प्रिय दीवान सुजानसिंह को नम आँखों से विदाई दी। साथ ही नए दीवान पंडित जानकीनाथ को भी स्वीकार किया। जानकीनाथ भी पहले दीवान की ही भाँति प्रजा का ध्यान रखते हुए कार्य करने लगे।


आपकी बात

(क) यदि कहानी में दीवान साहब के स्थान पर आप होते तो योग्य व्यक्ति को कैसे चुनते ?
उत्तर: यदि हम दीवान के स्थान पर रहते तो हम उम्मीदवारों को कोई समस्या बताकर उसका हल ढूँढ़ने के लिए कहते साथ ही उनके समक्ष न्याय के कुछ मुकदमे बनाकर पेश करते और परखते कि वे कैसे न्याय कर रहे हैं। साथ ही ज्ञान के कुछ प्रश्न भी पूछ सकते थे।


(ख) यदि आपको कक्षा का मॉनिटर चुनने के लिए कहा जाए तो आप उसे कैसे चुनेंगे? उसमें किन-किन गुणों को देखेंगे? गुणों की परख के लिए क्या-क्या करेंगे?

उत्तर: यदि मुझे कक्षा का मॉनिटर चुनने के लिए कहा जाए तो मैं कक्षा में उस बच्चे का चुनाव करूँगा जो पढ़ने में अच्छा हो, सबसे प्यार से बात करता हो, पढ़ाई में और काम पूरा करने में दूसरों की सहायता करता हो । इसके लिए हम उसे कुछ दिन मॉनिटर का कार्य देकर परख भी सकते हैं।


नया – पुराना

“कोई नए फैशन का प्रेमी, कोई पुरानी सादगी पर मिटा हुआ।”
हमारे आस-पास अनेक वस्तुएँ ऐसी हैं जिन्हें लोग नया फैशन या पुराना चलन कहकर दो भागों में बाँट देते हैं। जो वस्तु आपके माता- -पिता या दादा-दादी के लिए नई हो, हो सकता है वह आपके लिए पुरानी हो, या जो उनके लिए पुरानी हो, वह आपके लिए नई हो। अपने परिवार या परिजनों से चर्चा करके नीचे दी गई तालिका को पूरा कीजिए-


मेरे लिए नई वस्तुएँ

मेरे लिए पुरानी वस्तुएँ

परिवार के बड़ों के लिए नई वस्तुएँ

परिवार के बड़ों के लिए पुरानी वस्तुएँ







उत्तर:


मेरे लिए नई वस्तुएँ

मेरे लिए पुरानी वस्तुएँ

परिवार के बड़ों के लिए नई वस्तुएँ

परिवार के बड़ों के लिए पुरानी वस्तुएँ

रोबोट

फोन

कंप्यूटर

रेडियो

रॉकेट

टी.वी.

मोबाइल

5 पैसे

पुराने नोट व सिक्के

स्कूटर

कार

लट्टू

संदूक

बैट्री से चलने वाले खिलौने

चॉकलेट

खट्टी-मीठी गोलियाँ



हवाई जहाज

ताँगा



वाद-विवाद

“आपस में हॉकी का खेल हो जाए । यह भी तो आखिर एक विद्या है। ”

क्या हॉकी जैसा खेल भी विद्या है? इस विषय पर कक्षा में एक वाद-विवाद गतिविधि का आयोजन कीजिए। इसे आयोजित करने के लिए कुछ सुझाव आगे दिए गए हैं—


  • कक्षा में पहले कुछ समूह बनाएँ। फिर पर्ची निकालकर निर्धारित कर लीजिए कि कौन समूह पक्ष में बोलेंगे, कौन विपक्ष में।

  • आधे समूह इसके पक्ष में तर्क दीजिए, आधे समूह इसके विपक्ष में।

  • सभी समूहों को बोलने के लिए 5-5 मिनट का समय दिया जाएगा।

  • ध्यान रखें कि प्रत्येक समूह का प्रत्येक सदस्य चर्चा करने, तर्क देने आदि कार्यों में भाग अवश्य लें।


नोट – छात्र ‘रचना कौशल’ का यह विषय अध्यापिका की सहायता से अपने निर्धारित कालांश में समय-सीमा के अंतर्गत करें।


अच्छाई और दिखावा

“हर एक मनुष्य अपने जीवन को अपनी बुद्धि के अनुसार अच्छे रूप में दिखाने की कोशिश करता था । ”


अपने समूह में निम्नलिखित पर चर्चा कीजिए और चर्चा के बिंदु अपनी लेखन – पुस्तिका में लिख लीजिए-


(क) हर व्यक्ति अपनी बुद्धि के अनुसार स्वयं को अच्छा दिखाने की कोशिश करता है। स्वयं को अच्छा दिखाने के लिए लोग क्या-क्या करते हैं? ( संकेत – मेहनत करना, कसरत करना, साफ़-सुथरे रहना आदि)
उत्तर: लोग अपने को अच्छा दिखाने के लिए नए फैशन के कपड़े पहनते हैं। सबसे मीठा बोलने का प्रयास करते हैं। कसरत करके अपने शरीर को हष्ट- ट-पुष्ट बनाते हैं। सभी मेहनत करके खूब धन कमाते हैं और समाज में अपनी पहचान बनाते हैं।


(ख) क्या ‘स्वयं को अच्छा दिखाने में और ‘स्वयं के अच्छा होने’ में कोई अंतर है? कैसे?
उत्तर: हाँ स्वयं को अच्छा दिखाने में और स्वयं अच्छा होने में बहुत अंतर है। कुछ लोग अपने धन, बल और चालाकी से अच्छा बनने का दिखावा करते हैं और समाज में अपना महत्व स्थापित करते हैं। जबकि जो स्वयं अच्छे होते हैं वे सबके सामने सामान्य व्यवहार करते हैं और जरूरत पड़ने पर दूसरों पर उपकार करते हैं, दूसरों की मदद करते हैं तथा हमेशा सबके साथ प्रेम से रहते हैं ।


परिधान तरह-तरह के

“कोट उतार डाला ”


‘कोट’ एक परिधान का नाम है। कुछ अन्य परिधानों के नाम और चित्र नीचे दिए गए हैं। परिधानों के नामों को इनके सही चित्र के साथ मिलाइए। इन्हें आपके घर में क्या कहते हैं? ‘लिखिए-


कोट’ एक परिधान का नाम है। कुछ अन्य परिधानों के नाम और चित्र नीचे दिए गए हैं। परिधानों के नामों को इनके सही चित्र के साथ मिलाइए।


उत्तर:


कोट’ एक परिधान का नाम है। कुछ अन्य परिधानों के नाम और चित्र नीचे दिए गए हैं। परिधानों के नामों को इनके सही चित्र के साथ मिलाइए। इन्हें आपके घर में क्या कहते हैं? ‘लिखिए


आपकी परीक्षाएँ

हम सभी अपने जीवन में अनेक प्रकार की परीक्षाएँ लेते और देते हैं। आप अपने अनुभवों के आधार पर कुछ परीक्षाओं के उदाहरण बताइए | यह भी बताइए कि किसने, कब, कैसे और क्यों वह परीक्षा ली।


(संकेत- जैसे, किसी को विश्वास दिलाने के लिए उसके सामने साइकिल चलाकर दिखाना, स्कूल या घर पर कोई परीक्षा देना, किसी को किसी काम की चुनौती देना आदि। )


उत्तर: एक बार मैं पिकनिक पर गया। वहाँ रस्सी के सहारे सब नीचे उतर रहे थे और पहाड़ी पर चढ़ रहे थे। सब जानते थे कि मैं ऊँचाई से डरता हूँ। परंतु सभी को विश्वास दिलाने के लिए मैं भी उस रस्सी के सहारे पहाड़ी पर चढ़ा। ये मेरे लिए चुनौती थी। परंतु मैंने हिम्मत से इसे पूरा किया। जब मैं पहाड़ी के ऊपर पहुँच गया तो सबने मेरी तारीफ़ की। मैं हिम्मत की परीक्षा में पास हो गया था।


आज की पहेली

आज आपकी एक रोचक परीक्षा है। यहाँ दिए गए चित्र एक जैसे हैं या भिन्न? इन चित्रों में कुछ अंतर हैं। देखते हैं आप कितने अंतर कितनी जल्दी खोज पाते हैं।


आज आपकी एक रोचक परीक्षा है। यहाँ दिए गए चित्र एक जैसे हैं या भिन्न? इन चित्रों में कुछ अंतर हैं। देखते हैं


आज आपकी एक रोचक परीक्षा है। यहाँ दिए गए चित्र एक जैसे हैं या भिन्न? इन चित्रों में कुछ अंतर हैं। देखते हैं आप कितने अंतर कितनी जल्दी खोज पाते हैं


झरोखे से

पाठ में दिए गए क्यू.आर. कोड के माध्यम से आप एक और कहानी पढ़ेंगे। इस कहानी में भी कोई किसी की परीक्षा ले रहा है। यह कहानी हमारे देश के बहुत होनहार बालक और उसके गुरु चाणक्य के बारे में है। इसे हिंदी के प्रसिद्ध लेखक जयशंकर प्रसाद ने लिखा है।


खोजबीन के लिए

पुस्तक में दिए गए क्यू. आर. कोड की सहायता से आप प्रेमचंद के बारे में और जान-समझ सकते हैं, साथ ही उनकी अन्य कहानियों का आनंद भी उठा सकते हैं-


  • ईदगाह

  • नादान दोस्त

  • दो बैलों की कथा 


Learnings of NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 10  Pariksha    

  1. Success is achieved through consistent effort and dedication.

  2. Staying true to oneself is vital in achieving goals.

  3. Life will always throw obstacles, but perseverance leads to success.

  4. Confidence in one’s abilities helps overcome difficulties.

  5. The story emphasises how knowledge and learning are keys to personal growth.


Important Study Material Links for Hindi Chapter 10 Class 6

S.No.

Important Study Materials for Class 6 Hindi Chapter 10

1.

Class 6 Pariksha Important Questions 

2.

Class 6 Pariksha Revision Notes


Conclusion 

Chapter 10 Pariksha from Malhar inspires students to lead a life of honesty and determination. It highlights that exams, both in academics and life, test not just knowledge but character. By understanding the morals embedded in this chapter, students can prepare themselves to face any challenge with resilience and optimism. Use Vedantu's important resources to gain clarity on all exercises and excel in your studies.


Chapter-wise NCERT Solutions Class 6 Hindi (Malhar)


Related Important Links for Hindi Class 6

Along with this, students can also download additional study materials provided by Vedantu for Hindi Class 6.

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Important Links for Class 6 Hindi

1.

Class 6 Hindi NCERT Book

2.

Class 6 Hindi Revision Notes

3.

Class 6 Hindi Important Questions

4.

Class 6 Hindi Sample Papers

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FAQs on NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 10 Pariksha

1. How can students get the Pariksha Class 6 NCERT PDF for offline study?

Locate the “Download PDF” button on this page and click it to save the file. This allows you to access all the Pariksha Class 6 NCERT solutions on your device anytime, even without an internet connection. Check that the downloaded file opens correctly.


2. How to quickly summarize a key scene from 'Pariksha'?

First, read the scene and identify the main characters and the central conflict. Then, write 2-3 sentences describing the key event and its outcome. For example, focus on the farmer's stuck cart, the candidate's help, and Diwan Sujan Singh's observation for a good summary.


3. What is the best way to use NCERT solutions for quick revision?

Scan the solutions for Chapter 10, focusing on the main points of each answer. Pay special attention to the answers for long questions as they summarize key ideas. This method helps reinforce your understanding of the chapter's theme just before an exam.


4. How to understand difficult words in Chapter 10, 'Pariksha'?

Read the sentence containing the difficult word to understand its context. Use the provided glossary in your textbook or refer to the simple explanations in the Vedantu solutions. Try creating a new sentence with the word to confirm your understanding.


5. How to use the solutions for the in-text questions in 'Pariksha'?

First, attempt to answer the in-text questions yourself after reading a section. Then, compare your answer with the provided NCERT solutions. This helps you identify gaps in your understanding immediately and learn the correct way to frame answers as you read.


6. How should one analyse a character's traits in the story 'Pariksha'?

Start by identifying the character's key actions and dialogues in the story. A detailed analysis helps in answering character-based pariksha questions and answers class 6 effectively.

  • List the character's main actions throughout the chapter (e.g., helping the farmer).
  • Note down important things the character says and how others react to them.
  • Identify adjectives that describe these actions, like 'दयालु' (kind) or 'परोपकारी' (altruistic).
  • Connect these traits to the central theme of the story: the importance of character.

7. How can students use NCERT Solutions to self-assess their answers for Chapter 10?

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 10 are a powerful tool for self-evaluation. Use them to check your work after you have honestly attempted to answer the questions on your own.

  • First, solve all the exercise questions from the 'Pariksha' chapter in a separate notebook.
  • Open the solutions and compare your answers one by one with the expert-written answers.
  • Identify any key points or details you might have missed in your version.
  • Pay attention to the structure and language used in the model answers to learn how to frame better responses.

9. How can the provided solutions help prepare for all types of questions from 'Pariksha'?

Use the detailed solutions to prepare for various question formats, from short, fact-based questions to longer, analytical ones. This ensures comprehensive coverage of all important aspects of the chapter.


Segregate your practice based on question type. First, focus on short-answer questions to memorise key plot points. Then, move to long-answer questions which require deeper understanding.



10. How to find and effectively use the Pariksha Class 6 solutions Free PDF?

To get the solutions for offline use, download the Free PDF from the page. Having the PDF on your device allows for flexible and focused preparation without needing an internet connection.


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