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NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 5: Usha (Aroh)

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NCERT Solutions for Class 12 Chapter 5 Hindi - FREE PDF Download

Chapter 5 Hindi Usha captures the essence of a village morning through vivid imagery and dynamic expressions. The poet skilfully paints a lively picture of the dawn, where nature awakens and begins its day. By using unique metaphors and similes, the poet illustrates how the morning transforms the surroundings, making the mundane feel magical. This chapter not only highlights the beauty of the natural world but also reflects the daily routines of village life, encapsulating the harmony between humanity and nature.

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Table of Content
1. Access NCERT Solutions Class 12 Hindi Chapter 5 Usha
2. Learnings of NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 5 Usha
3. Important Study Material Links for Hindi Class 12 Chapter 5
4. Chapter-wise NCERT Solutions Class 12 Hindi - (Aroh) 
5. NCERT Class 12 Hindi Other Books Solutions
6. Related Important Study Material Links for Class 12 Hindi 
FAQs


Our solutions for Class 12 Hindi Aroh NCERT Solutions PDF breaks the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 12 Hindi Syllabus and start practising Hindi Class 12 Chapter 5.


Glance on Class 12 Hindi Chapter 5 (Aroh)

  • The poem Chapter 5 Usha portrays the vibrant essence of a village morning.

  • The poet uses creative metaphors to illustrate the beauty of nature.

  • It highlights the connection between the daily lives of villagers and their environment.

  • The imagery evokes a sense of warmth and positivity associated with dawn.

  • The chapter emphasises the simplicity and charm of rural life.

Access NCERT Solutions Class 12 Hindi Chapter 5 Usha

1. कविता के किन उपमानों को देखकर यह कहा जाता है कि उषा कविता गाँव की सुबह का गतिशील शब्द चित्र हैं?

उत्तर: उषा कविता में कवि ने गाँव की सुबह का एक गतिशील शब्द – चित्र खींचा है जो अद्वितीय है। कवि ने प्रकृति की गति को शब्दों में बदलने के लिए एक अद्भुत प्रयोग और प्रयास किया है। निम्न झांकी ग्रामीण जीवन की गतिशील झांकी को दर्शाता हैं:

इस गाँव का चौक राख से लीपा हुआ है,वहाँ सिल है और स्लेट  की कालिमा पर चाक के रंग से मिले अदृश्य बच्चो के नन्हे हाथ है। कवि के अनुसार यह एक ऐसे दिन की शुरुआत है, जहां राग है, गीत है और भविष्य की आभा है।


2. भोर का नभ

राख से लीपा हुआ चौक 

(अभी गीला पड़ा है)

नई कविता में कोष्ठक, विराम चिह्नो और पंक्तियों के बीच  का स्थान भी कविता को अर्थ देता है। उपरोक्त पंक्तियों में कोष्ठक से कविता में क्या विशेष अर्थ पैदा हुआ है? समझाइए।

उत्तर: कोष्ठक में लिखी गई पंक्ति “ अभी गीला पड़ा है” ये ऐसा अर्थ दे रहा है कि चौक की राख से हुई लीपाई  अभी – अभी समाप्त हुई है।यदि आप इस पंक्ति को भोर से जोड़ते हैं, तो ऐसा लगता है कि सूरज उगने से पहले रात का रंग आसमान से बाहर आने लगा। इसलिए आसमान का रंग राख की तरह धूसर हो गया। जिसे ओस ने गीला कर दिया। यानी वातावरण में नमी भी मौजूद थी और इस समय मौसम सुहावना हो रहा था। कवि ने गाँव में भोर के समय चूल्हा जलाने वाली महिलाओं को सुंदर तस्वीर  का वर्णन किया है और इसे “भोर “ के साथ मिलन  करते हुए इसका अद्भुत चित्रण किया है।


3. अपने परिवेश के उपमानो का प्रयोग करते हुए सूर्योदय और सूर्यास्त का शब्द चित्र खींचिए।

उत्तर: उषा कविता में कवि ने बताया है कि सुबह के समय सूर्य का उगना ऐसा लगता है जैसे यह आकाश और धरती के बीच की जगह को अपने सुनहरे रंग की रोशनी से भर देता है। उस समय सब अपने दिन की शुरुआत करते हैं। दिन धीरे- धीरे चलता है। जैसे सूर्यास्त के समय हम अपनी वेशभूषा बदलते हैं और सो जाते हैं। उसी तरह, सूरज भी हल्के लाल रंग की वेशभूषा पहनकर सोने के लिए तैयार हो जाता है। जिसे देखकर, हम सभी अपने दैनिक काम निपटा कर सोने की तैयारी में जुट जाते हैं। सूर्य उदय जीवन में एक नई उमंग लाता है और नए कार्य की शुरुआत के लिए एक जोश प्रदान करता है वहीँ सूर्यास्त जीवन में अपने सारे काम समाप्त करके आराम करने की ओर अग्रसर करता है।


4. सूर्योदय का वर्णन लगभग सभी बड़ी कविताओं में किया है। प्रसाद की कविता ‘ बीती विभवरी जाग री ‘ और अज्ञेय की ‘ बावरा अहेरी ' की पंक्तियां आगे दी गई है। उषा कविता के समानांतर इन कविताओं को पढ़ते हुए नीचे दिए गए बिंदुओं पर तीन कविताओं का विश्लेषण कीजिए और यह भी बताइए कि आपको कौन-कौन सी कविता ज्यादा अच्छी लगी और क्यों?

*उपमान     * शब्द चयन   * परिवेश

बीती विभावरी जाग री!

अंबर पनघट में डुबो रही,

तारा घट उषा नागरी।

खग- कुल कुल – कुल सा बोल रहा,

किसलय का अंचल डोल रहा,

लो यह लतिका भी भर लाई,

मधु मुकुल नवल रस गागरी,

अधरों में राग अमंद पिए,

आलको में मलमज बंद किए,

तू अब तक सोई है आली,

आंखों में भरे विहाग री।

(जयशंकर प्रसाद)

भोर का बावरा अहेरी,

पहले बिछाता है आलोक की,

लाल-लाल कनियां,

पर जब खींचता जाल को बांध लेता है

सभी को साथ,

छोटी-छोटी चिड़िया, मंझोले परवे,

बड़े-बड़े पंखी,

डैनो वाले डील वाले डैन बैडौल,

उड़ने जहाज,

कलस – तिसूल वाले मंदिर शिवर से ले

तार घर की नाटी मोटी चिपटी गोल

धुस्सो वाली उपयोग सुंदरी,

बेपनाह कायाको:

गोधुलि की धूल को, मोटरों के धूल को,

पाक के किनारे पुष्पिताग्रह कणिकार की,

आलोचक-खची तन्वि रूप-रेखा को,

और दूर कचरा चलानेवाली कल की,

उंद्दड चिमनियों को, जो

धुआं यो उगेलती है मानो उस मात्र से,

अहेरी को हरा देगी।

(सच्चिदानंद हीरानंद ‘अज्ञेय’)

उत्तर: उपरोक्त दी गई गई कविताएं बहुत ही शानदार प्रतीत होती हैं। यह तीनों ही उत्कृष्ट है, जयशंकर प्रसाद जी की कविता नि:संदेह बहुत ही अच्छी है। इस कविता के उपमानो की बात करें तो प्रकृति का जितना सुंदर चित्रण प्रसाद जी ने किया है, वैसा अन्य कविताओं में देखने को नहीं मिला। हिंदी कविता में प्रकृति का मानवीकरण बहुत सुंदर रूप से किया गया है। प्रकृति का ऐसा सुंदर और अद्भुत चित्रण केवल इनकी कविताओं में ही पाया जाता है।

उपमान:  अब इसी कविता में प्रसाद जी ने अंबर को पनघट के रूप में बताया है। इस कविता में प्रसाद जी ने पनघट को स्त्री और तारों को घड़े के समान बताया। ओस से भरी लता युवती है और  पत्तों से भरी डालों को प्रसाद जी ने अंचल बताया है। प्रसाद जी कहते हैं की लता रुपी युविका फूलों रूपी गागर में पराग रूपी शहद भर लाई है।

इस तरह से उपमानो का प्रयोग करके प्रसाद जी ने कविता में प्राण डाल दिए हैं, ऐसा किसी अन्य कवि की कविताओं में नहीं पाया जाता।

शब्द-चयन: प्रसाद जी के शब्द चयन ने कविता में चार चांद लगा दिए हैं। जैसे-बीती विभावरी, तारा घट उषा नागरी,कुल-कुल, आदि शब्दों का प्रयोग कर प्रसाद जी ने कविता में गेयता का गुण डाल दिया।

परिवेश: तीनों कविताओं का विषय एक जैसा ही है लेकिन स्थिति और परिवेश अलग है। ‘उषा’ कविता में कवि ने गांव की भोर को चित्रित किया है। प्रसाद जी ने” बीती विभावरी” में पनघट, नदी और लता का चित्रण किया है।


Learnings of NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 5 Usha

  • Understanding the use of imagery and metaphors in poetry.

  • Recognising the themes of nature and daily life in rural settings.

  • Learn about how poets convey emotions through creative language.

  • Exploring the cultural significance of dawn in village life.

  • Developing a deeper appreciation for the connection between humanity and nature.


Important Study Material Links for Hindi Class 12 Chapter 5

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Important Study Material Links for Chapter 5 

1.

Class 12 Usha Questions

2.

Class 12 Usha Notes


Conclusion

NCERT Solutions of Class 12 Hindi Chapter 5 Usha beautifully encapsulates the awakening of a village at dawn, showcasing the harmonious relationship between nature and the daily lives of its inhabitants. The vivid descriptions and rich imagery used by the poet make this chapter a delightful exploration of rural life. The NCERT Solutions in this PDF will provide insights and explanations to enhance students' understanding and appreciation of the poem's themes and literary techniques.


Chapter-wise NCERT Solutions Class 12 Hindi - (Aroh) 

After familiarising yourself with the Class 12 Hindi Chapter Question Answers, you can access comprehensive NCERT Solutions from all Hindi Class 12 Aroh textbook chapters.



NCERT Class 12 Hindi Other Books Solutions


Related Important Study Material Links for Class 12 Hindi 

You can also download additional study materials provided by Vedantu for Class 12  Hindi.


FAQs on NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 5: Usha (Aroh)

1. What is the main theme of Chapter 5 Usha in NCERT Solutions?

The main theme of Chapter 5 of Usha in NCERT Solutions is the portrayal of the beauty and vibrancy of a village morning, highlighting the connection between nature and daily life.

2. How does the poet illustrate the morning in the NCERT Chapter 5 poem Usha?

The poet illustrates the morning in Chapter 5 of Usha in NCERT Solutions using vivid imagery and dynamic metaphors that create a lively picture of dawn in a rural setting.

3. What literary devices are used in Class 12 Hindi Chapter 5 Usha?

Chapter 5 Usha in NCERT Solutions employs literary devices such as metaphors, similes, and personification to effectively convey emotions and describe nature.

4. How does NCERT Class 12 Hindi Chapter 5 Usha reflect rural life?

Usha reflects on rural life in Chapter 5 of NCERT Solutions by showcasing the daily routines of villagers and their harmonious relationship with the surrounding natural world.

5. What emotions does the poet evoke through the Class 12 Hindi poem Usha?

The poet evokes feelings of warmth, joy, and positivity associated with the arrival of dawn and the beginning of a new day in Chapter 5 Usha of NCERT Solutions. 

6. What can students learn from studying Chapter 5 of Usha?

Students can learn about the significance of nature in poetry, the use of imagery, and how to appreciate the beauty of simple rural life through Chapter 5 Usha in NCERT Solutions.

7. Why is imagery important in the Class 12 Hindi poem Usha?

Imagery is important in Chapter 5 Usha of NCERT Solutions as it helps create vivid mental pictures, allowing readers to experience the beauty and essence of the village morning.

8. How does the poet's choice of words enhance the NCERT Class 12 Hindi poem Usha?

The poet's choice of words enhances Chapter 5 Usha in NCERT Solutions by adding musicality and rhythm, making the poem engaging and enjoyable to read.

9. What parallels can be drawn between Usha and other poems about dawn?

Parallels can be drawn in how both Usha and other poems about dawn celebrate new beginnings, the beauty of nature, and the awakening of life in Chapter 5 of Usha of NCERT Solutions.

10. How can students apply the lessons from Chapter 5 Usha in real life?

Students can apply the lessons from Chapter 5 Usha in NCERT Solutions by developing a greater appreciation for nature and recognising the beauty in everyday moments, especially during dawn.