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NCERT Solutions For Class 12 Hindi Antra (Poem) Chapter 8 Pad - 2025-26

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Pad Class 12 Questions and Answers - Free PDF Download

Understanding Hindi poetry can be truly interesting, especially when you explore beautiful poems like "Pad"! If you're looking for pad class 12 question answer solutions, you've come to the right place. This chapter from NCERT Class 12 Hindi Antra brings together meaningful verses that help you connect with our rich literary heritage.

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1. प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं ?

उत्तर - प्रियतमा के दुःख के कारण इस प्रकार हैं: 

  • प्रियतमा का प्रियतम परदेश चला गया है। वह प्रियतम का सान्निध्य पाने के लिए उत्सुक है लेकिन उसकी अनुपस्थिति उसे आहत कर रही है, और उसे अंदर ही अंदर दर्द दे रही है।

  • सावन का महीना शुरू हो चुका है, जिसके कारण उसका अकेले रहना संभव नहीं है,वह प्रियतम की याद में डूबी हुई है। नए वर्ष का आगमन उसे गहरा दुख देता है। 

  • घर का अकेलापन उसे काटने को दौड़ता है।

  • उसे लगता है की उसका प्रियतम प्रदेश जाकर उसे भूल गया है, यह बात अंदर ही अंदर उसे बहुत दुःख देती है।


12:1:9: प्रश्न और अभ्यास: 2

2. कवि 'नयन न तिरपित भेल' के माध्यम से विरहनी नायिका की किस मनोदशा को व्यक्त करना चाहता है?

उत्तर: कवि इन पंक्तियों में नायिका के उस मनोदश का वर्णन करते है, जिनमे नायिका सब कुछ छोड़ कर सिर्फ अपने प्रियतम को निहारते रहना चाहती है। वह अपने प्रियतम के रूप को जितना भी निहारे, उसे तृप्ति नहीं मिलती है वह अतृप्त रहती है। यह पंक्ति नायिका के  मन में,  उसके प्रियतम के लिए  असीम प्रेम को दर्शाता है। उसके प्रियतम का सलोना रूप उसे पल-पल बदलता रहता है और हर बार वह उसकी ओर अधिक आकर्षित होती है। इसलिए नायिका तृप्त नहीं है।


12:1:9: प्रश्न और अभ्यास: 3

3. नायिका के प्राण तृप्त न हो पाने के, कारण अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर:  नायिका अपने प्रियतम को जितना सोचती और याद करती, उतना ही वह बेचैन हो जाती है। प्रियतम का सलोना स्वरूप, उसे मनमोहित करता है। उसे अपने प्रियतम से अथाह प्रेम है, जिसके कारण वह अपने प्रियतम को जितना भी देखे उसे संतुष्टि नहीं मिलती, वह तृप्त नहीं होती है। उसका प्रेम जितना पुराना हो रहा है, उसके प्रेम की गहराई उतनी  ही बढ़ती जा रही है। हर पल, हरदिन उसे अपने प्रेम में एक  नवीनता  महसूस  होती  है। वह बस अपने प्रियतम को देखते रहना चाहती है, ख्यालों में खोई रहती है इसलिए वह तृप्त नहीं हो पाती है।


12:1:19: प्रश्न और अभ्यास: 4

4. 'सेह फिरत अनुराग बखानिअ तिल-तिल नूतन हो’ से लेखक का क्या आशय है ?

उत्तर :  इन पंक्तियों से लेखक का आशय है की, प्रेम में डूबा व्यक्ति कितना भी प्रयास करले लेकिन इस माया से निकल नहीं पाता। कवि कहते हैं की, प्रेम एक ऐसा विषय है, जिसपर कुछ भी व्यक्त करना या टिप्पणी करना संभव नहीं है। प्रेम जितना पुराना होता है उसमे उतना ही गहरापन और नयापन होता है। कवि प्रेम के बारे में लिखने या व्यक्त करने को इसलिए असंभव कहते है क्योंकि कवि के अनुसार प्रेम स्थिर नहीं होता है,इसमें जिंदगी के हर मोड़ पर परिवर्तन और परीक्षाएं होती रहती हैं , इसलिए प्रेम को व्यक्त कर पाना कठिन होता है।


12:1: 9: प्रश्न और अभ्यास:5

5. कोयल और भौरों के कलरव का नायिका पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

उत्तर - कोयल और भौरों के कलरव का नायिका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कोयल का मधुर स्वर और भौरों की गुंजन उसे अपने प्रियतम की याद दिलाते हैं, जिससे उसकी पीड़ा और बढ़ जाती है। वह विरह अग्नि में जल रही है, वह कानो को बंद कर लेती है ताकि उसे कोयल का मधुर स्वर और भौंरों की गुंजन सुनाई न दे। कोयल और भौरों के कलरव नायिका को उसके प्रियतम की याद दिला कर सता रहे हैं।


12:1:9: प्रश्न और अभ्यास: 6

6. कातर दृष्टि से चारों तरफ़ प्रियतम को ढूँढ़ने की मनोदशा को कवि ने किन शब्दों में व्यक्त किया है ?

उत्तर: कवि विद्यापति इसमें नायिका की कातर दृष्टि से चारों तरफ प्रियतम को ढूंढने की मनोदशा को इन पंक्तियों में वर्णित किया है ।

“कातर दिठि करि, चौदस हेरि हेर

नयन गरए जल धारा।"

अर्थात जिस तरह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी, आम दिनों से कमजोर होती है, उसी प्रकार नायिका का शरीर भी उसके प्रेमी की याद में कमजोर होकर धीरे धीरे मिट रहा है। उसकी आँखों से हर समय, आंसुओं की धारा बहती ही रहती है ।


12:1:19: प्रश्न और अभ्यास: 7

7. निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए:

'तिरपित, छन, बिदगध,निहारल, पिरित ,अपजस, छिन, तोहारा, कातिक

उत्तर - 

  • तिरपित - संतुष्टि

  • छन - क्षण

  • बिदगध - विदग्ध

  • निहारल - निहारना

  • पिरित – प्रीति

  • साओन - सावन

  • अपजस - अपयश

  • तोहारा – तुम्हारा

  • कातिक – कार्तिक


12:1:9: प्रश्न और अभ्यास: 8

8. निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए:

(क) एकसरि भवन पिआ बिनु रे मोहि रहलो न जाए।

सखि अनकर दुख दारुन रे जग के पति आए ।।

(ख) जनम अवधि हम रूप निहारल नयन न तिरपित भेल ।। 

सेहो मधुर बोल स्रवनहि सूनल सुति पथ परस न गेल।।

(ग) कुसुमित कानन हेरि कमलमुखि, मूदि रहए दु नयान ।

कोकिल-कलरव, मधुकर धुनि सुनि, कर देइ झाँप कान।।

उत्तर: 

  • इस पद में कवि विद्यापति बता रहे हैं कि, नायिका का प्रियतम विदेश चला गया है तथा वह घर में अकेली है। अपने पति से विरह, उसे इतना परेशान करता है कि, वह अपने दिल की बात अपने सखी को कहती है कि, उसके प्रियतम की अनुपस्थिति उसे बहुत कष्ट और बेचैनी देती है, इस संसार में ऐसा कौन है जो दूसरे के दुःख को समझ पाए।

  • इस पद में कवि विद्यापति बता रहे हैं कि, नायिका किस तरह अतृप्त है । अपने प्रियतम के साथ रहते हुए उसे बहुत समय हो गया है परन्तु वह अभी भी संतुष्ट नहीं हो पायी है। प्रियतम के प्रदेश चले जाने पर वह उसकी विरह में व्याकुल हो जाती है,और ये विरह नायिका को बहुत कष्ट देती है। वह सदैव अपने प्रियतम को निहारती रहती थी, परन्तु उसे तृप्ति नहीं मिली क्योंकि उसे हर बार अपने प्रियतम के रूप तथा वाणी में नवीनता महसूस होती है, इसलिए वह अतृप्त रहती है।

  • इस पद में कवि विद्यापति नायिका के हृदय की स्थिति का वर्णन कर रहे है। प्रियतमा को वसंत ऋतू अच्छा नहीं लगता है। उसका प्रियतम उसके पास नहीं है, प्रियतम से वियोग के कारण वसंत के समय का वातावरण उसके दुःख को और बढ़ा रहा है। कमल के समान सुंदर चेहरे वाली नायिका ने दोनों हाथों से अपनी आँखें बंद कर लीं, जिससे वसंत के समय विकसित होने वाली नई प्रकृति, उसे दिखाई न दे। जब कोयल गाने लगती है और भौरें गुंजन करने लगते हैं, तो वह अपने कान बंद कर लेती है, क्योंकि उनकी मीठी आवाज उसे अपने प्रियतम का स्मरण कराते हैं, और उसकी पीड़ा और बढ़ जाती है।


योग्यता-विस्तार

1. पंडित राय के आधार पर विद्यापति के काव्य में मुख्यतः भाषा की पाँच विशेषताएँ उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर: विद्यापति के काव्य में मुख्यतः भाषा की पाँच विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  • सरल और सहज अवधी भाषा का प्रयोग किया गया है, जिससे पाठक को समझने में आसानी हो।

  • प्रवाहमयी और गेयता की विशेषता है, जिससे कविता में संगीतात्मकता बनी रहती है।

  • अनुप्रास अलंकार का सुंदर प्रयोग किया गया है, जैसे 'जोबर जर' और 'दुःख दगध'।

  • पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार का प्रयोग जैसे 'कँपि-कँपि' शब्द में।

  • भावनाओं को सीधे रूप में व्यक्त करने की क्षमता, जैसे नायिका के दुःख और विरह की गहनता को व्यक्त किया गया है।


2. विद्यापति के गीतों का आदान-प्रदान किस बाजार में उपलब्ध है, उसका मूल्य।
उत्तर: विद्यापति के गीतों का आदान-प्रदान साहित्यिक बाजार में उपलब्ध है। इन गीतों का मूल्य भावनात्मक है, जो प्रेम, विरह और विभिन्न मानवीय अनुभूतियों को व्यक्त करते हैं। ये गीत मनुष्य के अंदर गहन संवेदनाओं को जागृत करते हैं और साहित्यिक मूल्य का निर्माण करते हैं।


3. विद्यापति और जायसी प्रेम के कवि हैं। दोनों की तुलना कीजिए।
उत्तर: विद्यापति और जायसी दोनों प्रेम के कवि हैं, लेकिन दोनों के प्रेम में भिन्नता है। विद्यापति का प्रेम भक्ति और सच्चाई से भरा हुआ है, जहाँ नायिका के मन में अपने प्रियतम के लिए सच्ची तड़प है। वहीं जायसी का प्रेम प्रतीकात्मक और अध्यात्मिक है, जिसमें प्रेम के माध्यम से ईश्वर की खोज का संदेश है। दोनों कवियों का प्रेम का स्वरूप भिन्न होते हुए भी संवेदनाओं से भरा हुआ है और पाठकों को गहरे भावनात्मक अनुभव से परिचित कराता है।


Learnings of NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antra Chapter 8

  • Readers learn about the intensity of emotions that love can evoke, particularly in the context of separation.

  • Chapter 8 encourages reflection on how nature can mirror and amplify human emotions.

  • It illustrates the idea that true love often comes with challenges and hardships.

  • The narrative highlights the importance of understanding and empathising with the feelings of others in similar situations.

  • The chapter serves as a reminder of the power of poetry in expressing complex emotions related to love and longing.


Conclusion

Chapter 8 Pad provides a moving exploration of love and separation, illustrating the emotional depth experienced by individuals in such situations. Through the poignant verses of Vidyapati, the narrative conveys the struggles and beauty of love, encouraging readers to appreciate the complexity of human emotions. The chapter stands as a testament to the enduring power of love and the heartache that often accompanies it.


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