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NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 17 - Kutaj

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Class 12 Hindi NCERT Solutions for Antra Chapter 17 Kutaj

For the excellent preparation resources for Class 12 Hindi in board examinations, the complete study material is available at Vedantu Platform. Here we offer the best preparation resources that include all the books in PDF format, chapter-wise Class 12 Hindi NCERT solutions, sample papers, important questions, all previous years solved papers etc.


Class:

NCERT Solutions for Class 12

Subject:

Class 12 Hindi

Subject Part:

Hindi Part 3 - Antra

Chapter Name:

Chapter 17 - Kutaj

Content-Type:

Text, Videos, Images and PDF Format

Academic Year:

2024-25

Medium:

English and Hindi

Available Materials:

  • Chapter Wise

  • Exercise Wise

Other Materials

  • Important Questions

  • Revision Notes



For CBSE board students or their parents, finding the best study and preparation material during school time is a very challenging job. For this reason, CBSE or the Central Board of Secondary Education has recommended the NCERT textbooks. These are designed by the experts in the field and as per the latest CBSE curriculum. If any student wants to perform well in his school exams, then there is no better substitute for NCERT books and NCERT Solutions.

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Access NCERT Solutions for Hindi Chapter 17 - कुटज

12:1:21: प्रश्न और अभ्यास:1

1. कुटज को ‘गाढे का साथी' क्यों कहा गया है? 

उत्तर: इस पाठ में लेखक ने कुटज के विशेषताओं के बारे में बताया है। लेखक ने बताया है कि कुटज मुश्किल हालात में भी साथ देता है। लेखक ने इसका वर्णन करते हुए कहा है कि कालिदास ने अपनी एक रचना में लिखा है कि जब राम ने गिरी पर्वत विद्यमान बादलों को यक्ष के द्वारा एक निवेदन भेजा, तो वहाँ के मुश्किल हालातों में भी यक्ष को एक कुटज का वृक्ष दिखा। वह वृक्ष ऐसी जगह पर खड़ा था, जहाँ कुछ पनप नहीं सकता था। यक्ष को यह देखकर बड़ी हैरानी हुई। फिर यक्ष ने मेघ को, कुटज का फूल चढ़ाकर प्रसन्न किया। इसलिए कुटज को ‘गाढे का साथी' कहा जाता है।

12:1:21: प्रश्न और अभ्यास:2

2. ‘नाम’ क्यों बड़ा है? लेखक के विचारों को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर: हर व्यक्ति के जीवन में उसके नाम का बहुत ही महत्व होता है। नाम से ही व्यक्ति को पहचान मिलती है। यदि कोई हमें संबोधित करता है, तो वह हमारे नाम से ही हमें संबोधित करता है। यदि किसी को किसी के बारे में बताना हो, तो वह हमें उसका रूप, आकार आदि का वर्णन दिए बिना केवल नाम ही बता दे, तो हम उस व्यक्ति को पहचान सकते हैं। भले ही हम सब व्यक्ति को चेहरे से पहचानते हो परंतु जब तक उस व्यक्ति का हमें नाम न याद आए या नाम न पता चले, तब तक वह पहचान अधूरी ही रहती है। समाज में लोगों को उनके नाम से ही जाना जाता हैं। नाम, समाज के द्वारा स्वीकृत किया गया है। इसलिए कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति कितना भी सुंदर क्यों ना हो परंतु नाम के बिना उसकी पहचान अधूरी ही रहती है। यहाँ तक कि हमने अपने जीवन में और समाज में हर वस्तु और हर प्राणियों को पहचानने के लिए नाम रखा है। आजकल तो लोग, अपने घर के पालतू जानवरों के भी नाम रखते हैं। नाम के प्रयोग वश से ही हमारे अंदर प्राणी और वस्तुओं की छवि बन जाती है। हमारे समाज में हर व्यक्ति और वस्तुओं के नाम उसके धर्म, जाति एवं आकार के आधार पर दिया जाता है।

12:1:21: प्रशन और अभ्यास:3

3. ‘कूट', ‘कुटज' और ‘कूटनी’ शब्दों का विश्लेषण कर, उनमें आपसी संबंध स्थापित कीजिए।

उत्तर: हजारी प्रसाद जी के अनुसार कूट शब्द का दो अर्थ होता है। कूट शब्द का पहला अर्थ ‘घर' होता है एवं दूसरा अर्थ ‘घड़ा' होता है। हजारी प्रसाद जी के अनुसार कुटज शब्द का अर्थ है ‘घड़े से उत्पन्न होने वाला’।‘कुटज’ अगस्त्यमुनि को भी कहा गया है। अगस्त्यमुनि को कुटज इसलिए कहा गया है क्योंकि वह भी घड़े से ही उत्पन्न हुए थे। जहां तक कूट शब्द के दूसरे अर्थ को देखा जाए, उसका अर्थ घर है। हजारी प्रसाद ने कूट शब्द के एक अर्थ को घर बताया है, वैसे ही घर में रहने वाली दुष्ट स्त्री को ‘कुटनी' कहा गया है। कई सारे बिंदु पर यह शब्द परस्पर जुड़े होते हैं और उनके अंदर समानताएं होती है।

12:1:21: प्रशन और अभ्यास:4

4. ‘कुटज', किस प्रकार अपनी अपराजय जीवनी शक्ति की घोषणा करता है?

उत्तर:  इस पाठ में यह दर्शाया गया है कि कुटज का पेड़, एक ऐसे माहौल में जिंदा खड़ा है, जहाँ किसी भी पेड़ पौधे का जी पाना असंभव है। वहां घास तक पैदा नहीं हो सकती है। ऐसे स्थान पर कुटज अपने आप को जीवित रख लेता है। सिर्फ जिंदा ही नहीं, फलता फूलता भी है। वह पथरीले पर्वत में भी अपने लिए जल खोज लेता है। वह ऐसे निर्जन स्थान पर अकेले जीवित रहकर अपराजय होने की जीवन शक्ति की घोषणा करता है।

12:1:21: प्रश्न और अभ्यास:5

5. ‘कुटज’ हम सभी को क्या उपदेश देता है? टिप्पणी कीजिए।

उत्तर: कुटज, कठिन परिस्थितियों मे भी हर यात्राओं को झेलते हुए जिंदा रहता है। वह निर्जन पड़ी जमीन से भी अपने लिए जल और लवण खोज लेता है और वहाँ भी फलता फूलता है। कुटज से हमें यह उपदेश मिलता है कि जीवन में हर कठिन परिस्थितियों का सामना धैर्य और साहस से करना चाहिए। हमें कठिन परिस्थितियों को देखकर घबराना नहीं चाहिए। यदि हम मन में कुछ करने का ठान लेंगे तो वह अवश्य ही पूरा होगा।

12:1:21: प्रशन और अभ्यास:6

6. कुटज के जीवन से हमें क्या सीख मिलती है? 

उत्तर: कुटज के जीवन से हमें कई प्रकार की सीख मिलती है।

1. हमें धैर्य से काम लेना चाहिए और हिम्मत कभी हारना नहीं चाहिए।

2. विकट परिस्थितियों में भी हमें अपने सामंजस्य को भी बनाए रखना चाहिए।

3. अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।

4. हमें खुद पर विश्वास रखना चाहिए और किसी भी परिस्थितियों में लाचार नहीं होना चाहिए।

5. मुसीबत के समय में कभी भी घबराना नहीं चाहिए। हर परिस्थितियों का सामना डट कर करना चाहिए।

6. हमें अपने मेहनत और लगन से जो प्राप्त होता है उसे सहर्ष स्वीकार करना चाहिए।

12:1:21: प्रश्न और अभ्यास:7

7. “कुटज क्या केवल जी रहा है?”- लेखक ने यह प्रश्न उठाकर किन मानवीय कमजोरियों पर टिप्पणी की है? 

उत्तर: लेखक मानवीय कमजोरियों पर हमला करके इस सवाल को उठाता है। लेखक के अनुसार, कुटज का वृक्ष न केवल जीता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि अगर मनुष्य में जीने की इच्छा है, तो वह हर परिस्थिति का आसानी से सामना कर सकता है। वह अपने आत्मसम्मान और गर्व, दोनों की रक्षा करता है। वह किसी से मदद नहीं मांगता बल्कि खुद हिम्मत से रहता है। यह प्रश्न उन मनुष्यों पर लक्षित किया गया है जो थोड़ी सी भी कठिनाई में हिम्मत हार जाते हैं। उनके पास जीने के लिए कारण नहीं होता बल्कि सिर्फ जीने के लिए ही जीते हैं। ऐसे व्यक्ति में हिम्मत और जीने की ललक नहीं होती। ऐसे लोगों के लिए कहा जाता है कि वह मन के हारे होते हैं।

12:1:21: प्रश्न और अभ्यास:8

8. लेखक ऐसा क्यों मानता है कि स्वार्थ से बढ़कर, जिजीविषा से भी प्रचंड, कोई ना कोई शक्ति अवश्य है? उदाहरण सहित उत्तर दीजिए।

उत्तर: मनुष्य का स्वार्थ, हमेशा उसे गलत रास्ते पर ले जाता है। मनुष्य ने अपने स्वार्थवश हि गगनचुंबी इमारतों का निर्माण किया हैहै। बड़े बड़े पुल, आकाश में उड़ने वाले जहाज आदि अनेक ऐसे चीजे बनाए हैं। हमारे जीवन में स्वार्थ की कोई सीमा नहीं है। मनुष्य केवल अपने जीवन को सरल बनाने के लिए अन्य उपकरणों का आविष्कार करता है। उसे दुनिया में अन्य प्राणियों की कोई फिक्र या चिंता नहीं रहती। या केवल स्वार्थ और जिजीविषा है, जो हमें गलत रास्ते पर ले जाती है। इन दोनों के वजह से ही हम खुद को महत्व देते हैं और समाज को भूलते जाते हैं। लेकिन लेखक के नजरों में स्वार्थ और जिजीविषा से भी बढ़कर एक शक्ति मौजूद है जो हर जातियों का कल्याण करती है। कल्याण की भावना उसे महान बनाती है। यह ऐसी भावना है जो मनुष्य को निस्वार्थ और मजबूत बनाती है।

12:1:21: प्रशन और अभ्यास:9

9. कुटज पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए कि  “दुख और सुख तो मन के विकल्प है।”

उत्तर: लेखक के अनुसार दुख और सुख वास्तव में हमारे जीवन का एक वास्तविक अंग है। यदि किसी व्यक्ति का दिमाग उसके नियंत्रण में हो, उसकी जरूरतें सीमित हो, वह स्वस्थ प्रतीत होता हो, उसे किसी प्रकार का विकार ना हो, तो हमारे समाज में उसे खुश समझा जाता है। क्योंकि कोई भी उससे उसकी मर्जी के बिना परेशान नहीं कर सकता। उस व्यक्ति को हमेशा दुख का सामना करना पड़ता है जो हमेशा  दूसरों के कहने पर  चलता है या जिसका मन स्वयं के बजाय दूसरों के हाथ में रहता है। दरअसल, उसका दुख उसके मन की भ्रांति होती है और वह अपने मन में खुशी पैदा ही नहीं करना चाहता। वह हमेशा दूसरों के हाथ की कठपुतलियां बनकर रह जाता हैं और  खुद को दुखी महसूस करता है।

12:1:21: प्रश्न और अभ्यास:10

10. निम्नलिखित गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या कीजिए।

क:- ‘कभी-कभी जो लोगों पर से बेहया दिखते हैं, उनकी जड़ें काफी गहरी पैठी रहती है। यह भी पाषान की छाती फाड़ कर ना जाने किस अतर गहवर से अपना भाग्य खींच लाते हैं।'

उत्तर:  प्रसंग:- प्रस्तुत पंक्तियां हजारी प्रसाद द्विवेदी के द्वारा रचित निबंध “कुटज” से लिया गया है। इस निबंध में लेखक ने कुटज की विशेषता बताई है। लेखक ने ऐसे लोगों की ओर संकेत भी किया है जो स्वभाव से बेशर्म होते हैं लेकिन यह बेशर्मी उनकी विकट परिस्थितियों से लड़ने का परिणाम होती है।

व्याख्या:- इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक कुटज और उन व्यक्तियों के बारे में बात करते हैं जो निराधार प्रतीत होते हैं। लेखक कहते हैं कि कुटज अपने सिर के साथ एक ऐसे वातावरण में खड़ा है जहाँ अच्छे से अच्छे लोग एवं वस्तुएं आश्चर्य हो जाते हैं। कुटज पहाड़ों के चट्टानों पर पाया जाता है। इसके अलावा, वे मौजूदा जल स्रोतों से अपने लिए पानी उपलब्ध करता है। लोगों को कुटज के वृक्ष से सीख लेनी चाहिए। मनोवृति उन प्रतिकूल  से लड़ने का परिणाम है जो कुटा जी के स्वभाव में देखने को मिलती है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो जीवन की हर परिस्थिति से स्वयं लड़ते हैं। लोग इस प्रकृति को बेहोशी का सबूत मांगते हैं। प्रकृति उनकी रक्षा करती है और उन्हें दृढ़ रहने में मदद करती है। ऐसे लोग अपना रास्ता खुद ढूंढ लेते हैं।

ख:- “ रूप व्यक्ति सत्य है, नाम समाज सत्य। नाम उस पद को कहते हैं, जिस पर समाज की मुहर लगी होती है। आधुनिक शिक्षित लोग जिसे,  “ सोशल सेक्शन” कहां करते हैं। मेरा मन नाम के लिए व्याकुल है, समाज द्वारा स्वीकृत, इतिहास द्वारा प्रमाणित, समष्टि मानव के चित्र गंगा में स्नात।”

उत्तर: प्रसंग:- प्रस्तुत, पंक्तियां हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित निबंध कुटज से लिया गया है। इस निबंध में लेखक ने कुटज वृक्ष की विशेषता बताई है। लेखक ने कोटा के वृक्ष की तुलना मनुष्य से की है।

व्याख्या:- इन पंक्तियों में लेखक ने नाम के विशेषता का वर्णन किया है। हर किसी के जीवन में नाम का बहुत अधिक महत्व है। एक व्यक्ति की पहचान उसके नाम से ही होती है। भले ही कोई हमें किसी व्यक्ति के रंग और आकार के बारे में कितना ही क्यों ना बता दे परंतु जब तक हमें उस व्यक्ति का नाम नहीं पता चलेगा तो हम अच्छे से नहीं समझ पाएंगे। नाम ही इंसान की पहचान है और नाम से ही इंसान की पहचान होती है। संसार में हर जीव और वस्तु के लिए एक निश्चित नाम दिया गया है। हर किसी का अपना अस्तित्व होता है और हमें हर किसी की पहचान करना बहुत ही आवश्यक होती है। लेखक कहते हैं कि उनके मन को नाम का अर्थ मिल सकता है और वे इसके लिए व्याकुल हो रहे हैं।

ग:- रूप की तो बात ही क्या है! बलिहारी है इस मादक शोभा की। चारों ओर कुपित यमराज के दारुल निश्वास के सामान धधकती लू में यह हरा भी है और भरा भी है, दुर्जन के चित्र से भी अधिक कठोर पास शान की कारा में रूद्र अध्यात जल स्रोत से बर्बर रस खींचकर सरस बना हुआ है।

उत्तर: प्रसंग:- प्रस्तुत पंक्तियां हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित निबंध कुटज से ली गई है। इस निबंध में लेखक ने कुटज की विशेषताओं के बारे में बताया है।

व्याख्या:- प्रस्तुत पंक्तियों में लेखक ने कुटज के सुंदरता के बारे में लिखा है। लेखक का कहना है कि कुटज का वृक्ष देखने में बहुत सुंदर है। यदि हम वातावरण को देखेंगे तो चारों और भयानक गर्मी होगी। ऐसा लगेगा कि मानो यमराज सांस ले रहे हो। कुटज का वृक्ष भी बहुत गर्म है लेकिन यह झुलसा नहीं हैं । यह वृक्ष हरियाली से आच्छादित है। इसके साथ ही यह फलदार भी है। यह वृक्ष पत्थरों के बीच से अपनी जड़ों के लिए रास्ता बनाता है। लेखक कहते हैं की कुटज का पेड़ अपनी जिंदगी के लिए हर मुश्किल परिस्थिति से लड़ता भी है और सिर उठाकर जीता भी है।

घ:-हृदयेनापराजितः! कितना विशाल वह हृदय होगा जो सुख से, दुःख से, प्रिय से, अप्रिय से, विचलित ना होता होगा। कुटज को देखकर रोमांच हो जाता है। कहां से मिलती है यह अकतोभया वृत्ति, अपराजित स्वभाव, अविचल जीवन दृष्टि ।”

उत्तर: प्रसंग:- प्रस्तुत पंक्तियां हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित निबंध कुटज से ली गई है। इस निबंध में लेखक ने कुटज की विशेषताओं के बारे में बताया है।

व्याख्या:- इन पंक्तियों में लेखक ने कुटज की सुंदरता के बारे में बताया है। लेखक ने यह भी बताया है कि हमें कैसी भी कठिन परिस्थितियों में हार नहीं मानना चाहिए बल्कि उस परिस्थिति का डटकर सामना करना चाहिए । हमें हर परिस्थिति में धैर्य वान होना चाहिए। हमें अपनी मेहनत और ताकत से हर कार्य को पूरा करना चाहिए। यदि हम लगातार कोशिश करते रहेंगे तो कठिन से कठिन परिस्थिति हमारे सामने घुटने टेक लेंगी। निष्पक्ष स्थिति में उभरता हुआ व्यक्ति सोने की तरह चमकता है। जो व्यक्ति भयानक चीटियों को भी पार कर के खुश रह सकता है, उसे जीवन में कुछ भी नहीं हरा सकता।

NCERT Solutions Class 12 Hindi Antra 2 Chapter 17 Kutaj

Class 12 Hindi Antra 2 Chapter 17 Kutaj is written by Shri Hajari Prasad Dwivedi. A wild plant that rises among the dry rocks at the height of the Himalaya Mountains is Kutaj, which produces and contains flowers. This essay has been written on the nature of this flower.


Kutj has neither extraordinary beauty nor fragrance, yet the author has found a message for humans. Kutj has unbeatable vitality, self-reliance, confidence, and in contrast, there is the ability to live gracefully even under any circumstances.


Author Shri Hajari Prasad Dwivedi accepts that even the most common thing can have unique properties. On that basis, he expressed his feeling with an example of Kutaj flower in this essay.

NCERT solutions Hindi Class 12 Antra 2 Chapter 17 Kutaj is written in an easy and understandable language. The complete study material is available for download, free of cost as the best preparation resources for  CBSE 2024-25 Board Hindi examinations.


There are ten questions which the author Shri Hajari Prasad Dwivedi has asked from  Kutaj, that is based on the concept of the story. The solutions for these questions are available on Vedantu website. Our subject expert teachers prepare all answers. They share the latest information in simple language, which they can learn quickly and get high scores in the board examinations.

NCERT Solutions and Latest Syllabus for Class 12 Hindi (Core and Elective):

The latest syllabus for Class 12 Hindi is divided into two divisions Hindi Core and Hindi Elective. The revised syllabus of Hindi Core is split into two sections. Section A includes two books Aroh 2 and Vitan 2, and section B has Aroh 2 book. Aroh 2 (comprises 18 chapters) and Vitan 2 (comprises four chapters) are available in the PDF format on Vedantu.


Hindi Elective syllabus as per CBSE pattern 2024-25 is split into two sections. Two books Antra 2 and Antral 2 are prescribed and included in section A, while Antra part 2 book is for section B.


NCERT Solutions Class 12 Hindi for Antra 2 and Antral part 2 in PDF format available on Vedantu site. Quick links are available here for downloading, free of cost.


There are four chapters in Antral part 2 book, and all NCERT solutions are available with their correct answers in an easy language on Vedantu.


There are 17 chapters in the book Antra part 2 for the  NCERT Solutions Class 12 Hindi. It consists of 17 chapters. Details for the chapters are given with direct links on our webpage as below.


  • Chapter 1 - Devsena Ka Geet , Kaneliya Ka Geet Solutions

  • Chapter 2 - Saroj-Smriti Solutions

  • Chapter 3 - Ye Deep Akela Solutions

  • Chapter 4 - Disha Solutions

  • Chapter 5 - Toro Solutions

  • Chapter 6 - Bharat Solutions

  • Chapter 7 - Barahamasa Solutions

  • Chapter 8 - Pad Solutions

  • Chapter 9 - Kavitha Solutions

  • Chapter 10 - Premdhan Ki Chayya Smriti Solutions

  • Chapter 11 - Sumirini Ke Man Ke Solutions

  • Chapter 12 - Sambadiya Solutions

  • Chapter 13 - Gandhi, Nehru Aur Yasser Arafat Solutions

  • Chapter 14 - Sher, Pehchan, Chaar Haath, Sajha Solutions

  • Chapter 15 - Jaha Koi Wapsi Nehi Solutions

  • Chapter 16 - Dusra Devdas Solutions

  • Chapter 17 - Kutaj Solutions


Why Vedantu Only?

Vedantu provides chapter-wise NCERT solutions for Class 12, Sample-papers with their answers, reference-book solutions, the previous year's solved papers, and this is prepared by expert teachers who have in-depth subject knowledge.


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The revised syllabus is available on Vedantu platform to download for the excellent preparation in 2024-25 Class 12 board exams. Students need to study every chapter from the NCERT textbook to make sure that they have covered all the fundamentals very well. Only then he or she can score well in all the upcoming exams of their academic career. Vedantu is the most downloaded apps and multi-service platform as it provides complete solutions in the country for the chapter-wise Class 12 Hindi NCERT solutions and the latest syllabus as per CBSE pattern for 2024-25.


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Chapter 17 - Kutaj Notes

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Chapter 17 - Kutaj Important Questions


NCERT Textbook Solutions for Class 12 Hindi Antra

NCERT Textbook Solutions for Class 12 Hindi Antra provides chapter-wise answers and explanations for all prose and poetry sections. These solutions help students deepen their understanding of key literary themes and improve their performance in exams.




NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antral

This resource provides detailed, chapter-wise solutions for the NCERT Class 12 Hindi Antral textbook. It helps students understand key themes and concepts, improving their comprehension and exam preparation.




Detailed NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh

These solutions provide in-depth answers and explanations for all chapters in the Class 12 Hindi Aroh textbook. Designed to enhance comprehension and facilitate effective exam preparation, they guide students through key literary concepts and themes.




Comprehensive NCERT Solutions for Class 12 Hindi Vitan

These solutions offer thorough answers and insights for all chapters in the Class 12 Hindi Vitan textbook. Aimed at improving understanding and aiding exam preparation, they help students navigate important literary themes and concepts effectively.




Additional NCERT Books for Class 12 Hindi

Additional NCERT Books for Class 12 Hindi" provides students with a broader range of materials, covering diverse topics in literature and language to enhance their learning and exam preparation.


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Conclusion

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 17 - “Kutaj” serves as a valuable asset for students. These solutions offer profound insights, empowering students to foster a robust understanding of the chapter and approach their examinations with unwavering confidence. We firmly believe that these NCERT Solutions will significantly enhance your comprehension of the chapter’s depth and intricacies. 


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FAQs on NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 17 - Kutaj

1. Class 12 NCERT Books with Solutions for all Subjects for an Excellent Board Exams Preparation is Available at Vedantu Platform or Not?

For all subjects of Class 12, NCERT Books with complete solutions are available at Vedantu and may be downloaded free of cost.

2. NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antra 2 Chapter 17 Kutaj, Written by Shri Hajari Prasad Dwivedi Available on Vedantu is Sufficient to Prepare for the Board Exams?

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3. Is There any Live Tutorial Website Available for the Latest Syllabus and NCERT Books in PDF Format for Class 12 Hindi Board Examination?

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4. Suggest the Best Resource for the Latest and Revised Syllabus for Class 12 Hindi Core and Elective as per CBSE Pattern 2024-25.

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5. Who is the writer of Class 12 Hindi Antra Chapter 17 “Kutaj”?

Antra 2 Chapter 17 “Kutaj” in Hindi for Class 12 has been written by Shri Hajari Prasad Dwivedi. Kutaj is a wild plant that grows amid the arid rocks high in the Himalaya Mountains, producing and containing blooms. This essay is about the characteristics of this flower. You can obtain the Hindi book solutions of  Class 12 Hindi Antra Chapter 17 “Kutaj” by clicking on this NCERT Solution Class 12 Antra, Chapter 17. We've included links to download the entire book or individual chapters in PDF format also at our website.

6. Prove on the basis of Kutaj text that “दुख और सुख तो मन के विकल्प है।”

According to the author, sorrow and happiness are actually a real part of our life. If a person's mind is under his control, his needs are limited, he seems healthy, he does not have any kind of disorder, then he is considered happy in our society. Because no one can harass her without her consent. That person always has to face misery who always follows the instructions of others or whose mind is in the hands of others instead of himself.

7. What does 'Kutaj' preach to all of us? Comment.

Kutaj survives every journey even in difficult conditions. He finds water and salt for himself even from the uninhabited land and flourishes there too. From Kutz, we get the advice that we should face every difficult situation in life with patience and courage. We should not panic after seeing difficult situations. If we decide to do something in our minds, it will surely be fulfilled. Such a person does not have the courage and the urge to live. It is said for such people that they are the losers of the mind.

8. Which human weakness has the author commented on by raising this question, “कुटज क्या केवल जी रहा है?”

The author raises this question by attacking human weaknesses. According to the author, the Kutaj tree not only lives, but also proves that if a man has the will to live, he can easily face every situation. He protects both his self-esteem and pride. He does not ask anyone for help but lives with courage himself. This question is targeted at those human beings who give up on the slightest difficulty. They do not have a reason to live but live only to live.

9. Why does the author believe that more than selfishness, more powerful than life, there must be some power? 

Man's selfishness always leads him on the wrong path. Man has built skyscrapers by his selfishness. Many such things have been built like big bridges, ships flying in the sky etc. There is no limit to selfishness in our life. Man invents other devices only to make his life simpler. He has no concern or concern for other beings in the world. Or is it just selfishness and zealotry, which leads us on the wrong path.


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