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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 13 - Pathjhad Mein Tooti Patiya

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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 - Pathjhad Mein Tooti Patiya PDF Download

Class 10 Hindi syllabus is based on the book Sparsh which is the main textbook for students. Therefore, students need to have Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 Solutions in the free PDF format. The solutions are important so that students can easily score good marks by forming their answers in the best possible way. In the Sparsh textbook Chapter 13, there are different proses provided to test the conceptual knowledge of students. You can easily get NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 and use that to make sure you always stay ahead in class. Students need to ensure that they can understand the concept behind the prose so that they can answer the questions in a better way. With additional help from NCERT Solution for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 Patjhar Me Tuti Pattiyan by Ravindra Kalekar, there is no doubt that students will get all the help that they need to clarify their doubts. Subjects like Science, Maths, English will become easy to study if you have access to NCERT Solution for Class 10 Science, Maths solutions and solutions of other subjects. You can also download NCERT Solutions for Class 10 Maths to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 - Pathjhad Mein Tooti Patiya PDF Download
2. Access NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh- Chapter 13 – पतझर में टूटी पत्तियाँ
    2.1निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए -
    2.2हिंदी लिखित
    2.3(ख) निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
    2.4(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए -
    2.5भाषा अध्यन
    2.6NCERT Solutions Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 PDF Download
    2.7An Overview of Chapter 13 - Pathjhad Mein Tooti Patiya of Class 10 Hindi NCERT Solutions 
    2.8Grasp The Concept
    2.9Take Help From Experts
    2.10Memorize
    2.11Why Should One Choose NCERT Solutions Class 10th Hindi Sparsh Chapter 13?
3. Related Study Materials for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13
4. NCERT Class 10 Hindi Sparsh Chapter-wise Solutions
5. NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions
6. NCERT Study Resources for Class 10 Hindi
FAQs


Class:

NCERT Solutions for Class 10

Subject:

Class 10 Hindi

Subject Part:

Hindi Part 4 - Sparsh

Chapter Name:

Chapter 13 - Pathjhad Mein Tooti Patiya

Content-Type:

Text, Videos, Images and PDF Format

Academic Year:

2024-25

Medium:

English and Hindi

Available Materials:

  • Chapter Wise

  • Exercise Wise

Other Materials

  • Important Questions

  • Revision Notes

Access NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh- Chapter 13 – पतझर में टूटी पत्तियाँ

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए -

1. शुद्ध सोना और गिन्नी का सोना अलग क्यों होता है?

उत्तर : शुद्ध सोना और गिन्नी का सोना अलग इसलिए होता है क्योंकि शुद्ध सोने में किसी प्रकार का मिश्रण  नहीं किया जाता अगर इसी में कुछ मात्रा में ताँबा मिला दिया जाए तो यह गिन्नी बन जाता है। ऐसा करने से सोने की मजबूती और चमक दोनों में बढ़ोतरी हो जाती है। 

2. प्रेक्टिकल आइडियालिस्ट किसे कहते हैं?

उत्तर : प्रैक्टिकल आइडियलिस्ट उन लोगों को कहते हैं जो लोग सभ्य बनते हैं।आदर्शवादी बनकर मौके के  फायदा उठाते हैं, उन्ही को  प्रेक्टिकल आइडियालिस्ट कहते हैं ।

3. पाठ के संदर्भ में शुद्ध आदर्श क्या है ?

उत्तर : शुद्ध आदर्श उन्हें कहते हैं जिसमें फायदा और नुकसान को सोचने की गुंजाइश ना हो।

 4. लेखक ने जापानियों के दिमाग में स्पीड का इंजन लगने की बात क्यों कही है?

उत्तर :  लेखक के द्वारा जापानियों के प्रति ऐसी बात इसलिए कही क्योंकि जापानी लोग विकास की प्रतिस्पर्धा में सबसे आगे है और वे कई महीनों का काम एक ही दिन में समाप्त करने की सोचते हैं।

5. जापानी में चाय पीने की विधि को क्या कहते हैं?

उत्तर : चा-नो-यू यह एक विधि है जिसे जापान में चाय पीने को कहते हैं।

6. जापान में जहाँ चाय पिलाई जाती है, उस स्थान की क्या विशेषता है ?

उत्तर : जापान में जिस स्थान पर चाय पिलाई जाती है, उस स्थान की मुख्य विशेषता शांति है। वहाँ की सजावट परंपरागत तरीके से होती है।वहाँ बहुत शांति और गरीमा के साथ चाय पिलाई जाती है। 

हिंदी लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए -

1. शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना ताँबे से क्यों की गई है? 

उत्तर :  शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना तांबे से इसलिए की गई है क्योंकि व्यवहारिकता में शुद्ध आदर्श समाप्त हो जाते हैं अगर उन्हें सही भाग में व्यवहारिकता में ना मिलाया जाए। इसी प्रकार से शुद्ध सोने में तांबा मिलने पर वह मजबूत तो हो जाता है परंतु अपनी शुद्धता एवं गुणों को खो देता है।

2. चाजीन ने कौन सी क्रियाएँ गरिमापूर्ण ढंग से पूरी कीं?

उत्तर : चाजीन द्वारा अतिथियों का उठकर स्वागत किया गया। और उसने अंगीठी में आग जलाकर और उस पर चाय दानी रखकर चाय के बर्तन लाए और उन्होंने वह बर्तन अच्छे से साफ कपड़े से पोछे और उन बर्तनों में चाय घाल दी। सभी क्रियाएँ अच्छे, गरीमापूर्ण  व सहज ढंग से कीं।

3. टी सेरेमनी में कितने आदमियों को प्रवेश दिया जाता था और क्यों?

उत्तर : टी सेरेमनी  का मुख्य उद्देश्य था कि जिंदगी की भविष्य की भागदौड़ की वजह से  मनुष्य अपनी चिंताओं को भूलकर एक शांत स्थान पर कुछ समय व्यतीत करें। यह स्थान अत्यधिक शांतिपूर्वक था क्योंकि इसमें केवल तीन आदमी एक साथ प्रवेश कर सकते थे।

4. चाय पीने के बाद लेखक ने स्वयं में क्या परिवर्तन महसूस किया?

उत्तर : चाय पीने के बाद लेखक ने स्वयं में यह परिवर्तन  महसूस किया कि उसका दिमाग सुन्न होता जा रहा है, शांत वातावरण को देखकर उन्होंने सोचा कि आने वाले कल की चिंताओं को छोड़कर इस शांत वातावरण में सुख की प्राप्ति करें। उनका दिमाग धीरे-धीरे शांत होता जा रहा है और उनके सोचने की शक्ति भी धीमी पड़ती जा रही थी। 

(ख) निम्नलिखित प्रश्न के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -

1. गाँधीजी में नेतृत्व की अद्भुत क्षमता थी, उदाहरण सहित इस बात की पुष्टि कीजिए ?

उत्तर : गाँधीजी में मार्गदर्शन करने की अद्भुत क्षमता थी। गांधी जी के साथ संपूर्ण भारत की जनता होने के कारण उनके द्वारा कई आंदोलन चलाए गए जैसे भारत छोड़ो आंदोलन सत्याग्रह ,दांडी मार्च और असहयोग आंदोलन आदि। यह सभी आन्दोलन व्यावहारिकता को आदर्शों के स्वर पर चढ़ाकर चलाए गए थे| उन्होंने अहिंसा के रास्ते पर चलकर पूर्ण स्वराज की स्थापना की। भारत वासियों के द्वारा अपने नेता के मार्गदर्शन को पूर्ण सहयोग दिया गया इसी प्रकार से आज हमें अंग्रेजों से आजादी मिली। 

2. आपके विचार से कौन-से ऐसे मूल्य हैं जो शाश्वत हैं? वर्तमान समय में इन मूल्यों की प्रांसगिकता स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : ईमानदारी, सत्य, अहिंसा, परोपकार, जनहित, कावरता, सहनशीलता आदि ऐसे शाश्वत मूल्य हैं जिनकी प्रांसगिकता आज भी है। जितनी जरूरत इनकी पहले थी आज भी उतने ही इनकी जरूरत है। इन्ही मूल्यों पर संसार व्यवहार करता है आज भी हमारे समाज को सत्य और अहिंसा की बहुत जरूरत है। यदि हम आज भी ईमानदारी जीव के प्रति दया और परोपकार, के राह पर चलें तो समाज को टूटने से बचाया जा सकता है।

4. शुद्ध सोने में ताबे की मिलावट या ताँबें में सोना, गाँधीजी के आदर्श और व्यवहार के संदर्भ में यह बात किस तरह झलकती है? स्पष्ट कीजिएl

उत्तर : गाँधीजी जी के द्वारा जीवन भर सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए उनका पालन किया गया। वे आदर्शों को उंचाई तक ले जाते हैं अर्थात जिस प्रकार सोने में तांबे की मिलावट होने पर उसकी कीमत नहीं कम होती। बल्कि तांबे में सोना मिलने के पश्चात तांबे की कीमत और अधिक बढ़ जाती है। उसी प्रकार से गाँधीजी व्यवहारिकता की कीमत जानते थे। वे अपना विलक्षण आदर्श चला सके क्योंकि वह व्यवहारिकता की कीमत जानते हैं।परंतु अपने आदर्शों को व्यावहारिकता के स्वर पर उतरने नहीं देते थे।

5. गिरगिट कहानी में आपने समाज में व्याप्त अवसरानुसार अपने व्यवहार को पल-पल में बदल डालने की एक बानगी देखी। इस पाठ के अंश गिन्नी का सोना का संदर्भ में स्पष्ट कीजिए कि 'अवसरवादिता' और 'व्यवहारिकता' इनमें से जीवन में किसका महत्व है ?

उत्तर : गिरगिट कहानी में स्वार्थी इंस्पेक्टर  मौका मिलते ही पल भर में अपना रंग एवं व्यहावर दोनो ही बदल लेता है। आदर्श शुद्ध सोने के समान है इसमें व्यवहारिकता का तांबा मिलाकर इसको उपयोगी बनाया जा सकता है  लेखक द्वारा गिन्नी का सोना कहानी में इस बात पर जोर दिया गया है। यदि समाज का प्रत्येक व्यक्ति आदर्शों को पीछे छोड़ कर आगे बढ़े तो समाज विनाश की ओर जा सकता है। गुणवान लोगों को पीछे छोड़ कर केवल व्यवहारवादी लोग ही आगे बढ़ जाते हैं। जहां नैतिकता और जीवन के मूल्यों का विकास हो वास्तव में समाज की उन्नति सही मायने में वहीं मानी जाती हैं।

6. लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के क्या-क्या कारण बताए? आप इन कारणों से कहाँ तकसहमत हैं ?

उत्तर : लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के निम्नालिखित कारण बताएँ हैं जैसा कि मनुष्य का दिमाग बहुत तीव्रता  से चलाता नही बल्कि तीव्रता  से दौड़ता है। वह एक महीने का काम एक दिन में करना चाहता है, वह मन ही मन बड़बडाता है। अधिक सोचने के कारण उसके दिमाग का तनाव बढ़ जाता है।मानसिक रोगों का प्रमुख कारण प्रतिस्पर्धा के कारण दिमाग का अनियंत्रित गति से कार्य करना है।

7. लेखक के अनुसार सत्य केवल वर्तमान है, उसी में जीना चाहिए। लेखक ने ऐसा क्यों कहा होगा? स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर : लेखक के अनुसार वह वर्तमान को ही सत्य मानते हैं और कहते हैं कि प्रत्येक मनुष्य को वर्तमान में ही जीना चाहिए परंतु मनुष्य ऐसा नहीं करता या तो वह बीते हुए कल की बातों को सोचता रहता है या फिर आने वाले भविष्य के लिए सपने देखता रहता है। वास्तव में दोनों ही काल असत्य है। वर्तमान ही सत्य है और हमें उसी में जीना चाहिए।

(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए -

1. समाज के पास अगर शाश्वत मूल्यों जैसा कुछ है तो वह आर्दशवादी लोगों का ही दिया हुआ है।

उत्तर : सत्य में आदर्श व्यवहार ही व्यवहारिकता है इसमें आदर्शवाद कहीं नहीं है। आदर्शवादी लोग समाज को केवल आदर्श के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।

2. जब व्यवहारिकता का बखान होने लगता है तब प्रेक्टिकल आइडियालिस्टों के जीवन से आदर्श धीरे धीरे पीछे हटने लगते हैं और उनकी व्यवहारिक सूझ-बूझ ही आगे आने लगती है ?

उत्तर : वास्तव में अवसरवादी का दूसरा नाम ही व्यवहारिकता है। वहां आदर्श टिक नही पाते जहाँ पर व्यवहारिकता विद्यमान होती है।

3. हमारे जीवन की रफ़्तार बढ़ गई है। यहाँ कोई चलता नहीं बल्कि दौड़ता है। कोई बोलता नहीं, बकता है। हम जब अकेले पड़ते हैं तब अपने आपसे लगातार बड़बड़ाते रहते हैं।

उत्तर :  हर व्यक्ति अपने जीवन में कुछ ना कुछ अधिक पाने के लिए निरंतर भागदौड़ करता रहता है। दूसरों से आगे निकलने की इस होड़ ने लोगों का सुख चेन सब  छीन लिया है। इससे लोगों में निराशा व तनाव अधिक बढ़ रहा है।

4. सभी क्रियाएँ इतनी गरिमापूर्ण ढंग से की कि उसकी हर भंगिमा से लगता था मानो जयजयवंती के सुर गूँज रहे हों।

उत्तर : चाय परोसने वाले ने सभी क्रियाएं इतनी गरिमा पूर्ण तरीके से की जैसे झुककर नमन करना बरतन साफ करना, फिर उनमें चाय डालना। सभी शांतिपूर्ण और सुंदरता से किए उसे देख कर ऐसा लग रहा था मानो कोई कलाकार बड़े ही सुन्दर सुर में गीत गा रहा हो ।

भाषा अध्यन

1. नीचे दिए गए शब्दों का वाक्यों में प्रयोग किजिए

व्यावहारिकता, आदर्श, सूझबूझ, विलक्षण, शाश्वत

उत्तर : 

(क) व्यावहारिकता - पिताजी की व्यावहारिकता सीखने योग्य है ।

(ख) आदर्श - आज के युग में गाँधी जैसे आदर्शवादिता की आवश्कता है। 

(ग) सूझबूझ - तुम्हारी सूझबूझ ने आज मेरी जान बचाई।

(घ) विलक्षण - राम की अपने विषय में विलक्षण प्रतिभा है। 

(ङ) शाश्वत - सत्य, अहिंसा मनुष्य जीवन के शाश्वत नियम हैं।

2. नीचे दिए गए द्वंद्व समास का विग्रह कीजिए-

(क) माता-पिता

(ख) पाप-पुण्य

(ग) सुख-दुख

(घ) रात-दिन

(ड) अन्न-जल

(च) घर बाहर

(छ) देश-विदेश 

 उत्तर: 

(क) माता-पिता  =  माता और पिता  

( ख) पाप-पुण्य   =  पाप और पुण्य

(ग) सुख-दुख   =   सुख और दुख

(घ) रात दिन    =   रात और दिन

(ङ) अन्न-जल  =   अन्न और जल

(च) घर बाहर  =   घर और बाहर

(छ) देश-विदेश  =   देश और विदेश

3. नीचे दिए गए विशेषण शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाइए

(क) सफल =

(ख) विलक्षण =

(ग) व्यावहारिक =

(घ) सजग =

(ङ) आर्दशवादी=

(च) शुद्ध=

उत्तर :

(क) सफल = सफलता

(ख) विलक्षण= विलक्षणता

(ग) व्यावहारिक = व्यावहारिकता

(घ) सजग = सजगता

(ङ) आर्दशवादी = आर्दशवादिता

(च) शुद्ध = शुद्धता

4. नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित अंश पर ध्यान दीजिए और शब्द के अर्थ को समझिए-

शुद्ध सोना अलग है।

बहुत रात हो गई अब हमें सोना चाहिए।

ऊपर दिए गए वाक्यों में 'सोना' का क्या अर्थ है? पहले वाक्य में सोना' का अर्थ है धातु स्वर्ण । दुसरे वाक्य में 'सोना' का अर्थ है सोना' नामक क्रिया। अलग-अलग संदर्भों में ये शब्द अलग अर्थ देते हैं अथवा एक शब्द के कई अर्थ होते हैं। ऐसे शब्द अनेकार्थी शब्द कहलाते हैं। नीचे दिए गए शब्दों के भिन्न-भिन्न अर्थ स्पष्ट करने के लिए उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए

उत्तर, कर, अंक, नग

 उत्तर: 

(क) 

उत्तर   -  तुमने सभी प्रश्नों के उत्तर लिख लिए हैं।

                       मुझे उत्तर दिशा में जाना है।

(ख) 

कर  -  उसने सभी कर चुका दिए हैं।

         संसद जी ने अपने कर कमलों से दीप प्रज्ज्वलित किया।

(ग) 

अंक - रोहन के परीक्षा में अच्छे अंक आए हैं।

         कन्हैया अपनी मैया की अंक में बैठा है। 

(घ)

 नग -  हीरा एक मूल्यवान नग है।

          हिमालय पर्वत एक बड़ा नग  है।

5. नीचे दिए गए वाक्यों को संयुक्त वाक्य में बदलकर लिखिए -

(क) 

1. अँगीठी सुलगायी।

2. उस पर चायदानी रखी।

उत्तर: अँगीठी सुलगायी और उसपर चायदानी रखी। 

(ख) 

1. चाय तैयार हुई ।  

2. उसने वह प्यालों में भरी।

उत्तर: चाय तैयार हुई और उसने वह प्यालों में भरी।

(ग)

1. बगल के कमरे से जाकर कुछ बरतन ले आया।

2. तौलिये से बरतन साफ़ किए।

उत्तर: बगल के कमरे में जाकर कुछ बरतन ले आया और तौलिए से बरतन साफ़ किए ।

6. नीचे दिए गए वाक्यों से मिश्र वाक्य बनाइए-

(क) 

1. चाय पीने की यह एक विधि है।

2. जापानी में उसे चा-नो-यू कहते हैं

उत्तर: यह चाय पीने की एक विधि है जिसे जापानी चा-नो-यू कहते हैं । 

(ख) 

1. बाहर बेढब सा एक मिट्टी का बरतन था।

2. उसमें पानी भरा हुआ था।

उत्तर: बाहर बेढब सा एक मिट्टी का बरतन था जिसमें पानी भरा हुआ था।

(ग) 

1. चाय तैयार हुई ।

2. उसने वह प्यालों में भरी।

3. फिर वे प्याले हमारे सामने रख दिए

उत्तर: जब चाय तैयार हुई तो उसने प्यालों में भरकर हमारे सामने रख दी।

NCERT Solutions Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 PDF Download

With the help of Class 10th Hindi Sparsh Chapter 13 solutions, students can learn to understand the chapter better. You need to work hard when it comes to Hindi chapters and these solutions are just the help students might need. That is one of the main reasons why Vedantu is offering the best and the most precise solutions that anyone would want. All the solutions for Chapter 13 Patjhar Me Tuti Pattiyan are prepared by experts and provide every possible insight that students might need to get a hold on the chapter. You can refer to these questions and find the possible answers to make your work easier.


These following tips might be able to help you get a better understanding of Hindi NCERT Class 10 Sparsh Chapter 13. Make sure that you understand every single thing that we are trying to tell you so that you can avail the benefits in a better way.

An Overview of Chapter 13 - Pathjhad Mein Tooti Patiya of Class 10 Hindi NCERT Solutions 

In the context presented by the author in the present text, the first episode (Ginny's gold) introduces not those who gather happiness and resources in life, but those people who have made this world to be lived and livable for all. Huh. The author says that there is a lot of difference between pure gold and gold coins, a little bit of copper is added to the gold coin, due to which it shines more and it is also stronger. Women often make jewellery out of the same gold coins. The author says that the high character of a person is also like pure gold, there is no adulteration in it. There are also some people who mix copper i.e. adulterated behaviour in their character, they all praise them by calling them practical idealists. 


The author wants to tell all of us that we should not forget that the description is never of ideals, but of your behaviour. Some say that Gandhiji was also one of the practical idealists. If Gandhiji had not given importance to his ideals, then the whole country would not have stood shoulder to shoulder with him all the time. People who pay attention only to their behaviour, think only in a scientific way, are called behaviourist people, and these people are always worried that they do not do any work due to which they have to suffer. The most important thing is to progress yourself and take others forward along with you and this work has always been done by people who have always put ideals at the forefront. If there are many values ​​left in our society, then they have survived only because of idealistic people.


The second episode (Genuine of Zen) is reminiscent of the method of meditation described in Buddhist philosophy, due to which the people of Japan still manage to find some relaxation or relaxation in the midst of their busy day's work.


When the author asked his Japanese friend about the most dangerous disease there, he said that the people of Japan have to suffer the most from mental illness. On asking the reason for the writer's mental illness, the writer's friend replied that the speed of his life is more than others. In Japan, no one walks comfortably but runs, that is, everyone is thinking of going ahead of each other. No one talks comfortably, they only talk about work. The people of Japan got into competition with America, due to which they started trying to finish the work that was completed in a month in one day. This is the reason that mental illness has spread among the people of Japan.


The author says that one evening his Japanese friend took him to a special event for cha-no-yu, or tea drinking in Japan. The place where the author and his friend had gone for a tea party was a six-story building. On its roof, there was a sliding wall that had been painted on and a hut of leaves with mats on the ground. Outside it was an earthen pot filled with water. 


The writer and his friend washed their hands and feet with that water and went inside. Inside was a person who gave tea called Chanij. Seeing them, he stood up. He bowed down to them and showed them the place to sit. Lighted the fireplace and placed the teapot on it. He went to the adjoining room and brought some utensils. Then cleaned the utensils with a towel.


All this work was done by that person very well and in each and every posture or way of doing his work, it seemed as if the melody of the raga named Jayjayvanti was resonating. The atmosphere of the place was so calm that even the sound of boiling water in the teapot could be heard.


The author says that the tea maker prepared the tea and then placed those cups in front of the author and his friends. The most special thing about this tea ceremony in Japan is the peace. Therefore, not more than three persons are considered there. They kept on sipping the tea slowly from the cups for about one and a half hours. For the first ten-fifteen minutes, the writer was in a lot of trouble. But gradually, the writer realised that the speed of his mind would slow down. And after some time, it seemed that the mind had completely stopped.


The author wants to tell us that we either live in the past or in the days to come while both the times are false. The time that is going on now is the truth. And this time is never ending and very wide. The author says that he came to know about the name of Jeena on the day of the tea ceremony. The Japanese have inherited this tradition of meditating.

Grasp The Concept

When you are having difficulty understanding the chapter, you can take the help of these solutions to get a better grasp of the concept. You can take some time to think about the solutions to understand them properly. That will not only increase your skills of conceptualizing but will also ensure that you are getting the most out of your schoolwork.

Take Help From Experts

The Experts at Vedantu are always present to provide you with the help that you need when it comes to understanding NCERT Solution Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 in the best way. These experts are highly qualified and educated so there is no doubt that you are going to get the best guidance.

Memorize

You might have to work harder if you want to get the most of CBSE Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 Solution. So, the best thing would be to memorize these solutions and understand them completely so that you can refer to them in the future and ace your exams.

Why Should One Choose NCERT Solutions Class 10th Hindi Sparsh Chapter 13?

Waiting for the teachers to complete the chapter might be a good option. However, if you want to be ahead of the class and score some extra marks, Vedantu’s solutions for Sparsh Hindi book Chapter 13 can help. The chapter can broaden the minds of students and provide them with clear and well-crafted answers in the best way. That is probably one of the main reasons why most students want to make sure they choose Vedantu for their course solutions.

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FAQs on NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 13 - Pathjhad Mein Tooti Patiya

1. What can one Learn From Hindi Class 10 Solution Sparsh Chapter 13?

Students can easily make sure that they perform well and score good marks in the examinations with the help of NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 Patjhar Me Tuti Pattiyan written by Ravindra Kelekar.

2. How to get NCERT Solution Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13?

The questions provided at the end of Chapter 13 Hindi Sparsh Book Class 10 has all the answers which are provided by Vedantu on the website or the application. Students need to understand the answers and frame their own during examinations.

3. Is it important for students to read the entire Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13?

It is good if students can read the Chapter thoroughly. Reading the chapter can help in a clear understanding. Students can answer all the questions given at the back of the chapter in the textbook. For any help, students can also refer to the NCERT Solutions of Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13. NCERT Solutions can also help students to understand class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 and score high marks.

4. What is the main idea of Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13?

The main idea of Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 “Patjhar ki tooti Pattiyan” is to teach about important lessons of life. This is an important chapter of Class 10 Hindi because students will surely get one or two questions from this chapter. The author has tried to explain true things important for life through this chapter. Students must read this chapter carefully and try to understand the main idea.

5. How can I download NCERT Solutions Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13?

Yes, students can easily download NCERT Solutions Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 online. They can download the NCERT Solutions Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 from this NCERT Solutions. They can click on the download button to download the solutions. They can save the solutions on their computers. Students can use NCERT solutions to score high marks in exams. They can use the solutions to revise important points for the exams.  

6. How many questions are there in Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13?

There are a total of 16 questions in Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13. NCERT Solutions Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 is available online for easy and quick learning. Students can download the NCERT Solutions online from Vedantu in PDF file format. They can save the NCERT Solutions on their computer and can refer to them during the exams. All NCERT Solutions are given in the latest format that can help students to score high marks in Class 10 Hindi.

7. Where can I find important questions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13?

Students can find all the NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 on the Vedantu website (vedantu.com). Students can download all important questions and answers for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 13 from the website free of cost and can practice them for exams. NCERT Solutions, important questions and other study material available on Vedantu can help students of Class 10 to get good marks in Class 10 Hindi.