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Kabir Ki Sakhiyan (कबीर की साखियाँ) Class 8 Important Questions: CBSE Hindi (Vasant) Chapter 7

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Hindi (Vasant) Important Questions for Chapter 7 कबीर की साखियाँ Class 8 - PDF Download

Vedantu provides Important Questions for Hindi Vasant Chapter 7, 'कबीर की साखियाँ'. This chapter reflects Kabir's teachings on wisdom, humility, and true devotion. It emphasises the value of inner peace, meaningful actions, and the futility of judging others by external attributes. Download the FREE PDF to access CBSE Class 8 Hindi Vasant Important Questions so that every section of the CBSE Class 8 Hindi Syllabus is completely covered.

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Table of Content
1. Get Class 8 Hindi Chapter 7: Kabir Ki Sakhiyan (कबीर की साखियाँ) Important Questions
2. Points to Remember from Class 8 Hindi Vasant Chapter 7: Kabir Ki Sakhiyan
3. Benefits of Important Questions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 7: Kabir Ki Sakhiyan
4. Related Study Materials for Class 8 Hindi Vasant Chapter 7
5. Chapter-wise Important Questions for Hindi (Vasant) Class 8
6. Bookwise Important Questions Links for Class 8 Hindi
7. Important Study Material for Hindi Class 8
FAQs

Get Class 8 Hindi Chapter 7: Kabir Ki Sakhiyan (कबीर की साखियाँ) Important Questions

1. कबीर ने जाति और ज्ञान की तुलना कैसे की है, और इसका समाज के लिए क्या महत्व है?

कबीर का कहना है कि जाति या समाज में किसी की स्थिति के आधार पर उसका मूल्यांकन करना व्यर्थ है। उनका मानना है कि व्यक्ति का ज्ञान और उसकी समझ ही उसकी पहचान होनी चाहिए। जाति केवल एक बाहरी पहचान है, जबकि ज्ञान आंतरिक गुण है। समाज में यह शिक्षा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें भेदभाव को त्यागने और समानता की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। 


2. 'तरवार और म्यान' के उदाहरण का अर्थ स्पष्ट कीजिए और इसे जीवन में कैसे लागू किया जा सकता है?

इस दोहे में कबीर ने तलवार और उसकी म्यान का जिक्र किया है। तलवार का मूल्य उसके उपयोग और धार में है, न कि म्यान में छिपे होने में। इसी प्रकार, व्यक्ति का मूल्य उसकी क्षमताओं और कार्यों में है, न कि बाहरी दिखावे में। यह हमें जीवन में आत्म-मूल्यांकन और सच्चाई पर ध्यान केंद्रित करने की शिक्षा देता है।


3. कबीर के अनुसार गाली देने और उलटकर जवाब देने में क्या अंतर है? इससे क्या शिक्षा मिलती है?

कबीर कहते हैं कि जब कोई गाली देता है, तो प्रतिक्रिया स्वरूप कई अन्य गालियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। लेकिन यदि आप प्रतिक्रिया न दें, तो स्थिति शांत रहती है। यह शिक्षा हमें धैर्य, संयम और अपने क्रोध पर नियंत्रण रखने का महत्व सिखाती है। इससे समाज में शांति और सौहार्द बढ़ता है।


4. सुमिरन के वास्तविक अर्थ को 'माला' और 'मन' के उदाहरण से समझाएं।

कबीर ने कहा कि माला हाथ में घूम रही है, जीभ से जप किया जा रहा है, लेकिन मन इधर-उधर भटक रहा है। यह सच्चा सुमिरन नहीं है। सुमिरन का अर्थ है, मन को एकाग्र करना और ईश्वर का ध्यान करना। यह दिखावा नहीं, बल्कि आंतरिक शांति का साधन होना चाहिए।


5. 'घास' और 'पाऊँ तलि' का उल्लेख कर कबीर ने जीवन में सावधानी की क्या शिक्षा दी है?

इस दोहे में कबीर ने 'घास' को प्रतीक रूप में प्रयोग किया है। वह कहते हैं कि घास को छोटा न समझें, क्योंकि जब यह आँखों में जाता है, तो कष्ट देता है। इसी प्रकार, किसी को भी छोटा या महत्वहीन समझने की भूल नहीं करनी चाहिए। यह जीवन में विनम्रता और सम्मान की शिक्षा देता है।


6. 'जग में बैरी कोइ नहीं' के विचार का विश्लेषण करें और इसके प्रभाव को दैनिक जीवन में समझाएं।

कबीर का कहना है कि जब हमारा मन शांत और निर्मल होता है, तो हमें कोई दुश्मन नहीं लगता। यदि हम अहंकार और क्रोध त्याग दें, तो समाज में दया और सहानुभूति का भाव जागृत होगा। यह विचार हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में शांति और सद्भाव का संदेश देता है।


7. कबीर ने 'ज्ञान' को 'जाति' से ऊपर क्यों रखा है? इस पर अपने विचार व्यक्त करें।

कबीर मानते थे कि जाति केवल एक सामाजिक संरचना है, जो मनुष्य को बाँटती है। ज्ञान, इसके विपरीत, मनुष्य को जोड़ता है और उसे जीवन के उच्च उद्देश्यों की ओर प्रेरित करता है। यह विचार आज भी प्रासंगिक है, जब हम समाज में समानता की बात करते हैं।


8. माला और मन के विरोधाभास पर चर्चा करें और इसे आज के जीवन से जोड़ें।

कबीर ने माला जपने और मन को स्थिर रखने के बीच विरोधाभास दिखाया। आज के जीवन में हम अक्सर बाहरी पूजा-पाठ करते हैं, लेकिन हमारा मन स्थिर नहीं रहता। यह हमें सिखाता है कि हमें दिखावे की बजाय सच्चे ध्यान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।


9. कबीर के दोहे 'गारी' और 'उलटत होइ अनेक' में दी गई शिक्षा का समाज पर क्या प्रभाव हो सकता है?

यह दोहा हमें दिखाता है कि गाली-गलौज से केवल संघर्ष बढ़ता है। यदि हम सहनशीलता दिखाएँ और प्रतिक्रिया न दें, तो समाज में शांति बनी रहती है। यह शिक्षा सह-अस्तित्व और संवाद के महत्व को दर्शाती है।


10. 'घास न नींदिए' दोहे के प्रतीकात्मक महत्व को समझाते हुए बताएं कि यह जीवन में कितनी प्रासंगिक है।

घास को छोटा समझकर कुचलने से वह आँख में पड़कर कष्ट दे सकता है। यह दिखाता है कि छोटी चीजों को अनदेखा नहीं करना चाहिए। जीवन में भी छोटी-छोटी समस्याएँ बड़ी बन सकती हैं, यदि उनका समय पर समाधान न किया जाए।


11. दया और आपसी समर्पण के महत्व को कबीर के दृष्टिकोण से व्याख्या करें।

कबीर का कहना है कि यदि हम अपना अहंकार त्याग दें, तो हमारे भीतर दया का भाव उत्पन्न होगा। दया केवल एक गुण नहीं, बल्कि समाज में सद्भाव बनाए रखने का आधार है। यह विचार हर व्यक्ति के लिए प्रासंगिक है।


12. 'मोल करो तरवार का' दोहे का आध्यात्मिक और व्यावहारिक संदर्भ में विश्लेषण करें।

इस दोहे में कबीर बताते हैं कि व्यक्ति का मूल्य उसकी उपयोगिता और कर्मों से है, न कि उसकी बाहरी पहचान से। यह हमें अपने जीवन को उद्देश्यपूर्ण और कर्मठ बनाने की प्रेरणा देता है।


13. कबीर के विचारों में 'सुमिरन' का सही अर्थ क्या है और यह मानसिक शांति के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?


सुमिरन का अर्थ केवल शब्दों का उच्चारण नहीं, बल्कि मन को एकाग्र करना है। यह मानसिक शांति का साधन है, जो हमें जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।

14. कबीर के दोहों में निहित विनम्रता और प्रेम का संदेश क्या है? इसे उदाहरण सहित स्पष्ट करें।

कबीर का संदेश है कि विनम्रता और प्रेम से हर समस्या का समाधान संभव है। उन्होंने अहंकार और क्रोध को विनाशकारी बताया और प्रेम को जीवन का आधार माना। यह संदेश हर व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक है।


15. 'आवत गारी एक है' और 'वही एक की एक' के दोहों में विरोधाभास की शिक्षा क्या है?

यह दोहा हमें सिखाता है कि गाली का जवाब गाली से नहीं देना चाहिए। इससे स्थिति और बिगड़ती है। यह हमें सहनशीलता और शांति का महत्व समझाता है।


16. 'घास' का प्रतीकात्मक उपयोग कर कबीर ने इंसानी अहंकार पर क्या संदेश दिया है?

घास को छोटे और महत्वहीन के रूप में देखा जाता है, लेकिन जब यह आँखों में पड़ती है, तो कष्ट देती है। इसी प्रकार, छोटे व्यक्ति को छोटा समझना अहंकार है। यह अहंकार अंततः हानि पहुँचाता है।


17. 'मनुवाँ तो दहुँ दिसि फिरै' के संदर्भ में ध्यान और भक्ति के सही अर्थ को समझाएं।

यह दोहा दिखाता है कि सच्ची भक्ति तभी होती है, जब मन शांत और स्थिर हो। ध्यान का अर्थ केवल बाहरी पूजा नहीं, बल्कि मन का एकाग्र होना है।


18. कबीर के 'बैरी कोइ नहीं' के विचार से समाज में शांति और सह-अस्तित्व कैसे बढ़ाया जा सकता है?

कबीर ने सिखाया कि दूसरों को बैरी समझने से संघर्ष बढ़ता है। यदि हम अपने मन को शांत रखें और दया का भाव रखें, तो समाज में शांति और सह-अस्तित्व को बढ़ावा मिलेगा।


19. 'घास न नींदिए' के विचार को पर्यावरण संरक्षण और जीवन के छोटे पहलुओं के सम्मान के संदर्भ में समझाएं।

कबीर ने घास को छोटा न समझने की बात कही। इसे पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में देखा जा सकता है, जहाँ हमें हर छोटे जीव और पौधे का महत्व समझना चाहिए। यह विचार हमें प्रकृति के प्रति आदर सिखाता है।


20. कबीर की शिक्षा और आज के युग में इसकी प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त करें।

कबीर की शिक्षा आज भी प्रासंगिक है। जाति, अहंकार, और दिखावे की समस्या आज भी समाज में है। उनके विचार हमें समानता, प्रेम, और सच्ची भक्ति का मार्ग दिखाते हैं। यह संदेश व्यक्तिगत और सामूहिक जीवन के लिए अमूल्य है।


Points to Remember from Class 8 Hindi Vasant Chapter 7: Kabir Ki Sakhiyan

  1. Kabir emphasises that a person's worth should be judged by their knowledge, not their caste or social status.

  2. The analogy of the sword and the scabbard teaches us to focus on the true value of things rather than their outward appearance.

  3. Responding to insults with patience and silence prevents conflict and maintains peace.

  4. Real devotion lies in a focused mind and sincere remembrance, not in mere mechanical rituals like rotating prayer beads.

  5. Even small and seemingly insignificant things, like grass, can cause discomfort if ignored or disrespected.

  6. When the mind is pure and calm, one sees no enemies, fostering harmony and compassion.

  7. Kabir criticises the disconnect between outward religious practices and inner turmoil, urging alignment of actions with thoughts.

  8. The teachings emphasise humility and warn against the dangers of pride and arrogance.

  9. Letting go of ego allows individuals to develop compassion, which is essential for a harmonious society.

  10. Kabir’s wisdom applies to modern issues of social equality, self-discipline, and the pursuit of genuine spirituality.


Benefits of Important Questions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 7: Kabir Ki Sakhiyan

  • Answering these questions helps in understanding Kabir's teachings on life, spirituality, and human behaviour at a profound level.

  • The questions guide us to relate Kabir's messages, like humility and devotion, to our daily lives, making his wisdom actionable.

  • Reflecting on topics like compassion, patience, and equality fosters personal growth and ethical thinking.

  • Analysing the metaphors and symbols in Kabir's dohas enhances critical thinking and interpretative abilities.

  • Studying these questions connects us with the cultural and philosophical heritage of Kabir's era, enriching our historical knowledge.

  • Writing detailed answers encourages clarity of thought and the ability to express complex ideas effectively.


Conclusion

This poem by Kabir conveys timeless wisdom about valuing inner qualities like knowledge, humility, and true devotion over superficial appearances and ego. It inspires one to live with compassion, patience, and sincerity, fostering harmony within ourselves and with others. To help you understand this chapter better and learn the concepts, a FREE PDF of all the important questions has been provided by Vedantu. 


Related Study Materials for Class 8 Hindi Vasant Chapter 7

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Important Study Material Links for Class 8 Hindi Chapter 7

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Class 8 Kabir Ki Sakhiyan Notes

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Class 8 Kabir Ki Sakhiyan Solutions


Chapter-wise Important Questions for Hindi (Vasant) Class 8

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Class 8 Hindi (Vasant) Chapter-wise Links for Important Questions

1

Chapter 1 Lakh Ki Chudiyan Questions

2

Chapter 2 Bus Ki Yatra Questions

3

Chapter 3 Deewano Ki Hasti Questions

4

Chapter 4 Bhagwan Ke Dakiye Questions

5

Chapter 5 Kya Nirash Hua Jaye Questions

6

Chapter 6 Yeh Sabse Kathin Samay Nahi Questions

7

Chapter 8 Sudama Charit Questions

8

Chapter 9 Jahan Pahiya Hai Questions

9

Chapter 10 Akbari Lota Questions

10

Chapter 11 Surdas Ke Pad Questions

11

Chapter 12 Pani Ki Kahani Questions

12

Chapter 13 Baaz Aur Saap Questions 


Bookwise Important Questions Links for Class 8 Hindi

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CBSE Class 8 Hindi Durva Important Questions

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CBSE Class 8 Hindi Sanshipt Budhcharit Important Questions


Important Study Material for Hindi Class 8

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Class 8 Hindi Study Resources 

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Class 8 Hindi Revision Notes

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Class 8 Hindi NCERT Solutions

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Class 8 Hindi Sample Papers

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Class 8 Hindi NCERT Books

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Class 8 Hindi Important Questions

FAQs on Kabir Ki Sakhiyan (कबीर की साखियाँ) Class 8 Important Questions: CBSE Hindi (Vasant) Chapter 7

1. Why does Kabir emphasise the importance of knowledge over caste?  

कबीर ज्ञान को जाति से ऊपर इसलिए रखते हैं क्योंकि ज्ञान व्यक्ति की सच्ची पहचान और मूल्य को दर्शाता है, जबकि जाति केवल बाहरी पहचान है। 

2. What lesson does the sword and scabbard analogy teach us? 

यह दृष्टांत हमें सिखाता है कि किसी चीज़ का असली महत्व उसके बाहरी दिखावे में नहीं, बल्कि उसकी आंतरिक गुणवत्ता और उपयोगिता में है। 

3. How does Kabir suggest handling insults?

कबीर कहते हैं कि अपमान का जवाब चुप रहकर देना चाहिए, क्योंकि इससे विवाद समाप्त हो जाता है और शांति बनी रहती है। 

4. What does Kabir mean by true devotion? 

कबीर के अनुसार, सच्ची भक्ति मन की एकाग्रता और ईश्वर के प्रति आस्था में होती है, न कि केवल बाहरी पूजा या माला फेरने में। 

5. Why does Kabir say not to underestimate small things? 

कबीर कहते हैं कि छोटी चीजों को कम नहीं आँकना चाहिए, क्योंकि वे भी बड़ी परेशानियाँ खड़ी कर सकती हैं, जैसे घास आँख में चुभने पर तकलीफ देती है।  

6. How can one achieve a calm and peaceful mind according to Kabir? 

कबीर के अनुसार, अहंकार और क्रोध को त्यागकर और दूसरों के प्रति दया का भाव रखकर मन को शांत और निर्मल बनाया जा सकता है। 

7. What does Kabir criticise about mechanical rituals? 

कबीर कहते हैं कि केवल बाहरी पूजा-पाठ और माला फेरना व्यर्थ है यदि मन स्थिर और ईश्वर में एकाग्र नहीं है। 

8. What is Kabir's message about compassion?

कबीर का संदेश है कि दया के बिना सच्चा जीवन संभव नहीं है, और दया केवल अहंकार त्यागने से ही उत्पन्न होती है। 

9. How does Kabir view the concept of enemies? 

कबीर मानते हैं कि जब मन शांत होता है, तो कोई भी शत्रु नहीं होता, क्योंकि शत्रुता केवल हमारे अंदर के अहंकार और क्रोध का परिणाम है। 

10. What does Kabir teach about humility through the grass metaphor? 

घास के प्रतीक के माध्यम से कबीर हमें विनम्रता और छोटी चीजों के महत्व को समझने की शिक्षा देते हैं।