An Overview of Important Questions Class 8 Hindi Durva Chapter 2
FAQs on Important Questions Class 8 Hindi Durva Chapter 2
1. दो गौरैया कहानी में पिताजी घर को 'सराय' क्यों कहते थे? (Class 8 Important Questions, 2025–26)
पिताजी घर को 'सराय' इसलिए कहते थे क्योंकि उनके घर में अलग-अलग पक्षी, चूहे, चमगादड़, छिपकलियाँ आदि रहते थे। उन्हें लगता था कि असली मालिक ये जीव हैं, और वे स्वयं केवल मेहमान हैं। यह प्रकृति के सह-अस्तित्व की गहराई दर्शाता है।
2. CBSE 2025–26 के अनुसार, कहानी 'दो गौरैया' का मुख्य संदेश क्या है?
दो गौरैया कहानी का मुख्य संदेश यह है कि मनुष्य और अन्य जीवों को प्रकृति में मिलजुलकर रहना चाहिए। इससे सहनशीलता, करुणा और इंसानियत सीखने को मिलती है। परिवार के भीतर ही सामंजस्य की आवश्यकता स्पष्ट होती है।
3. 2025-26 बोर्ड परीक्षाओं हेतु, गौरैयों का 'फिर लौट आना' कहानी में क्या अर्थ रखता है?
गौरैयों का बार-बार वापस आना संघर्ष, जिजीविषा और अपने घर के प्रति लगाव दर्शाता है। यह इंगित करता है कि सभी जीव अपने अधिकारों और आवश्यकता के लिए दृढ़ प्रयास करते हैं।
4. पिताजी ने गौरैयों को भगाने के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाए? (Expected 3-mark)
- ताली बजाना और हाथ हिलाना
- लाठी से डराना या घोंसले पर प्रहार करना
- दरवाजे, खिड़कियाँ और रोशनदान बंद करना
- दरवाज़ों के नीचे कपड़े ठूँसना
5. माँ और पिताजी के दृष्टिकोण में क्या अंतर था? (5-mark, High Order Thinking)
- माँ: सहनशील, व्यंग्यात्मक—गौरैयों को घर का हिस्सा मानती थीं, पिताजी की हरकतों पर हँसती थीं।
- पिताजी: सख्त, क्रोधित—गौरैयों को किसी भी तरह बाहर करना चाहते थे।
6. बोर्ड के संभावित प्रश्नानुसार, कहानी में हास्य का मुख्य स्रोत कौन-सा है?
हास्य का मुख्य स्रोत पिताजी की अजीब कोशिशें हैं जैसे ताली–लाठी, कूदना और हर बार गौरैयों को व्यर्थ में डराना। साथ ही, माँ की व्यंग्यात्मक टिप्पणियाँ कहानी को और भी हल्का बनाती हैं।
7. गौरैयों के बच्चों को देखकर पिताजी का हृदय परिवर्तन क्यों और कैसे हुआ?
जब पिताजी ने नन्ही चिड़ियों को घोंसले से झांकते देखा, तब उन्हें सहानुभूति, करुणा और पारिवारिक संवेदना महसूस हुई। उन्होंने घोंसला न तोड़ने का निश्चय किया, जो मानवता और मूल्यबोध का प्रतीक है।
8. आँगन का आम का पेड़ कहानी के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है? (CBSE 2025–26 Focus)
आँगन का आम का पेड़ पक्षियों एवं जीव-जंतुओं का आकर्षण केंद्र है। यह प्राकृतिक सह-अस्तित्व और कहानी में बार-बार लौटने वाले पक्षियों के लिए आधार है। इससे पारिस्थितिकी का मोल ज्ञात होता है।
9. पिता का 'लाठी वाला तरीका' असफल क्यों रहा? (2025–26, Concept Drill)
लाठी या जबरदस्ती से गौरैयों को भगाने की कोशिश विफल रही क्योंकि हर बार गौरैया नया रास्ता ढूँढ लेती थीं। यह दर्शाता है कि बल या दबाव से मुद्दों का हल नहीं होता, बल्कि समझदारी व सहनशीलता जरूरी है।
10. गौरैयों के घोंसले को तोड़ने से पहले पिताजी को क्या अनुभूति हुई?
घोंसले में नन्ही चिड़ियों को चहचहाते देखकर पिताजी को दया और आत्मिक संबंध का अनुभव हुआ। इसने उनका सख्त रवैया बदल दिया और वे शांत होकर कोमलता के पक्षधर बन गए।
11. कहानी में सह-अस्तित्व (coexistence) का पाठ कैसे मिलता है? (Exam HOTS, 2025–26)
कहानी बताती है कि हर जीव को अपना जीवन जीने का हक़ है। जब पिताजी ने अंत में गौरैयों को स्वीकार किया, तब घर में शांति और संतुलन आ गया। यही सह-अस्तित्व की शिक्षा है।
12. 2025–26 बोर्ड ट्रेंड्स के अनुसार, 'दो गौरैया' में कौन-से मूल्य दर्शाए गए हैं?
कहानी में निम्नलिखित मूल्य प्रमुख हैं:
- सहनशीलता
- करुणा और दया
- प्राकृतिक अधिकारों की स्वीकृति
- पारिवारिक आपसी समझ
13. माँ के संवादों का कहानी में क्या महत्व है? (CBSE HOTS Question)
माँ के संवाद वास्तविकता, हास्य और सकारात्मकता लाते हैं। वे स्थिति की गंभीरता को हल्का बनाते हैं और कहानी को संतुलित तथा जीवंत बनाते हैं।
14. कहानी 'दो गौरैया' परीक्षार्थियों के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है?
- CBSE 2025–26 में प्रकृति-संबंधी कथाओं, सह–अस्तित्व व मूल्य-प्रश्नों पर फोकस है।
- यह अध्याय साक्षात्कार, संवाद, नैतिक शिक्षा और परिवार-दर्शन जैसे विषयों पर प्रश्नों के लिए उपयुक्त है।











