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Papa Jab Bacche The Class 4 Hindi Chapter 4 CBSE Notes - 2025-26

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Papa Jab Bacche The Class 4 Hindi Chapter 4 CBSE Notes - 2025-26

In Vedantu’s revision notes for Class 4 Hindi (Rimjhim) Chapter 4 Papa Jab Bacche The, students explore a delightful story that takes them on a journey into the childhood of a father. The chapter is filled with amusing incidents and valuable life lessons that highlight the innocence and curiosity of children. By providing a summary and analysis, Vedantu makes it easier for students to see the lessons and ideas in the Class 4 Hindi Notes. Students can download the Papa Jab Bacche The Class 4 Notes PDF, making it simple to study and review whenever they need with the updated CBSE Hindi Class 4 Syllabus.

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Access Revision Notes For Class 4 Hindi (Rimjhim) Chapter 4 Papa Jab Bacche The

लेखक परिचय:

  • इस कहानी के लेखक 'अलेक्सांद्र रस्किन' है l

  • वे एक रूसी लेखक और व्यंग्यकार है l

  • उन्होंने साहित्य संस्थान से स्नातक किया है l


कहानी का सारांशः

  • इस कहानी में इंसान की इंसानियत के महत्व को उजागर किया गया है । 

  • लेखक कहते हैं कि जब पापा छोटे थे तो उनसे हमेशा यह पूछा जाता था कि बड़े होकर तुम क्या बनना चाहते हो ?

  • पापा हर बार अपना अलग-अलग जवाब दिया करते थे | 

  • शुरू शुरू में वे एक चौकीदार बनना चाहते थे | क्योंकि जब पूरा शहर सोता है तब चौकीदार जागता रहता है । 

  • एक दिन जब उनकी नज़र आइसक्रीम वाले पर गई तो उन्होंने सोचा कि वे आइसक्रीम बेचेंगे । वे खुद भी आइसक्रीम खाएँगे और बच्चों को भी मुफ्त में आइसक्रीम खिलाएँगे । 

  • पापा के माता-पिता उनकी इन बातो को सुनकर बहुत हँसा करते थे ।

  • एक दिन पापा ने रेलवे स्टेशन पर एक आदमी को शटिंग करते देखा | इसके बाद से उन्होंने सोचा  कि वे बड़े होकर रेलगाड़ी के डिब्बों की शटिंग करेंगें।

  • जब उनसे पूछा गया कि क्या अब वे आइसक्रीम बेचने का काम नहीं करेंगें।

  •  तब पापा ने जवाब दिया कि वे दोनों काम एक साथ करेंगें ।

  • फिर उनसे यह पूछा गया कि वे दोनों काम एक साथ कैसे करेंगे ।

  • इसका पापा ने जवाब दिया कि वे सुबह के समय आइसक्रीम बेचेंगे और बाद मे स्टेशन जाकर कुछ देर डिब्बों की शंटिग करने के बाद  फिर से आइसक्रीम बेचने आ आएंगे | कुछ देर आइसक्रीम बेचकर फिर स्टेशन चले जाएँगे | 

  • सभी उनकी यह बात सुनकर हँस पड़े। 

  • उनको हँसता देख पापा को गुस्सा आया और वे बोले अगर आप सब मेरी हंसी उड़ाओगे तो मैं साथ में चौकीदार भी बन जाऊंगा ।

  • इसके बाद पापा ने कभी हवाई जहाज का चालक, कभी अभिनेता, कभी जहाजी और चरवाहा भी बनने के बारे मे सोचा | 

  • अंत में एक दिन उन्होंने तय किया कि वह एक  कुत्ता बनना चाहते है | 

  • अब वे कुत्ते की तरह व्यवहार करने लगे थे| 

  • एक दिन जब वे एक कुत्ते के पास जाकर बैठ गए । तब एक अजनबी फौजी अफसर वहां आया और पापा से पूछा कि वह क्या कर रहे है।

  •  पापा ने उत्तर दिया कि वह कुत्ता बनना सीख रहे है । 

  • तभी फौजी अफसर ने उनसे पूछा कि वह  कुत्ता बनना क्यों चाहते है ।

  • पापा ने उत्तर मे कहा क्योंकि मैं बहुत दिनों तक इंसान बनकर रह चुका हूँ। 

  • फौजी अफसर ने पापा से कहा कि क्या वह जानते है कि इंसान किसे कहते हैं ।

  • पापा ने कहा मुझे नहीं पता | आप ही बता दो ।

  • इसके बाद अफसर यह कहकर वहाँ से चला गया।

  • इस प्रश्न को सुनकर पापा बहुत गम्भीर होकर सोचने लगे | तब उन्हें समझ आया कि वह रोज़-रोज़ अपने इरादे नहीं बदल सकते है| 

  • दूसरी बार जब पापा से यही प्रश्न पूछा गया तो उन्हें उस अफसर की याद आ गई और उन्होंने कहा कि वह अब इंसान ही बनना चाहते है |

  • इस बार उनकी बात पर कोई भी नहीं हंसा और पापा समझ गए कि यही सबसे अच्छा जवाब है।


नैतिक शिक्षा:

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है हमें कुछ भी बनने से पहले एक अच्छा इंसान बनना चाहिए ताकि हम एक-दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार कर सकें |


शब्द - अर्थ:


शब्द

अर्थ

वाक्य में प्रयोग

अजीब

अनोखा

यह जानवर तो बहुत अजीब है |

पक्का

निश्चित

आज मैं पक्का खेल में जीत जाऊंगा।

हैरानी

आश्चर्य

मुझे इस बात से हैरानी है कि तुम झूठ बोलते हो ।  

मुश्किल

कठिन

दीपक मुश्किल में पड़ गया है | 

चरवाहा 

मवेशी चराने वाला

चरवाहा मवेशियों को चरा रहा है |

अभिनेता

फिल्म मे नाटक करने वाला 

मोहन एक अभिनेता बनना चाहता है ।

अड़े रहना

टिके रहना

गीता सुबह से अपनी बात पर अड़ी हुई है ।

अचंभा

आश्चर्य

मुझे यह जानकर अचंभा हुआ कि राम परीक्षा में फेल हो गया है अच्छा हुआ लंबा हुआ बेकार करता है ।

अजनबी

अनजान व्यक्ति

हमें अजनबी से कभी कुछ नहीं लेना चाहिए।

वक्त

समय

वक्त बहुत कीमती होता है l

इरादा

इच्छा

आज मेरा इरादा पढ़ने का है l


5 Important Topics of Class 4 Chapter 4 you shouldn’t Miss!

S. No 

Topic Name

1

Father's Childhood Adventures

2

Comparison Between Past and Present

3

Life Lessons

4

Family Bonding

5

Humour in the Chapter


Importance of Chapter 4 Papa Jab Bacche The Notes PDF

  • The notes PDF offers a clear and concise summary of the chapter, helping students quickly understand the main events and themes.

  • By breaking down the chapter into key points, the notes help students retain important details and lessons from the story more effectively.

  • The notes provide a quick and accessible way to revise the chapter, making it easier for students to prepare for exams.

  • With the notes PDF, students can easily review the chapter’s important concepts and understand the humour and life lessons conveyed in the story.

  • The notes are a valuable tool for exam preparation, offering structured guidance on what to focus on, and ensuring students are well-prepared.


Tips for Learning the Class 4 Hindi (Rimjhim) Chapter 4 Papa Jab Bacche The

  • Start by reading the chapter carefully to understand the storyline and the father’s childhood experiences. Pay attention to the humour and lessons conveyed.

  • Write down a summary of the main events in the chapter. This will help you remember the important parts of the story.

  • Talk about the chapter with your parents or classmates. Discussing the father's childhood stories can help you understand the generational differences and the lessons being taught.

  • Focus on the life lessons highlighted in the chapter, such as honesty, kindness, and curiosity. Understanding these will help you connect better with the story.

  • Refer to Vedantu’s revision notes to review the chapter’s key points and themes. These notes are designed to simplify the content and make it easier for you to prepare for exams.


Conclusion

Chapter 4, "Papa Jab Bacche The," from Class 4 Hindi (Rimjhim) takes us on a delightful journey into the father’s childhood, filled with amusing stories and valuable life lessons. The chapter highlights the innocence and curiosity of childhood, while also showing the differences between past and present experiences. By reflecting on these stories, students can learn important values such as honesty, kindness, and the joy of learning.


Related Study Materials for Class 4 Hindi Chapter 4 Papa Jab Bacche The

S.No

Study Material Links for Chapter 4

1.

Class 4 Hindi Papa Jab Bacche The Important Questions

2.

Class 4 Hindi Papa Jab Bacche The NCRT Solution

3. 

CLass 4 Hindi Papa Jab Bacche The Worksheet 


Access Chapterwise Links to CBSE Class 4 Hindi (Rimjhim) Revision Notes - FREE PDF


Additional Study Materials for Class 4 Hindi

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FAQs on Papa Jab Bacche The Class 4 Hindi Chapter 4 CBSE Notes - 2025-26

1. कक्षा 4 के पाठ 'पापा जब बच्चे थे' का संक्षिप्त सारांश क्या है?

इस पाठ का मुख्य सारांश यह है कि बचपन में पापा अक्सर अपना इरादा बदलते थे कि उन्हें बड़े होकर क्या बनना है। कभी वह चौकीदार, कभी आइसक्रीम बेचने वाला तो कभी शंटिंग करने वाला बनना चाहते थे। हर बार वह किसी को काम करते देखते और वैसा ही करने की सोचते। अंत में, एक फौजी अफसर से बात करने के बाद उन्हें समझ आया कि सबसे ज़रूरी एक अच्छा इंसान बनना है।

2. 'पापा जब बच्चे थे' पाठ के त्वरित रिवीज़न के लिए कौन से मुख्य बिंदु याद रखने चाहिए?

इस पाठ के त्वरित रिवीज़न के लिए, निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर ध्यान दें:

  • पापा की बदलती इच्छाएँ (चौकीदार, आइसक्रीम वाला, शंटिंग वाला, कुत्ता बनना)।
  • हर इच्छा के पीछे का उनका सरल और मासूम तर्क।
  • फौजी अफसर के साथ हुई बातचीत का क्षण।
  • कहानी का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण सबक: एक अच्छा इंसान बनना सबसे ऊपर है।

3. इस कहानी में पापा अंत में क्या बनने का फैसला करते हैं और क्यों?

कहानी के अंत में, पापा यह फैसला करते हैं कि उन्हें सबसे पहले एक अच्छा इंसान बनना है। यह फैसला वह इसलिए करते हैं क्योंकि एक फौजी अफसर उन्हें समझाते हैं कि चाहे तुम कोई भी काम करो, सबसे ज़रूरी यह है कि तुम एक अच्छे इंसान हो। यह बात पापा को गहराई से समझ में आ जाती है और वे अपने सभी पुराने विचारों को छोड़कर इस एक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

4. पापा बार-बार अपना इरादा क्यों बदलते थे? यह बचपन के बारे में क्या दर्शाता है?

पापा बार-बार अपना इरादा इसलिए बदलते थे क्योंकि वह बहुत जिज्ञासु थे और जो भी नया या रोमांचक काम देखते थे, उससे प्रभावित हो जाते थे। यह बचपन की स्वाभाविक चंचलता और मासूमियत को दर्शाता है। बच्चे अक्सर अपने आस-पास की दुनिया से सीखते हैं और उनकी इच्छाएँ स्थायी नहीं होतीं, बल्कि वे नई चीज़ों को देखकर लगातार बदलती रहती हैं।

5. परीक्षा से पहले 'पापा जब बच्चे थे' अध्याय को जल्दी से दोहराने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

परीक्षा से पहले इस अध्याय को जल्दी से दोहराने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप कहानी के प्रमुख घटनाक्रमों का एक क्रम बना लें। सबसे पहले पापा की सभी इच्छाओं को लिखें, फिर उस घटना को याद करें जब उन्होंने कुत्ता बनने की कोशिश की, और अंत में फौजी अफसर द्वारा दिए गए सबक को समझें। इस तरह, आपको पूरी कहानी का कॉन्सेप्ट कुछ ही मिनटों में याद हो जाएगा।

6. यह कहानी केवल एक पेशा चुनने और एक 'अच्छा इंसान' बनने के बीच क्या अंतर दिखाती है?

यह कहानी दिखाती है कि पेशा चुनना केवल यह तय करना है कि आप पैसे कमाने के लिए 'क्या' करेंगे, जबकि एक 'अच्छा इंसान' बनना यह तय करता है कि आप 'कैसे' जिएंगे। पापा की शुरुआती इच्छाएँ (जैसे चौकीदार या आइसक्रीम वाला) केवल बाहरी कामों पर आधारित थीं। लेकिन कहानी का मूल संदेश यह है कि किसी भी पेशे से बढ़कर ईमानदारी, दयालुता और सही व्यवहार जैसे मानवीय मूल्य होते हैं।

7. 'पापा जब बच्चे थे' कहानी में लेखक द्वारा दिया गया मूल संदेश क्या है?

इस कहानी का मूल संदेश यह है कि जीवन में कोई भी पेशा अपनाने से पहले एक अच्छा और सच्चा इंसान बनना सबसे महत्वपूर्ण है। लेखक यह बताना चाहते हैं कि बचपन की नादानी में हम कई चीज़ें बनना चाहते हैं, लेकिन असली सफलता चरित्र निर्माण में है। एक अच्छा इंसान हर भूमिका को बेहतर तरीके से निभा सकता है।

8. चौकीदार बनने के विचार और एक अच्छा इंसान बनने के विचार की तुलना करें। पापा की सोच में यह बदलाव क्यों महत्वपूर्ण है?

चौकीदार बनने का विचार एक विशिष्ट कार्य (रात में जागना, शोर करना) पर केंद्रित था, जो पापा को मजेदार लगा। वहीं, एक अच्छा इंसान बनने का विचार एक व्यापक और नैतिक लक्ष्य है, जो किसी एक काम तक सीमित नहीं है। यह बदलाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाता है कि पापा की सोच सतही आकर्षण से हटकर गहरी समझ और जिम्मेदारी की ओर बढ़ी। यह उनके बौद्धिक और नैतिक विकास को दर्शाता है।