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CBSE Important Questions for Class 7 Hindi Vasant Bhor Aur Barkha - 2025-26

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CBSE Important Questions for Class 7 Hindi Vasant Bhor Aur Barkha - 2025-26

Bhor Aur Barkha (भोर और बरखा) from Class 7 Hindi Vasant Chapter 12 explores the beauty of nature, focusing on themes like the calm of dawn and the liveliness of rain. This chapter uses poetic language to describe the impact of nature’s elements on human emotions and surroundings. Download the FREE PDF to access  CBSE Class 7 Hindi Vasant Important Questions and ensure thorough preparation for every part of the CBSE Class 7 Hindi Syllabus.

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Important Topics of Class 7 Hindi (Vasant) Chapter 12 Bhor Aur Barkha

Class 7 Hindi (Vasant) Chapter 12, Bhor Aur Barkha, is a poetic depiction that highlights the beauty of dawn and the rainy season. It reflects human connection with the natural world and evokes feelings of peace and wonder. 


Important Topic 

Explanation

Beauty of Dawn

The chapter captures the quiet and calm of dawn, showing its effect on nature and the human mind, creating an atmosphere of serenity.

Joy of the Rainy Season

The poem vividly describes the liveliness brought by rain, portraying how rainfall rejuvenates nature and lifts human spirits.

Human Connection with Nature

The chapter draws attention to the strong emotional bond humans share with the natural elements like the morning sun and rain.

Symbolism in Nature

Dawn and rain are symbolically used to represent new beginnings, growth, and the cleansing power of nature.

Emotional Impact of Nature

The poem reflects how different aspects of nature such as the calmness of dawn or the refreshing rain affect our emotions and bring peace and joy.

Access Class 7 Hindi Chapter 12: Bhor Aur Barkha (भोर और बरखा) Important Questions

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

1. "ग्वाल-बाल सब करत  ................ सबद उचारै"

निम्न पंक्ति को पूरा करो ।

उत्तर: ग्वाल-बाल सब करत  कुलाहल, जय-जय  सबद उचारै।।


2. निम्न का विलोम शब्द लिखिए |

शीतल , भोर

उत्तर: 

शीतल - गरम

भोर - संध्या


3. निम्न शब्दों का शब्दार्थ लिखिए |

मथत, सरण

उत्तर: 

मथत - अच्छी तरह से मिलाना

सरण - पास आना


4. निम्न शब्दों का पर्यायवाची लिखिए।

शीतल, भनक

उत्तर: 

शीतल - शीत, ठंडा, सर्द

भनक - संकेत, सूत्र, सुराग


5. इस कविता के रचयिता का नाम लिखो ?

उत्तर: इस कविता की रचयिता मीरा बाई है ।


लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

1. कविता का शीर्षक भोर और बरखा क्या प्रदर्शित करता है ?

उत्तर: भोर प्रदर्शित करता है ब्रज प्रदेश की सुबह को और बरखा प्रदर्शित करता भवन में आने की प्रसन्नता को।


2. कविता में कुल कितने पद है? पदों में क्या भिन्नता है?

उत्तर: कविता में कुल दो पद है। प्रथम पद भोर अर्थात सुबह का वर्णन है और दूसरा पद बरखा अर्थात वर्षा ऋतु का वर्णन है ।


3. मीरा बाई के अनुसार यशोदा जी क्या करती हैं ?

उत्तर: मीरा बाई कहती हैं कि माता यशोदा कान्हा को तरह - तरह के प्रलोभन देकर जगाने की कोशिश कर रही है।


4. “जागो बंसीवारे ललना ! मोरे प्यार !" यशोदा माँ क्या- क्या कह कर और किसको जगा रही हैं ?

उत्तर: यहाँ यशोदा माँ अपने पुत्र कान्हा को जगा रही है और उनको 'बंसीवारे ललाना', 'मोर प्यारे', 'लाल जी' जैसे प्यारे शब्दों से बुलाती हैं।


5. "माखन-रोटी हाथ मँह लीनी

गउवन के रखवारे।'

निम्न पंक्ति का आशय लिखो।

उत्तर: इन पक्तियों के माध्यम से यशोदा जी कहती है कि ग्वाल बाल अपने हाथों में माखन-रोटी ले कर गाय चराने के लिए जाने की तैयारी में हैं।


लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक)

1. मीरा बाई ने कृष्ण के प्रति अपने प्रेम का वर्णन किस पद में किया है ? इससे सम्बंधित कुछ पक्तियों को लिखो ।

उत्तर: दुसरे पद में उन्होंने श्री कृष्ण के प्रति अपने प्यार का वर्णन भी किया है।

नन्हीं-नन्हीं बूंदन मेहा बरसे, शीतल पवन सुहावन की।

मीरा के प्रभु गिरधर नागर! आनंद-मंगल गावन की।।


2. कविता के अनुसार ब्रज कि सुबह का वर्णन करो ।

उत्तर: कविता के अनुसार ब्रज में सुबह होते ही हर एक घर के द्वार खुल जाते हैं। ग्वालिन दही तथा मक्खन बनाना आरंभ कर देती है । उनके कंगन की ध्वनि हर घर में गूंजती रहती है । ग्वाल लड़के अपने हाथों में मक्खन और रोटी लेते हैं और गायों को चराने के लिए तैयार हो जाते हैं।


3. मीरा बाई को सावन क्यों अच्छा लगा ?

उत्तर: मीराबाई को सावन अच्छा इसलिए लगता है क्योंकि सावन से श्री कृष्ण के आने का अहसास होता है। इस मौसम में प्रकृति बेहद सुंदर हो जाती है और मीराबाई का मन खुशी व उमंग से भर जाता है ।


4. पाठ के आधार पर सावन की विशेषता लिखो ।

उत्तर:

(क) सावन का दृश्य और अनुभव बहुत खूबसूरत होता है।

(ख) सावन में मन उमंग और खुशी से भर उठता है

(ग) सावन में मानव और पशु-पक्षी सभी प्रसन्न हो जाते हैं।


5. जागो बंसीवारे ललना!

जागो मोरे प्यारे!

रजनी बीती, भोर भयो है , घर-घर खुले किंवारे।

 निम्न पक्तियों का भावार्थ लिखिए ।

उत्तर: निम्न पक्ति में यशोदा जी कहती है कि उठ जाओ मेरे बंसीवारे ललना' उठ जाओ मेरे प्यारे रात समाप्त हो गयी है और सुबह हो चुकी है । सभी के घरों के द्वार भी खुल गये हैं ।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 5 अंक)

1. मीराबाई का संक्षिप्त जीवन परिचय दीजिए ।

उत्तर: मीराबाई का जन्म सन् 1498 में राजस्थान के मेड़ता में हुआ। इनकी मृत्यु के बारे में किसी को सही जानकारी प्राप्त  नहीं है। ऐसा माना जाता है कि ये अंतिम क्षणों में श्री कृष्ण भगवान की मूर्ति में ही समा गई थीं। मीरा बाई श्री कृष्ण की परम भक्त थी । ये शादी के कुछ वर्ष के बाद ही विधवा हो गईं और कृष्ण-भक्ति में लीन हो गईं। इनकी प्रमुख रचनाएं नरसी का मायरा, राग सोरठा के पद, राग गोविंद आदि हैं। मीरा के पद एक ग्रन्थ में भी संकलित हैं।


2. "बरसे बदरिया सावन की।

सावन की, मन-भावन की।।"

सावन में उमग्यो मेरो मनवा , भनक सुनी हरि आवन की।

निम्न पक्तियों का भावार्थ लिखिए ।

उत्तर: निम्न पक्तियों में मीरा बाई सावन की खूबसूरती का चित्रण कर रही है | मीरा बाई को सावन का मौसम बहुत ही प्रिय है । सावन में उनका मन उमंग व खुशी से भर जाता है। मीरा बाई को सावन का मौसम हरी अर्थात कृष्ण के आने का संदेश लगता है ।


3. उमड़-घुमड़ चहुँदिस से आया

दामिन दमकै झर लावन की।।

नन्हीं-नन्हीं बूंदन मेहा बरसे, शीतल पवन सुहावन की।

मीरा के प्रभु गिरधर नागर! आनंद-मंगल गावन की।।

निम्न पक्तियों का भावार्थ लिखिए ।

उत्तर: इन पक्तियों में मीरा बाई कहती है कि उमड़-घुमड़ कर बादल आसमान में सभी दिशाओं में बिखर जाते हैं और आसमान में बिजली भी गरज रही है। आसमान से बारिश की छोटी छोटी बूंदें गिर रही हैं। ठंडी पवन चल रही हैं जो मीराबाई को ऐसा महसूस करवाती हैं कि मानो श्रीकृष्ण स्वयं चलकर उनके निकट चले आ रहे हैं।


4. गोपी दही मथत, सुनियत हैं कंगना के झनकारे।।

उठो लालजी! भोर भयो है, सुर-नर ठाढ़े द्वारे।

ग्वाल-बाल सब करत कुलाहल

जय-जय सबद उचारै।।

निम्न पक्तियों का भावार्थ लिखिए ।

उत्तर: निम्न पक्तियों में यशोदा जी कहती है कि उठो और देखो कान्हा सभी गोपियाँ माखन मथ रही है | उनके कंगना कि ध्वनि सुनो यह सब तुम्हारे लिए ही मक्खन बना रही है। हमारे द्वार पर देवता और सभी मनुष्य तुम्हारे दर्शन करने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं।


5. माखन-रोटी हाथ मँह लीनी, गउवन के रखवारे।

मीरा के प्रभु गिरधर नागर , सरण आयाँ को तारै।। निम्न

पक्तियों का भावार्थ लिखिए ।

उत्तर: यशोदा माता कान्हा जी से कहती हैं कि उठो कान्हा और देखो तुम्हारे सभी मित्र हाथ में माखन और रोटी लिए द्वार पर प्रतीक्षा कर रहे हैं और तुम्हारी जय-जयकार कर रहे हैं। वह सब गाय चराने जाने के लिए तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं। इसलिए उठ जाओ कान्हा ।


Points to Remember from Class 7 Hindi Chapter 12: Bhor Aur Barkha

  • The chapter poetically describes the peacefulness of dawn and the vibrancy of the rainy season.

  • It highlights the joy and freshness rain brings to nature, making it come alive.

  • The chapter explores the emotional connection humans have with natural elements, like the morning light and rain.

  • Nature is portrayed as a symbol of new beginnings, growth, and renewal.

  • The poem reflects how natural scenes can influence our feelings, bringing calm, joy, and a sense of wonder.


Benefits of Important Questions for Class 7 Hindi Chapter 12: Bhor Aur Barkha

  • The questions cover key points, helping students prepare effectively for exams by focusing on important themes.

  • Practising these questions refines answer-writing skills, helping students express their thoughts clearly and accurately.

  • The PDF is available for FREE download, allowing flexible study and easy access anytime.

  • Students gain a deeper understanding of the chapter's themes, such as the emotional impact of nature and the beauty of dawn and rain.

  • With all essential questions in one place, students save time during revision, making their study sessions more efficient and organised.


Conclusion

The Important Questions for Bhor Aur Barkha offer a valuable resource for students to deepen their understanding of the chapter’s themes. By covering key points and enhancing answer-writing skills, this PDF helps students approach exams with confidence. The FREE download option provides easy and flexible access, allowing for a thorough revision of this poetic chapter and its appreciation of nature’s beauty.


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FAQs on CBSE Important Questions for Class 7 Hindi Vasant Bhor Aur Barkha - 2025-26

1. कक्षा 7 की हिंदी परीक्षा के लिए 'भोर और बरखा' कविता से कौन से लघु उत्तरीय प्रश्न महत्वपूर्ण हैं?

CBSE कक्षा 7 की परीक्षा के लिए, 'भोर और बरखा' कविता से कुछ महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न इस प्रकार हैं:

  • माता यशोदा श्रीकृष्ण को जगाने के लिए क्या कहती हैं?

  • सुबह होने के क्या-क्या संकेत कविता के पहले पद में दिए गए हैं?

  • मीराबाई ने सावन का वर्णन किस प्रकार किया है?

  • 'बंसीवारे ललना', 'मेरे गिरधर नागर' जैसे संबोधन किनके लिए और क्यों प्रयोग हुए हैं?

इन प्रश्नों से कविता के मुख्य दृश्यों और पात्रों की समझ का आकलन किया जाता है।

2. कविता के पहले पद में 'भोर' के दृश्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

पहले पद में 'भोर' का दृश्य अत्यंत मनमोहक है। माता यशोदा अपने पुत्र श्रीकृष्ण को यह कहते हुए जगा रही हैं कि रात बीत गई है और सुबह हो गई है। सभी घरों के दरवाजे खुल गए हैं और गोपियाँ दही बिलो रही हैं, जिससे उनके कंगनों की मधुर ध्वनि सुनाई दे रही है। बाहर ग्वाल-बाल और देवता-मनुष्य सभी तुम्हारे दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह एक वात्सल्यपूर्ण और जीवंत सुबह का चित्रण है।

3. 'बरखा' पद के आधार पर बताइए कि मीराबाई को सावन का महीना मनभावन क्यों लगता है?

मीराबाई को सावन का महीना इसलिए मनभावन लगता है क्योंकि यह उनके लिए केवल वर्षा ऋतु नहीं, बल्कि उनके आराध्य श्रीकृष्ण (हरि) के आगमन का संदेश है। बादलों के उमड़ने, बिजली के चमकने और ठंडी हवाओं के चलने से उनका मन उल्लास से भर जाता है। उन्हें ऐसा महसूस होता है कि सावन के रूप में स्वयं उनके प्रभु उनसे मिलने आए हैं, जिससे उनकी भक्ति और आनंद की भावना और भी गहरी हो जाती है।

4. माता यशोदा द्वारा श्रीकृष्ण को जगाने के लिए दिए गए तर्क उनकी ममता को कैसे दर्शाते हैं?

माता यशोदा केवल सुबह होने की सूचना नहीं देतीं, बल्कि प्रेमपूर्ण तर्क भी देती हैं। वह कहती हैं कि 'तुम्हारे ग्वाल-बाल सब द्वार पर खड़े हैं और तुम्हारी जय-जयकार कर रहे हैं' और 'देवता व मनुष्य तुम्हारे दर्शन की प्रतीक्षा में हैं'। ये तर्क दर्शाते हैं कि वह अपने पुत्र को केवल एक बालक नहीं, बल्कि संपूर्ण जगत का प्रिय मानती हैं। यह उनके गहरे वात्सल्य (माँ के प्रेम) और श्रीकृष्ण के प्रति उनके गौरव के भाव को दर्शाता है, जो परीक्षा में व्याख्या संबंधी प्रश्नों के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु है।

5. CBSE परीक्षा 2025-26 के लिए 'भोर और बरखा' कविता का केंद्रीय भाव क्यों एक अपेक्षित प्रश्न है?

यह एक अपेक्षित प्रश्न है क्योंकि कविता के दोनों पद, जो aparentemente अलग-अलग लगते हैं, एक ही केंद्रीय भाव से जुड़े हैं - मीराबाई की अनन्य कृष्ण-भक्ति। पहला पद कृष्ण के प्रति यशोदा के वात्सल्य को दिखाता है, जबकि दूसरा पद कृष्ण के प्रति मीरा के भक्तिपूर्ण प्रेम को। परीक्षा में अक्सर 3 या 5 अंकों के प्रश्नों में दोनों पदों के बीच के इस भक्ति-सूत्र को समझाने या उनकी तुलना करने के लिए कहा जा सकता है, जिससे छात्र की गहन समझ का पता चलता है।

6. 'गिरधर नागर' का क्या अर्थ है और मीरा ने अपने प्रभु के लिए इस विशेषण का प्रयोग क्यों किया है?

'गिरधर नागर' का शाब्दिक अर्थ है 'गिरी (पर्वत) को धारण करने वाले चतुर'। यह संबोधन श्रीकृष्ण के लिए है, जिन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी। मीराबाई इस विशेषण का प्रयोग यह दर्शाने के लिए करती हैं कि उनके प्रभु न केवल मनमोहक हैं, बल्कि शक्तिशाली और रक्षक भी हैं। यह उनकी भक्ति में विश्वास और समर्पण को प्रकट करता है, जो उन्हें हर संकट से बचाने वाले हैं।

7. 'भोर और बरखा' कविता में प्राकृतिक सौंदर्य और भक्ति भाव का मिश्रण किस प्रकार हुआ है? परीक्षा के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है?

इस कविता की सबसे बड़ी विशेषता प्राकृतिक सौंदर्य और भक्ति का अद्भुत मिश्रण है।

  • भोर: सुबह के प्राकृतिक दृश्य (कमल का खिलना, भोर होना) को कृष्ण के जागने के दिव्य क्षण से जोड़ा गया है।

  • बरखा: सावन की प्राकृतिक छटा (बादल, बिजली, बूँदें) को कृष्ण के आगमन के आनंद और उल्लास से जोड़ा गया है।

परीक्षा की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह छात्रों की काव्य सौंदर्य को समझने की क्षमता का परीक्षण करता है। इससे यह प्रश्न बन सकता है कि 'कवयित्री ने प्रकृति को अपनी भक्ति प्रकट करने का माध्यम कैसे बनाया है?'