CBSE Important Questions for Class 7 Hindi Vasant Bhor Aur Barkha - 2025-26
FAQs on CBSE Important Questions for Class 7 Hindi Vasant Bhor Aur Barkha - 2025-26
1. कक्षा 7 की हिंदी परीक्षा के लिए 'भोर और बरखा' कविता से कौन से लघु उत्तरीय प्रश्न महत्वपूर्ण हैं?
CBSE कक्षा 7 की परीक्षा के लिए, 'भोर और बरखा' कविता से कुछ महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न इस प्रकार हैं:
माता यशोदा श्रीकृष्ण को जगाने के लिए क्या कहती हैं?
सुबह होने के क्या-क्या संकेत कविता के पहले पद में दिए गए हैं?
मीराबाई ने सावन का वर्णन किस प्रकार किया है?
'बंसीवारे ललना', 'मेरे गिरधर नागर' जैसे संबोधन किनके लिए और क्यों प्रयोग हुए हैं?
इन प्रश्नों से कविता के मुख्य दृश्यों और पात्रों की समझ का आकलन किया जाता है।
2. कविता के पहले पद में 'भोर' के दृश्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
पहले पद में 'भोर' का दृश्य अत्यंत मनमोहक है। माता यशोदा अपने पुत्र श्रीकृष्ण को यह कहते हुए जगा रही हैं कि रात बीत गई है और सुबह हो गई है। सभी घरों के दरवाजे खुल गए हैं और गोपियाँ दही बिलो रही हैं, जिससे उनके कंगनों की मधुर ध्वनि सुनाई दे रही है। बाहर ग्वाल-बाल और देवता-मनुष्य सभी तुम्हारे दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह एक वात्सल्यपूर्ण और जीवंत सुबह का चित्रण है।
3. 'बरखा' पद के आधार पर बताइए कि मीराबाई को सावन का महीना मनभावन क्यों लगता है?
मीराबाई को सावन का महीना इसलिए मनभावन लगता है क्योंकि यह उनके लिए केवल वर्षा ऋतु नहीं, बल्कि उनके आराध्य श्रीकृष्ण (हरि) के आगमन का संदेश है। बादलों के उमड़ने, बिजली के चमकने और ठंडी हवाओं के चलने से उनका मन उल्लास से भर जाता है। उन्हें ऐसा महसूस होता है कि सावन के रूप में स्वयं उनके प्रभु उनसे मिलने आए हैं, जिससे उनकी भक्ति और आनंद की भावना और भी गहरी हो जाती है।
4. माता यशोदा द्वारा श्रीकृष्ण को जगाने के लिए दिए गए तर्क उनकी ममता को कैसे दर्शाते हैं?
माता यशोदा केवल सुबह होने की सूचना नहीं देतीं, बल्कि प्रेमपूर्ण तर्क भी देती हैं। वह कहती हैं कि 'तुम्हारे ग्वाल-बाल सब द्वार पर खड़े हैं और तुम्हारी जय-जयकार कर रहे हैं' और 'देवता व मनुष्य तुम्हारे दर्शन की प्रतीक्षा में हैं'। ये तर्क दर्शाते हैं कि वह अपने पुत्र को केवल एक बालक नहीं, बल्कि संपूर्ण जगत का प्रिय मानती हैं। यह उनके गहरे वात्सल्य (माँ के प्रेम) और श्रीकृष्ण के प्रति उनके गौरव के भाव को दर्शाता है, जो परीक्षा में व्याख्या संबंधी प्रश्नों के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु है।
5. CBSE परीक्षा 2025-26 के लिए 'भोर और बरखा' कविता का केंद्रीय भाव क्यों एक अपेक्षित प्रश्न है?
यह एक अपेक्षित प्रश्न है क्योंकि कविता के दोनों पद, जो aparentemente अलग-अलग लगते हैं, एक ही केंद्रीय भाव से जुड़े हैं - मीराबाई की अनन्य कृष्ण-भक्ति। पहला पद कृष्ण के प्रति यशोदा के वात्सल्य को दिखाता है, जबकि दूसरा पद कृष्ण के प्रति मीरा के भक्तिपूर्ण प्रेम को। परीक्षा में अक्सर 3 या 5 अंकों के प्रश्नों में दोनों पदों के बीच के इस भक्ति-सूत्र को समझाने या उनकी तुलना करने के लिए कहा जा सकता है, जिससे छात्र की गहन समझ का पता चलता है।
6. 'गिरधर नागर' का क्या अर्थ है और मीरा ने अपने प्रभु के लिए इस विशेषण का प्रयोग क्यों किया है?
'गिरधर नागर' का शाब्दिक अर्थ है 'गिरी (पर्वत) को धारण करने वाले चतुर'। यह संबोधन श्रीकृष्ण के लिए है, जिन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी। मीराबाई इस विशेषण का प्रयोग यह दर्शाने के लिए करती हैं कि उनके प्रभु न केवल मनमोहक हैं, बल्कि शक्तिशाली और रक्षक भी हैं। यह उनकी भक्ति में विश्वास और समर्पण को प्रकट करता है, जो उन्हें हर संकट से बचाने वाले हैं।
7. 'भोर और बरखा' कविता में प्राकृतिक सौंदर्य और भक्ति भाव का मिश्रण किस प्रकार हुआ है? परीक्षा के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है?
इस कविता की सबसे बड़ी विशेषता प्राकृतिक सौंदर्य और भक्ति का अद्भुत मिश्रण है।
भोर: सुबह के प्राकृतिक दृश्य (कमल का खिलना, भोर होना) को कृष्ण के जागने के दिव्य क्षण से जोड़ा गया है।
बरखा: सावन की प्राकृतिक छटा (बादल, बिजली, बूँदें) को कृष्ण के आगमन के आनंद और उल्लास से जोड़ा गया है।
परीक्षा की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण है क्योंकि यह छात्रों की काव्य सौंदर्य को समझने की क्षमता का परीक्षण करता है। इससे यह प्रश्न बन सकता है कि 'कवयित्री ने प्रकृति को अपनी भक्ति प्रकट करने का माध्यम कैसे बनाया है?'











