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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 11 - Teesri Kasam Ke Shilpkar Shailendra

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NCERT Solutions For Teesri Kasam ke Shilpkar Shailendra Class 10 Hindi Chapter 11 FREE PDF Download

Chapter 11 Hindi Class 10 Sparsh is Teesri Kasam Ke Shilpkar Shailendra. It is an extremely well-written chapter by Prahlad Agarwal and is included in the syllabus of Class 10 Hindi. If you need to ensure that you have all the answers to the questions given at the end of the chapter, you can take the help of NCERT Solutions Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11. We have answers carefully created by some of the most experienced teachers. We have the best team of teachers and lecturers who have experience in teaching Hindi for a very long time. So, students can put their faith in the accuracy of the answers for sure. With the assistance of NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11, students can practice more and more to earn better marks in their board exams. This is why we are trying to help you out in the time of need. Make sure that you don’t miss to download the NCERT Solutions Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 free PDF. Download NCERT Solutions for Class 10 Maths from Vedantu, which are curated by master teachers. Science Students who are looking for Class 10 Science NCERT Solutions will also find the Solutions curated by our Master Teachers really Helpful.

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Table of Content
1. NCERT Solutions For Teesri Kasam ke Shilpkar Shailendra Class 10 Hindi Chapter 11 FREE PDF Download
2. Access NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 11 - तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र
    2.1CBSE Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 Solution
    2.2Try and Understand the Context
    2.3Practice More
    2.4Pay Attention in Class
3. Related Study Materials for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11
4. NCERT Class 10 Hindi Sparsh Chapter-wise Solutions
5. NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions
6. NCERT Study Resources for Class 10 Hindi
FAQs


Class:

NCERT Solutions for Class 10

Subject:

Class 10 Hindi

Subject Part:

Hindi Part 4 - Sparsh

Chapter Name:

Chapter 11 - Teesri Kasam Ke Shilpkar Shailendra

Content-Type:

Text, Videos, Images and PDF Format

Academic Year:

2024-25

Medium:

English and Hindi

Available Materials:

  • Chapter Wise

  • Exercise Wise

Other Materials

  • Important Questions

  • Revision Notes

Access NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 11 - तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए:

1. 'तीसरी कसम' फ़िल्म को कौन-कौन से पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है?

 उत्तर: राष्ट्रपति द्वारा 'तीसरी फिल्म' को स्वर्णपदक से सम्मानित किया गया था। इस फ़िल्म को मास्को फिल्म फेस्टिवल में भी पुरस्कार से सम्मानित किया गया बंगाल फ़िल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन के द्वारा  सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का अवार्ड दिया गया था। इस फ़िल्म को मास्को फ़िल्म फेस्टिवल में भी पुरस्कृत किया गया।


2. शैलेंद्र ने कितनी फ़िल्में बनाई?

उत्तर: शैलेन्द्र के द्वारा केवल तीसरी कसम' एक ही फिल्म बनाई गई है। 


3. राजकपूर द्वारा निर्देशित कुछ फ़िल्मों के नाम बताइए।

उत्तर: राजकपूर के द्वारा निम्नलिखित फिल्में निर्देशित की गई है जैसे कि बाबी, मेरा नाम जोकर, संगम , श्री 420, सत्यम् शिवम् सुन्दरम् आदि फ़िल्में निर्देशित की ।


4. 'तीसरी कसम' फ़िल्म के नायक व नायिकाओं के नाम बताइए और फ़िल्म में इन्होंने किन पात्रों का अभिनय किया है?

उत्तर: 'तीसरी कसम' फिल्म में नायक की भूमिका में राजकपूर ने 'हीरामन' और  'वहीदा रहमान' ने नायिका  हीराबाई की भूमिका निभाई है। 


 5. फ़िल्म 'तीसरी कसम' का निर्माण किसने किया था?

उत्तर:  शैलेंद्र के द्वारा तीसरी कसम' फिल्म का निर्माण किया गया था।


6. राजकपूर ने मेरा नाम जोकर' के निर्माण के समय किस बात की कल्पना भी नहीं की थी?

उत्तर:  फिल्म मेरा नाम जोकर के पहला भाग को बनाते बनाते मेरे छः महीने लग जाएंगे राजकुमार ने इस विषय में बिल्कुल नहीं सोचा था। 


7. राजकपूर की किस बात पर शैलेंद्र का चेहरा मुरझा गया?

उत्तर: शैलेंद्र का चेहरा मुरझा इसलिए गया था क्योंकि तीसरी कसम कहानी को सुनने के पश्चात जब राजकुमार के द्वारा  उससे मेहनताना मांगा। क्योंकि उन्हें उससे ऐसी उम्मीद नहीं थी।


8. फ़िल्म समीक्षक राजकपूर को किस तरह का कलाकार मानते थे?

उत्तर:  फिल्म समीक्षक राजकपूर को श्रेष्ठ कलाकार और आँखों से बात करने वाले कलाकार मानते थे।


लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में ) लिखिए:

1. 'तीसरी कसम' फ़िल्म को सेल्यूलाइट पर लिखी कविता क्यों कहा गया है ?

उत्तर: फणीश्वरनाथ रेनू द्वारा लिखी गई ' तीसरी फिल्म' जोकि एक साहित्यिक रचना है। सेल्यूलाइट का अर्थ होता है किसी नजारे को वैसे का वास कैमरे पर उतार देना, उसका चित्रांकन करना। किसी विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी होना। यह फिल्म भी कवित के समान भावुकता, सहानुभूति, अधिकता,से परिपूर्ण है। जिसको कैमरे की रील पर उतारा गया है।  इसलिए इसे सेल्यूलाइट पर लिखी कविता कहा गया है।


2. 'तीसरी कसम' फ़िल्म को खरीददार क्यों नहीं मिल रहे थे?

उत्तर: 'तीसरी कसम' फिल्म को खरीददार इसलिए नहीं मिल पा रहे थे क्योंकि यह एक भावुकता से परिपूर्ण फ़िल्म थी। एक साधारण मनुष्य के लिए इस फ़िल्म की सहानुभूति को समझ पाना मुश्किल था। इस वजह से फायदा होने की  गुंजाइश बहुत कम थी।  इसलिए इसे खरीददार नहीं मिल रहे थे।


3. शैलेन्द्र के अनुसार कलाकार का कर्तव्य क्या है?

उत्तर: शैलेन्द्र के अनुसार कलाकार का कर्तव्य एक सुंदर एवं स्वस्थ समाज की रचना करना होता है। ना कि दर्शकों की रूची का फायदा उठा कर  किसी भी वृति को थोपना बल्कि सुरुचि पूर्ण कार्य करना चाहिए। कलाकार को  यह बिल्कुल भी शोभा नहीं देता कि वह विकृत मानसिकता को बढ़ावा दे।


4. फ़िल्मों में त्रासद स्थितियों का चित्रांकन ग्लोरिफ़ाई क्यों कर दिया जाता है?

उत्तर: फ़िल्मों में त्रासद स्थितियों को इतना ग्लोरिफ़ाई इसलिए कर दिया जाता है कि क्योंकि उनका मकसद केवल केवल टिकट- विंडो पर अधिक से अधिक मात्रा में  टिकट बिकवाना और उसके बदले पैसा कमाना होता है। वे दुख को इस प्रकार बढ़ा चढ़ाकर दिखाते हैं जिससे कि दर्शकों का भावनात्मक शोषण किया जा सके। चौकी वास्तव में बिल्कुल भी सत्य नहीं होता। पंरतु दर्शक उसे पूरा सच मान लेते हैं। और भावुक हो उठते हैं।इसलिए वे त्रासद स्थितियों को ग्लोरिफ़ाई करते हैं


5. शैलेन्द्र ने राजकपूर की भावनाओं को शब्द दिए हैं' - इस कथन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: राजकपूर मनोभावों को व्यक्त करने में सक्षम कलाकार थे। वे अपनी भावनाओं को आंखों के द्वारा दर्शा दिया करते थे और शैलेन्द्र एक अच्छे गीतकार थे। वे बिना कुछ बोले उन भावनाओ को समझ जाया करते थे। और इसी प्रकार वे उन भावनाओं को अपने गीतों के माध्यम से चर्चित कर दिया करते थे।


6. लेखक ने राजकपूर को एशिया का सबसे बड़ा शोमैन कहा है। शोमैन से आप क्या समझते हैं?

उत्तर:  लेखक ने राजकपूर को एशिया का सबसे बड़ा शोमैन इसलिए कहा है क्योंकि वह एक महान कलाकार थे। वह अपनी कला को प्रदर्शित करते समय अधिक से अधिक लोगों के समूह को अपनी ओर आकर्षित कर लेते थे। वह दर्शकों को अंत तक एककत्री करके रखते थे। उनका अभिनय सजीव इसलिए लगता था क्योंकि वह प्रत्येक पात्र की भूमिका बड़े अच्छे से निभाते थे जिस पात्र की भूमिका निभाते थे उसी में खो जाते थे। इनके द्वारा ही कला को ऊँचाइयों तक पहुँचाया गया था।


7. फ़िल्म 'श्री 420' के गीत 'रातों दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ पर संगीतकार जयकिशन ने आपत्ति क्यों की?

उत्तर: 'रातों दसों दिशाओं से कहेंगी अपनी कहानियाँ' पर संगीतकार जयकिशन को आपत्ति थी क्योंकि वह केवल चार दिशा होने के कारण चार दिशाएं शब्द का प्रयोग करना चाहते थे। वे कलाकार का फर्ज मानते थे कि वह दर्शकों को उनकी रूचि के अनुसार गुणों को प्रदर्शित करें। पंरतु शैलेन्द्र तैयार नहीं हुए क्योंकि वे उथलेपन पर भरोसा नहीं करते थे।


(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में ) लिखिए:

1. राजकपूर द्वारा फ़िल्म की असफलता के खतरों के आगाह करने पर भी शैलेन्द्र ने यह फ़िल्म क्यों बनाई?

उत्तर:  राजकपूर द्वारा फिल्म की असफलता के खतरे से अवगत करने पर भी उन्हें यह फिल्म अपने मन की संतुष्टि के लिए बनाई थी। शैलेंद्र एक कवि थे इसलिए उन्हें फिल्म बनाने और उसके व्यापार के बारे में कुछ भी ज्ञान नहीं था।  उन्होंने इस कथावस्तु को लेकर फ़िल्म बनाने का निश्चय इसलिए किया क्योंकि फणीश्वर नाथ रेणु की सभी कथाएं और सहनुभूति उनके मन को अंदर तक छू गई थी। उन्हें पैसा तथा मुनाफे का बिल्कुल भी लालच नहीं था।


2. 'तीसरी कसम' में राजकपूर का महिमामय व्यक्तित्व किस तरह हीरामन की आत्मा में उतर गया। स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: राजकपूर आंगिक चेष्टाओं का कलात्मक प्रदर्शन करने में नम्र थे। वे पात्र को अपने ऊपर हावी नही होने देते थे बल्कि उसको जीवंत कर देते थे। तीसरी कसम फिल्म में भी राजकपूर के कलात्मक प्रदर्शन द्वारा हीरामन को आत्मा दे दी थी।  उन्होंने हीरामन के किरदार को अपने ऊपर हावी होने नहीं दिया था। उसका घुटनों को छाती से लगाकर  बैठना, गितगाता गाड़ीवान, नौंटकी की बाई में अपनापन खोजना,  सीधी ठेठ  को चरम सीमा तक ले जाते हैं। इस तरह उनका महान व्यक्तित्व हीरामन की आत्मा में उतर गया।


3. लेखक ने ऐसा क्यों लिखा है कि तीसरी कसम ने साहित्य-रचना के साथ शत-प्रतिशत न्याय किया है?

उत्तर: फणीश्वर नाथ रेणु की पुस्तक मारे गए गुलफाम पर ' तीसरी कसम फिल्म' आधारित है। शैलेंद्र का उद्देश्य पैसे कमाना नहीं था बल्कि एक अद्भुत कृति की रचना करना था। उनके इस योगदान के कारण एक सुंदर फिल्म 'तीसरी कसम' के रूप में हमारे सामने प्रस्तुत हुई है। उनके द्वारा पूरी कहानी को यथा रूप में प्रदर्शित किया गया।शैलेंद्र ने घटनाओं, प्रसंग और पात्रों के व्यक्तित्व में कुछ भी बदलाव नहीं किया है। कहानी में दी गई  बारीकियाँ और छोटी-मोटी बातों  को फ़िल्म के माध्यम से पूर्ण रूप से सामने लाया गया है।  लेखक ने इसलिए कहा है कि तीसरी कसम ने साहित्य-रचना के साथ शत प्रतिशत का न्याय किया है।


4. शैलेन्द्र के गीतों की क्या विशेषताएँ हैं। अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर: शैलेन्द्र के द्वारा लिखे गए गीत भावनाओं से परिपूर्ण थे उनके गीत  दिल की अंतरात्मा से निकलते थे। उन्होंने धन कमाने की लालसा में गीत कभी नहीं लिखे। उनके द्वारा लिखे गए गीत लोगों को बहुत पसंद आते  थे। वह सभी के हृदय को छू लेते थे उनके गीतों में जरा भी बनावट नहीं। उनके गीत की गहराई मनुष्य के हृदय को अंदर तक छू लेती थी। उनके गीतों में संवेदना और प्रेम आदि के भाव विद्यमान थे।


5. फ़िल्म निर्माता के रूप में शैलेन्द्र की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए?

उत्तर: फ़िल्म निर्माता के रूप में शैलेन्द्र एक नि:स्वार्थी कलाकार थे। उन्होंने अपनी पहली फिल्म जिसका नाम 'तीसरी कसम' था उन्होंने इस फिल्म को बनाते समय किसी प्रकार के फायदे या धन के बारे में नहीं सोचा था। शैलेंद्र के द्वारा न कि फिल्म को पर्दे पर उतारा गया बल्कि हीरामन और हीराबाई की भावनाओं को भी शब्द दे कर उनसे रूबरू भी कराया दिए । शैलेंद्र द्वारा साहित्यिक रचना को बहुत ही इमानदारी और नि:स्वार्थ के साथ पर्दे पर उतारा गया। बेशक इस फिल्म को कोई खरीददार नहीं मिला परंतु उनके गुण पूरी तरह फिल्म में नज़र आती है। शैलेंद्र को अपनी पहचान और इस फिल्म को अनेकों पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। और लोगों ने इसे खूब पसंद किया।


6. शैलेंद्र के निजी जीवन की छाप उनकी फ़िल्म में झलकती है कैसे? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: शैलेंद्र के निजी जीवन की छाप उनकी फ़िल्म में झलकती है। शैलेन्द्र ने अपने जीवन की विशेषता को ही अपनी फिल्म द्वारा प्रदर्शित किया है उनके गीत भावुक गुण वाले थे। वह अपनी फिल्म में बिल्कुल भी झूठा दिखावा नहीं करते थे। उनका मानना था कि एक कलाकार का फर्ज दर्शकों की  इच्छा को सुरुचि पूर्ण ढंग से पूरा करना होता है। उन्होंने झूठे किरदार को कभी नहीं अपनाया। उनके गीतों की विशेषता थी कि वह समुंद्र के समान गहरे और नदी के समान शांत रूप से बहते हुए दिखाई पड़ते थे उनके गीतों में बिल्कुल भी बनावट नहीं थी। । जो विशेषता उनकी जिंदगी की थी उसी को उन्होंने अपनी फिल्म के द्वारा प्रदर्शित किया।


7. लेखक के इस कथन से कि 'तीसरी कसम' फ़िल्म कोई सच्चा कवि हृदय ही बना सकता था, आप कहाँ तक सहमत हैं? स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर: 'तीसरी कसम' फ़िल्म के प्रति लेखक का यह कथन बिल्कुल सत्य है कि इस फिल्म की कलात्मकता तारीफ करने के योग्य है। क्योंकि इस प्रकार की फिल्म कोई सच्चे हृदय वाला कवि ही बना सकता। शैलेन्द्र एक भावुक तथा संवेदनशील कवि थे। और उनकी गुण इस फ़िल्म में स्पष्ट रूप से मौजूद है। यह गुण किसी आम फ़िल्म बनाने वाले में नहीं होती है।


(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए -

1. वह तो एक आदर्शवादी भावुक कवि था, जिसे अपार संपत्ति और यश तक की इतनी कामना नहीं थी जितनी आत्म संतुष्टि के सुख की अभिलाषा थी।

उत्तर:  शैलेंद्र एक आदर्शवादी भावुक कवि थे। लेखक  का कहना है कि शैलेन्द्र जीवन के आदर्शों और भावनाओं को सर्वप्रथम  रखने वाले कवि थे। जब उन्होंने भावनाओं, संवेदनाओं व साहित्य की विधाओं के आधार पर तीसरी कसम' फ़िल्म को बनाया तो उनका उद्देश्य केवल अंतर मन की शान्ति था। पैसा कमाने का उनका कोई उद्देश्य नहीं था। 


2. उनका यह दृढ़ मतंव्य था कि दर्शकों की रूचि की आड़ में हमें उथलेपन को उन पर नहीं थोपना चाहिए। कलाकार का यह कर्त्तव्य भी है कि वह उपभोक्ता की रूचियों का परिष्कार करने का प्रयत्न करे|

उत्तर: शैलेंद्र एक गीतकार थे उनका मानना था कि फिल्म बनाने वालों को दर्शकों की इच्छाओं को पूर्णता  स्वच्छ करें। ना कि दर्शकों की रूचि की आड़ में उथलेपन को उनके ऊपर थोपे। फिल्म "श्री 420 के एक गाने में शैलेंद्र के द्वारा दसों दिशाओं शब्द का प्रयोग करने पर गायक जयकिशन ने उन्हें कहा कि दस दिशाएं नहीं पंरतु चार दिशाएं होना चाहिए क्यूंकि लोग चार दिशाएं जानते हैं देश दिशाएं नहीं जानते ।


3. व्यथा आदमी को पराजित नहीं करती, उसे आगे बढ़ने का संदेश देती है।

उत्तर: लेखक ने शैलेन्द्र के गीतों के सन्दर्भ में इस पंक्ति को लिखी है। वह अपने गीतों के माध्यम से प्रत्येक मनुष्य को संदेश देना चाहते हैं कि हमें किसी भी परिस्थिति में हार मानकर शांत नहीं बैठना चाहिए बल्कि उस परिस्थिति का डटकर सामना करना चाहिए। हर गलती और स्थिति से कोई ना कोई सबक जरूर सीखना चाहिए। शैलेंद्र के द्वारा लिखे गए गीत केवल एक मनोरंजन का साधन ही नहीं थे वे मनुष्य की प्रत्येक स्थिति से उसे लड़ने का प्रेरणा देते थे।


4. दरअसल इस फ़िल्म की संवेदना किसी दो से चार बनाने वाले की समझ से परे है।

उत्तर: 'तीसरी कसम' फ़िल्म को समझ पाना किसी साधारण मनुष्य कि कल्पना से भी परे था। अन्य फिल्मों की तरह इसमें लोगों को बढ़ा चढ़ाके दिखा कर अपनी ओर आकर्षित करने वाले जिनका उद्देश्य सिर्फ पैसा कमाना होता है इस फिल्म का उद्देश्य यह बिल्कुल नहीं था।


5. उनके गीत भाव-प्रवण थे दुरूह नहीं।

उत्तर: शैलेन्द्र के गीत सीधी एवं सरल भाषा के साथ मधुरता के बहाव से संपूर्ण थे। इनके गीत संवेदनाशील विचारों वाले तथा भावनात्मक गहन से परिपूर्ण थे।


भाषा अध्यन

3. पाठ में आए निम्नलिखित मुहावरों से वाक्य बनाइए:

चेहरा मुरझाना, चक्कर खा जाना, दो से चार बनाना, आँखों से बोलना

उत्तर: चेहरा मुरझाना -  अपना रिजल्ट सुनते ही राम का चेहरा मुरझा गया।

 चक्कर खा जाना -  बहुत तेज़ धूप में घूमकर राम चक्कर खाकर गिर गया। 

 दो से चार बनाना - पैसे के लालची हर समय दो से चार बनाने में लगे रहते हैं।

 आँखों से बोलना - राधा की आँखें बहुत आकर्षित हैं लगता है वह आँखों से बोलती है। 


4. निम्नलिखित शब्दों के हिन्दी पर्याय दीजिए-

(क) शिद्दत

(ख) याराना

(ग) बमुश्किल

(घ) खालिस

(ङ) नावाकिफ़

(च) यकीन

(छ) हावी

(ज) रेशा

उत्तर:

(क) शिद्दत- प्रयास

(ख)  याराना-दोस्ती, मित्रता

(ग) बमुश्किल  - कठिन

(घ) खालिस - मात्र

(ङ) नावाकिफ़ - अनभिज्ञ

(च) यकीन  - विश्वास

(छ) हावी - भारी पड़ना

(ज) रेशा  -  तंतु


5. निम्नलिखित का संधिविच्छेद कीजिए:

(क) चित्रांकन -  ____________+_______________

(ख) सर्वोत्कृष्ट - _____________+_______________

(ग) चर्मोत्कर्ष - _______________+_____________

(घ) रूपांतरण - ___________+______________

(ङ) घनानंद - _____________+_______________

उत्तर: (क) चित्रांकन = चित्र + अंकन 

(ख) सर्वोत्कृष्ट = सर्व + उत्कृष्ट

(ग) चर्मोत्कर्ष = चरम + उत्कर्ष

(घ) रूपांतरण = रूप + अंतरण

(ङ) घनानंद=घन+आनंद


6. निम्नलिखित का समास विग्रह कीजिए और समास का नाम लिखिए:

(क) कला मर्मज्ञ __________

(ख) लोकप्रिय____________

(ग) राष्ट्रपति_____________

उत्तर: (क) कला-मर्मज्ञ - कला का मर्मज्ञ (तत्पुरूष समास)

(ख) लोकप्रिय -    लोक में प्रिय (तत्पुरूष समास)

(ग) राष्ट्रपति -       राष्ट्र का पति (तत्पुरुष समास)


CBSE Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 Solution

Sparsh is a well-written book used by students of Class 10 to know about the Hindi language. The chapter that we are going to discuss here is the 11th chapter. NCERT Solutions Class 10th Hindi Sparsh Chapter 11 deals with the topic of filmmaking. The story is about a particular film crew on the verge of making a film which is titled “Teesri Kasam”. It talks about the difficulties and challenges that the crew had to face during the making of the film.


Students can use this information provided in the chapter to know more about film making and how it can be a difficult thing to do. Hindi Class 10th Solution Sparsh Chapter 11 can help students in getting an idea about what is written in the chapter. Our solutions are available for download at the website and the application. All you need to do is find the PDF and download it to your mobile phones, tablets, laptops, or any other device. With the help of NCERT Solution Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11, we can assure you that you will be able to secure some great marks.


The following are some of the ways you can use NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 Prahlad Agarwal in preparing for your board exams.


Try and Understand the Context

One of the most important things that students need to keep in mind is that they understand the context of the story. Whether it is prose or poetry, it is important that students get an idea and the message which is being delivered in the chapter. This is where NCERT Solution Class 10 Hindi Sparsh Chapter 1 comes in handy. With the help of the solutions, students can get their hands on information that is otherwise not available in the classes. They are exposed to a wide world of possible answers which they can use to understand the language in a better way.


Practice More

CBSE Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 solution is available on Vedantu’s website for students who find it difficult to get the answers to complicated questions. Once you get your hands on the solutions, all you have to do is practice all the time. With more practice, students will develop a deeper understanding of the chapter and will have a hold over the language as well. Doesn’t that seem to be a good idea?


Pay Attention in Class

One thing that students need to keep in mind is that having only NCERT Solutions Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 is not enough. You also need to pay attention in the class to capture all the information that the teachers are providing you. That is the only way to achieve better results with the solutions.


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NCERT Class 10 Hindi Other Books Solutions


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FAQs on NCERT Solutions for Class 10 Hindi Chapter 11 - Teesri Kasam Ke Shilpkar Shailendra

1. What is Included in NCERT Solutions Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11?

NCERT Solutions Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 contains all the answers to different short and long answer type questions which are given at the end of the chapter.

2. What can One do with the Hindi NCERT Class 10 Sparsh Chapter 11 Solutions?

Students can use the Hindi NCERT Class 10 Sparsh Chapter 11 to complete their homework or improve their performance in the board exams.

3. Where can I get the NCERT Solutions Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11?

Students can get the NCERT Solutions Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 on the Vedantu website and on the Vedantu app at free of cost. NCERT Solutions for this chapter are available in PDF format so that students can download the file on their computers and use it offline. Students can study Chapter 11 questions and answers from the notes given on the website that can help students to understand the chapter and get a good score in Class 10 Hindi.

4. What is the summary of Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11?

Students can find the summary of Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 online. It is easy for the students to read the summary and understand the ideas and concepts given in the chapter. The summary of the chapter is given on the page NCERT Solutions Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11. Students can prepare for their exams by reading the summary and understanding the story of the chapter. It is a very good source for Class 10 students to get high marks in Class 10 Hindi.

5. How important is NCERT Solutions Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11?

NCERT Solutions Class 10 Sparsh Chapter 11 is very important. Students can start preparing for their board exams from the NCERT Solutions given on the Vedantu learning website. All NCERT Solutions are given in easy and simple language that can help students to understand the chapter. All questions and answers are given from the exam point of view and are prepared by expert academicians that can help students to get high marks.

6. Is It important to practice all questions and answers of Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11?

Yes, students should practice all questions and answers given in Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11. Students should understand the concept and story of the Chapter from the textbook. Practising all questions and answers can help students to score good marks in board exams. Students can get any type of question from the chapter. Therefore, students must read the chapter carefully to understand the story and get good marks in their Class 10 Hindi exam.

7. What is the best way to score high marks in tests for Chapter 11 Class 10 Hindi?

The best way to score high marks in tests for Chapter 11 Class 10 Hindi is to study from the textbook. Students must read the chapter from the textbook. Students can refer to the NCERT Solutions Class 10 Hindi Sparsh Chapter 11 for the notes and solutions for all textbook questions of this chapter. Students can get an idea about writing answers to specific questions. Students should practice all questions in writing so that they can focus on spelling errors and grammatical mistakes. Finally, be clear about the story.